Tirthankar Deshna Key to Moksha...❤❤❤....SadhGurudev ne Anant Vandana 🙏🙏🙏
@dishavora8787Күн бұрын
❤khub j saras Atmiya margdarshan 🙏🙏🙏
@Exmuslimm....Күн бұрын
ભરતક્ષેત્ર ની મુલાકાતે પધારેલા સાક્ષાત ભગવાન ❤
@Shah-t7qКүн бұрын
Prabhu🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@belashah95132 күн бұрын
🙏🙏
@rekhakhandhar10592 күн бұрын
Adbhut ❤🙏🙏
@rekhakhandhar10592 күн бұрын
🙏🙏
@rekhakhandhar10592 күн бұрын
🙏🙏🙏
@Exmuslimm....2 күн бұрын
जैन सिद्धांत अनुसार एजुकेशन सिस्टम एवं जैन अनाथाश्रम प्रत्येक संघ में होने चाहिए अगर हमने यह कार्य तुरंत नहीं किये तो जैन धर्म समाप्त होगा। हमारे पास समय नहीं है।२) विश्व मैं मात्र जैन ही विवाह आदि में परधर्म की वीधी,पुरोहित एवं अन्य मंदिरों का प्रयोग करता है।हमारी जैन लग्नविधी हैं फीरभी अन्यों के मंदिरों में उनकी विधियों से विवाह आदि कार्य करवाते हैं। शत्रुंजय महात्म्य ग्रंथ में लेख है कि राजा का विवाह जिनालय में प्रभुसाक्षी में देवों ने करवाया। पाठशाला शिक्षक को संघपुरोहित निर्युक्त करके उनके द्वारा लग्न, गोदभराई जैसे प्रसंगों को जीनालय में या विविधलक्षी हॉल में कीजिए। जीससे संघ की धर्म भावना एवं एकता में वृद्धि होगी। साधारण द्रव्य वृद्धि भी होगी। गरीब साधार्मिको को फ्री होल मिलने से धर्मप्रेम बढेगा।वो साधर्मिक आजीवन देवगुरुसंघ का यह उपकार नहीं भूलेगा।प्रसंगों से धनलाभ के कारण पाठशाला को पूर्णकालीन गुरु मीलेंगे जो हरेक को ज्ञान में जोड़ेंगे। सामूहिक रात्रिभोजन/अभक्ष्य भोजन जैसे कई सारे दूषण तो बिना प्रेरणा के अपने आप निकल जाएंगे। हरेक शाशनप्रेमी ओपन माइंडेड गुरुदेवों एवं अग्रणी श्रावकों तक यह पुरी बात पहुंचाए।
जैन सिद्धांत अनुसार एजुकेशन सिस्टम एवं जैन अनाथाश्रम प्रत्येक संघ में होने चाहिए अगर हमने यह कार्य तुरंत नहीं किये तो जैन धर्म समाप्त होगा। हमारे पास समय नहीं है।२) विश्व मैं मात्र जैन ही विवाह आदि में परधर्म की वीधी,पुरोहित एवं अन्य मंदिरों का प्रयोग करता है।हमारी जैन लग्नविधी हैं फीरभी अन्यों के मंदिरों में उनकी विधियों से विवाह आदि कार्य करवाते हैं।शत्रुंजय महात्म्य ग्रंथ में लेख है कि राजा का विवाह जिनालय में प्रभुसाक्षी में देवों ने करवाया। पाठशाला शिक्षक को संघपुरोहित निर्युक्त करके उनके द्वारा लग्न, गोदभराई जैसे प्रसंगों को जीनालय में या विविधलक्षी हॉल में कीजिए। जीससे संघ की धर्म भावना एवं एकता में वृद्धि होगी। साधारण द्रव्य वृद्धि भी होगी। गरीब साधार्मिको को फ्री होल मिलने से धर्मप्रेम बढेगा। वो साधर्मिक आजीवन देवगुरुसंघ का यह उपकार नहीं भूलेगा।। प्रसंगों से धनलाभ के कारण पाठशाला को पूर्णकालीन गुरु मीलेंगे जो हरेक को ज्ञान में जोड़ेंगे। सामूहिक रात्रिभोजन/अभक्ष्य भोजन जैसे कई सारे दूषण तो बिना प्रेरणा के अपने आप निकल जाएंगे। हरेक शाशनप्रेमी ओपन माइंडेड गुरुदेव या अग्रणी श्रावक तक यह बात पहुंचाए।