Пікірлер
@jatinsharma7675
@jatinsharma7675 5 сағат бұрын
Nice ❤
@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 8 сағат бұрын
Nice sir ji
@RakeshSharma-qx4iy
@RakeshSharma-qx4iy Күн бұрын
4
@jatinsharma7675
@jatinsharma7675 2 күн бұрын
B
@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 2 күн бұрын
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@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 2 күн бұрын
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@RakeshSharma-qx4iy
@RakeshSharma-qx4iy 2 күн бұрын
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@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 2 күн бұрын
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@jatinsharma7675
@jatinsharma7675 2 күн бұрын
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@RakeshSharma-qx4iy
@RakeshSharma-qx4iy 2 күн бұрын
3
@PradeepMeerwal-zd5fy
@PradeepMeerwal-zd5fy 3 күн бұрын
Chandergupt second
@rashithakur2552
@rashithakur2552 3 күн бұрын
3
@jatinsharma7675
@jatinsharma7675 3 күн бұрын
Option B
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
1
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
1
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
B
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
B
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
2
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
2
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
1
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 3 күн бұрын
1
@rashithakur2552
@rashithakur2552 4 күн бұрын
1
@rashithakur2552
@rashithakur2552 4 күн бұрын
B
@Dasyuvi
@Dasyuvi 4 күн бұрын
पोरस
@ritika.verma_321
@ritika.verma_321 4 күн бұрын
समुद्रगुप्त
@SitanshuYadav-r5z
@SitanshuYadav-r5z 4 күн бұрын
A
@SitanshuYadav-r5z
@SitanshuYadav-r5z 4 күн бұрын
A
@SitanshuYadav-r5z
@SitanshuYadav-r5z 4 күн бұрын
B
@rashithakur2552
@rashithakur2552 4 күн бұрын
B
@Adityajustify
@Adityajustify 4 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 b) हूण मध्य एशिया की एक खानाबदोश जाति थी। यह जाति अपने समय में सबसे बर्बर जातियों में गिनी जाती थी। हूणों ने 458 ई. में भारत पर स्कन्दगुप्त के समय पहला आक्रमण किया था। इसका उल्लेख भीतरी स्तम्भ लेख में मिलता है। इस आक्रमण का नेतृत्व खुशनवाज ने किया था। गुप्त काल में हूणों ने पंजाब तथा मालवा पर अधिकार कर लिया था। मथुरा से हूणों के सिक्के भी प्राप्त हुए हैं।
@RishiSharma-023
@RishiSharma-023 4 күн бұрын
Bhai Himachal se ho na 😂
@Adityajustify
@Adityajustify 4 күн бұрын
@@RishiSharma-023 assa kyu laga apko me Himachal se hu ???
@RishiSharma-023
@RishiSharma-023 4 күн бұрын
@@Adityajustify speaking acent se lga thoda 😁
@RishiSharma-023
@RishiSharma-023 4 күн бұрын
And nice video hopefully it will be helpful for my upcoming Cgl exam ❤️
@Adityajustify
@Adityajustify 4 күн бұрын
@@RishiSharma-023 assi language hoti hai himachal walo ki ??
@Adityajustify
@Adityajustify 4 күн бұрын
Of course 🎉
@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 5 күн бұрын
C
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉🎉 (c): भारत में शकों का सर्वाधिक प्रसिद्ध राजा रूद्रदामन प्रथम (130-150 ई.) हुआ जिसके राज्याधिकार में सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवां और गुजरात का एक बड़ा भाग था। इसने गिरनार पर्वत पर सुदर्शन झील की मरम्मत करायी। उसने ही सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख (जूनागढ़ अभिलेख) जारी किया।
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 5 күн бұрын
C
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (c): भारत में शकों का सर्वाधिक प्रसिद्ध राजा रूद्रदामन प्रथम (130-150 ई.) हुआ जिसके राज्याधिकार में सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवां और गुजरात का एक बड़ा भाग था। इसने गिरनार पर्वत पर सुदर्शन झील की मरम्मत करायी। उसने ही सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख (जूनागढ़ अभिलेख) जारी किया।
@Cartoon_comady115
@Cartoon_comady115 5 күн бұрын
C
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (c): भारत में शकों का सर्वाधिक प्रसिद्ध राजा रूद्रदामन प्रथम (130-150 ई.) हुआ जिसके राज्याधिकार में सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवां और गुजरात का एक बड़ा भाग था। इसने गिरनार पर्वत पर सुदर्शन झील की मरम्मत करायी। उसने ही सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख (जूनागढ़ अभिलेख) जारी किया।
@rohtashsharma1243
@rohtashsharma1243 5 күн бұрын
C
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (c): भारत में शकों का सर्वाधिक प्रसिद्ध राजा रूद्रदामन प्रथम (130-150 ई.) हुआ जिसके राज्याधिकार में सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवां और गुजरात का एक बड़ा भाग था। इसने गिरनार पर्वत पर सुदर्शन झील की मरम्मत करायी। उसने ही सबसे पहले विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख (जूनागढ़ अभिलेख) जारी किया।
@PradeepMeerwal-zd5fy
@PradeepMeerwal-zd5fy 5 күн бұрын
Loha
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (4) सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान लोहे की जानकारी नहीं थी। हालांकि, सिन्धु घाटी के लोग ताँबा और काँसा से परिचित थे। अनुसंधानकर्ताओं ने शोध में पाया कि बर्तन, खिलौने और सिक्के इन धातुओं के बने हुए थे। वे लोग सोना और चाँदी से भी परिचित थे। लोहे की खोज वैदिक काल के बाद की गई थी।
@PradeepMeerwal-zd5fy
@PradeepMeerwal-zd5fy 5 күн бұрын
(2)
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 Your answer is right 👍▶️
@PradeepMeerwal-zd5fy
@PradeepMeerwal-zd5fy 5 күн бұрын
Gufha chiterklala ke liye
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉🎉 3) भीमबेटका रॉक आश्रय स्थल मध्य प्रदेश में एक पुरातात्विक स्थल है जो प्रागैतिहासिक पेलियोलिथिक और मीजोलिथिक काल, साथ ही साथ ऐतिहासिक काल तक विस्तृत है। भीमबेटका चट्टानों पर कुछ प्रागैतिहासिक गुफा चित्र बने हैं जो लगभग 30,000 वर्ष पुराने हैं।
@PradeepMeerwal-zd5fy
@PradeepMeerwal-zd5fy 5 күн бұрын
Shakye
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 2) गौतम बुद्ध का जन्म एक क्षत्रिय के रूप में हुआ था। वह "शाक्य वंश के निर्वाचित शासक" शुद्धोधन के पुत्र थे, जिनकी राजधानी कपिलवस्तु थी। शाक्यों ने एक स्वतंत्र गणतन्त्रवादी राज्य का निर्माण किया था जिसे 'शाक्य' गणराज्य के रूप में जाना जाता था। राजा शुद्धोधन की पत्नी और उनकी माता माया कोलियन राजकुमारी थी।
@devbalabanwari3880
@devbalabanwari3880 7 күн бұрын
बहुत ही अच्छी क्लास थी sir ese hi वीडियो लाते रहिए pyq पर
@Adityajustify
@Adityajustify 7 күн бұрын
Thankyou so much 🥰🥰😘 Han daily video ayegi har video me previous year question honge
@rashithakur2552
@rashithakur2552 7 күн бұрын
1
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (1) सिद्धार्थ को 35 वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा की रात एक पीपल के वृक्ष के नीचे 'ज्ञान' प्राप्त हुआ। अब उन्होंने दुःख तथा उसके कारणों का पता लगा लिया। इस समय से वे 'बुद्ध' नाम से विख्यात् हुए। बुद्ध का अर्थ है ज्ञान
@jatinsharma7675
@jatinsharma7675 7 күн бұрын
2
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Good 2) गौतम बुद्ध का जन्म एक क्षत्रिय के रूप में हुआ था। वह "शाक्य वंश के निर्वाचित शासक" शुद्धोधन के पुत्र थे, जिनकी राजधानी कपिलवस्तु थी। शाक्यों ने एक स्वतंत्र गणतन्त्रवादी राज्य का निर्माण किया था जिसे 'शाक्य' गणराज्य के रूप में जाना जाता था। राजा शुद्धोधन की पत्नी और उनकी माता माया कोलियन राजकुमारी थी।
@rashithakur2552
@rashithakur2552 8 күн бұрын
B
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Good 2) गौतम बुद्ध का जन्म एक क्षत्रिय के रूप में हुआ था। वह "शाक्य वंश के निर्वाचित शासक" शुद्धोधन के पुत्र थे, जिनकी राजधानी कपिलवस्तु थी। शाक्यों ने एक स्वतंत्र गणतन्त्रवादी राज्य का निर्माण किया था जिसे 'शाक्य' गणराज्य के रूप में जाना जाता था। राजा शुद्धोधन की पत्नी और उनकी माता माया कोलियन राजकुमारी थी।
@rashithakur2552
@rashithakur2552 8 күн бұрын
4
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (4) पाणिनी को संस्कृत भाषा का प्रथम व्याकरणविद् माना जाता है। उन्हें संस्कृत व्याकरण, जिसे 'अष्टाध्यायी' के रूप में जाना जाता है, की रचना की थी।
@jagdish5840
@jagdish5840 8 күн бұрын
Aapko nind aa rahi hai. So jao
@Adityajustify
@Adityajustify 7 күн бұрын
😁😁 hmm 🧐🧐
@SitanshuYadav-r5z
@SitanshuYadav-r5z 9 күн бұрын
1
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 👏🎉 (1) अजंता की चित्रकारी दयालु बुद्ध से प्रेरित है। महाराष्ट्र में औरंगाबाद के समीप अजन्ता की गुफाओं में मानव जीवन, पशु-पक्षी, और प्रकृति का बहुरंगी चित्रण मिलता है।
@AmanYadav-ux8fm
@AmanYadav-ux8fm 9 күн бұрын
Hi sir ji
@Adityajustify
@Adityajustify 7 күн бұрын
🥰🥰🥰
@rashithakur2552
@rashithakur2552 9 күн бұрын
1
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 🎉🎉👏 (1) अजंता की चित्रकारी दयालु बुद्ध से प्रेरित है। महाराष्ट्र में औरंगाबाद के समीप अजन्ता की गुफाओं में मानव जीवन, पशु-पक्षी, और प्रकृति का बहुरंगी चित्रण मिलता है।
@rashithakur2552
@rashithakur2552 9 күн бұрын
3rd is right
@Adityajustify
@Adityajustify 5 күн бұрын
Congratulations 🎉🎉🎉 (3) जैन धर्म के अनुसार प्रत्येक जीव अपने पूर्व संचित कार्यों के अनुसार ही शरीर धारण करता है। मोक्ष के लिये तीन साधन बताए गए हैं: (1) सम्यक दर्शन जैन धर्म के उपदेशों में दृढ़ विश्वास ही सम्यक दर्शन या श्रद्धा है। (2) सम्यक ज्ञान-जैन धर्म एवं उसके सिद्धांतों का ज्ञान ही सम्यक ज्ञान है। (3) सम्यक् चरित्र जो कुछ भी जाना जा चुका है और सही माना जा चुका है इसे कार्यरूप में परिणत करना ही सम्यक् चरित्र है। इन तीनों को जैन धर्म में त्रिरत्न की संज्ञा दी जाती है
@BabliDevi-ts6db
@BabliDevi-ts6db 9 күн бұрын
3 is right option
@BabliDevi-ts6db
@BabliDevi-ts6db 9 күн бұрын
3afganistan