सुखार्थं सर्वभूतानां मताः सर्वाः प्रवृत्तयः ।
सुखं नास्ति विना धर्मं तस्मात् धर्मपरो भव ॥
(अर्थात)
सब प्राणियों की प्रवृत्ति सुख के लिए होती है, और बिना धर्म के सुख मिलता नही । इसलिए, तू धर्मपरायण बन।🌹
नमस्कार बंधुओं,
स्वागत है आप सभी का हमारे चैनल स्तोत्र मंत्र में,
मैं हूं अनिकेत पाठक,
बन्धुओं इस चैनल पर आपको रोजाना स्तोत्र मंत्रो की वीडियो प्राप्त होंगी। अगर आपको यह चैनल अच्छा लगता है, तो इस चैनल को जरूर सब्सक्राइब कीजिएगा और वीडियोस को लाइक कीजिएगा, दोस्तों आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद,जो आपने अपना कीमती समय देकर हमारे चैनल को देखा।
🙏“जय श्री राम”“वन्दे मातरम”🙏
धार्मिक अनुष्ठान,पूजा-पाठ,महामृत्युंजय जप,वास्तु पूजन,नवग्रह पूजन,एवं अन्य सभी प्रकार के अनुष्ठान हेतु सम्पर्क करें ।
पण्डित अनिकेत पाठक -
पता - माता नर्मदा उद्गम स्थल, अमरकंटक (मध्यप्रदेश)
संपर्क सूत्र - 8305183748
contact -
[email protected]