नाखूनों का बढ़ना जन्मजात प्रवृत्ति है, पर जो कुछ अपने आप होता है, उस पर मनुष्य मानव जाति के पक्ष में नियंत्रण करता है। नाखूनों को काटकर मनुष्य पशुता को दबाता है। भारतीय परंपरा में 'स्व' का बंधन महत्त्वपूर्ण है। यह बंधन समाज के हित में होता है।
@kumarrohit84097 күн бұрын
❤❤
@NJRCoachingCentre8 күн бұрын
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का राष्ट्रीयकरण :- 1 जनवरी, 1949
@kumarrohit84098 күн бұрын
❤
@kumarrohit840912 күн бұрын
❤️❤
@pradeepstudy722319 күн бұрын
Good
@MANASSTUDY2419 күн бұрын
वन और जंगल में अंतर
@MANASSTUDY2419 күн бұрын
बहुत ❤ अच्छा
@Jiddi_ahir_870324 күн бұрын
❤❤
@RAJURamji-gu8gk24 күн бұрын
Best ❤
@RAJURamji-gu8gk24 күн бұрын
Gatt?
@kumarrohit840926 күн бұрын
❤
@DeepakKumar-k1r28 күн бұрын
Jio
@DhanjayKumar-iq3gl28 күн бұрын
Wah
@RAJURamji-gu8gk29 күн бұрын
Nice ❤ hai
@RAJURamji-gu8gk29 күн бұрын
Nice ❤
@j.rentertainment486129 күн бұрын
❤❤❤❤❤❤❤
@Kattu_gangster_01Ай бұрын
Koi kuch nahi bolega 😅😅😂
@suparsahilАй бұрын
🙏🙏
@glaxysamir7157Ай бұрын
Jio raju bhai
@j.rentertainment4861Ай бұрын
Sabhi log hajri lagao
@j.rentertainment4861Ай бұрын
😂😂😂😂😂
@amarjeetyadavji2653Ай бұрын
Good 👍
@j.rentertainment4861Ай бұрын
Sir background mein light bahut jayada hai 😢
@AniketKumar-bk6byАй бұрын
❤❤❤❤
@ManiKumar-x6oАй бұрын
❤❤❤
@एकनईदृष्टिकोण7108Ай бұрын
नलिन विलोचन शर्मा की संपूर्ण रचनाएँ अली अकबर ख़ाँ सिद्धि एक नापसंद जगह धारा-लेखन पिकासो की चित्रकला जासूसी और ऐतिहासिक उपन्यास
@MANASSTUDY24Ай бұрын
भीमराव रामजी आम्बेडकर[a] (14 अप्रैल 1891 - 6 दिसंबर 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था।[2] वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
@MANASSTUDY24Ай бұрын
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पास कुल 26 डिग्रियां थीं: बीए, मुंबई विश्वविद्यालय एमए, कोलंबिया विश्वविद्यालय पीएचडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय एलएलडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय एमएससी, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स डीएससी, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स बैरिस्टर-एट-लॉ, ग्रेज इन भीमराव अंबेडकर के बारे में कुछ और खास बातेंः भीमराव अंबेडकर अपने समय के भारत के सबसे पढ़े-लिखे लोगों में से एक थे. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से सिर्फ़ 2 साल 3 महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी की थी. उन्होंने रोज़ाना 21 घंटे पढ़ाई की थी. उन्होंने दुनिया के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया था. उन्होंने मूक और अशिक्षित लोगों को जागरूक करने के लिए मूकनायक और बहिष्कृत भारत साप्ताहिक पत्रिकाएं संपादित की थीं. भीमराव अंबेडकर महार जाति से थे, जो भारत में अछूत/दलित जातियों में से एक है.