बस इतनी सी इनायत मुझ पे एक बार कीजिए कभी आ के मेरे ज़ख्मों का दीदार कीजिए हो जाइये बेगाने आप शौक़ से सनम आपकी हूं आपकी ही रहूंगी ऐतबार कीजिए ना मजबूर कीजिए कि मैं उनको भूल जाऊं मुझे मेरी वफ़ाओं का ना गुनहगार कीजिए इन जलते दियों को देख कर ना मुस्कुराइये ज़रा हवाओ के चलने का इंतज़ार कीजिए करना है इश्क आपसे करते रहेंगे जो भी करना है आपको मेरे यार, कीजिए हमें ना दिखायें ये दौलत ये शोहरतें हम प्यार के भूखे हैं हमें प्यार कीजिए..!! ❤️❤️❤️ @