मैं हिंदू हूं तो कहां से दिल्ली से पंडित ठाकुर लाल इस समय यह सब छोड़ बिरादरी को तू चाहते हैं समझ गए मैं उनसे नहीं हूं मैं अपने आप से हूं मुझे नमक ही रोटी खाने के लिए कैसे पानी पीकर आ जाओ लेकिन मैं उन लोग से ठीक नहीं मन नहीं जाऊंगा भोसड़ी वाले से हमको खुद ही भीख मांग कर खाते हैं हम लोग से हम लोग ना डंडे पंडितों को ना मंदिर में भीख मांगते ही ना मर जाए तो कहना