Hare Krishna prabhu....extremely divine...please continue with your presentations..
@sandraabel5283 Жыл бұрын
Thank you very much prabhu..extremely outstanding...
@sandraabel5283 Жыл бұрын
Excellent presentation... Thank you prabhu
@HiddenTruth-y8j Жыл бұрын
Real God is Kabir. कबीरजी ही भगवान हैं।। ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 17 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 19 ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 20 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 3 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 4 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 5 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 15 ऋग्वेद मण्डल नं 10 सूक्त 90 मंत्र 16 यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26 यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 30 यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25 सामवेद संख्या नं 359 अध्याय 4 खण्ड 25 श्लोक 8 सामवेद संख्या नं1400 अध्याय 12 खण्ड 3 श्लोक 5 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 1 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 2 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 3 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 4 अथर्ववेद काण्ड नं 4 अनुवाक नं 1 मंत्र 5,6,7 श्रीमद्भागवतगीता में प्रमाण अध्याय 8 श्लोक 9 अध्याय 15 श्लोक 17 अध्याय 18 श्लोक 62,66 क़ुरान शरीफ में प्रमाण सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 गुरुग्रंथ साहिब मेंप्रमाण गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ नं 721 महला 1 गुरुग्रंथ साहिब के राग "सिरी"महला 1 पृष्ठ नं 24 गुरुग्रंथ साहिब राग आसावरी,महला 1 पृष्ठ नं 350,352,353,41 कबीर परमेश्वर जी ए स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि हमारे तीर। दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत्य कबीर।। सोलह संत पर हमारा तकिया, गगन मण्डल के जिन्दा। हुक्म हिसाबी हम चल आये,कटान यम के फंदा।। हम हैसत्यलोक के वासी,दास कहाये प्रगट भये काशी। नहीं बाप ना माता जाये, अब गतिही से हम चल आये।। गुरु नानक जी यक्अर्ज गुफ्तम् पेस तो दर गोस कून करतार्। हक्काकबीर करीम तू बेएब परवर दीगार संत दादू दास जी कबीर कर्ता आपहैं,दूजा नाहिं कोए। दादू पूरण जगत को ,भक्ति दृढावत सोए।। अबही तेरी सब मिटे, जन्म मरण की पीर। स्वांस उस्वांस सुमिर ले, दादू नाम कबीर।। संत गरीबदास जी अनंत कोटि ब्रह्मण्ड का,एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर हैं,कुल के सृजनहार।। अनंत कोटि ब्रह्माण्ड में बंदी छोड़ कहाये। सो तो एक कबीर हैं जननी जने न माये।। 🙏🏻🙏🏻🌹☕☕🌹🙏🏻🙏🏻 कबीर साहेब द्वारा गोरखनाथ को अपना परिचय देना जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी। असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।। कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी। हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।। अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया। सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।। कोटिक नारद हो गए, मुहम्मद से चारी। देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।। नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी। कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।। कबीर परमेश्वर, श्री गोरखनाथ सिद्ध को अपनी आयु का विवरण देते हुए कहते हैं कि असंख युग प्रलय हो गई। करोड़ों ब्रह्म (काल), अरबों ब्रह्मा, 49 करोड़ श्रीकृष्ण (विष्णु), 7 करोड़ शिव भगवान, मृत्यु को प्राप्त होकर पुनर्जन्म प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन तब का मैं वर्तमान में भी हूँ अर्थात् अमर हूँ।