Jai jinendra bahut sundar vivechan seoni🙏🙏🙏👌🙏👌👌👌👌🙏👌
@bharatilad776122 сағат бұрын
Jai jenandra 🙏 🙏 🙏
@rameshchandradoshi607423 сағат бұрын
Dr Ramesh Doshi 🙏🏻🙏🏻jay jinendra 🙏🏻🙏🏻Talod 🙏🏻🙏🏻16/1/25(11:12)am
@jyotijain766123 сағат бұрын
जय जिनेन्द्र जबलपुर 🙏🙏🙏🙏
@sangeetakala4137Күн бұрын
🙏🙏🙏
@prabhajain5573Күн бұрын
जय हो प्रभु
@pratibhajain4231Күн бұрын
🙏🙏🙏
@praveenbhandari3435Күн бұрын
अच्छा सुझाव है, पर्यावरण और अहिंसा को बढ़ावा मिलेगा. 1. वृक्ष की लकड़ियां उपयोग में नहीं आने से वन उपवन को बचाकर पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित करने में एक सार्थक प्रयास होगा. 2. लकड़ियां और गौ-काष्ठ के उपयोग करने से उनके अन्दर जो सूक्ष्म जीव जंतु वास करते है, उनकी हिंसा करने का घोर पाप से बचने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा,जो जैन धर्म के मूल परिभाषा अहिंसा परमो धर्म को भी पूरी करेगा. आज के समय, *नेत्रदान और देहदान* में जैन धर्म निःसंदेह प्रथम पायदान पर है पूरे विश्व में..!! "विद्युत अंतिम संस्कार" में भी आने वाले वर्षो में जैन धर्म प्रथम पायदान पर आ जाएगा, ऐसा विश्वास है, *बस जरूरत है "समाज के उच्च एवं अग्र परिवारों" को आगे आकर इस प्रथा को आगे बढ़ाने की...* जैन धर्म/समाज को अभी तक जो परिवार आगे लेकर चल रहे है, उन परिवारों से इस कार्य में भी आगे चलने की राह देख रहे है...!! उम्मीद करते है, यह अनुकरणीय कार्य भी उच्च एवं अग्र परिवारों द्वारा जल्दी ही अपनाया जाएगा, जिसको मिसाल मानकर समाज/धर्म के बाकी लोग भी "विद्युत अंतिम संस्कार" की मुहिम को आगे ले जाएंगे. *@✍️🅿️🅱️*