We don't need motivational story from the lineage of invaders... We have enough of our heroes like Maharana Pratap, PrithviRaj Chauhan, Samrat Ashok, Chandragupta Maurya, Chattarpati Shivaji, Chanakya, Netaji Bose... Jai Hind 🇮🇳🇮🇳
@shahrukhkhan6365Күн бұрын
All ur heroes were a big failures Infront of mughals and afghans warriors 😆😂 that's why they ruled u 😂 lol
@MAWASEEMSHERAАй бұрын
jajba ❌❌ jazba✅
@NazuShaik89Ай бұрын
Super confidence
@mujeebshaikh5877Ай бұрын
😂,,😂😂😂😂😂😂😂😂
@enimalkant37162 ай бұрын
Fake story
@Abhishekvishwakarma-f3e4 ай бұрын
China - golden land Lanka - golden house India - golden sparrow Bakhtiyar khilzi 18 soldiers jajba the merchant Lakshman sen Vs Bakhtiyar khilzi
@MuftiRashidMahmoodRazviFans4 ай бұрын
Fooish man ghori was not turk.... He was Afghan , ghor is the place in Afghanistan so that people of ghor called ghori ....
@EbadNasir-q1l2 ай бұрын
Uzbeks Turkmens and Aimaqs are also Turks who still live in Afghanistan
@haseenjan46587 ай бұрын
Ghori was not a turk ghor is place in Afghanistan and the people of that place called ghori 😅😅
@ramsahu327 Жыл бұрын
Gora badal ki kahani kbhi ni padayenge ,kyuki exam me to aayega ni ,isliye jajba inhi me tha ,kesari ni dekhe h lgta h
@mansoor-674 Жыл бұрын
Prank Go gya 🤣🤣🤣
@zindagibyrudra4617 Жыл бұрын
Phle or padh madharchod
@deepaksejwalvlogs2752 жыл бұрын
Itna jhooth mat bol
@Khamzat_wolf Жыл бұрын
You need some burnol 😂
@sudhirgurjar93302 жыл бұрын
Bakhtiyar khilji ne kuch bhi kiya ho| lekin wo ek bura insan tha, jisne gyan ke mandir nalanda ko jla diya| jo gyan ka samman na kre, wo ek janwar se bhi gira hua hota h
@KUNDANKUMAR-mi3ug2 жыл бұрын
Isko koi knowledge nahin hai, popularity ke liye bakbas kar Raha hai!
@KUNDANKUMAR-mi3ug2 жыл бұрын
Chutia sala! Boycott this coaching!!
@bfmstar786352 жыл бұрын
Sir Musalman ka jajbe pa shak nahin karti
@waseemahmed-ww4uy2 жыл бұрын
Yog dhyaan nahi, vajryaan shakha ki ghatiya harkate thi, sir ji boliye
@roysrick24152 жыл бұрын
As a bengali i was proud to hear the beginning part of the video but the end part hayoo rabba🥴🥴🥴
@Islamicheritagesearch2 жыл бұрын
Hahaha afghani Kab sa turk bangaye hahaha Chalo khair turk be hamara Bhai hain... Mara peta to indian ko😂😂
@turkyaseen5342 Жыл бұрын
Bro Afghanistan pr bhi Turko ka rules tha ,
@Rashid_khan_922 жыл бұрын
18 log badi comedy ki tarah Jeet liya
@kratu232 жыл бұрын
Please send your daughters to these people
@sadikansari0072 жыл бұрын
#khilji
@shreypadauni50412 жыл бұрын
Full video link de do usko 15 paytm
@swayambhutripathi2 жыл бұрын
Kyu jalaya sir...kyunki raaste mei aa gyi thi University?
@shraddhapandey79402 жыл бұрын
सही बात है सर,🙏👌
@AryanSingh-jg4ez2 жыл бұрын
Haad hoti hai chutiyaape ki...
@Nickwayne0092 жыл бұрын
In the name of "Jazba",the way he is glorifying Islamic Invaders is preposterous
@upscwillknocked...67942 жыл бұрын
kzbin.infop5OfNo0BpN4?feature=share
@adnanansari-ev4wt2 жыл бұрын
Beta himmat honi Chahiye tumhare tarah nhi gobarbhakt 😂😂😂😂😂.
@jatinkathait73882 жыл бұрын
Made up story just because some big institute hire him with big package
@IsmailHossain-bq2bo2 жыл бұрын
Read history before showing off your ignorance.
@jatinkathait73882 жыл бұрын
@@IsmailHossain-bq2bouuhuhuuhhh uhhhhhnnn uhhnnnn I actually can see how world and most of religion respect your religion
@pathan5852 жыл бұрын
There was not a Turk there was a pashtun
@abuumair415 Жыл бұрын
No bro seriously, they were also turk they were the people of middle east
@BandayRahil26 күн бұрын
With the backup of turk
@shreepreeshitamondal98712 жыл бұрын
Ise jasba nahi dhokha kahte hai Idio teacher
@kaifali30772 жыл бұрын
Bahut umdah sir...aap bilkul unbiased hokar padhate hain ....jo ki mujhe sabse achha lagta h
@swayambhutripathi2 жыл бұрын
Ha
@surajchaturvedi90062 жыл бұрын
18 nahi केवल 16 घुड़ सवार थे
@googleassistant747 Жыл бұрын
18 hi the
@gurugramnow97842 жыл бұрын
Sir kilji aapko haram me rakha Tha, phir aapko chod diya, 😅😅
@lawsessence17042 жыл бұрын
Sir khilji ne Nalanda University ki library kyun jalai thi 🙏 please btao
@ricktripathi80822 жыл бұрын
SIR KA BAAP THA ISILIYE
@pathan5852 жыл бұрын
@@ricktripathi8082 😂😂😂😂
@lovewithcode79142 жыл бұрын
Khilji kabhi bura nhi tha.. Jo uska bura kiya usko hamla kiya.... Aur hum mein ek hindu hun ulat kuch nhi samzna.. khilji is a brand
@alok93072 жыл бұрын
Abe wo bhatiyar khilji tha!
@Prince-en3nt2 жыл бұрын
No one is going to ask this u in upsc
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
मज़हब की ताकत। बहु ससुर से विवाह करके सास से बदला ले सकती है। बहु और सास साथ साथ मां बन सकती हैं। पोता बेटे से बड़ा हो सकता है। पड़पोता बेटे को गोद में खिला सकता है। चाचा भतीजा साथ साथ मदरसे में आयतें रट सकते हैं। दो भाई आधे भाई हो सकते हैं। भतीजा चाचे को चलना सिखा सकता है। दादा और पोता साथ साथ बाप बन सकते हैं। एक जीव से 70 वर्ष में 70 जीव बन सकते हैं। चार पीढ़ी इकठ्ठी बकरीद पर बकरे की एक पीढ़ी काट सकती हैं और ईद की सेवइयां खा सकती हैं। ☺️
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
बरेलवी पसमंदा इलाकों में जवान लड़कों में हिंसा व अपराध की परिवृत्ति ज़्यादा होती है। आपस में मार पीट, छुरेबाज़ी भी ज़्यादा होती है।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
कम दिमाग के बच्चे पैदा करने हो तो अपने खून, अपने परिवार में, चचेरी ममेरी बहनों से शादियाँ करो।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
एक हमारे मित्र की रीढ़ की हड्डी में समस्या थी और ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ने 3 महीने तक झुकने से मना किया था। वो डॉक्टर से बहस करते रहे कि झुकूंगा नहीं तो नमाज़ कुबूल नहीं होगी। डॉक्टर की हिदायत का पालन नहीं किया और नतीजा आप समझ सकते हैं।
@kaifali30772 жыл бұрын
Pahli chiz to wo vyakti chutiya tha....qki namaz to kisi bhi halat me qubool h..aap agar bimar h to aap bister me hi lete lete ishare se namaz padh sakte hain...ibadat dil ki jati na ki jhukne se hi qubool hogi ...aisa kuch ni h bhai...Zara man ko saf kro aur kuch research kr lo padh likhkr
@afnankhan-kn1qh2 жыл бұрын
aise log har dharm me hote hai.....
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
जिन जिन मज़हबीओं में चचेरी ममेरी बहनों से विवाह होते हैं वहां हर चौथा बच्चा अर्धविक्षिप्त होता है ।।।
@kaifali30772 жыл бұрын
Tum bilkul hi baklol ho kya yr
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
@AHMAD ठीक है अर्द्धविक्षिप्त कालोनियां बसाते रहो।।।।
@pratigyasingh55732 жыл бұрын
Saahi kaha...
@Kaifu-ts6vg2 жыл бұрын
@@aashiq-e-fazool líndú south mai cóusin marriage krte hai. Brähmä bëtíchód ne toh Sarswati ka hi räpê krdia tha 😡
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
@@Kaifu-ts6vg kzbin.info/www/bejne/gZmYgI1vpMaCq68 Ex Muslim series: इस्लाम में प्रश्न पूछने की मनाही- एक्स मुस्लिम समीर
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
औरंगज़ेब को हिंदुस्तानी तलवारें पसन्द नहीं थीं, ये ज़्यादा भारी व कम मज़बूत होती थीं। वो फिरंगी तलवारें पसन्द करता था, जो हल्की व ज़्यादा कारगर होती थीं। उसके हरम की स्त्रियों का यूनानी हकीमों में भी कम विश्वास था, वे गोरे डॉक्टर इस इलाज कराना ज़्यादा पसन्द करती थीं। हालांकि उसे कोई फ़िरंगन अपने हरम की शोभा के लिए नहीं मिली। टर्की के ओटोमन सुल्तान यूरोप से गोरी खातून अगवा करके या ग़ुलाम बाजार से खरीद कर अपने हरम की शोभा बनाते थे।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
औरंगज़ेब कहता था जब दिल्ली से आगरा जाता हूँ तो रास्ते में कालकाजी मंदिर मेरी आँखों में खटकता है। इसलिए उसने इसे तुड़वा दिया था। कोई औरंगजेबी सोच वाला गैर मुस्लिम भी कह सकता हूँ जब दिल्ली मेट्रो से उर्दू बाजार जाता हूँ तो रास्ते में जामा मस्जिद मेरी आँखों में खटकती है इसलिए इसे समाप्त किया जाए। औरंगज़ेब से अफ़ग़ानिस्तान में बामियान बुध की प्रतिमा भी सहन नहीं हुई, उसको भी तुड़वाने का प्रयास किया उसने। जब कि औरंगज़ेब एक सूफी था।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
एक अंग्रेज़ जहांगीर के पास चश्मा लेकर आया। जहांगीर बहुत खुश हुआ और उससे पूछा कितने का है। तुरन्त राजकोष से पैसे दिलवाए और खरीद लिया। फिर उसमें हीरे जड़वा लिए। यह नहीं पूछा यह कैसे काम करता है, कैसे बनता है।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
1946 जुम्मा डायरेक्ट एक्शन हिन्दू नरसंहार के दिन 3 दिन पुलिस को छुटि दी गयी थी सोहरावर्दी बंगाल के मुख्यमंत्री द्वारा। बंगाल पुलिस में पठान भर्ती किये गए थे, हिन्दू बहुत कम रखे गए थे। जिन्ना के तलवार वाले पोस्टर लगाए गए थे। इधर सोहरावर्दी का भाषण चल रहा था, साथ ही गली में हिन्दू काटे जा रहे थे। 3 दिन तक यह नरसंहार चला। क्या हिन्दू इतना बेवकूफ है। सोहरावर्दी ने यह नहीं सोचा होगा कि कोई भी उनकी तरह सिरफिरा अगर जालीदार टोपी लगाकर उसके भाषण में चला जाता और उसका कोरमा बना देता तो? शायद वह गैर मज़हबी मानसिकता को काफी अच्छे से समझता था।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
अंग्रेज़ मौलवियों को दाड़ी से पकड़ कर घसीटते थे तब ये ठीक रहते थे।।।।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
मज़हब के संस्थापक साहिब के चचूजान(चाचाजी) अबू तालिब ने भी मज़हब कबूल करने से साफ मना कर दिया था। हालांकि संस्थापक साहिब ने बहुत आग्रह किया, बोले सिर्फ मेरे कान में धीरे से कलमा पढ़ दो, लेकिन अबू तालिब जी ने साफ मना कर दिया। शुक्र है उन्हें काफिर करार देकर उनका सर तन से जुदा नहीं किया गया।☺️
@kaifali30772 жыл бұрын
Pahli baat ye tumhe wrong information mili kahan se hain ki kaan me bol do...kahin se zarur suna hoga....are bhaiya kuch padh bhi liya kro kuch research bhi kr liye kro...jo muh me aaya bs bak diye ....
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
@@kaifali3077 गंगोह वाले रशीदी आल इंडिया इमाम कौंसिल के हेड ने बताई।।।।
@Sahilchaudhary37912 жыл бұрын
@@aashiq-e-fazool SAZA GALTI KI MILTI HAI KISI CHIZ KO NA MANNE SE NHI BEWAKOOF
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
अलाउदीन खिल्जी और औरंगज़ेब, दोनो हिन्दू हत्यारों, हिंदुओं को आरी पर चिरवाने वाले, पतीलों में उबलने वालों की बेटियां हिन्दू राजाओं से प्यार करती थीं और उनमें हिन्दू संस्कृति के प्रति आकर्षण था।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
भारतीय इतिहास में शत्रुबोध, आदर्शवाद का परिणाम जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह दाराशिकोह की तरफ से औरंगज़ेब के विरुद्ध लड़े। उनके सैनिकों ने औरंगज़ेब की सेना पर रात को हमला करने की सलाह दी, लेकिन जसवंत सिंह ने अपने आदर्शों के चलते यह नहीं माना और 18000 सैनिक मारे गए, जसवंत सिंह हार गए, शुक्र है जान बच गयी। साथ में भारत की इतिहास बदल गया। जसवंत सिंह जी को शत्रु बोध नहीं था, उन्होंने पृथ्वी राज चौहान जी के इतिहास से नहीं सीखा कि किस सांप से लड़ रहे हैं नहीं तो भारत का इतिहास कुछ और होता, शायद औरंगज़ेब की जगह दाराशिकोह राजा बनता। शिवाजी को शत्रुबोध था। उन्होंने शाइस्ता खान पर रात को भेष बदल कर हमला किया। अफ़ज़ल खान का बाघनख से वध किया। कोई अगर मगर नहीं, कोई आदर्शवाद नहीं। ठीक वैसे जैसे पाकिस्तान हिंदुस्तान पर पठानकोट, दिल्ली, कश्मीर पर आतंकी हमले करवाता है। राजा जसवंत सिंह जी के पुत्र राजा अजीत सिंह को शत्रुबोध था, उन्होंने ऐसे नियमों आदर्शों को ताक पर रख दिया और छल का बदला छल से लिया। राजपूत राजा अजीत सिंह से औरंगज़ेब के पोते मुग़ल राजा फरुखसियर ने अजीत सिंह की लड़की मांगी। फरुखसियर वही है जिसने बाबा बन्दा बहादुर की आंखें निकाल ली थीं और उन्हें बहुत क्रूरता से मारा था। उसे लगा वो बहुत बड़ा ग़ाज़ी है, इस कृत्य से उसे हूरगति प्राप्त होगी। खैर उसकी मनोकामना जल्दी पूरी होने वाली थी।उसे क्या पता था कि तीन वर्ष में उसकी खुद की आंखें निकलनी वाली हैँ। राजा अजीत सिंह ने पहले मना कर दिया बाद में मान गए। उन्होंने चुपचाप अपनी लड़की के स्थान पर अपनी नौकरानी की लड़की दे दी। बाद में फरुखसियर के दरबारियों व अन्य राजाओं के साथ मिलकर लाल किले में घुस कर फरुखसियर की आंखें निकाल दी और उसकी हत्या करके शव दरवाज़े पर टांग दिया। इसके चर्चे ईरान तक हुए। इस काम में उन्हें सय्यद बन्धुओं का सहयोग मिला। उनका ये पराक्रम इतिहास में नहीं पड़ाया जाता। यदि औरंगज़ेब के साथ शिवाजी की तरह और लोगों ने भी ऐसी हिम्मत दिखाई होती तो उसकी इतनी हिन्दू दमन की हिम्मत न पड़ती। न ही वो भाई दयाला जी को पतीले में उबाल पता, न ही भाई मति दास जी को आरी से काट पाता, न भाई सती दास को रुई में जलाया जाता। हालांकि सतनामी, गुरु गोबिंद सिंह जी ने बहुत संघर्ष किया लेकिन इसके महल में घुस कर उसकी गर्दन पकड़ने वाला काम कोई नहीं कर सका। नेहरू में भी शत्रुबोध नहीं था। नहीं पता था कि किस मानसिक वायरस से लड़ रहे हैं। हालांकि उनकी पुत्री इंदिरा में कुछ हद तक शत्रुबोध हो गया था। औरंगज़ेब वाली यही विचारधारा आधुनिक भारत में कश्मीर में हिंसक समाज ने हिंदुओं पर दिखाई। एक हिन्दू लड़की को बलात्कार करके ज़िंदा आरा मशीन पर काटा। एक हिन्दू को तेजाब के ड्रम में फेंक दिया। इस कार्य में उनके जालीदार टोपी वाले पड़ोसी भी शामिल थे। मस्जिद murder coordination center बन गई थीं। देश के बाकी हिन्दू समाज ने भी इसके प्रति चेतना व संगठन नहीं दिखाया। और क्रूर इतिहास दोहराया गया।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
औरंगज़ेब बनाम ज़िंदा पीर उर्फ ज़िंदा चीर को अफगानिस्तान में बामियान बुध की मूर्ति सहन नहीं हुई, ना ही तालिबान को। आखिर तालिबान ने इसे नष्ट कर ही दिया, जापान चीन बर्मा जैसे बौद्ध देश भी देखते रह गए, एक मिसाइल ही दाग देते। हम भी जामा मस्जिद को सहन कर रहे हैं दिल्ली में। औरंगज़ेब कहता था जब दिल्ली से आगरा जाता हूँ तो रास्ते में कालकाजी मंदिर मेरी आँखों में खटकता है। इसलिए उसने इसे तुड़वा दिया था। कोई औरंगजेबी सोच वाला गैर मुस्लिम भी कह सकता हूँ जब दिल्ली मेट्रो से उर्दू बाजार जाता हूँ तो रास्ते में जामा मस्जिद मेरी आँखों में खटकती है इसलिए इसे समाप्त किया जाए। अंग्रेजों ने 1857 के बाद दिल्ली में काफी मस्जिद तोड़ी थी। और जामा मस्जिद को अपनी छावनी बना कर रखा 10 वर्ष तक। जामा मस्जिद में राजनीतिक भाषण पर पाबंदी थी। लेकिन आज़ादी के बाद, फिर वही बुखारी इमाम के भड़काऊ भाषण, चाहे राम मंदिर का मामला हो, चाहे CAA का। इनके होंसले ज़्यादा ही बुलंद हैं। हिंदुस्तान का पसमांदा अपनी हिन्दू जड़ें भूल चुका है। इनके पास हिंसा व विध्वंस के लिए इतनी मानसिक शक्ति कहां से आती है। इनको विकास नहीं चाहिए न अपने दर्जन बच्चों के लिए अच्छा भविष्य।
@aashiq-e-fazool2 жыл бұрын
इतिहास की अनसुनी बातें क्या आप जानते हैं कि तीन मुग़ल राजाओ फरुखसियर, अहमद शाह बहादुर व शाह आलम को लाल किले में ही अंधा कर दिया गया था । दिल्ली में अंधा मुग़ल नाम का इलाका भी अंधे मुग़ल राजा शाह आलम के नाम पर है। शाह आलम ने तो मराठों से उसको अंधा करने वाले से बदला लेने की गुहार लगाई और मराठों ने इसके बदले में दुश्मन की आंखें निकालकर मुग़ल राजा को भेंट कीं। 3 मुग़ल राजाओं हुमायूँ, जहाँगीर व शाह जहां ने तो अपने भाई बेटों सम्बन्धियों को ही अंधा कर दिया था। कुछ मुग़ल राजा व एक लखनऊ का नवाब तो वासना व अफीम में ही लीन रहते उन्हें राज्य चलाने से कोई मतलब नहीं होता था। एक राजा तो 20 वर्ष की उम्र से ही घुड़सवारी तलवार से ज़्यादा बालाओं में रुचि रखता था। शाहजहाँ ताकत और जवानी के चूर्ण खाता था। उसने एक काफिर का लिखा कामसूत्र भी पढ़ा अपनी यौनशक्ति को बढ़ाने के लिए। औरंगज़ेब जब खाना खाने लगता था तो कहता था उसे थाली में उन लोगों के कटे हुए सर दिखाई देते थे जिनकी उसने हत्या की थी। एक मुस्लिम शासक को सिखों द्वारा सिख बना दिया गया था, उसका नाम भी बदल दिया था लेकिन उसके उल्टे कामों के बाद उसे सिखों द्वारा दोबारा मुसलमान बना दिया गया था। लखनऊ के नवाब को हरम में भोग विलास से लैंगिक बीमारी हो गयी थी, बहुत परेशान रहता था। प्लासी के युद्ध वाले लार्ड clive को भी वेश्याओं के पास जाने के कारण लैंगिक रोग हो गया था, जिससे वो सारी जिंदगी परेशान रहा। जबकि युद्ध जीतने के कारण ईस्ट इंडिया कम्पनी ने उसे आज के हिसाब से 300 करोड़ का बोनस दिया था। वो बचपन से ही गली का गुंडा वाली लड़ाकू प्रवृत्ति का था।