कलाकार की कला की कदर करो संतोष जी क्या शायर /गीतकार हो आप
@zubaidaakhter46222 ай бұрын
Santosh Anand ji Love you ❤❤❤
@komalsahu65026 ай бұрын
Yuhi nahi Santosh anandji har koi ban jaye good sir ji love u
@komalsahu65026 ай бұрын
Great
@SoutheastKumar-r9q7 ай бұрын
Dil
@BhojpuriGaoMusicWorld7 ай бұрын
🎉
@therealvoice96588 ай бұрын
❤JAi JAi HO GURU DEV
@therealvoice96588 ай бұрын
❤
@shivjisingh3688 ай бұрын
Santosh Anand ko man se pranam kerta hu ,❤❤
@mahaveeryadav66168 ай бұрын
Aise hi koi Santosh Anand nahi banta
@tusharranga59038 ай бұрын
Santosh aanand god man❤❤
@SudhirKumar-c7e8 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤
@rajasinha30688 ай бұрын
संतोष आनंद सर❤❤से बार बार प्रणाम
@PappupkSingh8 ай бұрын
संतोष आनंद जी को ❤ से बार बार प्रणाम
@SudeshAsha8 ай бұрын
Kmal ki prastuti satosh jiko shat shat naman
@anilrelwani36078 ай бұрын
Anmol Episode😢 Santosh Anand j kai koi muqabla nhi hai न भूतो न भविष्यती 🌹🌹🙏🏻🙏🏻❤️❤️
@preetisharma25008 ай бұрын
❤❤❤❤❤🙏🙏🙏👌👌👌
@preetisharma25008 ай бұрын
❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🌻👌
@udaynarayanthakur17138 ай бұрын
Kya baat hai Thanks
@vyasravidatt6368 ай бұрын
Heart touching kavyapath---RaviDatt vyas
@Sandeep-s4o1v8 ай бұрын
Sir apko koti koti pranam
@mohammedshakilkhan74938 ай бұрын
एक प्यार का नगमा है।..... बहुत खूब sir
@komalsahu65029 ай бұрын
Sanso se jyaada pyaar jarurrat hai nice very nice 🎉🎉
@premprakashkumauni32969 ай бұрын
श्री संतोष आनंद जी सदा सुखी रहो आप के लिखे गीत हमेशा लोगो के जुबान पे गुनगुनाते रहें
@sohan7349 ай бұрын
बहुत अच्छा
@chandrakantpatil6516 Жыл бұрын
💌🎂💐 congratulations nice pic beautiful
@Sociology.83182 жыл бұрын
Great Lecture 🙏🙏💐💐🌹
@subhashprajapati46982 жыл бұрын
Good👍👍
@metroeducation87122 жыл бұрын
Neta ji is so great
@metroeducation87122 жыл бұрын
Neta ji jindabad
@thegreatbheelraj5932 жыл бұрын
बहुत ही बढ़िया सोंग भाई दिल से जोहार
@sonalidhun60742 жыл бұрын
Jai ho
@pallavisingh76492 жыл бұрын
Welldone superb
@dalchandlohar23192 жыл бұрын
The great legendary poet
@dalchandlohar23192 жыл бұрын
Great
@mahendrasingh93632 жыл бұрын
Sir, agr aapke pas shree Hanu Unchasa b ho to use b youtube p share kre 🙏
@AbhishekSingh-jd6cw2 жыл бұрын
अमीर
@shivamsingh-ts1fd2 жыл бұрын
Yeh neta apni health ka khayal rakhte hai kafi
@somethingdiffrent81722 жыл бұрын
Nice sir ji
@manzoorahamed97102 жыл бұрын
Bahut achcha
@manzoorahamed97102 жыл бұрын
Very 🙏🙏🙏🙏
@devendranathpandey85623 жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति सुंदर जी वाहः
@socialworker66874 жыл бұрын
I like Thise Poem
@IRDGIRD4 жыл бұрын
सार्थक बातचीत। क्षमा सहित, आवाज़ में नॉइज़ अधिक होने की वजह से सुनने में व्यवधान पड़ा।
@mukeshk.sinhamarriedmankit52177 жыл бұрын
आपके साक्षात्कार में दो बातें गौरतलब है, एक तो जिस सलीके से आप अपनी बातों को धीरे धीरे रखती हैं वो बेहद अनुकरणीय है, साथ ही वस्तु विषय पर पूरे तरह से केंद्रित रहती हैं, बरगलाने की कोशिश नहीं करती हैं। शुभेक्षा वरिष्ठ मित्र, आपसे सीख रहा हूँ।
@samarpitshukla59447 жыл бұрын
Bohot badiyà sir.....
@dhyanendrajournal7 жыл бұрын
बहुत बढिया इन्टरव्यू लिया
@shyamsinghradius8 жыл бұрын
ok
@shyamsinghradius8 жыл бұрын
आसमाँ बारूद की चटाई1 से कड़कता | कि ज़मीं पे तीसरा कारवाँ-ए-जुम्हूरियत2 बढ़ता || इल्म-ए-इन्साँ3 की ऐंठ ने ख़ूब बिहिश्त4 बनाई है ज़मीं को | सूरज आहन-ए-मह्लूल5, नैसाँ6 तेज़ाबी होकर बरसता || कहीं मीनार-ए-ग़ुरूर7 में वाँ जहाज़ी आग घुसता | कहीं आसमाँ को चूमता साबिर8 बुद्ध, बामियान9 में ढहता || लगा दी आग तेल के कुओं में जिस कमबख़्त10 ने | उससे बाप के बाद बेटा जँगजू11 हो कर लड़ता || कबीलाई12 हनोज़ बिसात-ए-बैनलअक़्वामी13, याँ नहीं कोई मालिक14 | सो मुल्क नातेदारी में मीज़ान-ए-ज़ोर15 को, रहे ख़ेमा बदलता || कहें ऐसी तंज़ीम16 यूनान में भी थी, हिन्द में भी, जो चली है ग़र्ब17 से | पूछूँ ख़िरदबाख़्ता कांट18 से, कि तू किस जुम्हूरी अमन19 की है बात करता || कुंदाक़,20 मोर्चा, संगीन, ख़ंदक़21 इन सब को देख लगे हय! कि | जुम्हूरी सिफ़ात-ए-तअय्युन-ए-फ़िक्र22 आलम-ए-जुम्हूरियत23 पस्त करता || 1. कार्पेट बॉमिंग (Carpet bombing)। 2. थर्ड वेव ऑफ डेमोक्रेसी ( ‘Third wave of Democracy’)। 3. इंसान द्वारा अर्जित ज्ञान। 4. स्वर्ग। 5. पिघला लोह। 6. बैसाख ऋतु की बारिश। 7. घमण्ड की इमारत। 8. निःस्पृह। 9. अफ़गानिस्तान में एक जगह जहाँ पर स्थित बुद्ध की प्रतिमा ढाह दी गई। 10. दुर्भाग्य। 11. युद्धप्रिय। 12. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कबीलाई समुदाय कहा गया है। कवि के अनुसार राष्ट्र राज्य के संदर्भ में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए एक केन्द्रिय सत्ता (Legitimate Central Authority) का अस्तित्व होता है। पर वैसे किसी सत्ता का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अस्तित्व नहीं होता। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय राजनैतिक रूप से वैसे ही असंगठित होता है जैसे एक मस्तकहीन (Acephalous) कबीलाई समुदाय होता है। शांति के क्षणों में मस्तकहीन कबीले की विभिन्न इकाईयाँ, जो ज्यादातर रक्त सबंधों के ‘टूटन’ (Fission) और ‘संलयन’ (Fusion) के आधार पर बनी होती हैं, बिखरी होती हैं। लेकिन संभावित खतरे के समय नातेदारी के आधार पर इक्ठ्ठी हो जाती हैं। ख़तरे के समय ऐसे ही अंतर्राष्ट्रीय कबीले की विभिन्न इकाईयाँ भी एक समूह में आर्थिक और वैचारिक आधार पर इक्ठ्ठी हो जाती हैं। कुछ इकाइयाँ एक समूह से छिटककर दूसरे समूह में भी ख़ेमा बदलकर चली जाती हैं। कवि राष्ट्र-राज्य के उदय से अभी तक के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के इतिहास के संदर्भ में यह बात कहता है। 13. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय। 14. केन्द्रिय सत्ता का अभाव। 15. शक्ति का समीकरण(Power-Equation)। 16. संस्था, लोकतंत्र की संस्था। 17. पश्चिम (West)। 18. अक़्ल से हारा हुआ कांट। 19. लोकतांत्रिक शांति । कांट ने ‘डेमोक्रेटिक पीस’ का थीसिस दिया था। लोकतंत्र का पहला गुण सहिष्णु होना होता है। पर ‘डेमोक्रेटिक पीस’ के थीसिस ने ‘नॉन-डेमोक्रेटिक’ राज्यों के प्रति द्वैश अनायास ही भड़काया। आज शांति के लिए भी राज्यों के साथ अलोकतांत्रिक रास्ते अपनाये जाते हैं। 20. बंदूक का कुंदा। 21. युद्ध में खोदी जाने वाली खाई। 22. फ़िक्र की अवस्था से निकली हुई लोकतांत्रिक विशेषताएँ। 23. लोकतंत्र की दशा।
@shyamsinghradius8 жыл бұрын
ज़ेर-ए-गर्दूं1 सूरज आहन-ए-मह्लूल2 सा दमकता है | अब्र-ए-नैसाँ3 कहीं ज़मीं पर मिस्ल-ए-तेज़ाब4 बरसता है || इतने इल्म-ओ-ज़हन5 के बाद भी तमद्दुन6 है कमीन | जो जगह है मा’क़ूल7 इन्साँ के लिए, वहीं क्यूँ नहीं इन्साँ रहता है || ज़मीं को टुकड़ों में बाँट, शिकस्तःख़ुर्दः8 कर क़ुदरत को | किसी टुकड़े को मेरा, किसी टुकड़े को तेरा कहता है || जिस को नसीब है ख़ुशबख़्त9 ज़मीं, वो नहीं आने देता ग़ैर को | छोड़ देता तमद्दुन ज़िंदः इन्साँ को वहाँ, जहाँ समन्दर ज़मीं की जानिब10 लपकता11 है|| ज़लज़ला यूँ12 आता जौर-ए-रवायत13 से मेरे वजूद में, मेरे जुनून से | ज्यूँ सिफ़ात-ए-ख़म्सः-ए-क़ुदरत-ए-निहाँ से14 ज़मीं की जानिब आसमाँ को मिलों लपक समन्दर का पानी उछलता है || न है वो नज़र आज इंसानों की, जो भेद के तमद्दुन को देख सके साफ-साफ | पता नहीं किस लिए झूठे तेवर लिए सड़क पर उतर, कमअक़्ल इन्साँ दंभ भरता है|| ज़लज़ला के साथ उछल उठे समन्दर के पानी को देख | कहता हूँ, कि कहीं धरती के सीने में मेरा ही दिल तो नहीं धड़कता है || तमद्दुन-ए-ज़मीं-ए-इन्साँ15 को क्यूँ नहीं कहूँ कमीन-ओ-कमबख़्त | छोड़ दिए हैं इंसानों को रहने के लिए वाँ भी, जहाँ कोह-ए-आतिशफ़िशाँ16 फटता है || धरती को बचाने की टुटपुंजिया क़वाइद को नौ आन्दोलन के लिए | कभी ये, कभी वो नारा लिए कार्यकर्ताओं का हुजूम नज़र के आगे से गुज़रता है || दौलत-ओ-तरक़्क़ी है वहाँ पहुँची, कि सब इन्साँ रह सकते सुकूँ से | पर कहीं हो न जाए ये ज़मीं बिहिश्त17, मग़रिब18 लोगों की ख़ुदी को नौ ढंग से गढ़ता है || ये कौन लोगों पर रखे है नज़र दम-ब-दम मीनार-ए-जहाँ19 से मिस्ल-ए-शाहीन20 | कि फ़ुसूँ-ए-इल्म-ए-नौ-ब-नौ से21 इन्साँ घमंड में चूर रहता है || ख़बरनवीसों22 को चाहिए कुछ नया, कुछ नया! भले इंसानियत मरे | कुछ नया, कुछ नया, ख़बर बिकती है तब और, जब इंसान नये अंदाज़ से मरता है|| सरमायःदारी23 मुझे क्या समझाएगा कोई सरदार या नीग्रो | सरमा¬¬यः24 सँभलता, जब भूखे लोगों से छीन रोटी, अनाज से सर-ता-सर25 समन्दर पटता है || पर्लहार्बर के बदले के लिए पटके थे जिसने एटमी बम, वो सैन्य सहायता भेजता | आज यूँ, ज्यूँ कभी ज़ख्म देने वाला आज ज़ख्म पर मरहम मलता है || क़ैद-ए-क़वानीन-ए-सरमायः26 से बच निकल सकेगी न ये ज़मीं, न इंसानियत | एक अरसा हुआ, कि जबसे सरमायः इन्साँ का गला दबोचे प्रेत सा लगता है || 1. आसमाँ तले। 2. पिघले हुए लोहे सा। 3. बैसाख ऋतु का बादल, जिसके लिए प्रसिद्ध है कि इस बादल से बरसे पानी की हर बूँद सीप में मोती बन जाती है। 4. तेज़ाब की तरह। 5. बुद्धि और ज्ञान। 6. सभ्यता (Civillization)। 7. उचित। 8. हारी हुई। 9. ख़ुशनसीब। 10. तरफ़। 11. जापान में आए सूनामी से प्रेरित पंक्ति। 12. भूकंप। 13. परंपरा का अत्याचार। 14. छिपी हुई प्रकृति के पाँच गुणों से। 15. इंसान द्वारा बनायी गई धरती पर विद्यमान सभ्यता। 16. आग उगलने वाला पर्वत (ज्वालामुखी)। 17. स्वर्ग। 18. पश्चिम (West)। 19. जहाँ रूपी मीनार। 20 बाज़ पक्षी सा। 21. नवीन-नवीन ज्ञान के जादू से। 22. ख़बर इकठ्ठा करने वाले। 23. पूँजीवाद। 24. पूँजी। 25. एक सिरे से दूसरे सिरे तक। 26. पूँजी के नियमों की क़ैद से।