Hinduo ki chinta hindu khud kar lenge pehle ye btao Dhami Ki tune kya bacha liya Uttarakhand ko ya bech diya
@dheerajsinghbhandari63723 минут бұрын
Good job
@RamGopal-j6xСағат бұрын
Uttrakhand mein bahut bada bhrashtachar ho raha hai
@GovindJoshi-vb7nwСағат бұрын
Na Congress na BJP abaki bar Uttrakhand Kranti dal usi ko vote Denge Ham to
@GovindJoshi-vb7nwСағат бұрын
Dhaamine to Barbad kar diya Pahadon ko
@internvagabond85758 сағат бұрын
Barbaad kar diya hai poora uttrakhand last 10 saal me.... Andhe ho gaye hai log jaldi hi pata chalega ...
@AnkitSingh-bagri9 сағат бұрын
Mja aa gya aapki patrika sun k.. dynyabd,,🙏
@technovlogsnp88829 сағат бұрын
जो लोग बाहर रहकर ये वीडियो देख रहे है उनके लिए ये तमाचा है। तुम लोग बस वीडियो देखते रहो। हम लोग अपनी संस्कृति को बचाने में लगे है ।
@matthewmaathu63749 сағат бұрын
अच्छा बोलते हो❤
@hemubhatt46529 сағат бұрын
भाजपा, भ्रष्टाचार की पर्याय है। लोकायुक्त का लंबित प्रकरण इसी का प्रमाण है। अगर भाजपा को वोट देने वालों और भाजपा के अनन्य कथित अंधभक्तों को इसका इससे भी बड़ा प्रमाण चाहिए तो बता दें कि, 2007 में खंडूड़ी हैं जरूरी के नाम से चुनाव लड़ा और बंपर जीत दर्ज कराई । मगर महज कुछ ही समय बाद इसी तथाकथित ईमानदार भाजपा ने भुवन चंद्र खंडूड़ी ने भाजपा की ही एक महाईमानदार प्रतिभा को उत्तराखंड की गद्दी सौंप दी। और इसके बाद उन्होंने 2010 महाकुंभ में क्या गुल खिलाया, इसे भाजपाई महान धृतराष्ट्र तुल्य भक्त भली प्रकार से जानते हैं।
@malaypandey896110 сағат бұрын
❤❤
@RajendrasahRaju10 сағат бұрын
Rahul great
@mahuaasangita-wv1qz11 сағат бұрын
backwaash kahani..
@nickworld14312 сағат бұрын
देवताओं से ज्यादा चमत्कार नेता कर रहे हैं 😂😂
@rakhibisht112 сағат бұрын
सरकार किसी की भी हो नुकसान आम जनता का ही है। लगता है कि अब अपने पुरखों की तरह ही चलना पड़ेगा। सीधी उंगली से अब घी नहीं निकलेगा।
@bhagatsinghkandari883213 сағат бұрын
High court ki bolti band kyo ho gai
@pawanpant808713 сағат бұрын
एक वीडियो कुमाऊनी जातियों पर लाओ Informative ❤
@ankitarawat-rj5ew15 сағат бұрын
Nice ❤❤
@shwetarawat307016 сағат бұрын
🎉🎉
@surajrawat679716 сағат бұрын
rawat jati to bahut hain par asli rawat jati ka gaon kaon sa hai
@ThEPedallersPaHaDi17 сағат бұрын
Great sir 👌❤❤
@dhananjaychauhan353317 сағат бұрын
यहां तक कि Transgender Welfare Board भी नहीं बना जब कि अधिकांश राज्यों में बोर्ड बन चुका है ! छि भै कि छुंइ लगाण छां तुम भी तौ नेता लु कु सैं बढ़िया त हम किन्नर लोक बढ़िया छां
@tarkkutark499918 сағат бұрын
हर कर्म का क्या फल होगा ये कोई नहीं जान सकता हिमाचल के भू क़ानून का बूरा असर अब दिख रहा है. हिमाचल हर लिहाज़ से उत्तराखंड से पिछड़ चुका है.. पिछड़ चुके राज्य को copy क्यों करना चाहते हो ? हिमाचल में वहाँ सोलन से ले कर नालडेरा तक , और न जाने कहाँ कहाँ 3-4-5 मंज़िलें भलैट भलैट ही बन गये क्योंकि वहाँ बाहर के अच्छे investor ज़मीन परिबंध कारण नहीं आ सके तो लोकल लोगों ने फ़्लैट बेचे .. लीज़ लम्बी वह बड़ी ही कम क़ीमतों पर हो रही है आज भी उत्तराखंड के पहाड़ों में अच्छे छोटे छोटे investor आ रहे हैं जो ज़मीन पर केवल बाग़वानी, शांति प्रिय रहने के लिए आ रहे हैं और लोकल economy , पर्यावरण में सहयोग ही कर रहे हैं कितने रिटायर्ड पड़े लिखे लोग छोटी नली ख़रीद कर , गाँव का स्टैंडर्ड बड़ा रहे हैं - जो हिमाचल में नहीं है .. वहाँ सिर्फ़ कमरशियल हो रहा है आज का उत्तराखंड का पहाड़, हिमाचल के बनसपद कहीं अच्छा है क्योंकि ज़मीन सयामितव के कारण बाहर के लोग ज़मीन को ख़ाली भी छोड़ रहे हैं , वह प्रोपर्टी वह पड़ोस को डेवलप भी कर रहे हैं जिसका असर आप को २० साल बाद पता चलेगा जब हिमाचल बिलकुल खतम हो चुकेगा पर पत्रकारों लोग शायद निवेश व अचछे लोगों को उत्तरांचल में नहीं आने देना चाहते क्योंकि पत्रकार leftist / communist लग रहे हैं क्यों अपनी जलन में लोगों वह उत्तराखंड का नुक़सान करने पर तुले है क्योंकि भू क़ानून हो या न हो - जो powerful होगा या फिर फ़्री/ अतिक्रमण के क़ब्ज़े वाला होगा , उसे कोई क़ानून नहीं रोक सकता , अलबत्ता अच्छे पड़े लिखे छोटे बडीया लोग जो लोकल समाज / अर्थव्यवस्था में उत्थान कर सकते हैं उन पर गाज गिरेगी व मूल निवासी का शोषण होगा और उसे अपनी ज़मीन की उचित क़ीमत नहीं मिल पायेगी कितनी बड़ी बेफकूफी की बात है कि भारतीय America 🇺🇸 में , Dubai में, Australia में , दुनिया के हर विकसित देश में ज़मीन ले सकते हैं पर अपने हिमालयन स्टेटस में नहीं 😮?? देवभूमि में रोहिगया , बांग्लादेशी फ़र्ज़ी काग़ज़ात के साथ बस सकते हैं पर अच्छे छोटे 1.25 नलली वाले पड़े लिखे नही ?? अमरीका , दुबई को लोकल सभ्यता बदलाव का डर नहीं है पर 1.25 नललि में ऊतराखड को है ?? धामी जी डरिये मत , परन्तु बड़ी सोच रखिये , जहां पैसा आता है वही तरक़्क़ी होती है.. तुलसी दास जी ने भी कहा है कि - “@खान पान का वैभव सब तुम से आता , जय लक्ष्मी माता “” जो लोग आगे नहीं बढ़ना चाहते वो ही आते पैसे का विरोध करते हैं क्योंकि वो दूसरो को अपने से आगे नहीं देखना चाहते और ये ही भारत का दुर्भाग्य रहा है कि आती हुई लक्ष्मी जी का विरोध.. वरना भारत कब का दुबई या अमरीका होता .. आज हिमाचल के लोग या तो बिल्डर बन कर फ़्लैट बना कर भूमि ख़राब कर रहे हैं या फिर सरकारी नौकरी के मोहताज है .. जब जब तर्क वाले चुप रहते हैं तब तब कुतरक वाले -समाजवाद का , सभ्यता का , अनाप-शनाप किसी भी भावनात्मक मुद्दों का सहारा ले कर जनता को मूरख बना कर उनका शोषण करते हैं उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था बिलकुल ठप हो जायेगी अगर भू क़ानून आया और उत्तराखंड वापस 1950 में ही चला जायेगा.. लोगों का शोषण होगा क्योंकि उन्हें अपनी भूमि का उचित दाम नहीं मिलेगा केवल बड़े बड़े लोग जिनकी कोई सरकारी सेटिंग है वो कोई क़ानूनी दांव पेंच लगा कर ज़मीन मुँह बोले सस्ते दामों पर ख़रीदेंगे उतरखड के लोग पश्चाताप करेंगे बाद में अगर वो भावुक हो कर mob mentality में अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारेंगे जिन जिन राज्यों में भू क़ानून लगी है वह पिछड़ते चले गये और रोज़गार ख़त्म होते गये वह पलायन हुआ हाँ भू क़ानून में बस ये सुनिशचित कीजिये कि अच्छे लोग आये
@pushpeshsingh936518 сағат бұрын
बॉबी पंवार जिंदाबाद
@chhajiyansudhir656118 сағат бұрын
Nikme log sangrila ko kalpnik hi khte
@lokenderuniyal139021 сағат бұрын
BJP Congress ki sacchai sab jaante hai...
@lokenderuniyal139021 сағат бұрын
Bahut badiya patrakarita bhaiji...
@uttamsingh753222 сағат бұрын
भौत भली प्रस्तुति भैजी भली चर्चा ❤❤❤
@ashokbhatt987523 сағат бұрын
सूर्यधार प्रकरण है क्या
@purushottamduttkandwal465223 сағат бұрын
बहुत सुंदर।।🎉
@Shreyaa_I23 сағат бұрын
Madam sajwan jati kanha se aayi
@akhistimul123323 сағат бұрын
परनाम
@JagdishDunКүн бұрын
बन्दर बाँट इस right word
@gayatridevi3161Күн бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति
@MSRawat4903Күн бұрын
Kya baat hai boss❤
@gayatridevi3161Күн бұрын
२०१७ में बगावत करने वाले को टिकट देकर केदारनाथ विधानसभा में क्या संदेश दिया 😂😂😂😂 क्या किसी मीडिया चैनल में यह पूछने की हिम्मत है!!!!!!
@kuldeepprasaddobriyal7578Күн бұрын
केदारनाथ भी हारेगी बीजेपी बेकार पार्टी बन गई है। लूट लिया बीजेपी ने
@shailchand8971Күн бұрын
Thanks!
@PraveenSingh-e4pКүн бұрын
बड़ा ही हास्यास्पद है कि पॉलीटेक्निक प्रवक्ता की परीक्षा जो कि 10 दिन में करवाई जा सकती है उसे उत्तराखंड का महान सेवा आयोग फरवरी से लेकर जुलाई,5 महीने तक करवा रहा है। विश्व की सबसे लंबी चलने वाली भर्ती प्रकिया। गिनीज़ वार्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने की दावेदारी।
@MightyGuysensieКүн бұрын
Thanks for sharing on documented details. Good research.
@amarsinghrawat7983Күн бұрын
Bahut hi Sundar program. Hats off to u all. everyone is fully energetic. ❤🙏🙏🙏
@maheshchandra6036Күн бұрын
लोकायुक्त और उस विभाग पर काम करने वाले लोग ईमानदार होंगे भ्रष्टाचारियों पर ठोस एक्शन लेंगे इसकी क्या गारंटी है । वो भी तो बिकेंगे 🤔
@AnandSingh-bz6hrКүн бұрын
Har kaam free mai hota hai yahan next bihar of india
@gaura8659Күн бұрын
Visuals ❤❤❤❤
@harshkala8824Күн бұрын
सत्यमेव जयते।भाजपा, कांग्रेस उत्तराखंड के लिए नाग नाथ और सांप नाथ हैं। इनसे बचें और उत्तराखंड को बचाएं।
@mayankuniyal1237Күн бұрын
Beautiful Drone Shots - Gairsain❤
@SocialMuddeКүн бұрын
👍👍👌👌👏👏
@PraveenSingh-e4pКүн бұрын
उत्तराखंड राज्य भारत का अगला बिहार बनने की कगार पर है। सरकार से जहां एक ओर अपेक्षा की जाती है कि सरकारी सेवाओं के साथ साथ प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार सृजन की व्यवस्था करे, लेकिन यहां दोनों में से किसी भी क्षेत्र में रोजगार नहीं दिया जा रहा। एक साधारण सी भर्ती जो अन्य राज्यों में छ: माह में पूर्ण हो जाती है उत्तराखंड में तीन तीन साल तक भी पूरी नहीं हो पाती है। ताजा उदाहरण उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की प्रकिया 2021 से शुरू है और अभी तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई। पॉलीटेक्निक में प्रवक्ता की भर्ती के आवेदन इस जुलाई 2024 में मांगे गए हैं और इसके लिए पेपर फरवरी 2025 से शुरू होंगे और जुलाई 2025 तक परीक्षा का मात्र एक ही चरण समाप्त होगा। UKPSC भारत का अकेला आयोग है हो 10 में समाप्त की जा सकने वाली परीक्षा को 6 माह तक करवा रहा है। धन्य है। राजनेताओं से तो कोई उम्मीद नहीं थी पर ब्यूरोक्रेसी में भी बुद्धिहीन व incompenet लोग बैठे होंगे इसकी आशंका कम थी। उत्तराखंड का भविष्य गर्त में जाता हुआ दिख रहा है। एक और बात बिहार के लोगों के पास उत्तराखंड आकर मजदूरी करने का विकल्प है हमारे पास यह भी विकल्प नहीं है।