🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿 SWAMI YE GULIGA PANJURLI
@APoojary-fw8fz5 ай бұрын
Guligag yer katudna
@sanjeevad52937 ай бұрын
🙏🙏Swami Guliga 🙏🙏
@BhuviyKumar-d5x4e8 ай бұрын
Rohit vamnjoor
@SathyodaNirel43968 ай бұрын
Rohit and Rajesh Bantwal are super
@swathipoojari21459 ай бұрын
Appe na kola da band set olpadakul gotunde??
@sanathanamangalore4409 Жыл бұрын
ಬಬ್ಬುಸ್ವಾಮಿ ಧೈವಸ್ಥಾನದ ನೇಮದ ವಾಧ್ಯ ಕೇನರೆಗ್ ಬಾರಿ ಒಂಜಿ ಪೊರ್ಲು 🥰🥰🙏🏾🙏🏾
@srujanakc2657 Жыл бұрын
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@coastalboy16 Жыл бұрын
Kallurti kattinayana name dade
@RANJITHKR Жыл бұрын
Prasanna Mijar
@sunithas95543 ай бұрын
Yedde koladar athe
@__art_spot__ Жыл бұрын
Nema🙏
@__art_spot__ Жыл бұрын
Kola, 🙏
@__art_spot__ Жыл бұрын
Kola🙏
@rakshiths33852 жыл бұрын
Super
@poojarysrinivas48142 жыл бұрын
🌹🙏🙏🙏🌹
@rasowye11392 жыл бұрын
🍁🤔 देवताओं का विज्ञान - ओशो 😳🍁 आत्माओं का लोक कुछ हमसे भिन्न नहीं है। ठीक हमारे निकट और पड़ोस में है। ठीक हम एक ही जगत में अस्तित्ववान हैं। यहां इंच-इंच जगह भी आत्माओं से भरी हुई है। यहां जो हमें खाली जगह दिखाई पड़ती है वह भी भरी हुई है। अगर कोई भी शरीर किसी गहरी रिसेप्टिव हालत में हो, और दो तरह से शरीर--दूसरे लोगों के शरीर--ग्राहक अवस्था में होते हैं। या तो बहुत भयभीत अवस्था में। जितना भयभीत व्यक्ति हो, उसकी खुद की आत्मा उसके शरीर में भीतर सिकुड़ जाती है। सिकुड़ जाती है मतलब शरीर के बहुत हिस्सों को छोड़ देती है खाली। उन खाली जगहों में पास-पड़ोस की कोई भी आत्मा ऐसे बह सकती है जैसे गड्ढे में पानी बह जाता है। तब इसको जो अनुभव होते हैं वे ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे शरीरधारी आत्मा को होते हैं। या बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में कोई आत्मा प्रवेश कर सकती है। बहुत गहरी प्रार्थना के क्षण में भी आत्मा सिकुड़ जाती है। लेकिन भय की अवस्था में केवल वे ही आत्माएं सरक कर भीतर प्रवेश कर सकती हैं जो दुख-स्वप्न देख रही हैं। जिन्हें हम बुरी आत्माएं कहें, वे प्रवेश कर सकती हैं। क्योंकि भयभीत व्यक्ति बहुत ही कुरूप और गंदी स्थिति में है। उसमें कोई श्रेष्ठ आत्मा प्रवेश नहीं कर सकती। और भयभीत व्यक्ति गड्ढे की भांति है, जिसमें नीचे उतरने वाली आत्माएं ही प्रवेश कर सकती हैं। प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति शिखर की भांति है, जिसमें सिर्फ ऊपर चढ़ने वाली आत्माएं प्रवेश कर सकती हैं। और प्रार्थना से भरा हुआ व्यक्ति इतनी आंतरिक सुगंध से और सौंदर्य से भर जाता है कि उनका रस तो केवल बहुत श्रेष्ठ आत्माओं को हो सकता है। वे भी निकट में हैं। तो जिसको इन्वोकेशन कहते हैं, #आह्वान कहते हैं, प्रार्थना कहते हैं, उसमें भी प्रवेश होता है, लेकिन श्रेष्ठतम आत्माओं का। उस समय अनुभव ठीक वैसे ही हो जाते हैं जैसे कि शरीर में हुए, इन दोनों अवस्थाओं में। तो जिनको देवताओं का आह्वान कहा जाता रहा है, उसका पूरा #विज्ञान है। वे देवता कहीं आकाश से नहीं आते हैं। जिन्हें #भूतप्रेत कहा जाता रहा, वे भी किन्हीं नरकों से, किन्हीं प्रेत-लोकों से नहीं आते हैं। वे सब मौजूद हैं, यहीं! असल में एक ही स्थान पर मल्टी-डायमेंशनल एक्झिस्टेंस है। - ओशो मैं कहता आंखन देखी प्रवचन - ०४ धर्म की गति और तेज हो! 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
@aishwaryapoojary93452 жыл бұрын
Contact number of temple please
@shrexth2 жыл бұрын
Beautiful culture ✨️✨️🌸
@poojarysrinivas48142 жыл бұрын
🌹🙏🙏🙏🌹
@DjRAiNN2 жыл бұрын
Who all are here after watching Kantara 🔥🔥
@shrexth2 жыл бұрын
Yaa!
@pramilapramila56992 жыл бұрын
, super kola
@siri.u.10812 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏
@skillhunterhunter87892 жыл бұрын
Bro if you want more like do you video short not too log