(1)सच्छाई को जानना,अपने अनुभव से, (2)सच्छाई के साथ रहना (3) ओर सच्छाई का पालन करना जितना हो सके उतना, यही धर्म है, तो ही मानवता जीवित रह सकती है, ये सभी मानवी की ज़िमेदारी है, मानवी ये जिमेदारी नही निभाते तो फिर मारसेना का पाप का , ढोंग का , सलकपट का , विस्वासघात का साम्राज्य फलता फूलता है, मंगल हो ।
@rameshbhaijesabhailakum38643 сағат бұрын
मुलनिवासी महापुरुषों के ओर बहुजनो के गद्दारों को कैसे पहचाने??? बाबासाहब की 22 प्रतिग्न्या का पालन नही करते(बिना आचरण वाले) , ओर समता,समानता, बंधूता ओर न्याय को नैतिकता को वफादारी को ओर महापुरुषों के मानवता वादी विचारों को सच्छाई को आचरण को महत्त्व नही देते है, ओर विचारधारा के नाम,अपने महापुरुषों नाम फायदा लेनेके लिए, राजकीय,धार्मिक, सामाजिक, गुट बनाकर सभी गुटबाजो अपनी व्यक्तिगत मनमानी करते है,अन्याय,अत्याचार,अपराध के खिलाफ एक मच पर नही होते है,ओर गुट में गुलामी करनेवाले अंधभक्त अपने गुट के मुखिया (मुर्खा)व्यक्ति के विचारों को महत्त्व देते है, इसलिए , सभीमहापुरुषों के ओर बहुजनो के गद्दार है, मनूवादी है, धोखेबाज है, बहुजनो को अपने अपने गुट में फसाकर बहुजन एकता को जोड़ ने की बजाय तोड़ने का अपराध करते है, ऐसे गद्दारों को पहचानना बहोत जरूरी है,
@SukiteeUpasana4 сағат бұрын
सुधीर राज सिंह तुम खूद ही चीवर धारण कर लो,
@rameshbhaijesabhailakum38644 сағат бұрын
में अनागरीकजी, गुजरात से, 2012 से भिक्षु के 227 विनय,शील,शेखिया,पतिमोख,पराजीक का घर मे रहकर पालन करने की कोशिश किया, सक्षम बनने के बाद 2015 से भारत भ्रमण करता हु, में पहले बहोत ठगा गया, बुद्धके नाम बाबासाहब के नाम भिक्षु के नाम, आज भी सारे भारत मे मुजे अभीतक एक भी ओरिजनल नही मिला,
@maneeshmohanpatel26244 сағат бұрын
Please provide the link of song
@Shakyaajay2564 сағат бұрын
Cheevar Ka Aatank RSS Ke Log faila rahe hain na ki Bhikkhu log . Jisane apni pustak ka naam Cheevar Ka Atank rakkha hai vo Rss ka vyakti hai jise aap nahin samajh paa rahe hain .
@KuldeepSingh-cm3oe4 сағат бұрын
Bahujan samaj Buddh ki ore chale.
@rameshpanwar99964 сағат бұрын
किसी पर उंगली वही उड़ाएंगे जो अपने को पीछे समझते है
@gurudayaldorawal795 сағат бұрын
कोई भी सही या गलत किसी भी तरीके से अपनी ही विचारधारा पर काम करने वालों पर सही या गलत लांछन लगा कर बदनामी फैलाना टांग खींचना यह पिछड़ी हुई सोच और पिछड़ने के कारण बनते हैं सर्वगुण सम्पन्न दुनिया में कोई मानव नहीं होता किसी मैं भी किसी तरह से सही या गलत दोष निकला जा सकता हे में समन संघ से जुड़ने का मन बना रहा हु लेकिन आप भी कीचड़ में कच्चे में ही खुद पड़े हमें विचारधारा पर काम करना चाहिए अलग अलग विचारों की विंग बना सकते हे जो विचारों को ओर बल देगी वाहिनी बना सकते हे अपनी सोच को इससे ऊपर उठाना होगा तभी वृक्ष बनेगा नहीं तो खरपतवार ही बनके रह जाओगे तुम्हे यूं ही उखाड़ा जाता रहेगा इसलिए मानसिकता को बदलने की इससे ऊपर उठने की बहुत इस समय बहुत जरूरत हे अपनो को ही कमजोर करोगे तो हार ही हाथ लगेगी विचार करना यह मानसिक लड़ाई हे
@DeepakSingh-b8t5 сағат бұрын
नमो बुध बुधसि धम्मसि संघसि
@ommarmat62585 сағат бұрын
Namo Bhudhy
@ramjimaru99075 сағат бұрын
किसीकी लकीर छोटी करने के बजाय अपनी लकीर बड़ी करें। यदि किसीसे डर लगता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि दाल में कुछ काला है। जय मूलनिवासी।
@muharsinghambadi13756 сағат бұрын
सहमत संघ का प्रवचन सिर्फ आप ही देते हैं, आपके अलावा और कोई क्यों नहीं? क्या कोई आज तक कोई जानकार नहीं हो सका?
@sujatagautam65786 сағат бұрын
Agreed. U said well.
@Shakyaajay2566 сағат бұрын
Namo Buddhay Sir , Delhi mein ek IBC Sanstha Hai .Vigyan Bhavan mein uske secretary se Mein Mila aur Maine Vinay Pathak parr videos banane ki baat ki to ve vifar pade. Main film line mein kam kar chuka hoon .Kya aap Vinay Pitak par video banvane ki sahayata pradan Karenge?
कुछ तो इतिहास में बहुत बड़ा झोल किया गया हे जिसके कारण लोग कभी एक नहीं हो सकते क्योंकि लोग तो आपस में जाति को लेकर उच्च नीच करते ही हे इतिहास कार ने भगवानों को भी नहीं छोड़ा कृष्ण को यादव बना दिया राम को रघुवंशी हनुमान जी को ब्राह्मण बुद्ध को चमार बहुत हे जिनकी गिनती नहीं हे और जिनकी जाति अलग नहीं कर पाए वे सही में खुश हे जैसे सीख समाज उनका इकलौते गुरु हे जिनको कोई बदल नहीं पाया सिखो में आदमी किसी भी जाती का हो वो मानता गुरु को ही हे और जबकि हिंदू गुरु, बाबाओं, भगवानों, सबको मानता हे फिर भी आपस में बटा हुआ हे
@KRkaudriramКүн бұрын
आपके विचार को लेकर मुझे बहुत ही बहुत दिमाग में बातें चलती रहती है मैं कंफ्यूज रहता हूं क्या करूं कैसे आपसे मिलूं कैसे बात करूं अपने दिल को सुकून कैसे पाऊं
@rajbirsinghgautam5420Күн бұрын
मैं समन और ब्राह्मण संस्कृति को नहीं स्वीकारता न ही ब्राह्मण बाहर से आए ये भी गलत है सोचो जरा 700 तक व्हेनसांग के अनुसार भारत बौद्धमय था पाली भाषा थी पुष्यमित्र शुंग की कहानी भी गलत है वह बौद्ध था भरहुत महाविहार महाविद्यालय का जीर्णोद्धार कराया था। वेद शास्त्र 700 के बाद लिखे गए रामायण महाभारत भी 700 के बाद के है चार युग स्वर्ग नर्क 700 के बाद के है संस्कृत भी 700 के बाद की है कहानी कुछ और है मुस्लिम आए बुद्ध धम्म खंड खंड हुआ जान के लाले पड़े महायान आया इसमें बौद्धिसत्वों की पूजा शुरू हुई बुद्ध को भूल गए जो भिक्षु थे वे ही ब्राह्मण बन गए चार वर्ण स्थापित कर दिए बहु ईश्वरवादी हो गए। जब पूरा देश बौद्धमय था तो वैदिक की कल्पना करना गलत है अगर गलत है तो बताएं।
@TeamTwentyTwoКүн бұрын
फिर तो लड़ाई खत्म , संघर्ष खत्म ,
@SunilGujjar-wq3cwКүн бұрын
Good morning sir
@sudhirbhaskar1728Күн бұрын
very good information
@mdeora705Күн бұрын
हर नेता वीडियो में अपने खाता नम्बर देना नही भूलते और कई ऐसे युट्यूबर भी है जो पैसे भेजने कहते है
@mdeora705Күн бұрын
जिस दिन बहुजन समाज ये सब बातें समझ गया उस समय ही समाज का भला होने लग जायेगा
@mdeora705Күн бұрын
बहुत ही कड़वी मगर हकीकत बात बताई है नेताओ के चक्कर मे हरेक वर्ग से दूरी बनाते जा रहे है लोग
@mdeora705Күн бұрын
समाज हितेषी बनके हर कोई नेता पैसा बटोरने में लगे है।
@Itsgirly126Күн бұрын
Back graund से जो गीत बज रहे हैं उसका अर्थ क्या है?
@subhashchander366Күн бұрын
Nice briefing Sir. Earlier all Human being was Saman. Hunters/Farmer. Deep Regards Sir 🙏 🌹💐🎉🌺🏹🇮🇳
@Gautam-f9z2 күн бұрын
आप कहते हैं कि वमन का समनो में कोई स्थान।नहीं हैं जबकि साइंस जर्नी कहती हैं कि समन और वमन दोनों बुद्ध के दिए शब्द हैं और वमन बौद्ध भिक्षुओं को बोला जाता हैं। आप जोर देते हैं कि हमें समन होना पड़ेगा वमन नहीं। बिना बौद्ध भिक्षुओं के समन दिशा हीन हैं।
@ChhoteLal-ih9np2 күн бұрын
आपने सही जानकारी दी है । 👌👌👌
@RAJUBAUDDHRANPH2 күн бұрын
आपके कहे हुए शब्दों का प्रूफ क्या है। ये इतिहास बाबा साहेब ने तो नहीं लिखा। यदि हम पढ़ नहीं पाए है तो आप कोई refrence Book भेजो।
@Praveentk18.2 күн бұрын
Jai BHIIM❤ namo budha
@suresh8323 күн бұрын
Namo buddha
@kkpisda52163 күн бұрын
गौतम बुद्ध सुकीती आदिवासी थे।उनकी मां महामाया कोलिय बेटी थी।कोल आज भी आदिवासी माने जाते हैं।कोल कोलियों का टोटेम भालू होता है।...गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास ...लेखक मोतीरावन कंगाली ...=नागपुर
@devbabu-pr7zu4 күн бұрын
😡😡🙏🙏🔥😭😭 Kitna hamari history ko khatam kiya h brahmanwad ne
@surendranathshivam62514 күн бұрын
Thank you for this to clarify... Very good knowledge 🙏🙏
@kumbharam79854 күн бұрын
बौद्धों के कम सक्रिय रहते के कारण समय के साथ इनमे बदलाव आ गया यह अच्छी चीज़ें थी इन्हे दूसरे धर्म के लोगों ने adopt कर लिया
@brajendrasingh86904 күн бұрын
Aap Baudh dharam ke nam par apna political agenda chala rahe hai . Bharat ka Baudh dharam aur puri duniya ka Baudh dharam dono alag hai .
@SanatanLalKitab4 күн бұрын
8:55 9:01 bahut achhi jankari Me aap se baat karna chhata hu Me bhi saty janna chahata hu
@meenagautam34894 күн бұрын
Jai bhim jai savidhan nammo buddhay 🌺😊
@VinayakVk-f6i5 күн бұрын
६वी सादि मे बामन आये थे sar
@VinayakVk-f6i5 күн бұрын
7𝘃𝗶 𝘀𝗮𝗱𝗶 𝗺𝗲 𝗯𝗿𝗮𝗺𝗮𝗻 𝗮𝗮𝘆𝗲 𝘁𝗵𝗲 𝗸𝘂𝗰𝗵𝗮 𝗺𝗶𝘀𝘀 𝗵𝗮𝘆𝗶𝗱 𝗵𝗲
@Bodhipath59495 күн бұрын
Godhan hai Govardhan nahi lok culture me godhan puja kahte hai