जी भईयाजी 🙏🏻 आपकी बातों को हमेशा ध्यान में रखूंगी।दृढ़ता तो बढ़ी है🌺🌺🙇🏻♀️ धन्यवाद🙏🏻 भगवद्गुरु कृपा🌺🌺🙇🏻♀️
@RamkishorMishra-o7yКүн бұрын
जय हो
@rajani002 күн бұрын
प्रणाम भईयाजी🌺🌺🙇🏻♀️ आज का श्लोक काएन वाचा मनसेन्द्रियेरवा , बुद्धित्यात्मना वा प्रकृते स्वाभात्। करोमि यद् यत् सकलम् परस्मयै, नारायणायेति समर्पयामि🌺🌺🙇🏻♀️ भइयाजी एक प्रश्न है शम मतलब समत्व।है न? आपका बहुत धन्यवाद🙏🏻
@ChidakashgyanamКүн бұрын
शम मतलब किसी भी परिस्थिति में मन को शांत रखने की सामर्थ्य
@rajani00Күн бұрын
जी भईयाजी, धन्यवाद🙏🏻
@Ayush12-e4j2 күн бұрын
😐😐😊😊😊🙏
@Ayush12-e4j2 күн бұрын
😐😐😐 जी 🙏
@rajani003 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ हम सब भाग्यशाली हैं, आपके पास बैठने, सुनने का अवसर दिया गया। आप जो अर्थ बताते हैं उसको प्रणाम🙏🏻 भगवद्गुरु कृपा🌺🌺🙇🏻♀️
@birjucpatel35483 күн бұрын
🌹
@birjucpatel35483 күн бұрын
🌹
@Ayush12-e4j3 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@rajani004 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ आज का श्लोक🙂🙏🏻 श्रद्धावानलभते ज्ञानं तत्परः संयत इन्द्रियः। ज्ञानम लब्धवा पराम शांतिम चिरेणाधीगच्छति।। भईयाजी प्रश्न उठा है- सूक्ष्म शरीर क्या होता है? भगवान के नारायण स्वरूप और निर्गुण ब्रम्ह स्वरूप में क्या अंतर है?🙏🏻
@Chidakashgyanam3 күн бұрын
मन का बना हुआ शरीर सूक्ष्म शरीर कहा जाता है जिसमे 19 तत्व कहते जाते हैं 5 कर्म इंद्रियां 5 ज्ञान इंद्रियां 5 प्राण और मन बुद्धि चित्त और अहंकार
@Chidakashgyanam3 күн бұрын
भगवान का नारायण रूप और ब्रह्म एक ही हैं सिर्फ उपाधि का अंतर है नारायण को जगत के पालक की उपाधि है और ब्रह्म निरुपाधि
@rajani003 күн бұрын
भईयाजी धन्यवाद🙇🏻♀️ कृपया 5 प्राण,चित्त अहंकार को समझाइएगा ।
@Chidakashgyanam2 күн бұрын
I have answered this quest in todays video in last
@rajani002 күн бұрын
जी भईयाजी प्रणाम🌺🌺🙇🏻♀️ धन्यवाद 🙏🏻
@Gopinathjadhav-u1d4 күн бұрын
गुरूजी मांडुक्य उपनिषद मे मंत्र 5 मे सुषुप्ति मे प्राज्ञ कहा है और 6 मंत्र मे उस सुषुप्ति के प्राज्ञ को ईश्वर कहा है पर वेदांत मे शुद्ध सत्व गुण प्रधान को ईश्वर कहते है पर सुषुप्ति तो प्राज्ञ तमस प्रधान है वहा तो अज्ञान है 6 मंत्र मे वहा प्राज्ञ को ईश्वर कीव कहा ईश्वर मे तो अज्ञान है नही वह तो शुद्ध सत्व का है फिर सुषुप्ति मे प्राज्ञ ईश्वर केसे
@Chidakashgyanam4 күн бұрын
सत्व गुण का अर्थ होता है प्रकाश अर्थात ज्ञान और सुषुप्ति का जो प्रकाशक है वो भी ज्ञान ही है इसलिए दोनों की एकता है जो विराट है जो हिरण्यगर्भ है और जो ईश्वर है तीनो एक ही सत्ता का नाम है और उसमें विश्व ,तेजस और सुषुप्ति तीनो कल्पित हैं इनका उनसे कोई सम्बन्ध है भी नहीं..और इसके अतिरिक्त यहां सुषुप्ति का अर्थ नाम रूप के अभाव से लेना चाहिए घन अज्ञान से नहीं..ॐ
@SanjayKumar-vw4he4 күн бұрын
❤❤❤ है ❤महावतार ❤787❤
@rajani005 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ आज का श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता 5.26🙂 कामक्रोधवियुक्तानाम यतीनाम यतचेतसाम। अभितो ब्रह्मणनिर्वाणम वर्तते विदितात्मनाम।। 🙏🏻🙏🏻 भईयाजी आपका हर ऑडियो मुझे आश्चर्यचकित कर देता है।जो कुछ होता है,या प्रश्न होते हैं , उसमें से बहुत कुछ match कर जाता है। सब तो लिख नहीं सकती।धन्यवाद🙏🏻🙏🏻
@Chidakashgyanam4 күн бұрын
बढिया
@Chidakashgyanam4 күн бұрын
स्थिर बुद्धि वाला इंद्रिय जित यति पुरुष जो स्वरूप के बोध से काम क्रोध से रहित हो गया है वो ब्रह्म निर्वाण को प्राप्त हो जाता है।
@rajani004 күн бұрын
अभी भी हमने एक साथ टाइप किया🙂भगवान की लीला speechless 🌺🌺🙇🏻♀️
@SanjayKumar-vw4he5 күн бұрын
❤❤❤ है ❤आकाश ❤महावतार ❤787❤
@Ayush12-e4j5 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@akarshthakur19935 күн бұрын
राधा राधा
@rajani005 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ आज मैंने एक श्लोक याद किया।🙂🤦🏻♀️ श्रीमदभगवद्गीता 17:23 धन्यवाद🙏🏻
@Chidakashgyanam5 күн бұрын
That's gud
@rajani005 күн бұрын
धन्यवाद😇आपकी प्रेरणा है🙏🏻
@Chidakashgyanam5 күн бұрын
आपके सुबह का कमेंट सिर्फ ऊपर से दिख रहा ओपन नही हो रहा
@rajani005 күн бұрын
भैयाजी मैने एक प्रश्न किया था,फिर मुझे लगा पूछना उचित है या नहीं तो मैंने हटा दिया था। मृत्यु के अनुभव के बारे में था
@Chidakashgyanam5 күн бұрын
Ok
@Ayush12-e4j5 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@Gopinathjadhav-u1d6 күн бұрын
एक प्रश्न था कि व्यष्टि स्वप्न मे तैजस समष्टि मे हिरण्यगर्भ एक है और सुषुप्ति मे प्राज्ञ और ईश्वर एक है क्या यह नाम ही भिन्न रखे है पर एक की बात हो रही है जेसे पानि और जल एक तत्व की बात कर रहै नाम दो रखे है वेसे ही क्या तैजस हिरण्यगर्भ ओर प्राज्ञ ईश्वर नाम अलग है पर तत्व एक ही है क्या प्राज्ञ ईश्वर है और तैजस हीरण्यगर्भ है
@Chidakashgyanam5 күн бұрын
सही समझ रहे आप तीनो का अभिमानी एक ही है उसे अवस्था के साथ जोड़ने के कारण अलग अलग नाम रख दिया है विश्व विराट को बर्फ , तेजस हिरण्यगर्भ को जल और प्राज्ञ ईश्वर को भाप समझ लीजिए तीनो का तत्व एक ही है
@akarshthakur19936 күн бұрын
ॐ
@Ayush12-e4j6 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@PankajDalwadi-k5l7 күн бұрын
Waah
@rajani007 күн бұрын
🌺🌺🙇🏻♀️🌺🌺
@SanjayKumar-vw4he7 күн бұрын
❤❤❤ है ❤❤❤महावतार ❤❤❤787❤❤❤
@rajani008 күн бұрын
🌺🌺🙏🏻🙏🏻🌺🌺
@rajeshjaswani40768 күн бұрын
🙏🙏🙏 OM OM BAPU JI OM
@rajani008 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ वृत्ति मीमांसा सुनी। आपको शब्दों से परे धन्यवाद🙏🏻। सादर चरण स्पर्श 🙇🏻♀️🙏🏻 🌺🌺भगवद्गुरु कृपा🙏🏻🙏🏻
@Ayush12-e4j9 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@rajani009 күн бұрын
🌺🌺🙏🏻🙏🏻🌺🌺
@Ayush12-e4j10 күн бұрын
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@rajani0010 күн бұрын
🌺🌺वशिष्ठ जी को प्रणाम🌺🌺🙇🏻♀️ 🙂धन्यवाद भईयाजी धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻 प्रणाम🌺🌺🙇🏻♀️ ॐ ॐ ॐ
@Ayush12-e4j10 күн бұрын
😐😐😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@rajani0011 күн бұрын
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️ अत्यन्ताभाव!!? सही है?
@Chidakashgyanam11 күн бұрын
किस वस्तु का अत्यन्ताभाव?
@rajani0011 күн бұрын
अपने को छोड़कर सबका
@Chidakashgyanam11 күн бұрын
सही है
@rajani0011 күн бұрын
धन्यवाद भईयाजी 🌺🌺🙇🏻♀️ 🌺🌺भगवद गुरु कृपा 🌺🌺 🙏🏻🙏🏻
@rajani0011 күн бұрын
धन्यवाद भईयाजी 🙏🏻🙏🏻 प्रणाम🌺🌺🙇🏻♀️ 😶😇
@Ayush12-e4j12 күн бұрын
😐😐😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏🙏
@akarshthakur199312 күн бұрын
Om
@maheshyogi.neemkathana.kar655212 күн бұрын
🙏🕉️
@SanjayKumar-vw4he13 күн бұрын
❤❤❤ है ❤❤❤ 787 ❤❤❤
@SanjayKumar-vw4he13 күн бұрын
❤❤❤ है ❤❤❤ 787 ❤❤❤
@tatwaprawah13 күн бұрын
❤
@tatwaprawah13 күн бұрын
❤
@आजकलन्यूज13 күн бұрын
❤❤❤
@Ayush12-e4j13 күн бұрын
😐😐😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
@rajani0014 күн бұрын
🌺🌺साधुवाद साधुवाद!🙂 प्रणाम भईयाजी🌺🌺🙇🏻♀️ धन्यवाद! रामजी की जय हो! 🌺🌺❤गुरुजी का प्रेम संतों का प्रेम भगवान का प्रेम❤🌺🌺🙇🏻♀️ ईश्वर करें सबको उनके गुरु मिलें, ज्ञान और शांति मिले,सबका कल्याण हो,मंगल हो। 🙏🏻🙏🏻
@subhashchand614214 күн бұрын
हरिओम प्रभु जी शब्दार्थ, भावार्थ, मर्म, तत्वार्थ का अनुठा विवेचन
@akarshthakur199314 күн бұрын
जय नारायण
@rajeshjaswani407614 күн бұрын
🙏🙏🙏🌹♥️🌷🌺🌸🕉️🕉️🕉️📿📿📿हरिॐ जी आप सभी को आनन्दमयी शुभ प्रभात के साथ बहुत सी शुभकामनायें!!! 📿📿📿🕉️🕉️🕉️🌸🌺♥️🌹🌷🙏🙏🙏