Padam puran ke patal khand mey bhee Bhatt brahmano ke bare me ullekh milta hai .apko bahut bahut danyabad
@vimalbhatt2828Ай бұрын
Padam puran ke patal khand mey bhee Bhatt brahmano ke bare me ullekh milta hai .apko bahut bahut danyabad
@vimalbhatt2828Ай бұрын
Bahut sundar gayan diya apne.❤ Prnam
@arjunk-v3uАй бұрын
यादव अहीर ग्वाला गोप घोष ठाकुर रेड्डी रेडियार राव राय आदि सब यादव ही हैं फिर किस बात की विबेचना।
@shriramyadav7920Ай бұрын
चौपाई. जगन्नाथ श्री कृष्ण अपारा. बिश्वन सर्व कुटुंब तुम्हारा. ब्रम्हाा बिष्णु शिव पहचाना. कोई नही स्वयं भगवाना. कृष्ण शक्ति संचालित जाना. ब्रम्हाा बिष्णु शिव जो जाना. स्वयं कृष्ण प्रभु परम् प्रधाना. लोकन सर्व महा भगवाना. उपमा रहित कृष्ण भगवाना. जगन चराचर सर्व निधाना. दोहा. अविनासी सब बिधी जो. सब प्रकार आशीम. मात्र कृष्ण भगवान जो. अन्य जगन सासीम. आदरणीय जी आपको बार बार धन्यवाद. जय सर्वोच्च परम् परमेश्वर सर्वोच्च परम् ब्रम्ह श्री कृष्ण. 🌹🙏.
@MrRock-gy3fe2 ай бұрын
सनाढ्य समाज माता का अरुंधति है । ओर पिता का नेम बशिष्ठ है । 😢 बशिष्ठ कब पैदा हुई थी ? 😢 बशिष्ठ को कितनी साल मे मौत हुई थी ? 😢 बशिष्ठ का माता का नाम किया थी ? 😢 वशिष्ठ पत्नी का नाम किया था ? 😢 वशिष्ठ का ब्राह्मण कन्या थे ना दूसरा cast कन्या थे ?
@narendersharma45922 ай бұрын
Yeh Barun bhatt ho sakta hy Apna mob no send karo Aap say mujhay baat karni hi
@MrRock-gy3fe2 ай бұрын
@yadvendrasharma6743 Sir , सनाढ्य समाज को पूछो तुम्हारा cast का माता का नेम किया है ??? ऐसे पता हो जाएगा कितना ऊंचाई का _ _ _ _ _ ! पूछो पूछो पूछो पूछो पूछो _______________ ;
@MrRock-gy3fe2 ай бұрын
सनाढ्य समाज का बाप का नाम बशिष्ठ । ओर माता का नाम अरुंधति । हाँ या नहीं सब लोग message करो ।
@AbhishekYadav-h4y8u2 ай бұрын
Bahutsundar jayho
@girgashankar2 ай бұрын
Hare Krishna Hari bolo 🌺🌺🙏🙏
@girgashankar2 ай бұрын
Hare Krishna Hari bolo 🌸🪷🙏🙏
@bhagatram75222 ай бұрын
Barham Bhatt ke gotter ki sarnni mil sakti hai
@ajaymishra78382 ай бұрын
बहुत सुंदर. शास्त्री जी सादर प्रणाम. ब्रह्भट्ट ब्राह्मण के गौरवशाली उत्पत्ति और इतिहास को वर्तमान सामाजिक परिवेश के बीच लाना आवश्यक है।। जिससे ब्रह्म भट्ट ब्राह्मण कुल की नई पीढ़ी तथा जिन्हे अपने इतिहास की अज्ञानता हो। ओ दूर हो सके।। धन्यवाद।। अजय मिश्रा मेदनापुर. रुद्रपुर. देवरिया यूपी।।
@AadhyatmDeep2 ай бұрын
🙏 कोटिश:धन्यवाद 🚩🚩🚩
@Rahulking5103 ай бұрын
ग्वाल वाले लाइक करे
@rampratapyadav74513 ай бұрын
🙏The great यदुवंशी 🙏, please दूध घी ही खाएंगे,
@realityground.47147 күн бұрын
😂😂 जाट भी घी दूध खाते हैं।
@AmitYadav-qk3cv3 ай бұрын
Jay shree Krishna Jay yaduvanshi kashtriya Ahir
@PanditAnkitsharma9953 ай бұрын
❤❤❤ 🎉🎉🎉🎉
@Fashionadda013 ай бұрын
Radhey radhey
@horticulture-gardengyanfor45973 ай бұрын
यादव की भी अहीर नही कहलाए, Ahiro ने अपने को यादव लिखना 1910 से शुरू किया और झूठी दावा करते है की अहीर यादव है। जब असल यादव यदुवंशी राजपूत जादौन, जडेजा और भाटी है। ये जो भी प्रमाण दे उसका क्रॉस चेक करे और महीन शब्दो पर जरूर गौर करे। क्यों की अपने हिसाब से अर्थ निकालते है। तो कृपया सावधान रहे, ये गोपनीय शब्द में भी गोप खोज लेते है। यादव क्षत्रिय में आते है और आभीर शुद्र जो जिसका प्रमाण कई धर्म ग्रंथ में है। अहीरो ने स्वय कई किताबे लिखी है जिसमे यादव या यदुवंश के आगे पीछे अहीर शब्द को जोड़कर अपने को यादव साबित करने में लगे है। जब की कोई भी प्रमाणित पुस्तक जो महाभारत कालीन का है उसमे ये आभीर ही है और यादव से अलग है तो कृपया नकली यादव से सावधान रहे।
@horticulture-gardengyanfor45973 ай бұрын
यादव अहीर नही कहलाए, अहीर ने अपने को यादव कहना शुरू किया 1910 से अहीर से यादव बनना था अहीरो ने इसके लिए बड़े प्रयास किए अपने खुद लेखक बने और अपने को यादव स्थापित करने के लिए अहीर शब्द को यादव के आगे पीछे चिपकाना शुरू किया। और गूगल और विकिपीडिया पर खूब कहानियां परोसना शुरु किया। असली यदुवंशियों के इतिहास को अपना बनाना शुरू किया। असली यदुवंश आज के जादौन, जडेजा, और भाटियो का तो चुराते ही है, साथ ही चंद्रवंश में आने वाली समस्त क्षत्रिय का इतिहास भी चुराना शुरू किया। तो किसी भ्रम में नही रहे असली यदुवंश जो संख्या में बहुत ही कम है लेकिन श्री कृष्ण जी के वंशज है। तो ऐसे नकली यादव (अहिरो से सावधान रहे) ये कौन यादव थे जो आभीर (अहीर) को अपने क्षेत्र से बाहर निकलने में लगे थे। असल में वो राजपूत यादव थे जिनका इतिहास ये अहीर चुराते है। 1255 ई. में, हम पाते हैं कि आभीरों को एक अन्य यादव राजा, कान्हादेव द्वारा फिर से पराजित और कुचल दिया गया, जिन्हें द्वारवतीपुरा (द्वारवतीपुरा-वराधिश्वर) का स्वामी बताया गया है। राजा कान्हादेव को श्री खान्हादेव के रूप में वर्णित किया गया है, जो आभीरों के जंगल के लिए एक जंगली आग है। यह सबसे पहले यह दर्शाता है कि राजा कान्हादेव ने आभीरों को बाहर निकालने की पारंपरिक नीति जारी रखी और दूसरी बात यह कि आभीरों को खत्म करने या पूरी तरह से वश में करने की बात तो दूर, 1. जी.एच. खरे, दक्कन के मध्यकालीन इतिहास के स्रोत (मराठी में) खंड 1, पृ. 60, 64. हेमाद्रि ने उनका नाम लक्ष्मीधर बताया है। 2. ईपी. कार., तृतीय, पीटी. मैं, पी. 18; चतुर्थ, पं. द्वितीय, पृ. 20-21. 3. मिराशी, पुरूषोत्तमपुरी प्लेट्स ऑफ रामचन्द्र शक संवत् 1232; ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पीपी। 209, 220. 4. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 5. खरे, ओपसिट. पृ. 60. 6. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 7. इप. कार., VIII, एसबी. 136, पृ. 18;
@Fashionadda013 ай бұрын
Wah
@rajibsingh78504 ай бұрын
Jai mata di 🙏🙏🙏🙏
@AadhyatmDeep4 ай бұрын
🌺जय मां भवानी 🚩
@raghunathpd61374 ай бұрын
यह तो मनुवादियों द्वारा कपोलकल्पित गाथा सुना रहा है जैसे ए मनुवादियों का अंध भक्त हो।
@AadhyatmDeep3 ай бұрын
तुम जैसे मूर्ख जड़जीवों को ईश्वर से, इतिहास पुराण से क्या काम?
@AmitYadav-qk3cv3 ай бұрын
Tu apni dekh tu bhi to kalpnik hai
@realityground.47147 күн бұрын
😂😂 जब झूठ से काम बनता हो तो सच की क्या जरूरत है😂😂
@dhananjayvishwakarma2074 ай бұрын
Itane log hi
@AadhyatmDeep4 ай бұрын
सब आगे पीछे🥴 लटक भटक 🙂↔️कर चलने वाले माता के भक्त 🙏🚩🚩🚩🚩
@anujvagre234 ай бұрын
Yadav aheer nhii kehlaye balki aheer yadav ban gye
@mkmk52325 күн бұрын
Ahir yadav do hai hi nahi jaise misra Pandey tumhari budhi hi dubidha me hai dubidha man kiska hota hai achhi Tarah jante Hoge.
@Fashionadda014 ай бұрын
Jai shree Ram
@AadhyatmDeep4 ай бұрын
जय श्री राम 🙏🚩🚩🚩
@Krishnyaduvanshi4 ай бұрын
दीप जी आप बहोत अच्छा वीडियो बनाते हैं अभी सब्सक्राइब करते हैं।
@Krishnyaduvanshi4 ай бұрын
✍🏻वसुदेव जी+देवकी+रोहणी दो पुत्र बलराम व कृष्ण और एक पुत्री सुभद्रा। ✍🏻नंदबाबा+यशोदा की एक पुत्री योगमाया (माँ दुर्गा) है। ✍🏻वसुदेव जी के कुल गुरु महर्षि गर्गाचार्य जी थे। और ✍🏻 नंदबाबा के कुल गुरु शांडिल्य ऋषि थे ✍🏻नंदबाबा और वसुदेव जी एक ही गोत्र के वृष्णि वंशी यादव थे। नंदबाबा वसुदेव जी के चचेरे भाई थे। और चंद्रवंशी क्षत्रिय कुल से है। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप...... यदुवंशियों को दी गई उपाधि है। ✍🏻यदुनंदन हम आएंगे, मथुरा में मंदिर बनाएंगे⚔️🛕🚩 ✍🏻अहीर रेजिमेंट हक है हमारा(नारायणी सेना)⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️हिन्दू राष्ट्र⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️अखंड भारत⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️जय यादव जय माधव⚔️ 🛕🚩
@AadhyatmDeep4 ай бұрын
🇮🇳 मेरा भारत महान 🚩जय श्री कृष्ण
@horticulture-gardengyanfor45973 ай бұрын
यादव अहीर नही कहलाए, अहीर ने अपने को यादव कहना शुरू किया 1910 से अहीर से यादव बनना था अहीरो ने इसके लिए बड़े प्रयास किए अपने खुद लेखक बने और अपने को यादव स्थापित करने के लिए अहीर शब्द को यादव के आगे पीछे चिपकाना शुरू किया। और गूगल और विकिपीडिया पर खूब कहानियां परोसना शुरु किया। असली यदुवंशियों के इतिहास को अपना बनाना शुरू किया। असली यदुवंश आज के जादौन, जडेजा, और भाटियो का तो चुराते ही है, साथ ही चंद्रवंश में आने वाली समस्त क्षत्रिय का इतिहास भी चुराना शुरू किया। तो किसी भ्रम में नही रहे असली यदुवंश जो संख्या में बहुत ही कम है लेकिन श्री कृष्ण जी के वंशज है। तो ऐसे नकली यादव (अहिरो से सावधान रहे) ये कौन यादव थे जो आभीर (अहीर) को अपने क्षेत्र से बाहर निकलने में लगे थे। असल में वो राजपूत यादव थे जिनका इतिहास ये अहीर चुराते है। 1255 ई. में, हम पाते हैं कि आभीरों को एक अन्य यादव राजा, कान्हादेव द्वारा फिर से पराजित और कुचल दिया गया, जिन्हें द्वारवतीपुरा (द्वारवतीपुरा-वराधिश्वर) का स्वामी बताया गया है। राजा कान्हादेव को श्री खान्हादेव के रूप में वर्णित किया गया है, जो आभीरों के जंगल के लिए एक जंगली आग है। यह सबसे पहले यह दर्शाता है कि राजा कान्हादेव ने आभीरों को बाहर निकालने की पारंपरिक नीति जारी रखी और दूसरी बात यह कि आभीरों को खत्म करने या पूरी तरह से वश में करने की बात तो दूर, 1. जी.एच. खरे, दक्कन के मध्यकालीन इतिहास के स्रोत (मराठी में) खंड 1, पृ. 60, 64. हेमाद्रि ने उनका नाम लक्ष्मीधर बताया है। 2. ईपी. कार., तृतीय, पीटी. मैं, पी. 18; चतुर्थ, पं. द्वितीय, पृ. 20-21. 3. मिराशी, पुरूषोत्तमपुरी प्लेट्स ऑफ रामचन्द्र शक संवत् 1232; ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पीपी। 209, 220. 4. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 5. खरे, ओपसिट. पृ. 60. 6. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 7. इप. कार., VIII, एसबी. 136, पृ. 18;
@horticulture-gardengyanfor45973 ай бұрын
यादव अहीर नही कहलाए, अहीर ने अपने को यादव कहना शुरू किया 1910 से अहीर से यादव बनना था अहीरो ने इसके लिए बड़े प्रयास किए अपने खुद लेखक बने और अपने को यादव स्थापित करने के लिए अहीर शब्द को यादव के आगे पीछे चिपकाना शुरू किया। और गूगल और विकिपीडिया पर खूब कहानियां परोसना शुरु किया। असली यदुवंशियों के इतिहास को अपना बनाना शुरू किया। असली यदुवंश आज के जादौन, जडेजा, और भाटियो का तो चुराते ही है, साथ ही चंद्रवंश में आने वाली समस्त क्षत्रिय का इतिहास भी चुराना शुरू किया। तो किसी भ्रम में नही रहे असली यदुवंश जो संख्या में बहुत ही कम है लेकिन श्री कृष्ण जी के वंशज है। तो ऐसे नकली यादव (अहिरो से सावधान रहे) ये कौन यादव थे जो आभीर (अहीर) को अपने क्षेत्र से बाहर निकलने में लगे थे। असल में वो राजपूत यादव थे जिनका इतिहास ये अहीर चुराते है। 1255 ई. में, हम पाते हैं कि आभीरों को एक अन्य यादव राजा, कान्हादेव द्वारा फिर से पराजित और कुचल दिया गया, जिन्हें द्वारवतीपुरा (द्वारवतीपुरा-वराधिश्वर) का स्वामी बताया गया है। राजा कान्हादेव को श्री खान्हादेव के रूप में वर्णित किया गया है, जो आभीरों के जंगल के लिए एक जंगली आग है। यह सबसे पहले यह दर्शाता है कि राजा कान्हादेव ने आभीरों को बाहर निकालने की पारंपरिक नीति जारी रखी और दूसरी बात यह कि आभीरों को खत्म करने या पूरी तरह से वश में करने की बात तो दूर, 1. जी.एच. खरे, दक्कन के मध्यकालीन इतिहास के स्रोत (मराठी में) खंड 1, पृ. 60, 64. हेमाद्रि ने उनका नाम लक्ष्मीधर बताया है। 2. ईपी. कार., तृतीय, पीटी. मैं, पी. 18; चतुर्थ, पं. द्वितीय, पृ. 20-21. 3. मिराशी, पुरूषोत्तमपुरी प्लेट्स ऑफ रामचन्द्र शक संवत् 1232; ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पीपी। 209, 220. 4. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 5. खरे, ओपसिट. पृ. 60. 6. ईपी. इंडस्ट्रीज़, XXV, पी. 203. 7. इप. कार., VIII, एसबी. 136, पृ. 18;
@Krishnyaduvanshi4 ай бұрын
✍🏻वसुदेव जी+देवकी+रोहणी दो पुत्र बलराम व कृष्ण और एक पुत्री सुभद्रा। ✍🏻नंदबाबा+यशोदा की एक पुत्री योगमाया (माँ दुर्गा) है। ✍🏻वसुदेव जी के कुल गुरु महर्षि गर्गाचार्य जी थे। और ✍🏻 नंदबाबा के कुल गुरु शांडिल्य ऋषि थे ✍🏻नंदबाबा और वसुदेव जी एक ही गोत्र के वृष्णि वंशी यादव थे। नंदबाबा वसुदेव जी के चचेरे भाई थे। और चंद्रवंशी क्षत्रिय कुल से है। ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप...... यदुवंशियों को दी गई उपाधि है। ✍🏻यदुनंदन हम आएंगे, मथुरा में मंदिर बनाएंगे⚔️🛕🚩 ✍🏻अहीर रेजिमेंट हक है हमारा(नारायणी सेना)⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️हिन्दू राष्ट्र⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️अखंड भारत⚔️🛕🚩 🇮🇳🛕⚔️जय यादव जय माधव⚔️ 🛕🚩
@Krishnyaduvanshi4 ай бұрын
✍🏻दीप जी ये बात 100% सत्य है ✍🏻राजपूत कोई जाति नहीं है एक संगठन है इसमें कई वंश की जातियाँ शामिल हैं राजा के पुत्रों को राजपूत कहा गया। ✍🏻राजपूत शब्द सर्वप्रथम इतिहास में 6ठी शताब्दी ईसवी आया। उसके पहले राजपूत शब्द कही पर नहीं मिलता। राजपूतों ने 6की शताब्दी ईसवी से 12वी सदी के बीच इतिहास में प्रमुख स्थान मिला। ✍🏻राजपूत शब्द को लेकर विद्वानों के कयी मत है:- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी थे उसके अनुसार राजपूत कुषाण, शक, और हुण के वंशज थे। कुछ विद्वानों के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण है ✍🏻प्राचीन सनातन संस्कृति में वर्ण तीन बताया गया है 1. ब्राह्मण, 2. क्षत्रिय, 3. वैश्य। यह वर्ण व्यवस्था गुण व कर्म पर आधारित बताया गया है। और यज्ञोपवीत तीनों वर्णों का होता था। राजा और उसकी सेना क्षत्रिय वर्ण का बताया गया है और राजा की फैमिली को वैश्य वर्ण का बताया गया है राजा की फैमिली कृषि का कार्य व शिल्प का कार्य करते थे। ✍🏻चौथा वर्ण शुद्र बाद में जोडा गया। शुद्रो को पढने- लिखने व पूजा- पाठ नहीं करने दिया जाता था और इन्हें यज्ञोपवीत नहीं करने दिया जाता था। शुद्रो का शोषण तीनों वर्ण के लोग करते थे। जो कि यह गलत है ✍🏻ठाकुर, अहीर, सिंह, राव साहब, ग्वाला/गोप..... कोई जाति नहीं उपाधि है यह उपाधि पहले यदुवंशी(यादव) लगाते थे अब बहोत कम यदुवंशी है जो ठाकुर उपाधि लिखते हैं। और बाद में रघुवंशी व अन्य वंश के लोग भी ठाकुर उपाधि लिखने लगे। ये सब अभी भी ठाकुर उपाधि लिखते हैं।
@praveshempire88007 күн бұрын
Are bhai rajputo ki utpatti gurjaro se huyi hai ye videshi sak kushad hi hai bharat ka itihash inke anusaar hi likha gya ye videshiyo ke chamche rahe beti bihayi jabki kai desho ke anusaar ye videshi malechh hai..