Super bullu mastana ji very great kalakar apko❤❤❤❤❤ salute hai
@ShaniPaaswan-w5x11 күн бұрын
सुपर त्यागी जी पाखंड बाद प्रहार करने के लिए
@ChandreshkumarChandreshk-wd2es16 күн бұрын
Jai bhim jai sambidhan
@RajaSonkar-v8e18 күн бұрын
Please contact send me
@SantoshSingh-ub5kw21 күн бұрын
Bahut hee sundar nirgun geet minakhsi jee parti ki jay ho❤❤❤
@DhirendrRam-jv5mn21 күн бұрын
👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹❤️♥️
@VinodYadav-ij3zp24 күн бұрын
Good
@PrithviRajYadav-k3p24 күн бұрын
❤❤❤❤❤❤
@PradeepKumar-un3pxАй бұрын
Thank you very much
@ChandrashekharKumar-w5iАй бұрын
Very nice beautiful video aap ki badi beti ki friend hu me aanti
@ramtejnishad7460Ай бұрын
Bahut achcha Saroj Sargam Jay Bheem namo buddhay
@awadheshyadav5169Ай бұрын
Vah bhaiya
@shivdharshivdhar4958Ай бұрын
Jaybhim namobuddhay
@AmitKumar-gs2spАй бұрын
Jai bhim ❤
@rambhawanbhardwaj3794Ай бұрын
Very good
@yadavkuw4370Ай бұрын
बहुत सुन्दर
@Dhirajkumar-xj5wzАй бұрын
2 ya 4 chela banao bhaiya
@OmPrakash-cu8soАй бұрын
Bahut. Sundar. Nirgun
@IshlokYadav-y4iАй бұрын
Ishlok Yadav mathiya chaubepur Varanasi
@IshlokYadav-y4iАй бұрын
Ishlok Yadav mathiya chaubepur Varanasi
@AngadKumar-c1yАй бұрын
Jai bhim
@rajannprasadsarojАй бұрын
Verry nice saroj ji
@omprakashrajbhr3752 ай бұрын
bhut 🌹🌹🌹khub
@SurendraSingh-ey7qw2 ай бұрын
Jai bhim 🙏 Jai Samidhan 🙏 Jago bahujan Jago 🙏
@awadheshyadav42092 ай бұрын
Jai Ho mulnivasi scholar aap ka ye bat hamare educational bhai kab tak es manuwad ko chhonde ge pata nahi but ek din jarur aap jaise scholar sociaty ko samjhane me kamyab hoge but time lagega
@permchandram76232 ай бұрын
बहुत अच्छा लगा है औरतें सायद आप के माध्यम से समझ जाऐ
@dhannuyadav1642 ай бұрын
Bhut Sundar geet
@KamleshKumar-mi2eb2 ай бұрын
God divana jijay bhim
@VirendraPrasad-hc6ts2 ай бұрын
Very good
@ramkumar-k9w6w2 ай бұрын
SS 💓 ka gana lekhak Dara Singh ji
@Surajkumar-hk2iu2 ай бұрын
Jai bhim bhaiya ji ❤❤❤
@ramdhariyadav55402 ай бұрын
Jai.ho.❤❤
@ghirrauprasad20772 ай бұрын
Bahut sundar geet ❤❤ jai bhim
@shashikantyadav80793 ай бұрын
ज़बर्दस्त ❤🎉
@abulkaish-ny3kp3 ай бұрын
कायेदे का ऐक ठो गाओ
@sangamgaud1293 ай бұрын
Saroj tyagi ji aap se nivedan ki yesa biraha market me bhejiye jisase jiv hatya nahi ho aap prayas kijiye koi aadyatamik biraha bhejiye es gana ke liye bahut bahut sadhuvad
@DharmRajSahni-x9b3 ай бұрын
सानदार प्रस्तुति है साहनी रेडियो मऊ दुबारी वाले
@DharmRajSahni-x9b3 ай бұрын
धन्यवाद है चैनल वाले भाई को साहनी रेडियो मऊ दुबारी वाले दुकान स्थापित सन् 1980 प्रो धर्मराज साहनी यूपी
@RahulKumar-ig1mt3 ай бұрын
❤
@JaiPrakash-lx2mi3 ай бұрын
जय भीम.नमो बुद्धाय बहुत अच्छा प्रस्तुति रहा.
@ramlalrajbhar88113 ай бұрын
Super ❤❤❤
@ramlalrajbhar88113 ай бұрын
Bahut Sundar birha gayak❤❤❤
@ramashankarrai38833 ай бұрын
पंडित जी सुबह-सुबह अपने घर के आंगन में स्नान कर रहे थे। तभी उनका किशोर बेटा आया और उनके नहाने से बह रहे पानी से एक लोटा जल भरकर उनके सिर पर वापस डाल दिया ! पंडित जी गुस्से से चिल्लाए- क्या कर रहा है बेवकूफ, ये गंदा पानी मेरे ऊपर क्यों डाल रहा है ? बेटे ने आध्यात्मिक शांति के साथ जबाब दिया- आपको खुश करने की कोशिश कर रहा हूँ पिताजी ! आप पानी की गंदगी नहीं बस मेरी भावनाओं को देखिए ! पंडित जी जोर से चीखे- मेरे नहाने से निकला गंदा पानी वापस मेरे ऊपर डाल रहा है और बोल रहा है कि खुश कर रहा हूँ। इससे मैं क्यों खुश होऊंगा मूर्ख ? बेटा उसी आध्यात्मिक सहजता से बोला- तो शिव की जटाओं से होकर निकली गंगा का जल वापस शिवजी के ऊपर डलवाने से भोलेनाथ क्यों खुश होंगे पिताजी ? आपकी कथाओं के अनुसार साफ-सुथरी और निर्मल गंगा तो अनवरत उनके सिर पर गिर रही है, तो फिर उनके नीचे से उठाकर गंदा जल वापस काहे उनके ऊपर डलवाते हैं ? ऐसा करने से शिव काहे खुश होंगे और अगर शिव खुश होंगे तो आप खुश काहे नहीं हो रहे ? पंडित जी- अरे बेवकूफ ! कथा कहानियां तो मूर्ख और अंधविश्वासी लोगों को धार्मिक आस्था से बांधे रखने अपने पास बुलाने का निमित्त मात्र हैं। किसी भी बहाने से वो लोग हमारी दुकान पर आएंगे, धार्मिक कर्मकांड करवायेंगे, तभी तो हमारा धंधा चलेगा और उससे कमाई होगी। अपना खानदानी बिजनेस नहीं समझता गधा कहीं का ? पंडित जी के गुस्से में अब समझाने वाले भाव थे। बेटे ने फिर सवाल किया- जब वो हमारे ग्राहक हैं तो उन्हें पैदल और तकलीफ़ उठाकर दुकान (मंदिर) पर आने को काहे कहते हो ? आराम से आएंगे तो भी तो हमारा बिजनेस चलेगा। पंडित जी ने उत्तर दिया- इसकी दो वजह हैं मूर्ख ! पहली वजह यह है कि पैदल चलकर आने से उनके पैसे ट्रैवलिंग में खर्च नहीं होते हैं और वो पैसे हमारे काम आते हैं। इससे गरीब आदमी भी जेब में कुछ न कुछ लेकर ही आता है। दूसरी वजह ये है कि इन लोगों का तकलीफ़ सहना ही तो धर्म के प्रति इनकी आस्था बढ़ाता है। तू ये बात अभी नहीं समझेगा। तू अभी धर्म शास्त्रों का अध्ययन कर फिर तुझे समझ आयेगा। पंडित जी के बेटे को अब कुछ-कुछ समझ आने लगा है ! लेकिन... इन मूर्ख कांवड़ियों, अंधविश्वासी भक्तों और मानसिक गुलामों को कब समझ आएगी ? लगी दुकाने धरम की,शुद्र करै जय जय कार ब्राह्मण ,बनिया हो रहे दिनों दिन मालामाल।। कांवड़ ढोने वालो का दुख भरा संसार एड़ी ही घिसते रहे ,कबहु ना पावे पार। कांवड़ धारी खूब कर भांग नशे का सेवन शिक्षा नौकरी दूर रहे अंधकार मय जीवन। कांवड़ ढोए स्वर्ग मिले ब्राह्मण क्यों ना जाए बहुजन को ही भेज कर उल्लू खूब बनाएं।