वेद-वेदांत की (उपनिषद समावेशित) कुछ बात : शंकराचार्य व वेद-वेदांतिकों की कुछ तथता* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ > अहं ब्रह्मास्मि का गुबार लिए भज गोविंदं मूढमते पर आ गये, भक्त बन गये या भक्ति-मुक्ति की बतियायी करने लगे, और अपनी मूढता खुद ही बता गये; सो वेद वेदांती शंकराचार्य व तथा भक्तों की वास्तविकता है यह जानें। दुसरे शब्दों में, अनित्य धरमी कालात्म अहंपिंड में काल दुख अवधूनन के साथ मीठा मरणा या निरवाण पथ समझने के बजाय, ये वेद-वेदांती विचार क्षेपित अहं ब्रह्मास्मि के कल्पना रमण में उलझ गये। > सर्व ब्रह्म या अन्न ब्रह्म है कहते हुए कब टट्टी ब्रह्म है कह गये इन्हें पता ही नहीं चला। > स्त्रियों एवं आम जनों के प्रति हीनभाव का मैल इनके मन में भरा हुआ है, जिसकी इन्हें कोई परवाह नहीं, उल्टे गर्व है। > नाम-रूप या विचार-तृष्णा या काल-भव सत, बोधि या शुन्यता या कालातीत सत, व निरवाणिक या परम सत, इन मूलतः अलग जीवन स्तरों की समझ के साथ नाम-रूप घट-पिंड में बोधि जागरण व काल दुख अंत गामिता का कोई अता-पता नहीं; अर विचार के बल आत्मा परमात्मा ईश्वर अल्लाह के नाम पर मनमुखी अहंतोषी कल्पना रमण यह जीवन दरसण नहीं है, तत्त ग्यान (तत्वज्ञान) नहीं है। > वैदिक वर्णाश्रमी धरमनाम परंपरा यह प्रत्यक्ष रूप से लोक-परलोक आस कालांध धरमनाम धंधा परंपरा है, इसे वैदिक-धंधा कहे सम्यक है, सनातन नहीं। सनातन शब्द चारों वेदों को पता भी नहीं है। सनंतन सनातन यह शब्द बुद्ध का काॅइन व व्याख्यायित किया हुआ है। बुद्ध गोरख जिद्दू जैसे महासिद्ध सनातन धम की बात सम्यकता से करते हैं। > आगे यह भी समझे कि, वेदांत की बातें थोड़े में कहनेवाला अष्टावक्र नाम का व्यक्ति कभी प्रत्यक्ष था यह doubtful है, और शरीर से अपाहिज (crippled) था या नहीं यह अलग बात है। आगे, अष्टावक्र शरीर से अपाहिज था तो भी ऐसी बूरी बात नहीं। अष्टावक्र मन से अपाहिज था, जो मानसिक विकृति है। या जिसने भी अष्टावक्र यह पात्र पैदा किया व उसके मुंह में मिनी वेदांत कही जाने वाली अष्टावक्र गीता लिखी, वह मन से अपाहिज था, crippled था। राजा जनक एक सिद्ध पुरुष थे ऐसा कहा जाता है। यह मनमुखी अष्टावक्र उसी की इमेज को प्रदुषित करने व वेद-वेदांतिक अहं ब्रह्मा की अहंतोषी बातें चलाने की तिकड़म है। > अष्टावक्र गीता में अपनी नित्य अमर आत्मा की मान्यता को देखते हुए जैन परंपरा वाले उसे चाव से चबाते दिखाई दे आश्चर्य नहीं। यह खूब समझे कि अहं के लिए कुदरतन, भले अहं किसी भी रूप में हो, भव ही संभव है, निरवाण या मोक्ष मुक्ति नहीं। निरवाणिक सत या परम सत वस्तुतः द्वैत, अद्वैत व शुन्यता के भी परे हैं, और उसके बारे में कोई भी बात मनमुखी या बतियाई से ज्यादा नहीं होती। नीचे की गोरख सबदी इन अष्टावक्र व वेद-वेदांतियों असलियत थोड़े शब्दों में सटीकता से बयान करती है - Gorakh Sabadi 310 ~~~~~~~~~~~~~~ सबद ही में कहे ब्रह्म, मनसा नहि साधै, ते जोगी मन मनसा कदे नहि बांधै | भणत गोरषनाथ मछंद्र का पूता, ये नये ग्यानी भगत घणे बिगूता ||३१०|| They prate about Brahma in words, but don’t learn about desire, those yogis can’t contain their mind and desires. Gorakhnath, son of Macchindra, says, these strange scholars and bhaktas are much fouled. (310) * गोरख सबदी 313 ~~~~~~~~~~ जोग अवरण जोग अभेदं, जोग अषंडित जोग अछेदं | जोग जति सति जोग दया, येहा ग्यान जति गोरष कह्या ||३१३|| joga avaraṇa joga abhedã, joga akhaṇḍita joga achedã, joga jati sati joga dayā, yehā gyāna jati gorakha kahyā. Yoga is not varna, yoga is not divided, yoga is wholeness, yoga is flawless, yoga is meditation, virtue, yoga is compassion, this is wisdom, says Jati Gorakh. (313) यह सबदी गोरखनाथ के शब्दों में योग का सार कथन है। योग वर्णाश्रम नहीं है; हठयोग, राजयोग शैव, वैष्णव, वैदिक, हिंदू, मुस्लिम, इसाई आदि विचार विभाजन नहीं है योग; योग मन की समग्रता है, सो योग परिशुद्ध है, जो विचार का इस्तेमाल कर सकती है परंतु विचार अपने आप में समग्रता नहीं; योग का ग्यान जत सत सूं दया-करुणा है! This Sabadi sums up the essence of yoga in Gorakhnath's words. Yoga is not varnāshram; yoga is not divided into Haṭha Yoga, Rāja Yoga, Shaiv, Vaishnav, Vaidik, Hindu, Muslim, Christian and so on; yoga is wholeness of the mind, which can make use of thinking but not vice versa, and so yoga is flawless; the wisdom of yoga is compassion arising from meditation and virtue!
@VinodSharma-hc7sq10 күн бұрын
छान्दोग्य उपनिषद् छान्दोग्या लिख कर विकृत करने की धृष्टता मत करो।
@Arunachala_Ramana10 күн бұрын
DCHANYAVAD SUGGESTION KE LIYE
@Arunachala_Ramana10 күн бұрын
CORRECTED
@RajaNarayanan.YouTube16 күн бұрын
Om Namo Bhagavate Shri Ramanaya! 🕉🕉🕉
@balini141019 күн бұрын
Jñāna Parm Dhyeya bantu mengrtikannya,,,
@malleshm320719 күн бұрын
🙏🙏💐💐🙏
@JJMA5220 күн бұрын
wow great video again! wonderful talk. Can anyone meet Sir Shri V Ganeshan ?
@Arunachala_Ramana19 күн бұрын
Yes, definitely
@JJMA5220 күн бұрын
Har Har Mahadev! Thank you for this clip Uncle, hope to one day visit this sacred place and also Ramanasrama... hope you also get a chance to visit Prasanti Nilayam Putraparthi. Jai Sai Ram !
@Arunachala_Ramana17 күн бұрын
I am at present in Puttaparthi and from Here only I went to visit Tirichirappalli and Ramanasram at Tiruvannamalai.
@JJMA5217 күн бұрын
@@Arunachala_Ramanawonderful. Sounds like you are on a blessed divine journey. Jai Sai ram!
@9477379330881720 күн бұрын
Om arunachalam namo
@PhoolChhikara-lt1yw20 күн бұрын
महर्षि रमण एक उच्चतम कोटि के सिद्ध संत थे और उनकी प्रेरणा आज भी हैं, जो प्रकृति के कण कण में ईश्वर को देखते थे, जगत जननी माता से साक्षात्कार रहते थे,
@5659023 күн бұрын
Glory to my anandamayi ma ❤️ 🇮🇳
@Deminan.Ай бұрын
Thank you 🙏
@phoolsingh9792Ай бұрын
Jai shree Ram Jai shree Ram Jai shree Ram Jai shree Ram Jai
@phoolsingh9792Ай бұрын
Jai shree Ram Jai shree Ram Jai shree Ram Jai shree Ram apka bahut 2 Dhanyawaad mere bramrandra me aur aagya chakra me dabab bahut hota hai app bataye kya kare
@abbeythadsan4901Ай бұрын
🕉🕉🕉🕉HARIH🕉🕉🕉🕉TAT SAT🕉🕉🕉🕉RĀDHE RĀDHE🕉🕉🕉🕉RĀMĀYA NAMAH🕉🕉🕉🕉SRĪ RĀM JAI RĀM JAI JAI RĀM🕉🕉🕉🕉LAMBODHARĀYA ZINDĀBĀD💘💘💘💘💋💋💋💋😍😍😍😍🌹🌹🌹🌹😘😘😘😘❤❤❤❤🧡🧡🧡🧡🍀🍀🍀🍀💎💎💎💎🍑🍑🍑🍑💋💋💋💋🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🥇🥇🥇🥇🏆🏆🏆🏆🥇🥇🥇🥇💖💖💖💖🎉🎉🎉🎉🎂🎂🎂🎂🌹🌹🌹🌹🎂🎂🎂🎂💋💋💋💋❤❤❤❤💋💋💋💋🎂🎂🎂🎂🍑🍑🍑🍑💋💋💋💋🧡🧡🧡🧡💎💎💎💎🍀🍀🍀🍀🕉🕉🕉🕉KRĪM KĀLIKĀYAI NAMAH🕉🕉🕉🕉HRĪM SRĪ GURUBHYO NAMAH🕉🕉🕉🕉SRĪ RĀMAKRISHNA JAYAM ZINDĀBĀD🕉🕉🕉🕉NAMO BHAGAVATE RUDRĀYA NAMAH🕉🕉🕉🕉LAMBODHARA PRASAVE NAMAH🕉🕉🕉🕉JAI SRĪ ĀDI SHANKARA SHARANAM ZINDĀBĀD🕉🕉🕉🕉
@pushpanaidoo557Ай бұрын
Om sai ram
@manikantmishra7604Ай бұрын
Ye book ka naam kya hai sir?
@Arunachala_RamanaАй бұрын
Brahadarnayaka Upanishad, Chhanndogaya upaninshad
@shubhavaishya2377Ай бұрын
Bahut achhi jankari mili Dhanyawad ji
@FreshlyWILDАй бұрын
English or Spanish?
@micromacro1939Ай бұрын
🙏❤
@RAJENDRATAK-le9keАй бұрын
अध्याय 217 - वसिष्ठ का भगवान शिव के प्रति स्तोत्र अग्निदेव ने कहा : 1. गायत्री से लिंग रूपी भगवान शिव को प्रसन्न करने के बाद वशिष्ठ को योग की प्राप्ति हुई । इसके अलावा उन्हें भगवान शंकर (शिव) से उच्च ब्रह्म और मोक्ष की प्राप्ति हुई। 2. स्वर्ण लिंग तथा शास्त्र रूपी लिंग को नमस्कार है। सर्वोच्च लिंग तथा आकाश रूपी लिंग को नमस्कार है। 3. सहस्र लिंगों तथा अग्नि रूपी लिंग को नमस्कार है। पुराणों तथा शास्त्रों के स्वरूपों के लिंग को नमस्कार है। 4. पाताल लोक और ब्रह्म रूपी लिंग को नमस्कार । रहस्यमय लिंग और सात महाद्वीपों के ऊपर स्थित लिंग को नमस्कार। 5. समस्त प्राणियों की आत्मा रूपी लिंग को तथा समस्त लोगों के अंग रूपी लिंग को नमस्कार है। अव्यक्त लिंग तथा बुद्धि रूपी लिंग को नमस्कार है। 6. अहंकार को दर्शाने वाले लिंग और प्राणियों को दर्शाने वाले लिंग को नमस्कार है। इन्द्रियों और सूक्ष्म तत्त्वों के रूप लिंग को नमस्कार है। 7. सर्वोच्च आत्मा और भावनाओं को दर्शाने वाले लिंग को नमस्कार। रजस (सिद्धांत) से ऊपर और सत्व (सिद्धांत) के लिंग को नमस्कार । 8. बनने के स्वरूप तथा तीन गुणों के स्वरूप वाले लिंग को नमस्कार है। भविष्य को दर्शाने वाले तथा तेजस्वरूप लिंग को नमस्कार है। 9. वायु से परे तथा शास्त्रों के स्वरूप वाले लिंग को नमस्कार है। अथर्व ( वेद ) तथा साम (वेद ) के (स्तोत्रों) रूपी लिंग को नमस्कार है। 10. यज्ञ के अंग तथा यज्ञ के स्वरूप लिंग को नमस्कार है। तत्त्वों के स्वरूप लिंग को तथा भगवान के सखा के स्वरूप लिंग को नमस्कार है। 11. आप मुझे उत्तम योग प्रदान करें । मेरे समान पुत्र उत्पन्न करें। हे प्रभु! मैं अविनाशी ब्रह्म को प्राप्त करूँ । हे प्रभु, आप मुझे शांति प्रदान करें। संतान में कभी कोई बाधा न आए और धर्म में उनकी रुचि बनी रहे। अग्निदेव ने कहा : 12. एक बार श्रीपर्वत पर वसिष्ठ द्वारा इस प्रकार प्रसन्न किये जाने पर शम्भू ( शिव ) ने वसिष्ठ को वरदान दिया और वहीं अन्तर्धान हो गये।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔
@HelenBrown-s1jАй бұрын
Brown Margaret Clark Jessica Johnson Sarah
@SitaFarley2 ай бұрын
🙏🏽
@dr.delorenzo2 ай бұрын
I love this sound
@ReenaJoshi-br6ex2 ай бұрын
🙏🪔🪷🙏🪷
@bheemireddyArunareddyReddys2 ай бұрын
🌹🌺🌷🪷💐🙏🙏🙏🙏🙏💐🪷🌷🌺🌹
@nagallamohan13552 ай бұрын
సద్గురు అన్నామలై స్వామి వారి సంభాషణలు పుస్తకం శ్రీ రమణ మహర్షి వారి ఆశ్రమం లో తీసుకొని చదివాను వీరు తిరువణ్ణామలై వచ్చిన మొదట్లో భగవాన్ శ్రీ రమణ మహర్షి వారి వద్ద ఉన్నారు కొంత కాలం పాటు ఉండి తరువాత రామానాశ్రమం దగ్గర స్వంత కుటీరం ఏర్పాటు చేసుకున్నారు
@harakeresuryanarayan42622 ай бұрын
Very peaceful ❤
@Vishnu-p1v5e2 ай бұрын
Wonderful words for spiritual upliftment. To achieve this, one must detach oneself from material desires. The power of Maya is powerful. Meditate daily and you will be freed from the illusion of Maya. Om namah shivaya bless and guide you.
@kalebsherabtenzin3343 ай бұрын
Thank you
@karanrajkumar88413 ай бұрын
ಆಚಾರ್ಯ ಪ್ರಶಾಂತ್ ಶಿಷ್ಯ ನಾನು
@gajerajitha83133 ай бұрын
🎉yes😊❤
@magneticpowers3 ай бұрын
Plz upload in hindi
@magneticpowers3 ай бұрын
That was I'm looking for
@AspirantsOnline-tx9zr3 ай бұрын
@Arunachala_Ramana Hello Sir You describe the upanishad very well. I am very lucky for your KZbin channel 😊🙏
@MahipalKushwaha-g1q3 ай бұрын
बहुत अच्छी बात है
@catherinespaczynski12884 ай бұрын
Was seeking shelter under roof
@VenuGopal-bn2qy4 ай бұрын
OM Namo Bhagavate Sri Ramanaaya 🌹🙏
@saiarulkumar4 ай бұрын
❤❤❤❤❤❤❤ Jai Gurudev.🙏
@lazerlloyd14 ай бұрын
Grand nephew not grandson
@FreshlyWILD5 ай бұрын
✨✨❤️🙏🏼❤️✨✨
@rachaellee26295 ай бұрын
Im drawn to this topic, thank you for putting this together.
@megatoncellular5 ай бұрын
Just like we breath oxygen only from trees Sun waves are electromagnetic and it is plasma like Mana spiritual food via God to us and Earth.....photosynthesis ..chlorphile Mothers food abundant Energy flows is a constant as Mother Earth heals herself our bodies can do the same We dont dissect it we simple move into being who we truly are ❤
@magneticpowers5 ай бұрын
Greate...! i hv my own research on how our thaughts wrki and manifest things in our lie...i dont know you people..bt my electric waves attract this video this book on my feed. Greate book about Law of Attraction...!!
@richardcarter91075 ай бұрын
Thank you for sharing this important information. 🙏
@pittyj3695 ай бұрын
Could you please share the link to the book 🙏 thanks!