आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम् ।
धर्मो हि तेषामधिको विशेषः धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः ॥
आहार, निद्रा, भय और मैथुन ये तो इन्सान और पशु में समान है । इन्सान में विशेष केवल धर्म है, अर्थात् बिना धर्म के लोग पशुतुल्य है।
"""बिना धर्म के सुख मिलता नही इस लिए तू धर्मपारायण बन""
🌹भक्ति साधना से ही परमात्मा की कृपा सम्भव 🌹
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मैं आचार्य प्रकाश चन्द्र जोशी
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आचार्य प्रकाश चन्द्र जोशी
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