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Spirituality matters # अध्यात्म की ओर
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10:25
अहम् ब्रह्मास्मि! /मैं ही ब्रह्म हूं, इसका बोध हो जाना ही मुक्ति है/गीताज्ञान/अध्याय-7
2 сағат бұрын
9:59
अभक्त भगवान को भी सामान्य पुरूष समझकर व्यवहार करते हैं/ कृष्णभावनामृत में डूबे जन भगवान के साथ रहते?
4 сағат бұрын
16:11
भगवान एक हैं और देवतागण अनेक हैं/भगवान के भक्त भगवद्धाम जाते हैं, देवता की उपासना करने वाले देवलोक?
7 сағат бұрын
9:22
भगवान प्रत्येक जीव के ह्रदय में वास करते हैं और प्रेरणा देते रहते हैं/गीताज्ञान-अध्याय-7-भगवद्ज्ञान
9 сағат бұрын
14:28
कल्मष के कट जाने पर ही अभक्त,भक्त बनने की ओर अग्रसर होते हैं,अन्यथा वे माया में पड़कर सदा ही भ्रमित?
12 сағат бұрын
13:12
पुण्यात्मा को चार तरह से श्रेणीकृत किया है/भगवान और भक्त का प्रेम अद्भुत है/गीताज्ञान/भगवद्ज्ञान
14 сағат бұрын
22:51
दुष्ट जन की चार कोटियां बताई गयी हैं जो श्रीभगवान को नहीं मानतें, साधारण मनुष्य मानकर सदा भ्रमित?
16 сағат бұрын
10:34
प्रकृति के तीन गुण हैं-सतो,रजो,तमो/भगवान प्रकृति के अधीन नहीं है/भगवान त्रिगुणातीत हैं।
19 сағат бұрын
10:57
भगवान सर्वव्यापी हैं,अग्नि की ऊष्मा हैं, तपस्वियों का तप हैं, जल का स्वाद हैं ..आदि/गीताज्ञान/
21 сағат бұрын
18:48
भगवान की दो शक्तियां हैं:परा और अपरा शक्ति जिससे ब्रह्माण्ड की रचना हुई ,वही नियंता और सृष्टा है।
Күн бұрын
15:13
भक्त ही भगवान को पूर्ण रूप से जान पाते हैं,अभक्त तो उन्हें साधारण पुरूष होने के भ्रम में रह जाते हैं
Күн бұрын
17:37
कर्मयोग आरम्भ है, ज्ञानयोग बीच का मार्ग है और अन्ततःभक्तियोग परमगति को प्राप्त करने का साधन/ गीता
Күн бұрын
10:09
स्वामी हरिदास महाराज, चैतन्य महाप्रभु के परमप्रिय शिष्य तीन लाख बार हरे राम हरे कृष्ण का जप करते थे?
Күн бұрын
12:32
मुक्ति की इच्छा रखने वाले इहलोक और परलोक दोनो सिद्ध कर लेते हैं,कृष्णभावनामृत में डूबकर/गीताज्ञान
14 күн бұрын
14:35
माया अत्यन्त ही प्रबल है और उससे विजय पाने का सीधा उपाय है श्रीभगवान कृष्ण का चिन्तन/भक्तियोग/गीता#
14 күн бұрын
14:44
मन बड़ा हठी और चंचल है और इसे नियंत्रित करने का उपाय:- हरे कृष्ण कीर्तन है/गीताज्ञान-अध्याय-6
14 күн бұрын
14:52
भक्त के बिना भगवान अधूरे हैं और भगवान के बिना भक्त?/प्रेम की पराकाष्ठा है :-निरन्तर प्रियतम की याद।
14 күн бұрын
9:13
भगवान की दो शक्तियां हैं:-पराशक्ति और अपराशक्ति/आत्मसाक्षात्कार की स्थिति में समदर्शी दृष्टि मिलती?
14 күн бұрын
10:23
गोस्वामी किसे कहते हैं?/इन्द्रियसंयम के क्या लाभ हैं?/गीताज्ञान-अध्याय-6, श्लोक-24,25,26
14 күн бұрын
15:40
अविचलित मन,कृष्ण में डूबे रहने वाले कृष्णभावनाभावित जन ही सच्चे योगी हैं/पतंजलि योगपद्धति लाभकारी?
14 күн бұрын
16:56
मांसाहार तामसिक भोजन है?/अधिक खाना या अधिक सोना भी तामसिक वृत्ति है/ऐसा क्यों?/गीताज्ञान
21 күн бұрын
15:09
एक नारी सदा ब्रह्मचारी?/विषयभोगों में न पड़कर कृष्ण की सदा भक्ति ही कृष्णभावनामृत है/गीताज्ञान
21 күн бұрын
15:55
अहंकार को काटने के लिए सेवाभाव को उत्तम माना है/ कृष्णभावनामृत जन निरन्तर ध्यानमग्न क्यों रहते हैं?
21 күн бұрын
15:27
मन ही परम मित्र है और परम शत्रु भी?/ गीताज्ञान/अध्याय-6-ध्यानयोग',श्लोक-4,5,6
21 күн бұрын
12:11
ध्यानयोग,ज्ञानयोग,भक्ति योग/अष्टांगयोग से क्या लाभ हैं?,कृष्णभावनामृत जन को विशेष क्यों कहा गया है?
21 күн бұрын
18:21
ज्ञानयोग पथ है ,भक्तियोग प्राप्त करने का।/कृष्णभावनामृत जन विलक्षण क्यों माने गयें हैं?/गीताज्ञान
21 күн бұрын
14:20
कर्म ऐसे करने हैं जो सर्वकल्याणकारी हों/ विकारों में फंसना ही नरक जाना है/गीताज्ञान-अध्याय-5
21 күн бұрын
13:46
कामवासना को तुच्छ मानते हैं,कृष्णभावनाभावित जन ऐसा क्यों?परमसुख क्या है?/गीताज्ञान-अध्याय-5,
28 күн бұрын
14:12
समष्टि और व्यष्टि में क्या अन्तर है?कृष्णभावनाभावित जन ही परमधाम को जाते हैं/गीताज्ञान, अध्याय-5
28 күн бұрын
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