Background musiceffects distrubs , if sound of background in low , it will be better than ......
@waqasakhtar17249 ай бұрын
Keep it up bha
@SindhiTraveler9 ай бұрын
Thank you Ada
@Noormuhammad-gi7ct9 ай бұрын
❤❤❤
@Noormuhammad-gi7ct9 ай бұрын
❤❤❤
@alisahitovlog420610 ай бұрын
Very nice
@SindhiTraveler10 ай бұрын
So nice
@rhashmi741110 ай бұрын
Bhayya video achi aur informative hai bass camera ap aur achey se handle karein to aur achi ho sakti hai baki …goodluck👍
@SindhiTraveler10 ай бұрын
G brother I'm purchasing Go pro. Thanks for watching and plz like share
@waqasakhtar172410 ай бұрын
Bha subscribe thi wayo
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Thank you Bha
@faizankhan-go9is10 ай бұрын
Qatar Airline is Best
@alisahitovlog420610 ай бұрын
Very nice view
@alisahitovlog420610 ай бұрын
Great sharing
@faizankhan-go9is10 ай бұрын
Good Luck
@faizankhan-go9is10 ай бұрын
Nice video
@ghulamakbar710610 ай бұрын
Very good shoib sb
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Plz like share n subscribe
@ghulamakbar710610 ай бұрын
Please new video upload Karen
@ghulamakbar710610 ай бұрын
Istanbul Turkey series ki
@SindhiTraveler10 ай бұрын
next week @@ghulamakbar7106
@SanjaysinghNaharsingh Жыл бұрын
वि.स.808 के चैत्र शुक्ल नवमी मंगलवार के दिन मामड़जी चारण के घर पर भगवती श्री आवड़ माता ने अवतार लिया। एक अकाल के समय मामड़जी अपने कुटुम्बियों के साथ अपने पशुधन को लेकर सिंध चले गये। उस समय तक सिन्ध पर अरबी मुसलमानों का कब्जा हो चुका था। उन्होंने सिंध के हिन्दुओं को जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन के लिए बाध्य करके बड़े पैमाने पर उन्हें इस्लाम स्वीकार करने को विवश कर दिया था। मामड़जी का परिवार सिंध के प्राचीन नानणगढ (सुल्तानपुर), जो बहावलपुर के 20 कोस उत्तर में आया हुआ था, के पास हाक दरियाव (नदी) के किनारे अपनी झोपड़ी (नेस) बनाकर रह रहा था। भगवती श्री आवड़ माता की सातों बहिन शक्ति की अवतार थी। ये सातों ही बहिनें बहुत रूपवान थी। उस समय नानणगढ का शासक अदन सूमरा था उसने इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लिया था । लुचिया नाम के नाई ने आवा सातों बहिनों के रूप सौन्दर्य की प्रंशसा अदन सूमरा के शहजादे नूर के सामने की तो नूरन ने हठपूर्वक आवड़ादि बहिनों से विवाह करना चाहा तो मामड़जी चारण ने इस प्रस्ताव को निडरता पूर्वक ठुकरा दिया और कहा कि हम दोनों के धर्म व जाति अलग अलग हैं अतः हमारा तुम्हारे साथ सम्बन्ध कैसे हो सकता है? मुस्लिम शासक अदन सूमरा ने उनकी बातों को अनसुना करते हुए कहा कि यदि तुम खुशी खुशी अपनी लडकियों का विवाह शहजादे नूरन के साथ नहीं करते हो तो हम विवाह जोर जबरदस्ती कर लेगे।मामड़जी की बात बादशाह अदन सूमरा द्वारा नहीं मानने पर स्वयं भगवती श्री आवड़ माता शेराव भाटी के साथ अदन सूमरा को समझाने के लिए उनकी सभा में गये। लेकिन अदन सूमरा ने उनकी बातों को नहीं माना तो भगवती श्री आवड़ माता ने भयंकर अट्ठाहास कर कहा कि तुम्हारे बुरे दिन आ गये हैं, हमारे साथ अन्याय करने का मतलब तुम्हारे कुल का नाश हो जाएगा। वचन कहकर श्री आवड़ माता शेराव भाटी के साथ अपने स (झोपड़ी) में आ गये। आवड़ माता ने आदेश दिया कि आज शाम को हम अपने मांड़ प्रदेश को प्रस्थान करेंगे। श्री आवड़ माता के साथ आये हुए लोगों के मन में शंका हुई कि माड़ प्रदेश के जाने वाले रास्ते के बीच विशाल हाकरा दरियाव बहता हैं उसको कैसे पार किया जायेगा ? उधर बादशाह अदन सूमरा ने हाकरा दरियाव के नाविकों को बुलाकर मामड़जी चारण के कुटुम्बियों व उनके साथ आये हुए लोगों को दरियाव पार कराने की मनाही कर दी। साथ ही बादशाह ने उनको मांड़ प्रदेश भागने से रोकने हेतु हाकरा दरियाव पर कड़ा पहरा लगवा दिया। श्री आवड़ माता ने गढ के दीवान कुशलशाह व उनकी लड़की कणती सहित उनके साथ आये माड़ प्रदेशवासियों को हाकरा दरियाव के किनारे एकत्रित किया और दरियाव से निवेदन किया कि हम घोर विपदा में है, हमें जाने के लिए रास्ता दो हम अपने धर्म की रक्षा हेतु अपने प्रदेश जाना चाहते हैं लेकिन हठी दरियाव हाकरा प्रचण्ड वेग से बहता रहा। इस पर श्री आवड़ माता ने कहा कि हमारे रास्ते में आगे रेगिस्तान (थार) है जहां हमें पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। अतः सभी लोग अपने अपने मटकों व बर्तनों को पानी से भर दो। श्री आवड़ माता ने अपनी बहिनों से कहा कि पेट भरके पानी पी लो फिर यहाँ पानी नहीं मिलेगा। श्री आवड़ माता ने शेराव भाटी से तगड़िये भैंसे को काटकर भक्ष्य देने के लिए कहा। भाटी शेराव ने अपनी तलवार के प्रहार से भैंसे को काटकर भगवती श्री आवड़ माता को भक्ष्य दिया। श्री आवड़ माता ने भयंकर अट्ठाहास कर भैंसे का खून पीकर एक चल्लू पानी भरा तो नदी का जल स्तर कम होने लगा, इस प्रकार सातों ही बहिनों ने अपना चल्लू भरकर पानी को पिया तो हाकरा दरियाव में एक बूँद भी पानी नहीं रहा। इस चमत्कार के कारण भगवती श्री आवड़ माता का नाम पीनोतणी माता या महोदरी माता (विशाल पेट वाली) पड़ गया। हाकरा दरियाव का शोषण करके भगवती श्री आवड़ माता ने सभी सहयात्रियों को आश्चर्यचकित कर दिया। आज भी इस क्षेत्र में समुद्री जीव, सीप, शंख इत्यादि अवशेष के रूप में देखे जा सकते हैं। भगवती श्री आवड़ माता द्वारा हाकरा दरियाव का शोषण करने का उल्लेख तवारीख जैसलमेर (लखमीचंद) के पृ.सं. 225-26, भगवती श्री आवड़ जी महाराज (ठा मूलसिंह भाटी) के पृ.सं. 24-25, श्री तनोट माता (डॉ अशोक गाड़ी) के पृ.सं. 30. रिपोर्ट मरदुमशुमारी राजमारवाड़ 1891 ई. ( रायबहादुर मुंशी हरदयाल सिंह) पृ.सं. 348 व गजनी से जैसलमेर ( हरिसिंह भाटी) के पृ.सं. 161-62 में आदि कई ग्रंथों में हुआ है। इस घटना का अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख जेम्स टॉड कृत Annals and Aniquities of Rajasthan Vol 2(Edited Willam crooke) page no 1166, गौरी शंकर हीराचंद ओझा( बीकानेर राज्य का इतिहास 1) पृ.सं. 6 तथा सिंध की तवारीख में भी हुआ है।
@SanjaysinghNaharsingh Жыл бұрын
इसका तवारिख मे नाम सिंहसर ,सिंहरावनगर , हसार इलाका कहा जाता हे
@SanjaysinghNaharsingh Жыл бұрын
रोहडी से पांच कौस (16 किलोमीटर) पर सिंहराव भाटी ने नगर और किला बसाया था सन 1020 के आसपास इसका इतिहास तवारिख ए जेसलमेर मे पुरा मिल जाएगा
@SanjaysinghNaharsingh Жыл бұрын
भाटियो की कुलदेवी आवड माता इन्ही एक बहन स्वांगिया माता (आवड माता) के रुप मे पुजा जाता हे सात सतियो की पुजा जैसलमेर ,बिकानेर, बाड़मेर, जोधपुर मे की जाती हे
@InsaaniatDost Жыл бұрын
رک سٹیشن سے سکھر ڈائریکٹ لائن بحال کی جائے💥💥💥💥💥 براستہ باگڑجی ۔۔ ابھی گاڑی حبیب کوٹ جنکشن سے ہو کر جاتی ہے جس سے فاصلہ ڈبل ہو جاتا ہے۔۔۔ انشااللہ🎉🎉🎉🎉🎉
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Absolutely true brother but law & order situation is very bad these days
@bright_faces6573 Жыл бұрын
Meray Aap nay is Qatal ki waja nahiN batai k kis nay kiya ye Qatal aour w kiya???? Waja kiya thi....?
@mjprithiani4887 Жыл бұрын
Bhai pahle sant ke baare me padh leta sai Jan kaa naam sai bhagat kanwar ram hai Aur ada tuja lakh thorat 🙏🏻
@ganeshnagpal19122 жыл бұрын
SACHO SATRAM❤ SUHINO KANWARRAM❤
@beautifulworld69732 жыл бұрын
Uski price?
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Bro iski price aj k hisab se 95000
@beautifulworld69732 жыл бұрын
Have you drone?
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Yes I have
@listeningandlearningDD2 жыл бұрын
Nice vedio
@SindhiTraveler10 ай бұрын
Thanks and plz share my videos
@hanifch13102 жыл бұрын
Yahan se railway afghanistan ko jana tha.
@rajasthantravel2 жыл бұрын
مجھے ایک اور کہانی سنانی شروع کی جس کا تعلق ہاکڑہ سے تھا۔ یہ واقعہ بہت اہم ہے، یہ اس وقت کی بات ہے جب ہاکرہ کے کنارے میں پانی کی آمد کم ہونے لگی تھی جس کی وجہ سے آہستہ آہستہ ہریالی بھی کم ہوتی جارہی تھی۔ ایک دفعہ کا ذکر ہے کہ ایک دور دراز ملک میں ایک باپ کی سات بیٹیاں تھیں، تمام لڑکیاں کنواری تھیں، ساتوں لڑکیوں نے یہ عہد کیا تھا کہ وہ اپنی باقی زندگی کنواری رہ کر اپنے باپ کی پناہ میں، تپسیا کرتے ہوئے گزاریں گےقانون کا یہ دستور کہ ان سات لڑکیوں کی بغیر پوچھے بغیر کوئی رسم پوری کر کے منگنی کر دی گئی اور شادی کا دن مقرر کر دیا گیا اور لڑکیوں کو یہ بھی نہیں جانے دیا گیا کہ آپ کا رشتہ ازدواج سے منسلک ہو گیا ہے۔ جس دن ان ساتوں لڑکیوں کی شادی ہونے والی تھی، اس دن تک انہیں اس بات کا علم نہیں تھا کہ آج ان کی شادی ہونے والی ہےگھر میں کوئی تیاری نہیں کی گئی تھی، صرف دو چار افراد کو معلوم تھا کہ ایسا ہونے والا ہے، شادی والے دن سات لڑکیاں اپنی رہائش گاہ پر بیٹھی ہوئی تھیں، ایک لڑکی نے دیکھا کہ دور سے دھول اٹھ رہی ہے، گویا بہت سے لوگ ہیں۔ پیدل، گھوڑے اور اسباب پر آکر لڑکی نے ذکر کیا تو پہلی بار ساتوں بہنوں کو بتایا گیا کہ آج تم ساتوں لڑکیوں کی شادی ہونے والی ہے اور یہ تمہاری بارات ہے لڑکیوں نے آپس میں بحث کی کہ بارات کے پہنچنے سے پہلے اس جگہ کو چپکے سے چھوڑ دیا جائے، انہوں نے ایسا ہی کیا۔ لڑکیوں نے باپ کا گھر چھوڑ کر چپکے سے کسی نامعلوم جگہ کی راہ لی۔ بارات آئی تو کچھ دیر بعد معلوم ہوا کہ ساتوں لڑکیاں کسی نامعلوم مقام پر چلی گئی ہیں، چاروں طرف کہرام مچ گیا، اطلاع ملی کہ لڑکیوں کو یہ بھی نہیں بتایا گیا کہ تم شادی کرنے والی ہو، مڈل مین کو بلایا گیا، شروع ہولڑکیوں کو تلاش کرنے کا فیصلہ کیا گیا، بار یا بہرو (شخص، شخص، جانور وغیرہ کا پتہ لگانے میں ماہر، قدموں کے نشانات، راستے وغیرہ جاننے میں ماہر، جن کی خدمات سرچ آپریشن کے دوران لی گئیں، ایسے افراد بہت زیادہ ہیں۔ ہنر مندوں کے بارے میں کہا جاتا ہے کہ ہوا کا رخ دیکھ کر بھی اندازہ لگاتے تھے کہ جانور کا پتہ نہیں چلتا، انسان ہوا کے بہاؤ کے ساتھ آگے نامعلوم راستے پر سفر کرتا تھا، جانوروں کی تلاش دیکھ کر سینکڑوں وقت اسے ڈھونڈ لے گازندگی میں پہلی بار ساتوں لڑکیوں نے باپ کی چوکھٹ کو چھوڑ کر نامعلوم راستے کا راستہ اختیار کیا اور لاپتہ ہونے کی وجہ سے لڑکیوں کو گاؤں سے باہر جانے والی تمام سڑکوں پر بار میں بھیج دیا گیا۔ لڑکیاں جس راستے کی طرف مڑتی تھیں، جب وہ آگے جاتیں تو قہقہوں کا ایک تیر لگتا۔ لڑکیوں نے ہاتھ جوڑ کر اپنا تعارف کراتے ہوئے ہاکڑے سے راستہ دینے کی درخواست کی، لیکن ہاکڑے نے سات لڑکیوں کو پانی کا بہاؤ روک کر راستہ دینے سے انکار کر دیا۔ لڑکیوں اور حقدار کے درمیان جھگڑا شروع ہو گیا، دونوں نے ایک دوسرے کا اثر دکھانا شروع کر دیا، پھر بات لڑائی تک جا پہنچی، پھر لڑکیوں نے اپنی تپسیا سے دونوں ہتھیلیوں کا منتھن بناتے ہوئے حق کا پانی پی لیا۔ حقہ میں بہہ رہا تھا سارا پانی پی گیا اور لڑکیوں کی توبہ کے سامنے ہکڑے کو اپنے مقام کا علم ہوا، حقہ مردانہ روپ میں ہاتھ جوڑ کر نمودار ہوئی لیکن لڑکیوں نے حقہ کی بات نہ سنی۔ ہکڑے نے بہت منت کی کہ اس کا پانی واپس لے آؤ، لڑکیوں نے ہکڑے سے کہا اب تم جاؤ اور جب تمہارا کفارہ پورا ہو جائے گا تو تمہارا پانی واپس آئے گا اور اس وقت تمہارا نام گھگر ہو گا پیاری لال جی نے مجھے جو کہانی سنائی، وہ کہیں نہ کہیں سنی ہو گی، پلاٹ ان تاریخی واقعات کی طرف اشارہ کر رہا تھا جو ایک عرصے میں رونما ہوئیں۔ جب میں نے اس واقعہ کا ذکر شری بھنور سنگھ سامور سے کیا تو انہوں نے سندھ پردیش کے چرن کل میں ماں بھگوتی کے اوتار ہونے کے بارے میں بتایا کہ پاکستان میں ایک جگہ ہے جس کا نام نانن گڑھ تھا، اس وقت اس جگہ کا کیا نام ہے، یہ نہیں ہے۔ معلومات میں ..نانن گڑھ کے قریب ہاکڑہ کا دریا بہتا تھا۔ وکرم سموات 808 چترا شکلا کے دن منگل کو نانن گڑھ میں ممدوجی چرن کے گھر میں، ماں بھاگوتی نے شری اواد ماتا کے روپ میں جنم لیا اور سات بہنوں نے شکتی کی مختلف شکلوں میں جنم لیا اور چرن خاندان کو برکت ہوئی۔ اس وقت ہاکرہ بہت تیزی سے چلتی تھی، ہاکرہ کا پانی بہت وسیع تھا۔ آواد ماتا نے ماں بھگوتی کے روپ میں اپنے چٹھوں سے ہاکرا کا پانی پیا اور اسے بے آب و گیاہ بنا دیا۔
@vishanbadshah67932 жыл бұрын
Thanks for you
@rufatalekperov35542 жыл бұрын
red light destrect is in your sister's bedroom
@yashnara7832 жыл бұрын
Who killed him?
@rajakeswani71552 жыл бұрын
Pakistan aatankwadi factory jindagi bhar bukhar nanga bhikhari haga Pakistan Pakistan Khush to sharm karo
@lalchandramchandani62332 жыл бұрын
Thanks you are a very nice person,Allah aap ki har Murad puri kare
@lalchandramchandani62332 жыл бұрын
A big thank from India side Sindhi brothers for video on this historical place
@fareedlatif2223 жыл бұрын
People of upper sindh are very angels like people if not angels at all may Allah bless them all shikarpur also possess a distinction among other cities of the sindh
@neelamramnani45053 жыл бұрын
पहिंजे baranखे सिंधी बोलय सन प्रेम पैदा kayio कहीं एक घर में बचोंको सिंधी बोलते देखा है शायदशेड नहीं
@fs39893 жыл бұрын
Shaheed Kanwar Ram a pure soul a pure heart
@shamimulhasan32873 жыл бұрын
I endorse every word you said. We killed humanity with religious jingoism. Carnage sill goes on, Doesn’t seem to stop.
@dharmendraaarya258893 жыл бұрын
Bhai you have a nice thought. Like it
@niteshmakhija57053 жыл бұрын
Chalo internet ne mere dada ke city ko dikha diya . My dada comes in india from this city after partition . Proud to be indian sindhi
@sukruthapriya62723 жыл бұрын
What was your seat number ?
@SindhiTraveler3 жыл бұрын
Dont remember
@shyamsunder75413 жыл бұрын
Bahut khub
@SindhiTraveler3 жыл бұрын
plz share with ur friendz
@G.T.g3333 жыл бұрын
Thank you for recording and sharing this video full of knowledge and history... about my ancestors
@rafiuddin79993 жыл бұрын
Thank you very much for your informative video you are doing a good job.
@SindhiTraveler3 жыл бұрын
Plz share with ur friendz
@rafiuddin79993 жыл бұрын
A good effort nice video , but you missed large of famous places of shikarpur as such its incompete video. However your thanks for this video
@janmuhammadmahar74223 жыл бұрын
From Ruk ❤️
@wolf_miner43833 жыл бұрын
Ada
@wolf_miner43833 жыл бұрын
Ada Hira wali gaali ma mara gar hia ap sy malna hia
@pankajsen9713 жыл бұрын
Humare rajsthan me humare sindhi hindu bhaiyo ki panchayt hai uska naam shri Shikarpur panchayt hai ,mehnti samjdar karobari h ।
@atulkumar-pr4yo3 жыл бұрын
It was the capital of Rai Dynasty. Hindu ruler in Sindh. Succeeded by Raja Dahir