D7siefuufuffid hai na ki koshish hi kar rahe the aur wo kregi me he will give you a lot of you and your
@MunniPanday-b2b2 ай бұрын
A
@adgf1x2 ай бұрын
kamal=5×6=30 yr ans
@Education-e3c3 ай бұрын
Nice bhaiya
@sscmakerofficial77523 ай бұрын
Thank you 👍
@Education-e3c3 ай бұрын
4 का aaaaa होगा 20 वर्ष
@sscmakerofficial77523 ай бұрын
Good
@Education-e3c3 ай бұрын
Nice class bhaiya ji
@sscmakerofficial77523 ай бұрын
Thank you 👍
@sisodiya67894 ай бұрын
😅😅😅
@GoluShukla-bl5kt4 ай бұрын
Nice class sir
@sscmakerofficial77524 ай бұрын
Thankyou
@DeepikaKushwah-xc8id4 ай бұрын
Tq
@PremKishan-nx4jv4 ай бұрын
30
@AayanShirshwal4 ай бұрын
Sir G thankyou so much ❤❤❤❤
@sscmakerofficial77524 ай бұрын
🙏🙏
@AayanShirshwal4 ай бұрын
Sir G thankyou so much 😊😊
@sscmakerofficial77524 ай бұрын
🙏
@BeautyKumariKumari-dg4nj5 ай бұрын
48
@sscmakerofficial77524 ай бұрын
Good
@adgf1x5 ай бұрын
(22+4)/2=13 yr.
@PriyanjanRathour5 ай бұрын
Hii sir
@Ziddi__shayar__0005 ай бұрын
👌👌thanks bhai 😊😊😅
@ANANDACHARYA2385 ай бұрын
Nice
@sscmakerofficial77525 ай бұрын
Thanks.
@pooni3301Ай бұрын
8
@SKmath-rc1re6 ай бұрын
Wrong solution
@PushpendraKumar-gt5ze6 ай бұрын
11 reminder aayga
@RabindraPaswan-ri4vj7 ай бұрын
Trick me digey
@adgf1x8 ай бұрын
22 cow and 26 hen.
@RITIKKUMARSAH-v5q10 ай бұрын
Thanks sir
@Mrityunjay1411 Жыл бұрын
Ans 26 hoga
@maheshjamra635 Жыл бұрын
Tq sir
@damgararavi2 жыл бұрын
मधेपुरा से लेकर सिंहेश्वर् और शंकरपुर तक बड़े खाद्य माफिया के सहारे होती है यूरिया की कालाबाजारी...... बिहार के मधेपुरा में सबसे अधिक यूरिया डीएपी की सप्लाई होती है।लेकिन उसके बावजूद यहां के किसानों को खाद्य की किल्लत का सामना करना पड़ता है।जिसका प्रमुख कारण है इस क्षेत्र के बड़े खाद्य माफिया जिन्होंने मधेपुरा से लेकर सिंहेश्वर् तक के एरिया वाले क्षेत्रों में छोटे छोटे भेंडर बना रखे हैं जो बड़ा ही आसानी से भारत के किसानों के हिस्सा वाले यूरिया डीएपी को कहीं पहुँचा देते हैं ।बदले में इन्हें चार गुना अधिक कीमत मिल जाती है।आपको बता दे की विगत कुछ वर्षों से मधेपुरा के बड़े बड़े खाद्य माफिया नकली खाद्यों को असली रैपर में डाल कर भोले भाले किसानों को चुना लगा रहे हैं।जिसके कारण फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है साथ ही खेत में भी फसल उगाने की क्षमता कम होती जा रही हैं।इतनी बड़ी साजिश के पीछे की कहानी किया है यह तो समझ से बाहर की बात है।लेकिन समय रहते अगर इन माफियाओं पर कार्रवाई नही हुई तो कृषि पर निर्भर मधेपुरा बदहाली के कगार पर पहुंच जाएंगे ,किसान कृषि छोड़कर पलायन को मजबूर हो जाएंगे ।आम किसानों की समस्या को सुनकर भी समाधान नही हो करने वाले अधिकारी और जनप्रतिनीधि इतनी गंभीर विषय को जितना जल्दी हो समझ ले ताकि अन्नदाताओं की ज़िंदगी बिखड़ने से बच जाए!!!!!! प्रिंस कुमार प्रभाकर पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता