Пікірлер
@ramanijadav8148
@ramanijadav8148 Минут бұрын
Jinke khandan ne aapka narsahanr kiya hai ush gaddar ko sar pe bitha rahe ho bahut hi galat kar rahe ho
@harshapatel4563
@harshapatel4563 2 минут бұрын
PUJAY GURUDEV DHIRENDRA KRISHAN SHASTREEJI MAHARAJ KI SANATAN HINDU AKTA PADYATRA KI JAY HO 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩👌👌👌👌👌👌
@sonicraft4596
@sonicraft4596 7 минут бұрын
Use (कंडोम) गरीबों को 2028 तक मिलता रहेगा मुफ्त (कंडोम), मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला. got the solution.. ❤
@UpendraKumar-g9l
@UpendraKumar-g9l 8 минут бұрын
Jai guruji
@interestingvideo4663
@interestingvideo4663 9 минут бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏Rohit sir ji maharajganj district ke nagar palika siswa bazar me ek masjid hai unka bhi serve kar lijiye sabse galat yaha pe hota hai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@tapushbarman4553
@tapushbarman4553 10 минут бұрын
💙💚💞🙏🏼🙏🏼🙏🏼🚩🚩🚩
@mdasadali4887
@mdasadali4887 14 минут бұрын
لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ‎
@anupkumardas3104
@anupkumardas3104 14 минут бұрын
ऐसा झूट लड़का को बर्खास्त करे
@NayanKumar-yc5xj
@NayanKumar-yc5xj 15 минут бұрын
I have cleared this patience test.
@bhupedrasingh5690
@bhupedrasingh5690 16 минут бұрын
तो डॉक्टर तुम्हारे कंट्री गलत है 10 बार माफ होगी 10 बताया तो भेजो किसको पता चलेगा कि सही है कि गलततुम्हारे इक्विपमेंट कैसे पता चलेगा कि शुगर कम है कि ज्यादा 10 बार में बताया तुम्हारा सिस्टम इन क्लब है तो हम मशीन पर प्रॉब्लम में
@nihalgaming287
@nihalgaming287 16 минут бұрын
West Bengal ka durbhagya hai ki waha aisi cm hai
@raajrocks6055
@raajrocks6055 19 минут бұрын
Hme vishwas he maa ke us doli svrup pr or ye anchor kya he lg raha he
@raajrocks6055
@raajrocks6055 20 минут бұрын
Kyon mange mafhi chutiyapan pahucha chuke . Koi dhang se izat se bat kr raha he to hadd usko dba rahe he
@pradeepchaudhary-re6sm
@pradeepchaudhary-re6sm 20 минут бұрын
Murdon se Paisa Lene walon ki to dukaan band ho jayegi
@indrakumarkerumbanglimbuindral
@indrakumarkerumbanglimbuindral 21 минут бұрын
Durga Mata hai woo
@pradeepchaudhary-re6sm
@pradeepchaudhary-re6sm 21 минут бұрын
Baba logon Ko theek kar rahe tab bhi Tum logon ki jalan ho rahi hai thag doctar
@Sandeepsharma2i
@Sandeepsharma2i 23 минут бұрын
Jay Shri Ram ji
@ramkumarwaiba867
@ramkumarwaiba867 23 минут бұрын
🎉Angrej Aprabasiyo ko desh se nikaltey hi 😂🎉Ghor kalyug ki Antta hokar, Bisuki 8 Arab Manushya biz 🎉Shanti Sukun Aman chain ki Manavta Yugki Suruwat hoga😂🎉
@ShivVetti
@ShivVetti 25 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@anilsamratyadav9182
@anilsamratyadav9182 25 минут бұрын
समाजवादी पार्टी जिंदाबाद 🇧🇾🇧🇾🇧🇾🚴🏻‍♂️🚴🏻‍♂️🚴🏻‍♂️
@swarruprathod06
@swarruprathod06 26 минут бұрын
Approx 24,000 kms per hour not second.. 3:41
@narayan02684
@narayan02684 26 минут бұрын
Krodh toh aise achor pe aati hai. Bakchodi wali
@balaramgurung-i5j
@balaramgurung-i5j 27 минут бұрын
Dharmendrasing मोदि हि अमेरिका जाकर अमरिकी सिनेटरोके सामने we are most important defence partner कहते है । जब पिछले समय क्वाड संमेलन बाइडेनके घरमे हुवा तो मोदि कहता है मुझे रास्ट्रपती जो बाइडेन अपने घर लेगया कहके अपनेको महान बनानेका काम किया है ।
@ShivVetti
@ShivVetti 27 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@appapukale7784
@appapukale7784 28 минут бұрын
................. (?????????)................ ❤(?)..........
@armanff-o1u
@armanff-o1u 29 минут бұрын
😂😂😂😂😂
@ahmadarshad515
@ahmadarshad515 29 минут бұрын
Diversity is beauty of india... Witnessing from pak....❤
@ShivVetti
@ShivVetti 30 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@SalmanKhan-p2b2f
@SalmanKhan-p2b2f 30 минут бұрын
Amer Haq Ali bhai Do no neyEx muslm ka pichwad lal karth
@rajulahumkl2008
@rajulahumkl2008 32 минут бұрын
जय mashi
@raajrocks6055
@raajrocks6055 32 минут бұрын
Mentally disturb he dono
@zoyaa3033
@zoyaa3033 33 минут бұрын
Correct✅✅✅✔✔ roz roz nafrat se ek dosre se ladna galat hai. Sabhi ko jine ka huq hai islaam mein dabaao nahi😢😢😢😢😢😢😢
@ShivVetti
@ShivVetti 34 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 33 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@ShivVetti
@ShivVetti 35 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 34 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@ShivVetti
@ShivVetti 36 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 36 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@raajrocks6055
@raajrocks6055 38 минут бұрын
Ye delhi me kha rehte he jra aa jae itna pitnege ki sb smjh aa jaenge
@SushilKumar-u6k4o
@SushilKumar-u6k4o 38 минут бұрын
Botel wala baba mst laga muje to hariom maharaj thuss aa thuss chlo ab dard nhi ho rha h
@ShivVetti
@ShivVetti 38 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 38 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@Official_SandeepSabharwal
@Official_SandeepSabharwal 39 минут бұрын
Pata ni ye log n pagal wagal hogye h kya 🤦🏻🤦🏻 aree bhgwan ladrha h kya jo tum muhrakh akr yhn apna gisa pita gyan dene lagjate hoo
@SuredarPunia
@SuredarPunia 39 минут бұрын
Modi hai to sab mumkin hai Jay Hind Jay Bharat Jay DRDO 🇮🇳🕉️🙏💪♥️
@ShivVetti
@ShivVetti 39 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 39 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@rahmankhan6245
@rahmankhan6245 40 минут бұрын
very good news nation keep it up..This is not true islam and there is nothing like this in islam..
@ShivVetti
@ShivVetti 40 минут бұрын
News Nation बहुत अच्छा मुहीम चला रहे है पाखंडवाद पर्दापाश का। लेकिन एक बात क्लियर करना है कि धर्मपरिवर्तन का कोई खेल नहीं खेला जा रहा है । चलो मान भी लिया कि मै एक भोला इंसान हु जिसको बहका कर धर्मपरिवर्तन करवा दिया गया । लेकिन जिस दिन मुझे बुद्धि खुल जाएगी उस दिन तो मै अपने मूूल धर्म में आ सकता हूं ना? क्योंकी ईसाई धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है । अगर मै converted हु और मूल धर्म में वापिस जाना चाहू तो कोई रोक टोक हि नहीं है । सत्य ये है कि एकबार यदि किसी ने येशु मसीह को वास्तविक जान लिया बाइबिल के माध्यम से वो दुनिया के सारे धर्म त्याग देगा लेकिन येशु मसीह को कभी नहीं" क्यूंकि बाइबिल सिखाती है कि येशु प्रभु को जानना किसी धर्म का अनुयाई होना नही है बल्कि सिर्फ प्रभु येशु से रिश्ता जोड़ना है और परमेश्वर पिता ईश्वर के आत्मिक पुत्र पुत्री बनना है । धर्म दुनिया के लोग बनाया एक सिस्टम है जिसको लोगों के वर्गीकरण के लिए और अपना अपना गुटबाज़ी के लिए लोगों ने अपने आप में जोड़ लिया है । उदाहरण * डॉ अंबेडकर जी का महान योगदान है हमारे देश के लिए । आज उनके अनुयायी उनको बहुत सम्मान करते है और कहीं न कहीं भगवान /देवता की भी संघ्या देते है । और उन्होंने बुद्ध जी अनुसरण करते थे तो बहुत लोग उस धर्म को मानने लगे लेकिन संभवत आने वाले समय में अम्बेडकर जी के अनुयाyi उनके नाम पर एक धर्म की स्थापना कर दी तो किसी सदि में वो भी एक पक्का धर्म बन जायेगा लेकिन अम्बेडकर जी ने कभी नही कहा की उनकी पूजा की जाए या धर्म की स्थापना की जाये लेकिन फिर भी ऐसा होगा # इस ही प्रकार प्रभु येशु ने कभी नही कहा की किसी धर्म की स्थापना करो बल्कि स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार दिये और एक आदर्श जीवन का नमूना उन्होंने खुद जी कर दिखा कर गये । इंसानों को पुरा पुरा मार्गदर्शन करके गये है । # मै एक डाक्टर हुं और well educated हुँ, आज एक अच्छे पद् पर सरकारी डॉक्टर हु । मै अक्सर नास्तिक सोच से था । डॉक्टर हु इसलिए विज्ञान पर ज्यादा भरोसा था क्यूंकि विज्ञान सबूत पर आधारित है । लेकिन जिस दिन से वाकई प्रभु येशु से encounter( spiritual) हुआ उस दिन से मैने परमेश्वर की महान भलाईयों /आशीषों को देखा उस दिन से मुझे परमेश्वर जो कि "सच्चा ईश्वर है " पर कोई संदेह नहीं । किसी धर्म के लेबल से कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि प्रभू येशु किसी विषेश धर्म संस्थापक नहीं है चाहे दुनिया कुछ भी कह ले। प्रभु येशु ने खुद कहा जो पाखंडी लोग यानी जो दावा करेंगे की उनको मानते या धर्म को मानते है और अगर वो इंसान प्रभु की आज्ञा को ना माने जो उन्होंने दी हुए है तो वो कभी भी उस व्यक्ति को अपना अनुयायी स्वीकार नहीं सकता । धर्म खोखला है जिसे लोग अनुसरण कर रहे उसमे प्रभु येशु है ही नहीं । जो सच्चे भक्त है उन्हे सिर्फ "Christ follower " term दिया जाना चाहिए । अपील है कि जो भी प्रभु येशु का अनुसरण कर रहे है वो रोज बाइबिल पढ़े और जो बाइबिल आज्ञा देती है वही करे। जहाँ अज्ञानता होगी वहां पाखण्ड, भ्र्ष्टता आएगी ही । जरूरी है कि रोज बाइबिल की नॉलेज ले और देश दुनिया की भी खबर रखें कभी विश्वास डगमगयेगा नही । #@ धर्म का नहीं बल्कि येशु का प्रचार किया जाता है और जहा येशु प्रभु का प्रचार नहीं वहा लोगों को जाना भी नहीं चाहिए । प्रभू येशु ने स्वर्ग राज्य के विषय सुसामाचार प्रचार करने की आज्ञा दी है और पुरा माध्याम प्रभु येशु है क्यूंकि सिर्फ वहि उद्धारकर्ता है । मार्ग,सत्य,और जीवन भी सिर्फ प्रभू येशु है इसलिए ही प्रभू येशु का प्रचार जरूरी है । क्यूंकि हर एक इंसान के अंदर परमेश्वर का आत्मा का छोटा अंश है और उस अंश का प्रभु परमेश्वर के पास जाना जरूरी है ।लेकिन अगर दुनिया में रहते कोई इंसान प्रभु येशु को जो इकलौता उद्धारकर्ता है को प्रभू मानकर स्वीकार नहीं करने से या इंकार करने से इंसान अपनी आत्मा के भटक जाने का जिम्मेदार खुद है। # आत्मिक जगत में सिर्फ 2 character है। 1) प्रभु परमेस्वर ( Trinity - Father +Jesus +Holy spirit) जैसे इंसान ( शरीर +प्राण+आत्मा) 2) शैतान ( Lucifer जिसे परमेश्वर सबसे सुंदर स्वर्गदूत बनाया था जो बाद में पाप करके शैतान बना और पाप का जनक भी हुआ । शैतान सिर्फ एक नौकर था ।
@ShivVetti
@ShivVetti 40 минут бұрын
# पर्मेश्वर् आत्मा है और सिर्फ वही ईश्वर है । परमेश्वर हि सिर्फ जनक है उस आत्मा का जो हर इंसान में वास करती है । बाइबिल को उत्पति से पढ़ने पर पता चलता है की कैसे पाप दुनिया में आया और क्या क्या conseqence बन गये। शैतान जो कि सिर्फ नौकर था अब परमेस्वर के विरुद्ध पाप करके दुश्मन बन बैठा । फिर धरती में आकर इंसान जो कि मिट्टी से बने शरीरध।री है को भी परमेश्वर के विरुद्ध बहला कर पापी बना दिया । लेकिन परमेश्वर इंसान से बहुत प्यार करता है । वैसे भी इंसान ने जानबूझकर कोई पाप किया नही था बल्कि बहकाया गया था तो परमेश्वर अपने प्रेम से तरस खा कर इंसान में मौजूद अपने आत्मा के अंश को बचाने के लिए उपाय किया और नियम ये बनाया कि पशुबली करके खून बहाया जायेगा और इसी उपाय से इंसान के पाप की क्षमा होगी। लेकिन ऐसा कब तक चलता ? और समय के साथ शैतान अपनी छल से इस उपाय को भी corrupt कर दिया था । हर एक चीज में corruption ये देखकर् परमेश्वर पिता ने युगानुयुग का उपाय निकाल लिया । फिर वो खुद पुत्र रूप मैं धरती पर आ गये । Trinity (Father +Jesus +Holy spirit) एक ही व्यक्ति तीन रूप में थे इसलिए वो स्वर्ग में पिता के रूप में और धरती पर पुत्र शरिरध।री प्रभु येशु रूप में और Holy spirit मध्यस्तथा करते हुए एक् ही वक़्त पर हर जगह मौजूद थे और अभी ( आत्मा रूप) भी है ही । परमेश्वर स्वयं धरती पर आ कर आदर्श मानव रूप जी कर और मनुष्य के आत्मा की शैतान के चंगुल और पाप से मुक्ति के लिए नियामनुसार खुद को बलिदान करके सर्वदा का पापमुक्ति उपाय बन गये मनुष्य के लिए । और तीसरे दिन जिंदा होकर अपनी आत्मा (Holy spirit) मनुष्य की सहायता के लिए देकर स्वर्ग में पिता के दाहिने हाथ बैठ गये। # इसलिए धरती पर पापमुक्ति के लिए सिर्फ एक नाम " येशु मसीह" प्रभु का नाम दिया गया है । जिसने खुद को बलिदान करके मृत्यु को हरा दिया है । @ प्रभु येशु का" दूसरा आगमन " होने वाला है । जो कोई उसके नाम को लेकर पापमुक्ति को पा लिया है उसको प्रभु येशु अपने राज्य स्वर्ग में ले जायेगा । जो इंकार करेगा उसको छोड़ देगा। फिर शैतान जो कि फ़िलहाल दुनिया का राजा है इंसान से पाप करवाता है से प्रभु येशु लड़ेंगे और शैतान के सजा के लिए जो स्थान ( नरक् - जहा युगनुयुग् आग् जल्ती रहेगि और् अन्धेरा होग) बनाया गया है उसमे शैतान को कैद करके नरक में डाल देगा और साथ ही वो लोग जो येशु प्रभु का इंकार करते है वो भी शैतान के साथ खुद को नरक में धकेल देंगे, जहा से कभी वपस नही आ सकते क्यूंकि सब अनंतकाल् के लिए है। फिर प्रभु येशु + परमेश्वर + पवित्र आत्मा धरती और स्वर्ग को नष्ठ करके युगानुयुग के लिए सबकुछ नया सबनाएंगे । * सिर्फ ईसाई होने से या येशु येशु जाप् करने मात्र से स्वर्ग नही जायेंगे । सिर्फ वो इंसान जा सकेगा जो असल में प्रभु येशु द्वारा बताये बाइबिल आधारित आदर्श जीवन जियेगा। # बाइबिल पुस्तक नहीं बल्कि उस पुस्तक में लिखे हर एक शब्द वास्तविक सर्वमान्य सत्य है और शाश्वत है। क्यूंकि बाइबिल में लिखे हर एक शब्द परमेश्वर के मुह से निकली बोली / वचन है। और यही स्वर्ग और पृथ्वी का आधारस्तम्भ है।
@krishnamanitiwari4387
@krishnamanitiwari4387 41 минут бұрын
🚩जय श्री राम🚩 बहुत सुंदर और बुलंद आवाज़ मे गुरु जी के मुख बिंद से निकले हुए हर शब्द सच है और अब हमारे अपने देश भारत 🇮🇳 मे सिर्फ हिंदू है ❤
@2754kfarooq
@2754kfarooq 42 минут бұрын
یہ نوسر باز ہے
@abhiban-ow7kt
@abhiban-ow7kt 42 минут бұрын
News Nation Don't ruin your standards It's a good thing to be aware of superstitions Why does your innings end on religious topics, do something good for your country or close your pathetic channel.
@SushilKumar-u6k4o
@SushilKumar-u6k4o 44 минут бұрын
Yeh gada h kitni sala har koi leke ghum rha h kha milti h muje bhi Leni h achi kamai h
@neelamsingh532
@neelamsingh532 46 минут бұрын
जय श्री सीता राम 🚩🚩🚩
@bhupedrasingh5690
@bhupedrasingh5690 49 минут бұрын
आर सी लगा के अपना घर द्वार बनता अपने बच्चों को पढ़ाते हैं लूट मार के धंधा बनाकर रखे हैं डॉक्टर साहब इन लोगों को मार के भागो डॉक्टर को हमारे गांव में एक आदमी मर गया एक डॉक्टर से