मोहम्मद पे सब कुछ लूटने चले है हुसैन आज सर को काटने चले है जो बचपन में नाना से वादा किया था उसे करबला में निभाने चले है मिलेगा ना तारिक में ऐसा गाजी लगा दे जो ओलाद की जा की बाजी दिखाए कोई उनके जैसा नमाज़ी जो सजदे में दर्जन काटने चले है बड़े नाज़ से जीन को पाला नबी ने जिन्हे रखा पलको पे मौला अली ने जिन्हे फातिमा बी ने झूला झुलाया वही तीर सीने पे खाने चले है यही कह कर अकबर की तलवार चमकी इधर आ सीतमगार का देता है धमकी जो अकबर निशानी है सहे उमम की अली का वो तेवर दिखाने चले है
Mashallah gulfam Raza Sahab kya khoobsurat awaaz se navaza hai rab ne aapko😊😊😊❤❤❤ main wo Sunni hoon jamile Qadri marne ke bad Mera lasha bhi padega assalatu wasallam ❤❤❤