हाशिए पर खड़े समाज की आवाज बनने का नेशनल जनमत एक प्रयास है। नेशनल जनमत किसी के खिलाफ में नहीं बल्कि गरीबों, मजलूमों, वंचितों के हक और अधिकारों के साथ खड़ा है...यहां खबरें केवल लाइक या सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि जनसरोकारों से जुड़े मुद्दे पूरी छानबीन और तथ्यात्मक सबूतों के साथ प्रस्तुत किए जाते हैं... नेशनल जनमत विरोध करने के लिए किसी का विरोध नहीं करता बल्कि जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करता है.. मुख्यधारा के कहे जाने मीडिया का एक बड़ा हिस्सा वर्ग विशेष की चिंताओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। जिसमें हाशिए पर खड़े समाज जिसमें देश के बहुसंख्यक वर्ग के हितों एवं संघर्षों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। नेशनल जनमत सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों की सामूहिक पहल है जिसके परामर्शदाता मंडल में कई महत्वपूर्ण लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, एडवोकेट, पूर्व व वर्तमान प्रशासनिक अधिकारी, उद्यमी, डॉक्टर, इंजीनियरआदि शामिल हैं।
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