ರಾಷ್ಟ್ರೀಯತೆಯ ಹುಚ್ಚು ರಾಷ್ಟ್ರಕ್ಕೆ ಗೌರವ. ಸರ್ವತೋಮುಖ ಅಭಿವೃದ್ಧಿಗೆ ಮೋದಿ ಶಾ ರವರು ಶ್ರಮ ವಹಿಸಿ ದುಡಿಯುತ್ತಿದ್ದೂ ದೇಶಕ್ಕೆ ಕಳಸ ಪ್ರಾಯರಾಗಿದ್ದಾರೆ. ಸರಕಾರದ ಆಸ್ಪತ್ರೆ ಗೇ ಖರ್ಗೆ ಕುಟುಂಬದ ಹೆಸರು, ಇಟ್ಟದ್ದು ತಿಳಿದಿರಲಿಲ್ಲ. ಒಳ್ಳೆಯ ಮಾರ್ಮಿಕ ಉಪದೇಶ ಕೊಟ್ಟಿದೀರಾ. ಧನ್ಯವಾದಗಳು.
@pijushchakrabarty900726 күн бұрын
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@yogisurajnathgurubudhnathj8457Ай бұрын
गीता : एक सफेद झूठ, an arrent lie. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात् । स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ॥गीता 3/35 ॥ अर्थ : अच्छी प्रकार आचरणमें लाये हुए परधर्म से, गुणरहित स्वधर्म श्रेष्ठ है । स्वधर्म में मरना भी कल्याण कारक है, पर परधर्म तो भय उपजाने वाला है ।। अभिषेक नामक मित्र ने पुछा, गीता क्या है? गीता में धरम के नाम पर जो वास्तविकता है, मूलभूत फ्लाॅ अर फ्राॅड है, इसे देखते हैं - मेरा एक धरम, व किसी पराये का दुसरा धरम, यह बात धरम के नाम पर विचार पैदाइश परंपरा, जैसे वैदिक, शैव, वैष्णव, जैन, या कुरानिक, बिब्लिकल & so on, के संदर्भ में हो सकती है; या अपनी या दुसरे की किसी व्यावसायिकता के संदर्भ में हो सकती है। इसमें धरम के नाम पर अपनी या किसी और की परंपरा में, या व्यवसाय में, बंधे रहने की वकालत कियी है। और क्या है? कोई भी आदमी धरम के नाम पर चैतसिकतः कुरानिक, जैन, वैदिक क्रिश्चियन, नाथ, बौद्ध आदि परंपरा में बंधा रहे, कोई व्यावसायिकता अपने लिए बंधन कारक माने, कोई समझ है? व्यावसायिकता को आप चाहे एक या अनेक बार बदल दे, निर्वाह का कोई भी सम्यक साधन अपनाये, कुदरतन खुली बात है। किसी व्यवसाय में किसी के नेक या गलत व्यवहार को धरम का एक अंग कहे, यह समझा जा सकता है; मगर किसी व्यवसाय को ही किसी का धरम कहे यह तो एक धरमनाम बेवकूफ़ी वा फ्राॅड से ज्यादा नहीं है। देखे कि, अपने वर्णाश्रमवाद के लिए गीता यह मानसिक मॅनेजमेंट के साथ कैसी कुटिल किताब है। और गीता में इधर उधर से कोई पश्यंति, विपश्यना, स्थितप्रज्ञ जैसी बुद्ध आदि से टैगिंग है, तो इसका मतलब यह नहीं कि इस बाबत गीता में मौलिक समझ की बात है; इस बात को आप बोधि की अगनि में, या अनालिसीस करके भी देख सकते हैं। धरम का अपना महान अस्तित्व है । धरम सार्वजनीन होत है, मेरा या आपका अलग नहीं होत है। और यह समझना काॅमन सेंस की बात है। संबंध के आइने में छह इंद्रियों में से किसी विग्यान से किसी चीज के साथ संपर्क, हर किसी की अपनी चैतसिक रेकार्डिंग/संग्या से उस इंद्रिय संपर्क की पहचान व मुल्यांकन, व तदनुसार वेदनां-भावनां का जगना यह सार्वजनीन बात है, सत धरम की बात है, कि जिसका भारतीय, चाइनीज, इसाई, मुस्लिम, या किसान, डाक्टर आदि से कोई मतलब नहीं है। और उस वेदनां-भावनां के प्रति चेतन अचेतन राग-द्वेष, या चेतन हो दरसण-ध्यान, यह इसी पल में जीने की कला है, जो धरम की सार्वजनीनता से नियमित है। ऐसे शुद्ध दरसण से धरम की, जीवन की, अनंत गहराइयां खुलने का रास्ता साफ है। अहंभाव द्रष्टा क्या है? भयानुरागदि दृश्य क्या है? काल चेतना, समाधि चेतना, शुन्य चेतना क्या है? दरसण की अगनि में बोधि का जगना व चित्त अवधूनन क्या है? दुख गामिता व दुख निर्जरा क्या है? ऐसे सार्वजनीनता धरम की बात है। भंगी-बामन, क्षत्रीय-शुद्रादि विचार पैदाइश, मानव समाज के प्रति बुद्धिभ्रम करनेवाली, लोक-परलोक आस धरमनाम सामंती धंधा व राजभोग जुगाड़ के साथ वैदिकधंधा चलाएं, किसी किताबी धर्मांध बातों को ही धरम बनाए या माने, ऐसे में बहे, भ्रमित बन क्षत्रियादि की आस लगाये, तो ये धरमनाम मुर्खताएं तो है ही, इस सामाजिक गुनहगारी का लांछन भी है ना? सारी गीता ऐसे फ्लाॅ व फ्राॅड से भरी पड़ी है। आंखे खोलकर देखे। कुदरत को भ्रमित होना मंजूर नहीं । अंधेरे में भी कांटे पर पांव पडने से कांटा चुभता है । और चेतना में झूठ प्रोपागंडा से धंसे कांटे तो बडा दुख । जागत रहे सदा सनातन धरम की बानी। जागत रहे बुद्ध गोरख सै ध्यानी ग्यानी।। सनातन = कुदरतन, अपने आप से, विचार की पैदाइश नहीं, eternal, laws of nature at all levels by itself. और सनातन धरम की बात बुद्ध बारिकि के साथ स्पष्ट रूप से करत है - ". . . एस धम्मो सनंतनो। 🌾 - योगी सूरजनाथ।
@satyampatel8402Ай бұрын
I’ve been struggling with PMO addiction for decades but I pledge here and now that I will beat this. Here is to Sobriety and Service in 2025 and beyond!!! 🙏
@gita9282Ай бұрын
Hari Om Swamiji. Beautiful meditation... to become one with Bhagavan.
@venkatasubramanian8642Ай бұрын
Humour and sense so beautifully flow delivering wisdom. Thanks a lot for uploading.
@anithaj22792 ай бұрын
Thank you Swamiji 🙏🙏🙏
@PallaviMusicSchool2 ай бұрын
One of the best guided meditations I have come across 🙏🙏 Thank you Swamiji
@lakshmic94012 ай бұрын
Thank you swamiji
@shobhagiriraj18112 ай бұрын
🙏🙏🙏Thank u swamiji🌹🌹🌹
@tomaswilliamson96852 ай бұрын
Namaste Swamiji
@vasanthamurthy2432 ай бұрын
Very profound meditation.... Thank you very much swamiji🙏👣🌹
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻 Thank you Swamiji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thank you Swamiji
@VGBGI2 ай бұрын
What a profound lecture, what a profound teaching, what an outstanding message for life. Pranams Pranams Pranams.
@niminimu12 ай бұрын
Thank you so much from bottom of my heart for this teachings .. pranam
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Thank you swamiji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thank you swamyji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thank you Swamiji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻thank you swami ji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thank you swamy ji
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻thank you swamy ji
@jyothyg66532 ай бұрын
Thank you for sharing this wisdom Swamiji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@jyothyg66532 ай бұрын
🙏🏻 thank you for educating us swamy😊
@jyothyg66533 ай бұрын
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thank you so much for such education
@natarajansivam13023 ай бұрын
Quite an eye opening talk. Hindus particularly, should be thankful to the Swāmi for putting it straight. Great
@ultimanecat30916 ай бұрын
Thank you very much Swamiji and team for these wonderful teachings 🙏 ❤
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@gaurangparikh6777 ай бұрын
Hari Om.
@bandimutyalavenkatarao39017 ай бұрын
My humble pranaams to gurudev, Die to mind's identification, even quite before the visit of physical death, what a greatt solace to the petty person, quite elevating. with obeisance, humble pranams. All devotees across world are most fortunate to listen to Pujya Swamiji 'S life changing and inspiring words as one is so transformed with wisdom to discord and not to bother even physical death. Humble pranaams .
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30917 ай бұрын
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@ramachandranbiju33587 ай бұрын
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@ramachandranbiju33587 ай бұрын
❤
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@ringingthebells3077 ай бұрын
Hi, there r many more verses of the text, have they not been taught or this ends here only in 7th shloka? If there are more videos where should I find somebody pl let us know 🙏🙏🙏
@ramachandranbiju33587 ай бұрын
🙏❤️🙏
@ramachandranbiju33587 ай бұрын
🙏❤️🙏
@ultimanecat30917 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30918 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30918 ай бұрын
🙏
@ultimanecat30918 ай бұрын
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@hatorihanzo9998 ай бұрын
Swamiji is being silly when he says "Give everything". Really - some people don't have a clue about what is essential and what is not. Imagine if the gender roles are reversed. The woman is the one who goes to work, while the man remains at home - drinking his tummy off. What is the Swami's message here, for the wife? - "Give your money?". Come on, we can't be that silly. No one, literally no one, in the audience would be like that - treat your wife like a stupid - and give her whatever she wants. Really, the man and woman in a relationship, should improve their financial planning skills by honest discussion of how much they earn, how much they are spending, how much they need for the future for their children, and what they need post-retirement. Treat each others as equal and improve each other's intellect. Don't treat another as stupid. Yes, because of lack of experience, one of the two can be deficient in something, whereas the other can be deficient in another thing. Talk and communicate and improve each other , so that such deficiency reduces. This is marriage. The silly proposition of "Give money, Give necklace, give whatever is asked for" is a recipe for disaster. Yes I am successfully married for several years now - and I don't treat my spouse so silly as what the Swami says.