Phali bat to yi sab ko kuch Pata hi nahi hi Apni liya Kuch bhi bol thi hi yi thi kya us time mahabharat mi
@Ranjankumar-rc7fs12 сағат бұрын
Chup ba
@amitgirigoswami265513 сағат бұрын
Radhe Radhe ❤
@SANCHITSINGH-f4f20 сағат бұрын
🙏
@rohithbaghel3471Күн бұрын
Jo hona chahiye tha woh hogaya
@kaustavchakraborty3769Күн бұрын
Radhe Radhe ❤
@PoonamSingh-ml9jw2 күн бұрын
Krishan
@DivyanshuPandey40633 күн бұрын
Jai Shree Radhe Krishna❤️🙏💞 Radhe Radhe❤️🙏💞 Hare Krishna🙏💞❤️🚩 Jai Angraj Karn💞❤️🙏
@Er.dvndrkumarcivil4 күн бұрын
🔔
@parbhakarfarkande93434 күн бұрын
जय श्री कृष्ण
@shrikantpolke46264 күн бұрын
माँ जय श्री कृष्ण
@jyauddinbhaimakhani17994 күн бұрын
only one radhe karn😊👍💪🙏
@gamingBoundaries4 күн бұрын
Wow what a amazing cross dialogues really so awesome Too much to learn from epics
@MeenakshiSharma-c5j5 күн бұрын
Radhe Radhe Radhe ❤❤❤❤
@tapuchampati37435 күн бұрын
Jay shree Krishna
@KrishnadasDas-zs7fd5 күн бұрын
Joi sri basudav
@ShriHitRadhaRani.k5 күн бұрын
RADHE RADHE
@PardeepkumarpaswanKumar5 күн бұрын
Radhe radhe🙏🙏🙏🙏
@animaduloi14675 күн бұрын
joy shree ram joy shree ram joy shree ram joy shree ram joy shree ram ❤❤❤❤❤
@ProdipSarkar-jf5ig5 күн бұрын
Radha Krishna Karna aunjun
@mayursadh23455 күн бұрын
jay shree hari ❤
@gunnybhai87775 күн бұрын
Ye tv serial wale bc apni hi film bnate hai matlab kuch b
@jobupdates795 күн бұрын
कुन्ती एक पुत्र अनेक और पिता अनेक ये कोई समझाओ भाई ?
@AyushMishra-p2u5 күн бұрын
Mantra se paida hua tha jis dev ka mantra tha uska hi naam lega na
@jobupdates795 күн бұрын
@@AyushMishra-p2u आपने तो मंत्रमुग्ध कर दिया अपने मंत्रों से
@SujitJitekar6 күн бұрын
बकवास
@RinkumoniKhanikar6 күн бұрын
Yaha overacting ho rha hain
@RajeshYadav-pw1if7 күн бұрын
shree radhe krishna
@sanjudeora638 күн бұрын
entry shandar ki
@ranjan71498 күн бұрын
रतन राजपूत की दमदार अभिनय 🎉
@MohitSharma-ob2ck9 күн бұрын
Isko koi rok le
@MohitSharma-ob2ck9 күн бұрын
Is pagl ko bhi prde me hi rhna chahiye
@ankitaverma634210 күн бұрын
❤❤
@Motivational_youtubers10 күн бұрын
Thank you 😊
@radheradheju892710 күн бұрын
पत्रों से- श्रंखला -1. ****************** आत्मरूप प्रिय मित्रों ! मेरी माँ रामसखी हमें पत्र में कुछ तो भी आत्म-बोध का संदेश अवश्य लिखती थी।समष्टि-प्रेरणावश उनके पत्रांश आप (जनता जनार्दन) को साँझा कर रही हूँ। माँ का श्री चंद्रकांत जी से भी पत्र व्यवहार रहा था , तथा हमारा भी कुछ समय उनसे पत्राचार रहा था।श्री चंद्रकांत जी अत्यंत गूढ़ विषय को बहुत सरल करके समझाते थे । अत: उनके भी पत्र यहाँ प्रेषित करने की प्रेरणा हो रही है। आशा है आप सब इससे लाभान्वित होंगे और हमें उत्साहित करेंगे। एक बात और सविनय निवेदन करनी थी कि माँ का और श्री चंद्रकांत जी का यह साहित्य छपा हुआ नहीं है। अत: यह हमारे साथ ही दफ़न न हो जाय, विश्वरूप को उसकी वस्तु समर्पित हो जाय , यहाँ पोस्ट करने का एकमात्र यही लक्ष्य है। सदगुरु भगवान मायानंद चैतन्य जी का सारा साहित्य छपा हुआ है और विज्ञानशाला , ओंकारेश्वर से सरलता से प्राप्त हो सकता है, इच्छुक जन वहाँ से प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं, इसलिये बिना छपा साहित्य पोस्ट करना तर्कसंगत लग रहा है। हमने अबतक जितना भी पोस्ट किया है, सब बिना छपा साहित्य ही पोस्ट किया है। पहले हम माँ रामसखी के पत्र और फिर श्री चंद्रकांत जी के पत्र पोस्ट करेंगे। नोट- कुछ समय पहले जब इन पत्रों को पोस्ट किया था तब जनता जनार्दन के कमेंट्स कि उन्हें अपने जीवन की समस्याओं में मार्ग दर्शन मिला आदि तो यह ग्रंथ रूप में छपा लिया था। यह ग्रंथ अब उपलब्ध है । -गौरा माँ रामसखी के पत्रों से- ******************* “विश्वरूप परमात्मा एक वस्तु है।वह अनंत रूपों में दिखाई देती है।ऐसा सोचकर मूल वस्तु का ही सर्वत्र सर्व कार्य सर्व पदार्थों में आठ भाव करके प्रतिपल, प्रति क्षण नवीनता के रूप में अनुभव आता रहता है।” 15-11-67 “वस्तु के अखंड अस्तित्व में अहर्निश होने वाली निश्चित लीला के मंडलाकार गति से नित्य नये दृश्य आते रहते हैं। वास्तव में न कुछ नवीन है, न कुछ आता-जाता है। केवल स्मरण-विस्मरण का खेल है, जो कि सनातन से होता चला आया है, हो रहा है, होता रहेगा।दृश्य न स्वतंत्र है न परतंत्र। वह तो जैसे हाथ-पैर इत्यादि न स्वतंत्र हैं न परतंत्र, परंतु सर्व कार्य उनके द्वारा होता रहता है। अब पैर कहे कि हम चले तो व्यर्थ है। चलाने वाले उसके हम हैं।ऐसे ही मूल वस्तु के अखंड अस्तित्व के आकर्षण में सब घूमता है।” 24-3-69 अपने अपने गुणानुसार मनुष्य भावना में फँसता है।व्यर्थवाद में पड़ने से कोई लाभ नहीं। दूसरों ने सत्य मानना ही चाहिए, यह भी एक अपेक्षा सत्यवादी को छोड़ना पड़ती है।क्यों कि सत्य को ग्रहण करना यह मनुष्य (जीव) का स्वभाव है।वह समयानुसार हुआ ही करता है।अत: उसमें अपेक्षा नहीं रखना चाहिये।बेटा तुम तो विश्वरूप की आनंदमय लीला देखो। अनंत रूप से अनंत कार्य द्वारा । और शास्त्रार्थ व बहस से द्वैत भाव जगता है।जो कि अपने स्वअनुभव का विरोधी है। प्रेम पूर्वक देखो क्या होता है।तुम कुछ चिन्ता न करना।बड़े प्रेम से रहना क्यों कि सब परमात्मा ही परमात्मा है।अन्य जर्रा भी नहीं है।आप सहित इसी निश्चय से प्रेम सहित निस्पृहता से करना ही परम श्रेय का मार्ग है। तुम स्वयं समझदार हो। किसी भी बात में चि० गिरीश बाबू से प्रति उत्तर न करना। 17-3-70 “विश्व वस्तु के साक्षित्व में आप सहित संपूर्ण दृश्य की अनुभूति आते हुये प्रेम, विवेक से अपने कर्तव्य में जाग्रत रहना तथा निर्भय और प्रसन्न रहना। जब कि सर्व रूप परमात्मा ही है , अन्य कुछ है ही नहीं तो फिर किसको किसका भय? और आप ही आप की अनुभूति से प्रसन्नता निर्माण होती है।अर्थात काम करते हुये जिन-जिन पदार्थों का व दृश्य का सम्पर्क आये , सब ही वस्तु रूप दिखना , और एकता के भाव से सब कार्य होना। वस्तु की अनुभूति वस्तु को ही आती है। अस्तित्व ही अस्तित्व को देखता है, और अहंकार से अहंकार अर्थात द्वैत दीखता है। यह सब ध्यान में रहने से शांति, प्रसन्नता, निर्भयता प्राप्त होती है और असंग स्थिति अर्थात तटस्थ रहते हुये प्रेम पूर्वक अपने स्वभाविक रूप से आचरण होना , यही परमात्मा की सच्ची अनन्य भक्ति है।” 1-4-70
@savitasaxena790210 күн бұрын
हिम्मत नहीं है सत्य बोलने की तो ,"नो कमेंट्स" बोल दो झूठ तो न बोलो, हिंदू धर्म खतरे में है यह सत्य है, और उसको सबसे ज्यादा खतरा इस्लाम से है फिर क्रिश्चियनटी से।
@anamika973711 күн бұрын
Okay . Satark ho javo
@howitsgrown11 күн бұрын
Alarm laga do
@dharampal504811 күн бұрын
Mythology ke expert😂
@saurabhsundaram280111 күн бұрын
Good
@Dayanandah66H11 күн бұрын
Sachchi baat hai sir hindu katare mein nahi hai manaviyatha katare mein hai
@ak.hembram503312 күн бұрын
Right ✅️
@borkardhananjay2312 күн бұрын
हिंदू धर्म नहीं इन कुत्तों की "खुर्सी" खतरे में है। 👎😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝🙏
@saurabhsundaram280112 күн бұрын
❤❤❤
@AshishGupta-k8m13 күн бұрын
Hindu dhram jaldi khtam ho casteism shit i cant take it anymore
@manisharawat12614 күн бұрын
Hindu dharm nahi varn vyastha ka vibhast roop hai
@Tumbledrypashan14 күн бұрын
Bhadve surch kar, padhai kar zhayatu Logo ko gumrah karne ki koshish mat kar
@Mrbrownn14 күн бұрын
Sir I am a law student plz read definition of Hindu in our constitution You will realised why supreme court saying this