07 Ramani-7(2.7.95), SADGURU ABHILASH SAHEB, BIJAK PRAVCHAN, KABIR PARAKH SANSTHAN, ALLAHABAD, INDIA

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ABHILASH SAHEB

ABHILASH SAHEB

Күн бұрын

07 Ramani-7(2.7.95), SADGURU ABHILASH SAHEB, BIJAK PRAVCHAN, KABIR PARAKH SANSTHAN, ALLAHABAD, INDIA
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Пікірлер: 12
@deepakkalerkaler7315
@deepakkalerkaler7315 4 жыл бұрын
True saint🙏💥
@ravindrasingh8831
@ravindrasingh8831 9 ай бұрын
Thanks
@ankeshpatel523
@ankeshpatel523 2 жыл бұрын
Amazing truth😘
@sangeetadevi8325
@sangeetadevi8325 5 жыл бұрын
He Gurudev apki Jai Ho 🙏
@sandeepkaler4533
@sandeepkaler4533 5 жыл бұрын
Great saint💎💎💎
@sangeetadevi8325
@sangeetadevi8325 5 жыл бұрын
Great sant sadguru Abhilash Saheb ji Saheb bandgi Saheb ji 💎👣🌺🤲🤲🤲🙏 satay
@jaswantsingh6439
@jaswantsingh6439 5 жыл бұрын
Greatest kabir saheb👑👑
@sandeepkaler4533
@sandeepkaler4533 5 жыл бұрын
Kabeer saheb was father of God🙏🙏🙏👏🙏🙏🙏🙏🙏💥💥
@सदगुरुकबीरज्ञानज्योतिआश्रमपह
@सदगुरुकबीरज्ञानज्योतिआश्रमपह 2 жыл бұрын
साहेब जी ने बहुत सरल अर्थ को नकारात्मक भाव से कठिन कर दिया है,समझ में ही नहीं आता कि जीव के स्वरूप में ये सबकुछ नहीं हैं और जीव के स्वरूप में कुछ है तो कोई भी संत बताने की कृपा करें? ताकि रमैनी का अर्थ समझ आ जाए कबीर साहेब समस्त बीजक में कहीं भी यह नहीं कहते कि ऐसा उनका ( वेदांतियोंका,या योगियों का या सगुणोपासकों का) यह मत है हम केवल अर्थ करते समय यह अनुमान से कहते हैं हमें *तहिया* शब्द का अर्थ जीव के शुद्ध स्वरूप लगाने में क्या आपत्ति है? श्री अभिलाष साहेब जी व्याख्या में कह रहे हैं कि वे खुद नहीं लिखते थे तो कोई तो लिखता था! कबीर साहेब जी को हुए बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए है किसी को तो यह पता होना चाहिए कि कबीर साहेब बोलते थे तो लिखता कौन था? क्यों नहीं खोज करते उसकी? हम बाल की खाल निकालने को तैयार हैं लेकिन यह नहीं पता लगा सकते कि वह गणेशजी कौन थे जो कबीर साहेब बोलते थे और वे उसे लिखते थे जिससे बीजक तैयार हुआ? विधवा से पैदा होने का अनुमान लगा सकते हैं,मगहर में कबीर साहेब का शरीर छूटने पर झगड़े की संभावना को देखते हुए उनके शरीर के स्थान पर फूल किसी ने रख दिए होंगे का अनुमान लगा सकते हैं,पारख सिद्धांत को कबीर साहेब के समय से श्री श्रृति गोपाल साहेब से आज तक जोड़ सकते हैं तो, उनकी बोली जाने वाली वाणी को लिपिबद्ध करने वाले का नाम का अनुमान क्यों नहीं लगा सकते? श्रृति गोपाल साहेब जी ने तो शास्त्रार्थ में परास्त होने के बाद कलम ही नहीं चलाई,भागू साहेब जी लिखते तो बीजक को चुराकर क्यों भागते? धर्मदास साहेब को कबीर साहेब के समकालीन होने से इंकार कर दिया फिर तो मुख्य शिष्यों में जागू साहेब का नाम बचता है,उसी का अनुमान लगा सकते थे,जिस बीजक को हम प्रमाणित मानते हैं और उसके लिखने वाले ही का पता नहीं है तो किस आधार पर हम प्रमाणिक ग्रंथ मानते हैं? हो सकता है जन मानस में उनकी वाणियां प्रचलित थी और किसी ने भी संकलित कर लिया था तो उसकी क्या प्रमाणिकता है कि यह साखी शब्द रमैनी आदि कबीर साहेब ने ही कही थी? कबीर साहेब के नाम से अन्य बहुत सारे ग्रंथों में मिलावट मानते हैं उन्हें प्रमाणिक नहीं मानते । फिर कबीर साहेब के द्वारा बीजक की वाणी को चार भागों में बांट कर, (ब्रह्ममुख, मायामुख,जीव मुख और गुरु मुख) और भ्रम पैदा कर दिया। कबीर साहेब ने कहीं भी इस तरह का संकेत बीजक में नहीं दिया है, हम तो अर्थ करते समय जो हमारे सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए, ब्रह्म मुख, माया मुख जीव मुख और गुरु मुख में विभक्त करके अर्थ करते हैं। एक बात और समझ में नहीं आती कि आज तक जितने भी बीजक के टीकाकार हुए हैं उनके लगभग सब अर्थ अलग-अलग हैं, सब अपने अपने सिद्धांत की पुष्टि करते हुए दिखते हैं जो बात टीकाकार के सिद्धांत से नहीं मिलती उसका अर्थ इतना घुमा फिरा करते हैं कि समझ में ही नहीं आता जबकि शब्दार्थ वाक्यार्थ स्पष्ट है भावार्थ भी वही है लेकिन हम तोड़ मरोड़ कर अर्थ पेश करते हैं। पाठक भी अपनी बुद्धि रखता है। जो कबीर पंथी बीजक पढ़ता है वह कबीर साहेब की अन्य साखी शब्द भी पढ़ता है वह इतना तो समझ ही जाता है कि यह अर्थ घुमा फिरा कर किया है कि शब्दों के आधार पर किया है। हम बीजक का अर्थ करते समय दूसरों के सिद्धांतों को गाजर मूली की तरह काट देते हैं यदि हम हमारे ही सिद्धांत के अनुसार अर्थ करें किसी दूसरे के सिद्धांत को सामने रखकर अर्थ न करें तो क्या हानि है? मुझे क्षमा करें मुझे रमैनी सात जो मैंने यूट्यूब पर प्रवचन में व्याख्या सुनी वह समझ में नहीं आई, इसलिए इतना निवेदन किया है अब सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी तो स्वरूपलीन हों गये नहीं तो मैं उनके ही श्री चरणों में बीजक को समझने का प्रयास करता! जो उनकी बीजक व्याख्या है उसे पढ़ते हुए भी अनेक शंकाएं उठती हैं। यदि मेरी इस टिप्पणी को कोई विद्वान संत पढ़ रहा है तो मुझे कुछ सुझाव देने की कृपा करें। साहेब बंदगी साहेब
@abhilashsaheb
@abhilashsaheb 2 жыл бұрын
Jarur aap call karen mo number 9506907598
@abhilashsaheb
@abhilashsaheb 2 жыл бұрын
Aap ka swagat hai
@सदगुरुकबीरज्ञानज्योतिआश्रमपह
@सदगुरुकबीरज्ञानज्योतिआश्रमपह 2 жыл бұрын
इस रमैनी का अर्थ समझ में नहीं आया क्योंकि यह जीव के शुद्ध स्वरूप का वर्णन लगता है ना कि जो अभिलाष साहेब जी ने अर्थ किया है।
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