Chakradhar ji ko sunana hamari khushnasibi hai aap hindi ke uatkrisht kavi hai
@pushpagarg62494 жыл бұрын
श्री अशोक चक्रधर जी आप की लेखनी तथा गायन का बहुत सुन्दर प्रस्तुति की बधाई।
@rnayakhindieducation63292 жыл бұрын
नमस्कार सर हम आपकी काव्य रचनाओं पर रिसर्च कर रहे हैं हमें अपना आशीर्वाद दिजिए।
@ashsan77342 жыл бұрын
Wah wah baht Samay baad aisa anand aya..jai ho
@shabbirhatimali18976 жыл бұрын
अशोक जी आप भारत रत्न है ।
@prafullsingh7872 Жыл бұрын
You are our adulthood hero kavi Listen you today after long time and seen the difference and deteriorating language of today hasya kavita
@learnhindiwithvarsha3636 Жыл бұрын
हिंदी को महान बनाने वाले हिंदी के महान कवि हम हिंदी अध्यापक को आनंद होता हैं जब हिंदी को ऐसी गौरव गरिमा प्राप्त होता हैं
@DavendraSingh-l5h5 ай бұрын
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@sushiljjain67954 жыл бұрын
ईश्वर आपको शतायु दे।हिंदी को आपने गौरवान्वित कर दिया
@treatmentrecoverygold82955 жыл бұрын
व्यंग झण्डासार। भगवान कसम! जितनें बडें हम भगत हैं बापू के कोईं और न होगा। जब भी मन होता है बापू से बात करनें का पहुंच जाया करतें है। जींहां! जिन खोजा तिन पाइयां गहरें पानी पेठ" कल बापू के निर्वान दिवस पर सहसा आँख भर आई और चलें गयें हम अपनी अन्तर्आत्मा की गहराई में जहाँ बापू की तस्वीर छूंपाई है। मिलतें ही बापू बोलें आ गयें किशन भगत! आज किस समस्या को लेकर आयें हों? मैं चूप रहा। बापू गुस्सा हो गयें बोलता क्युं नही? मैं बोला बापू मेंरी कोई सूनता ही नहीं, तो क्या बोलू। बापू हंसे ठहाके लगा के हंसे, तूझें क्या देश चलाना है? तूझसें दूकान तक तो चलती नहीं ठीक से मुझे ही आना पडता है बार बार! हाँ बापू तभी तो आपके पास आया हूँ। आप ही मार्गदर्शन करों कैसे चलाऊं मैं अपनी? बापू मेरीं जिद्द के आगे अड न सके! बोले ठीक है। बेटा !किशन भगत आज मैं तूझें इस देश का "झण्डा सार" सूनाता हूँ। मैं बोला झण्डा सार बापू मैनें तो आज तक गीता सार के बारे मे ही सूना था। यें " झण्डा सार " क्या है? बेटा किशन भगत हमारें देश के झण्डें में तीन रंग है, पहला केशरियां , दूसरा सफेद, तिसरा हरा मैनें कहा ये तो सभी जानते है बापू। नहीं बेटा! आदर्श और यथार्थ में फर्क करना सिखो। असलबात तो ये है कि ये तीन रंग जिसके पास है वो ही ये देश चला सकतें है। देख लो केशरियाँ रग पहने साधू बाबा लोग इस देश में अपनी खूब चलातें आये है। सफेद पोश इस देश का अहम हिस्सा है। एक बार में किसी महफिल मे गया, वहाँ सफेद पोशाक पहनें एक मित्र मूझसें मिलनें आया ,यें सब देख एक पत्रकार ने मुझसे पूछा ,ये किस पार्टी से है मेनें कहा ये बैण्ड बजातें है। और में समझ गया बापू के सफेद पोश के इशारें को। सफेद पोश के रुतबें को। अब तिसरें रंग की महिमा भी सून लो बेटा किशन भगत ये जिसके पास है वो सबका खास है ,हां मै हरी पती की हि बात कह रहा हुँ। अब तूम समझ जाओं , इनमें से कोइ एक रंग अपनाओं और.... घर में ,पडौस में ,देश मे अपनी चलाओं। मैनें कहा बापू वो सब तो ठीक है! पर आपके पास तो ये तीनों रंग न थे फिर आपकी कैसे चलती थी? बापू बोलै बेटा! किशन भगत तिरंगे झण्डें में जो डण्डा लगता है वो मेरें पास था । और बापू अन्तर्ध्यान हो गये।
@kundanrawat17615 жыл бұрын
सर, आपकी हाजिर जवाबी का कायल हूँ। माँ सरस्वती की असीम कृपा आप पर है। ईश्वर आपको शतायु करे।
@456nostalgic6 жыл бұрын
सर्वश्रेष्ठ कवि श्री अशोक चक्रधर
@muditasingh3286 жыл бұрын
ह् ह् ह् हा । । । बहुत ख़ूब सर .. 😍 शब्दावलियाँ, सिर आँखों पर ! तुकबंदी की धार अनोखी, मर्म-धर्म जो कभी ना देखी । चक्रधर का चक्र निराला, हँसते हँसते करे दिवाला । । नमन् सर !
@muditasingh3286 жыл бұрын
नमन्
@singhnsingh15 жыл бұрын
Mudita Singh , He is the megician of words.
@ramdharikaushik13192 жыл бұрын
हिरदे samrat kavi hain Shri Ashok चक्करdhर ji
@kamalkapri7385 Жыл бұрын
सर मैं आपका बहुत समय से फैन हूं आपसे मिला था जब आप सतना यू सी एल में आए थे मुझे आपकी कविताएं कंठस्थ हैं मैं महफिलों में आपकी कविताएं सुनाता हूं आपका नाम लेकर मुझे आपकी कविता कानपुर की तीन बहनों की आत्महत्या वाली बीच में मिस है कृपया मुझे पूरी कविता भेजें
@ArvindKumar-uf8ib3 жыл бұрын
Gazab
@naveenpradhan16 жыл бұрын
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
@ytd21484 жыл бұрын
जय हिंद ।। अहिंसा परमोधरम ।
@rakeshraju45143 жыл бұрын
महोदय, आपके ओजपुर्ण कविता को मै मारवाड़ी उच्च विद्यालय, दरभंगा, बिहार में रहकर " महामूर्ख सम्मेलन" में सन् 1983-84 से सुनता आ रहा हूं।🌹💐👏👏👏🙏🏻🙏🏻
@rameshchandrarawat70554 жыл бұрын
अधिकतर लोगों को सरकारी नौकरी चाहिए रोजगार नहीं हम सबको अपने आप से पूछना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं। अपनी शक्ति के अनुसार उसे प्राप्त करने की कोशिश करते रहना चाहिए
@omraizada3 жыл бұрын
वाह दादा । वाह ।।
@अकबरएआज़म5 жыл бұрын
Sir aapki tukbandi lajwab hai
@jitendracharan43156 жыл бұрын
हिंदी का बड़ा नाम
@nirmaladwivedi92364 жыл бұрын
Naman Mahatma
@sunpraiit4 жыл бұрын
सोन-चिरैया (Son Chirayya) | Motivational Poem for Young India #AtmanirbharBharat #JaiHind #VandeMataram #BoycottChina kzbin.info/www/bejne/p5THn31rZtiGnbM
@bhavnagupta25402 жыл бұрын
😄😄😄😄😄
@सचिनत्रिपाठी-झ5ट5 жыл бұрын
Fin Dr
@prafullsingh7872 Жыл бұрын
Yahi khkhali baat hai laden mare ya bush laden hi marana chahiye tha
@bhaskarbhattacharyya36815 жыл бұрын
SRIMAN ... PRATHAM AAUR DWITIYA BISWAYUDDH MEY JO BHARTIYA SIPAHI O NEY BALIDAN DIYA UNKEY BISAHY MEY AAP KA KYA VICHAR HAI? AUR AAP KYA MANTEY HAI, NETAJI KEY AZAD HIND FAUJ DWITIYA BISHAYDH MEY SAMIL THA KI NEHI? AAP KEY KAVITA AUR KAVITAO KI UPASTAPNA SEY PHLI BAAR MAI AAHAT HUA. MAFF KIJIYE GA
@ashokchakradhar5 жыл бұрын
Bhaskar Bhattacharyya आप ठीक कह रहे हैं भास्कर! मेरा आशय यह था कि द्वितीय विश्वयुद्ध में रूस ब्रिटेन और अमेरिका की तरह हम शामिल नहीं थे और वैसे भी अब तक के इतिहास में नेताजी के योगदान को ढंग से रेखांकित नहीं किया गया इसलिए मेरी यह टिप्पणी अवचेतन से निकलकर आयी चेतन से नहीं
@bhaskarbhattacharyya36815 жыл бұрын
जी श्रीमान। मै एक विषय मे आपका अमूल्ल्य ध्यान आकर्षण करना चाहूंगा। ९ अगस्त १९४५ , द्वितीय बम बिस्फोट के वक्त नेताजी ध्यान मे बैठे हुए थे। जब उनका ध्यान समाप्त हुआ तब उन्होने आपने ब्यक्तिगत सेक्रेटरी श्री भास्करन जी से पूछा उसदिन का विशेष समाचार के बारे मे। भास्करन जी ने जवाब दिया की जापान आत्मसमर्पण कर चूका है। और तब नेताजी ने कहा, "भासी (भास्करन को इसी नाम से वो पुकारते थे ) आप संवाद के चयन मे दक्ष नहीं हो। आज के सबसे ज़रूरी समाचार ये है की जापान के आत्मसमर्पण, जर्मनी के पराजय, इटली के हार के बाबजूद, ४०००० हिम्मतवाले इंसानो की भारतीय फ़ौज बिना टैंक, हवाई जहाज़, जलपोत, और अर्टिलरी गन के होते हुए भी वर्ल्ड वॉर २ मे मित्र शक्ति को चुनौती दे रही है। युद्ध अबतक जारी है। " उनका कहा हुआ ये एक एक शब्द मेरे लिए भारतीयता की स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की एक एक अध्याय है। जैसे आपके लिक्खे हुए एक एक शब्द बर्तमान भारतबासी के लिए "सहारे की तिनका " है। कृपया मेरा प्रणाम स्वीकार कीजिये। मई बांग्ला भाषी हु। मई कभी भी हिंदी नहीं पढ़ा। फ़ौज मे काम करने की वजह से हिंदी सीखा हु। इसलिए मेरे लेख मे जो भी गलतिया है उसके लिए मई माफ़ी चाहता हु। N.B. मेरा लिखा हुआ तत्थो बांग्ला पुस्तक "आमी सुभाष बोलछि" से मैंने प्राप्त किया