आपने अपने ही शब्दों के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के नाम पर उपदेश देने की कोशिश की है। यही कारण है कि वस्तु तो ठीक है पर शब्द स्वामी के नहीं होने के कारण वह छाप नहीं छोड़ पाता। वीडीओ को और संक्षिप्त करते हुए तथा स्वामी जी के शब्दों का प्रयोग करते तो फलदायी होता। भाषण से कुछ होने वाला नहीं।