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आज आर्य समाज मंदिर में गायत्री महामंत्री यज्ञ के 5 वे दिन प्रात 8:00 बजे संध्या उपासना व मनसा परिक्रमा मंत्र के बाद तेरेहे जोड़ो व निम्न आर्यजनों व मातृशक्ति भोजराज सारस्वत मंजू ,घनश्याम पीती कौशल्या ,मुकुंद पीती अनु, प्रज्ञानंद प्रियंका, नवल किशोर पीती सावित्री, सुनील हर्ष अनीता हर्ष ,नवल किशोर सरोज बाला, गोविंद कड़ेल सरोज, किसन लोहिया सुमन, सुरेंद्र बंसल मधु ,मुरली जी पुरोहित रजनी ,राजू पतासे वाला कंचन, विमलेश कांता, राघव पीती डिंपल,नंन्दकिशोर पीती, सावत्री व राजेन्द्र पीती, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, सीताराम तांडी ,मोहनपवार, प्रहलाद मुनि, सुखदेव मनिहार ,सूरज नागोरा, नागरमल भार्गव ,आनंद पुरोहित,दिलीप चांडक ,राजाराम, राजेश अग्रवाल ,विजय सिंह, रामस्वरूप राकांवत मुरलीधर डागा, विपुल सक्सेना, सोमनाथ, लक्ष्मण, इंदु चौधरी, मनस्वी ,विमल लोहिया ने यज्ञ वैदी मे गायत्रीमंत्र की चालीस हजार मंत्रो की आहूतियाँ दी ।
इन पांच दिनों में कुल 51 जोड़ों व आर्यजनों ने एक लाख इक्सट हजार गायत्री महामंत्र की यज्ञ वैदी में आहुतियां पंडित विद्या वाचस्पति पंडित चंद्रशेखर श्रीमाली, शिक्षा शास्त्री पंडित मनोज व्यास व संगीतकार विजय कुमार व्यास के निर्देशन में दी ।
इस अवसर पर पंडित चंद्रशेखर श्रीमाली ने कहा कि वेदों का सार गायत्री महामंत्र में समाहित है ।
गायत्री मंत्र का जाप तनाव, चिंता, क्रोध जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाकर मानसिक शांति ,आध्यात्मिक उन्नति ,सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करता है ।
पूर्णाहुति के बाद पंडित चंद्रशेखर श्रीमाली एम डी एच के मुख्य निदेशक सुरेश राठी
आर्य समाज के संरक्षक चंद्र प्रकाश अग्रवाल व प्रधान सीताराम टांडी के हाथों से पाचो दिन यज्ञ मे बेठे जोड़ो व पधारे हुए पत्रकारों को गायत्री मंत्र का स्मृतिचिन्ह भेंट किये ।
आर्य समाज के प्रधान सीताराम तांन्डी ने पधारे हुए यज्ञ जोड़ो , आर्यजनों व मातृशक्ति को धन्यवाद ज्ञापित किया । सभी को रविवार को आर्य समाज में होने वाले साप्ताहिक हवन में शामिल होने का निवेदन किया ।