क्या हम किसिभी सब्जी मे गंना गुरू इस्तमाल कर सकते है ?
@RahulJawaan4 ай бұрын
Kela guru ka
@HareshDhodi-mz2xt4 ай бұрын
Price?
@jaivendrachoudreychodrey32567 ай бұрын
Rahul bhai aapka lakh lakh dhanyvad aap bahut acche se
@RahulJawaan7 ай бұрын
❤🎉
@MahendraSingh-bk4zt6 ай бұрын
ganna 0238 KO BHI rOG RAHit krEGa kya. bAtAna jArur?
@RahulJawaan6 ай бұрын
741 वीडियो नंबर देखिए
@ashumalik14256 ай бұрын
Jày shiree ram
@rajkumarsinghchauhan63886 ай бұрын
राहुल भैया नमस्ते, 30..35 दिन में खेत सुखा रहता है, क्या सूखे में ड्रेंचिंग कर सकते है, या ड्रेंचिग करके सिंचाई कर दे, दूसरे ड्रेंचिंग के drum me कोराजेन dal दे और ठीक से मिलाकर ड्रेंच कर सकते है क्या । या अर्ली बोरर के लिए कोई other dawai यूज करनी चाहिए। प्लीज ये जानकारी भी दीजिए । जय हिन्द
@RahulJawaan6 ай бұрын
नमी वाले खेत में ही प्रयोग करना है दूसरा वाला ड्रिंकिंग मिलकर कर सकते हैं बाकी के लिए आप हमारे 741 नंबर का वीडियो देख लीजिए
@musicmastifulltime96147 ай бұрын
Hanna Guru .pedi gsnne main dal sakte hain..sir
@RahulJawaan6 ай бұрын
जी हां बिलकुल
@Madan-fz5nf7 ай бұрын
रेट। क्या है गन्ने गुरु का
@ramakanttripathi747 ай бұрын
कहाँ मिलेगा
@brajeshchandraatul81297 ай бұрын
Aap ne chune ka pani ka istemal bataya. Uske baare me kisano ko sahi jankari de. Anyatha nuksaan ho sakta hai. Bina PH jaane kya uska istemal sahi hai.... Agar Jamin ka PH jyada hai aur aapane chuna ka pani dalwa Diya to nuksaan hoga ya fayda?
@RahulJawaan7 ай бұрын
Ham aapki baat se sahmat hai
@MahendraSingh-bk4zt6 ай бұрын
ganna gUru ke iSTE.mAl ka TArika jARUr bhEjna?
@RahulJawaan6 ай бұрын
जी वीडियो आ चुकी हैकृपया देखिए
@mdnowab80447 ай бұрын
Seba hi karm ha insano ki lekin aaj hakikat ma koi nehi karta sebiy aap k guru ji
@RahulJawaan7 ай бұрын
Dhnyawad ❤ ji
@vikramsingh44617 ай бұрын
Aadhe ekad Mein dalna Hai ganna Guru Chhoti packing Milegi kya
कोरोलारी किसान प्राइवेट लिमिटेड यह मेरी खुद की है क्योंकि भैया जी गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का जो अभियान चल रहा है उसके लिए इसकी कीआवश्यकता है सबसे अच्छा तो यह है कि आप लोग हमारे बताए हुए नेक्सों को करें आपको किसी कंपनी की आवश्यकता ही नहीं है
@MrSanjay40626 ай бұрын
राहुल जी आप तो 60-70 कुंतल से ऊपर गन्ना नहीं पैदा करते
@RahulJawaan6 ай бұрын
भैया जी मैं बहुत ज्यादा पैदावार पर जोर नहीं देता मैं देता हूं स्वस्थ पैदावार स्वस्थ जमीन स्वस्थ पर्यावरण स्वस्थ मनुष्य पर पैदावार 10 20% पढ़नी चाहिए उससे ज्यादा एकदम बढ़ेगी तो नुकसान होगा
@yashgaming07797 ай бұрын
Rahul bhai Joya mein aao to batana
@RahulJawaan7 ай бұрын
16 ko aa raha hu
@AnilKumar-yd2ui7 ай бұрын
Rahul bhaiya joia ma kab aa raha ho
@RahulJawaan7 ай бұрын
जी फिर आएंगे
@bharatkatkar60917 ай бұрын
Anil bonde ka mobile no. Dena please
@sushilkumarinsan8447 ай бұрын
*खेती व्यवस्था में आर पी एस 76 का इस्तेमाल क्यों जरुरी है* ? वनस्पति का भोजन क्या है. वनस्पति के सम्पूर्ण भोजन की व्यवस्था प्रकृति ने बनाई है, इस बात को सारी दुनिया के वैज्ञानिक मानते हैं, उनका रिसर्च कहता है कि, किसी भी वनस्पति को 96.2 प्रतिशत भोजन सूर्यप्रकाश, हवा तथा पानी से मिलता है, बचे हुए 3.8 प्रतिशत भोजन की व्यवस्था मिट्टी से पूरी होती है, जिसे हम मिट्टी कहते हैं, वास्तव में वो सभी प्रकार के खनिज हैं, जिनकी हमारी वनस्पति को आवश्यकता है, जैसे मुख्य अन्न द्रव्य में नत्र,स्फुरद,पोटाश,दुय्यम अन्न द्रव्य में कैल्शियम,मेग्नेशियम,सल्फर,तथा सूक्ष्म अन्न द्रव्य में बोरान,क्लोरीन,कॉपर,आयरन,मेंगनीज,बेनेडियम,झिंक, वनस्पति को कम-ज्यादा प्रमाण में लगने वाले ये सभी घटक खनिज के स्वरूप में मिट्टी में हैं, आवश्यकतानुसार वनस्पति को मिलते हैं, इसके अलावा 3 घटक हैं, कार्बन, हाईड्रोजन तथा आक्सीजन ये घटक पानी तथा हवा से उपलब्ध होते हैं. वनस्पति को भोजन के उपलब्धिकरण की प्रक्रिया क्या है। एक ग्राम मिट्टी में १० करोड़ सूक्ष्म जीवाणु होते हैं, इनका भोजन वो खनिज हैं, जिसे हम मिट्टी कहते हैं, ये खनिज जीवाणुओं का भोजन हैं, उनके खाने से खनिज का रूप परिवर्तन होता है, फिर उसे दूसरे जीवाणु खाते हैं, इस प्रकार मिट्टी के खनिज जीवाणुओं के भोजन से वनस्पति का भोजन बन जाते हैं, ये वनस्पति को भोजन देने की प्राकृतिक व्यवस्था थी, वनस्पति को आवश्यकता से अधिक भोजन मिलता था, इसलिए वनस्पति बलवान तथा निरोगी रहती थी, बलवान वनस्पति किटकों को प्रतिकार करती थी, इसलिए जहरीली दवाओं का छिड़काव भी नहीं करना पड़ता था। आर पी एस 76 जीवाणुओं की संख्या तेजी से बढ़ाता है. गोबर खाद सड़ने के बाद उसमें से जो कार्बन मिलता था, वह जीवाणुओं का भोजन हैं, फसलों के अवशेष जो मिट्टी में सड़ते हैं, उसमें से निकलने वाला कार्बन जीवाणुओं का भोजन है, अब गोबर खाद सभी किसान भाइयों को उपलब्ध नहीं है, स्वच्छ खेती पद्धति के कारण फसलों के अवशेष भी कम हो गए, इसलिए भी जीवाणुओं की संख्या बढ़ने की गति रुक गई. आर पी एस 76 में जीवाणुओं का भोजन बहुतायत मात्रा में है, इसलिए जब खेत में आर पी एस 76 दिया जाता है, जीवाणुओं की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है, जीवाणुओं की संख्या ज्यादा मतलब फसलों को ज्यादा भोजन। प्रकृति की बहुमूल्य भोजन व्यवस्था में केंचुओं का रोल अहम् था। उपजाऊ मिट्टी में जितना सहभाग जीवाणुओं का है, उससे ज्यादा महत्व केंचुओं का है, रासायनिक खाद के कारण मिट्टी में गर्मी निर्माण होने के कारण केंचुए नीचे-नीचे चले गए, आर पी एस 76 मिट्टी में ऐसे वातावरण का निर्माण करता है, जिसके इस्तेमाल से केंचुए ऊपर आकर खाद बनाने लगते हैं, एक एकड़ क्षेत्र में साल भर खेती होने वाली मिट्टी में 120 टन तक केंचुआ खाद हर साल बनता है, किसान भाइयों अगर 120 टन केंचुआ खाद हर साल आपके एक एकड़ क्षेत्र में बनने लगे तब आपको बाहर से एक रुपये कीमत का खाद डालने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु जब तक मिट्टी में निर्माण हुई खराबी दूर नहीं होगी, केंचुए से मिलने वाला बहुमूल्य खाद हमें नहीं मिल सकता। *भूमि, कृषि और कृषक को बचाना है, तो आर पी एस 76 लगाना है* आर पी एस 76 मिट्टी में निर्माण हुई खराबी को दूर करने में सक्षम है। सुशील कुमार 9837334820
@RahulJawaan7 ай бұрын
जी
@VijayRaj-qs7un7 ай бұрын
Rahul bhai jo kissan aate hai unka mobile number bhi pucha karo
@RahulJawaan7 ай бұрын
Ji
@RahulJawaan7 ай бұрын
Privacy problem ke Karan kisan mana kartey hai to me nahi poocha