North Indian plains mein ... Ghar ka breakfast baasi roti , onion, chutney , salt etc. And , Poori sabzi, paratha sabzi etc. Ghar ke bahar ...Dahi jalebi, rabri, milk jalebi etc. Breakfast tha British se bhi pehle but it was all indianised.
@kamalchoudhary55266 ай бұрын
नाश्ता तो था दद्दू पर अलग अलग प्रांत में नाम अलग अलग थे। हमारे यहाँ ज्वार या गेहूँ की रोटी की दूध में चूरी और मीठे के लिए गुड़ डाला जाता था। नाश्ता उर्दू शब्द है, हमारे यहॉं शिरावण या शिरामण नाम है।
@virendravyas39226 ай бұрын
राजस्थानी संस्कृति में कलेवा (सुबह का भोजन)घाट ,राबड़ी ओर बाजरी का ठंडा सोगरा खाते है
@prabhakarpatil17346 ай бұрын
महाराष्ट्र मे नाश्ता को "न्याहारी" कहते है. बहूत पूरानी परंपरा है
@singhamrendra286 ай бұрын
बढ़िया वीडियो , भारत को स्वयं का परिचय फिर से करना होगा विदेशी लोग भारत और भारतीय संस्कृति ख़ान पान का महत्व समझ रहे है
@PramodKumar-xi7hk6 ай бұрын
❤❤ पुष्पेश पन्त जी int level के खान पान anallyst और रिसर्चर हैं।लोग समझ लें ❤❤❤
@shailendrayadav16276 ай бұрын
नाश्ता अंग्रेजों से आया क्यों कि अंग्रेजी पीके रात को कुछ भी खाके सोये तो सुबह जल्दी भूख नहीं लगती, तो सुबह ज्यादा खाया नहीं जाता इसलिए वे नाश्ता ऐसा करते थे जो रात वाली का असर भी उतर जाए और दोपहर को भरपेट दबा कर खाएं ताकि रात को फिर पीना है तो खूब पीएं यही देखकर जो वर्ग उनकी चाकरी में थे उनके भी टाइम ऐसे ही बन गए नहीं तो हमारे यहां सुबह खेत में जाते थे ग्यारह बारह बजे तक रोटी खेत ही में आती थी या घर नजदीक होने पर घर पर खाना खाकर थोड़ा सुस्ता कर फिर खेत में जाते और सांझ ढले रोटी खाकर सो जाते। लेकिन जिन्होंने मुगलों और अंग्रेजों की नौकरी की उनका टाइम उनके हिसाब से व्यवस्था करना भी उनकी मजबूरी रहा जो अगले कितने साल तक वैसे ही चलते रहा।
@lalita6436 ай бұрын
Haan aap ne bilkul theek kaha hamare Hindustan me aisa hi hota ths
@SHARKSinha6 ай бұрын
5:42 सही कहा सर। भोजन में कोई आंचलिकता नहीं बची।
@Deepak-z2y6q4 ай бұрын
Malls ke karan kapdo ka bhi yahi hua hai, cinema ke karan theatre ka , aur KZbin ke karan gaanon aur Bhajan kirtan ka. Sab unified common, no uniqueness
@theusualsuspect90763 ай бұрын
Aanchalikta matlab??
@SHARKSinha3 ай бұрын
@@theusualsuspect9076 Locality. Sanse of locality. Dosa ho ya Vada Pasv, pure desh mein mil rha hai. Aur kuchh jagah Milne Wale local food par asar daal rha hai
@SHARKSinha3 ай бұрын
@@Deepak-z2y6q sahi kahe. Uniqueness khatam ho gayi hai.
@dilipsharma38786 ай бұрын
There is no concept of breakfast in the hills. We eat two hearty meals in the morning and evening.
@sngaa76036 ай бұрын
It's still found in villages when farmers take heavy meal at morning and then leave for agricultural fields or the market and have early dinner around 7-8pm. It gives liver enough time to digest the meals and repair their bodies.
@surimakhloga302 ай бұрын
Now time has changed in the hills as well they start having 3 meals...
@DrMPJoshi6 ай бұрын
प्रोफेसर पंत जी की वार्ता शानदार है
@मीराचौरसिया6 ай бұрын
वार्ता शानदार नहीं है अंग्रेजियत की दुर्गन्ध आती है।
@sanjivgupta14186 ай бұрын
सुबह दूध, दूध रोटी, गुड़- घी-रोटी, दूध- दलिया खाने या पीने की परम्परा थी, क्या यह नाश्ता नहीं है। मैं नहीं सोचता कि भारत हमेशा इतना ग़रीब था कि दो समय का खाना भी नहीं खा पाता था। मेरे बाबा के समय सुबह आधा किलो दूध प्रति व्यक्ति के हिसाब से आता था, पिताजी बादाम , किशमिश, चिलगोजा लेकर स्कूल जाते थे। क्या यह नाश्ता नहीं है? या नाश्ता सिर्फ़ ब्रेड-सैंडविच- अंडे के साथ ही शुरू हुआ माना जायेगा ?
@lovelife6526 ай бұрын
Gupta ji aap log to khandani ameer ho
@sanjivgupta14186 ай бұрын
@@lovelife652 मेरे पिता बड़े बाप के बेटे थे। मैं नहीं !
@dilsere17756 ай бұрын
नाश्ता सेहत के लिए हानिकारक है
@sanjaysingh-vm8lw6 ай бұрын
@@lovelife652खानदानी अमीर हो तो क्या खानदानी गरीब दूध और बासी रोटी और गरीब छाछ से रोटी या कोई ऐसी ही चीज खाते थे। अब भिखारी को यही भीख में मिलता होगा।
@anshulsaini79175 ай бұрын
ये वामपंथी है इसके हिसाब से सब कुछ बाहर से आया है ।
@Jobsonu13 күн бұрын
we used to eat chawl ki roti with chili salt and ghee and pyaj and lot of fruits in our morning with dahi for our breakfast in the morning
@shitendrasingh12716 ай бұрын
Hamare yaha subah k time kalewa (nashta)dophar m jeunar(lunch)aur rat m biari(diner) ka prachlan purane 25-30shal pehle tak tha.
@Meripriyakahaniyan5 ай бұрын
Sahi
@siddharthshankar16096 ай бұрын
South mein idli hi milega . Kota Indore mein pohe milenge . Bihar mein jalebi kachori aur Gujarat mein dhokla fafda
@tribhuwansingh86726 ай бұрын
बिहार में कचौरी जलेबी ही नही असली कलेवा दही चूड़ा ही होता है।
@drashokkumar92094 ай бұрын
प्रातःकालीन भोजन को प्राचीन भारत में प्रातराश कहते थे । यह पूर्ण भोजन होता था । यही होना चाहिए ।
@ramkishorearya52256 ай бұрын
वेदों में भी प्रातः रास यानी नाश्ते का उल्लेख मिलता है।
@Nchandra19756 ай бұрын
In saurastra morning food is called sheraman.
@sree8586 ай бұрын
Jay Bharat
@Sahil-Singh.22 күн бұрын
पुष्पेश जी की बात सुनकर भूख बहुत तेज़ लगती है। 😅
@dr.hemantkumarsikar54025 ай бұрын
नाश्ता की परंपरा अंग्रेजों से आने की धारणा गलत है। राजस्थान में तो अंग्रेजों से बहुत पहले से कलेवा, छाक, गोळ व ब्यालू की परंपरा थी जो अमीर नहीं हर मेहनतकश , किसान आदि करता था।
@AP-gb4wn6 ай бұрын
He is completely wrong. Breakfast was part of Indian culture since way back. Because for early Morning shift soldiers, Guards and Farmers need to have some healthy food in the morning and to strive till afternoon. So breakfast was part of Indian culture even before Samrat Chandragupta Maurya and other emperors. कभी कभी pushpesh जी बहोत फेंकते है ऑर खुद को ही खरी करते है ऑर कीसी की सूनाते ही नही है
@nileshbenz16 ай бұрын
भाई आप के दादाजी के उमर के पंत जी है पर उन्हे तो उनके दादाजी तक की बाते तक याद होगी ये आप भूल रहे हैं
@satoru.nakata4 ай бұрын
0:52 it's rivaj not rivaz 4:29 phal not fal
@rawatwapcos6 ай бұрын
पंत जी की वार्ता मैं तथ्यात्मक गलतियां हैं. मेरे दादा 97 साल के हैं और हैं. उनके अनुसार जौं और चने की मिस्सी रोटी सुबह ही बनती थी और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दही मठा या अचार के साथ खाया जाता था.
@chandramohanbisht73165 ай бұрын
Bhai Angrez hamare dadaji ke paida hone se bahut pehle aa gaye the... Atleast 4-5 generation pehle aaye the Britishers...
@SureshSingh-ro5jz4 ай бұрын
Kalewa ke barey me bataye
@samreshhota914726 күн бұрын
Pushpesh Sir Kitni khubsurati se Samajhate hai
@Tragicome6 ай бұрын
I think these two wise men never heard about puffed rice, sticky rice, majic rice of Assam 'Kumal Chawol', rice flour 'Pithaguri' roasted rice flour 'Sandhajguri and many more to write about '.Years before before Mughal or British Assamese used to have breakfast /nasta or snake.
@Buntyfighter6 ай бұрын
Ye dono padhelikhe murkh hai
@varunshivay68806 ай бұрын
भारत में नाश्ते की कोई परम्परा नहीं थी ,सुबह पेट भरके भोजन किया जाता था ।
@sanjaysingh-vm8lw6 ай бұрын
हिंदी में एक शब्द है कलेवा या कलेऊ वही नाश्ता है।
@Meripriyakahaniyan5 ай бұрын
Sahi
@Catoff_23 ай бұрын
Hota tha do he time ka teen time ke khabo nhein the
@advocated.m.shuklgarje12576 ай бұрын
Misleading. Bhartiyas were having concept of Falahar, Kaleva full of Curd, milk.
@yj903211 күн бұрын
only certain upper castes had it
@MukeshGupta-nk9ny6 ай бұрын
राजस्थानी में नाश्ता को कलेवा बोलते है। और राजस्थान में कलेवा पुरानी परंपरा है।
@sripadgoswami81526 ай бұрын
My best wishes for your channal thanks
@abarry21096 ай бұрын
How about children and school children who attended gurukul?
@siddharthshankar16096 ай бұрын
Personal favourite idli
@user-vn7vr1oy2j6 ай бұрын
Ye baat sahi hai har jagah same hi menu milta hai.pareshan ho gaye hai.kuch alag nahi hai.wohi paneer ki sabziya masale se bhari.
@Meripriyakahaniyan5 ай бұрын
Sahi
@Sahil-fx2cz6 ай бұрын
umr ka taqaza hai, suna tha , aaj dekh bhi liya 🤣
@Neo_5126 ай бұрын
haan re arab ke gendu😂😂😂
@diptisomwanshi88466 ай бұрын
Jai ho jai ho jai ho
@123HemalCFA3 ай бұрын
Yeh banda pan ke galle pe baithe gaon ke fukre ki tarah baat kar raha hai, but seriously his confidence while talking nonsense makes me remind of that former government official Mr. Vishwa Bandhu Gupta's confidence and understanding in an iconic interview : kzbin.info/www/bejne/d5_bo32fiJqogbc
@ajaydubey19076 ай бұрын
नाश्ता पाकिस्तान से आया, आम इरान से आया, भारतीय संस्कार सीरिया से आया और बाकी सब अरब से आया।
@jagat81286 ай бұрын
Ek jaisa nashta har jagah.....? Koi bhi cheej elemenate nahi hui hai balki sabhi ne ek doosre ki items ko apne khaane mn add kiya hai . Yaani varieties available hn . Good.
@tigerpandey76366 ай бұрын
तो क्या राजा महाराजा भी दो जून की रोटी की तलाश मे रहते थे? ये आदमी मूर्ख है, इसको कहना चाहिए गरीब वर्ग नास्ता नहीं करता था, जो की आज भी बहुत से नहीं करते,
@echochamber83506 ай бұрын
Royal family's also never had any breakfast. Check any of the old recipe books from earliest times, there is no breakfast recipe - this only started post British rule
@horrorgamer89246 ай бұрын
तुम तो बड़े गयानी मालुम पड़ते हो
@vimalbisht24306 ай бұрын
@@echochamber8350lagta hai tumhe ki wo nashta nhi krte honge, being a raja , ameer
@roysunrohit6 ай бұрын
बात १६ आना सच है । खाना सिर्फ़ दो वक़्त ही होना चाहिए नहीं तो आज के वक़्त में बीमारी इतना होने का कारण ही यही है । आदमी ज़रूरत से ज़्यादा खा रहा है और ये मूल कारण है बीमारी होने का आज के पूरे जनरेशन का ।
@devendrapandey44196 ай бұрын
Sir Ap bhi Makaku chacha ke product hai, Sirf Roti nahi Sharbat Gud ka enriched with Iron a prominent drink or food.Bhuna anaj, Matta Dahi easily available having good nutrition value and so on
@surajprakash23756 ай бұрын
Hamare yahan nasta tha ise pata nahi hai hamare yahan chiwda, sattu, murmure, chabena, fruit sab kuch naste me hi khaya jata tha.
@nitinsingh94876 ай бұрын
Doodh aur basi roti ye to mai bachpan se kha rha hu😂
@RockyBalboa-g3n6 ай бұрын
Me toh subha bhar pet khata hoon . Kyun ki ayurved me likha he . Rajiv dixit ji ne bataya
@rajivbajaj3296 ай бұрын
Aaj ke time agar koi 8 baje apne ghar se niklega to kya kuchh khae bina jaega kya . Mumbai mein woh 10 baje office pahunchega aur 1 baje se pahle kuchh kha nahi payega . Is liye usko kha ke hi jana padega .
@meenakshichaudhary66176 ай бұрын
Humara nashta chhhay gud hota tha.5am se pahle.😎
@sandeepkumar-mp8dy6 ай бұрын
This mike, laptop , opticals all are invented by foreigners. So why they are using this😂
@gagansharma02106 ай бұрын
Very narrow point of view
@raunakmaheshwari27356 ай бұрын
Sahi batae 😂
@sandeshdutt47426 ай бұрын
Breakfast is must..and if eggs are there ..nothing like it.
@raimanvendrakumar6 ай бұрын
This clip of "teen taal" is feel like⤵️⤵️.. .."क़िस्मत हरा दे तो अलग बात है बाक़ी गुलेलो से कभी बाज मरा नही करते"..
@prashantkarulkar33906 ай бұрын
अरे ये चाचा , बासी रोटी....बासी रोटी क्यों कह रहे है ? लगता है उसके नसीब मे बचपनसे अभि अभि बासी चिजे ही मिल रही है ......
@deepabose22646 ай бұрын
NASHTA VO HOTA HAI JISE KISI KA NAASH KARKE BANAYA JATA HAI
@sharadksoman6 ай бұрын
Bharat mae agar 2 June ka khana nahi tha toh angrez kya lootne aae the ? How absurd
@ManojSharma-b4s6 ай бұрын
Bhai ye thek hai ke inko food knowledge bahut hai.lekin jayada knowledge se inka gyan kichadi ban gaya hai.😂😂
@adityasharma95496 ай бұрын
भारतीय परंपरा में लंच नहीं था
@vikasvaishnav91506 ай бұрын
Kaka bahut fast bolta hai nahin !
@TheAryavarata6 ай бұрын
Hamare ghar 2 hi time khana khate hai, Nashta nahi karte
@AryansGK-t5p6 ай бұрын
Kaise admi hai yr ye.. Jo desh sone ki chidiya raha ho us desh ko do doon ki roti nahi milti thi, kya admi hai ye.. Or jo is european desh ko lootkar ameer ban gye wo accha khana khate the, jo jungli ki tarah rehte the.. Kaun hai ye miyan..
@gajendrasinghsongara5346 ай бұрын
कलेवा बियारू होता था
@Pinak446 ай бұрын
Chacha misal khane aajao 😂
@SM007356 ай бұрын
यह बुजुर्ग पक-पक बहुत करता है !
@saurabhsingh-ko7kt6 ай бұрын
Yeh India ke best food researcher & historian hai thode tamiz se
@AmitKumar-gw8on6 ай бұрын
To mat dekho
@ramavtarsharma68776 ай бұрын
मूर्ख आदमी हमने इन तथाकदित विशेषज्ञों से भ्रमित होकर हमेशा अपने बुजर्गो का अपमान किया है यही विशेषज्ञ कहा करते थे कि रिफाइंड तेल खाना हेल्थके लिए बहुत अच्छा है देसी घी भी नुकसान देता है लेकिन वही लोग आज रिफाइंड तेल को जहर बता रहे है अपने बुजर्गो का सम्मान करना सीखो इसी अपमान से दुखी होकर बुजर्गो ने बच्चो को राय देना छोड़ दिया है
Aisa nahi hai . Abhi bhi local nashta hi khate hain log
@kumarlovendra6 ай бұрын
Tu zyada qaabil hai... inse mtlb😂😂
@siddharthshankar16096 ай бұрын
@@kumarlovendra aap nikaliye mahoday! Aapki jarurat kahi aur hai
@kumarlovendra6 ай бұрын
@@siddharthshankar1609 🤣🤣🤣...adha gyani...🤣🤣
@echochamber83506 ай бұрын
Ab khaate hain. Pehle nahi hota tha
@Ajay........Ajay...victor6 ай бұрын
कुछ लोग कुछ भी बकवास करके भ्रम फैलाने में लगे हैं.....
@mehul59516 ай бұрын
2 baar bhi nahi Lord Shiva ne sirf 1 baar hi khana, 3 baar nahna, yeh to Nandi Maharaj se galti ho gai ke 3 baar khana aur ek baar nahna, isliye woh galti ka prayaschit karne Nandi Maharaj aah bail ban ke kheto main anaaj ugate hai
@ahmedfarazkhan11906 ай бұрын
Koi kaam ni h to bss bakchodi krte rho
@AmitKumar-km4mn6 ай бұрын
😂
@dhirendrapandey5305 ай бұрын
बकवास वही पश्चिम की बुराई
@rajivbajaj3296 ай бұрын
Yeh bahut arrogant Aadmi hai . Apne aap ko kya samajhta hai . Kitni buri tarah se baat kar raha hai interviewer se .
@Quest36696 ай бұрын
Sathiya logo se ।।yahi sab puchoge ।।waise anchor bhi like beggar hai
@gameingmodeon17534 ай бұрын
Kalewa ya kaleu ye jante hi nahin
@gameingmodeon17534 ай бұрын
Inki knowledge bahut satahi aur bookish hai savere doodh jalebi khane ka zikra 2300 salo se hai likhit me