भाई अपने कबीर सागर सही से नहीं पड़ा है सत्यपुरुष के द्वीप में केवल नर शरीर है, और सतलोक में 27 द्वीप है जिसका नर और नारी का शरीर है और ऐसी ही सृष्टि है जैसी यहाँ पे है। सतलोक से सारे हंस आत्मये काल के जाल में नहीं फासी थी सिर्फ कुछ ही आत्मये काल के जाल में फासी और इसके लोक में आ गए गुरु नानक जी की वाणी सोई गुरु पुरा कहावे जो 2 अक्षर का भेद लखावे 1 छुड़ावे 1 लाखावे सो प्रानि निज घर को जावे सतनाम गुरुनानक जी ने 1 जगह लिख दिया है, कबीर सागर में बहुत जगह लिखा है गरीबदास जी ने तो स्पष्ट रूपसे बता दिया है राजस्थान के रामसापीर की 24 प्रमाण में 2 जगह सतनाम लिखा है और उसी का सुमिरन बोला है। बड़े दुख की बात है कि आप सतनाम को सही से नहीं समझ पाएंगे कबीर सागर अपने ठीक से नहीं पड़ी है हमें लिखा है हंस चले सतलोक सब स