साहेब गुरू सतनाम जय जय सतनाम गुरू घासीदास बाबा की जय संत गुरु कबीर साहेब की जय गुरू नानक देव जी की जय
@rajeshyadav37147 күн бұрын
गुरु जी प्रणाम आपका सत्संग हर धर्म हर जाति हर मजहब को जगाने वाला महान सत्संग है आपको कोटि कोटि प्रणाम
@SunilKumar-sm5tz3 ай бұрын
Saheb bandgi saheb ki jay ho Kabir tent ajanci
@VijayLakshmiYadavBlog10 ай бұрын
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी गुरु जी👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
@rewaramsahu32110 ай бұрын
Saheb bandagi saheb Ji Jai Satnaam
@TilakRam-e9b8 ай бұрын
Saheb bandagi sadguru ji 🙏🙏🌹🌹
@HopefulMastiff-jk4ni2 ай бұрын
जय गुरु महाराज जी आप के पावन चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
@CharanSingh-bo2nm10 ай бұрын
जय हो आप की मेरी उम्र भी आप को लग जाए. आप एक नंबर पे हो जय हो आप की.
@arundungarani64329 ай бұрын
Sat Nam saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi
@ParmodKaushal-hm7yl8 ай бұрын
साहिब बंदगी साहेब जी 🙏
@ravik6220510 ай бұрын
बहुत ही सुंदर विचार साहेब जी ♥️👌✍️🙏
@NarenderKumar-ih7qc9 ай бұрын
सत्य वचन गुरु जी को प्रणाम
@AtulPatel-nr5rc3 ай бұрын
साहेब बंदगी
@moharsingh876310 ай бұрын
बहुत ही शानदार सुंदर वाणी प्रभु जी की सलाह
@lakhanverma73099 ай бұрын
बहुत बहुत अच्छा प्रवचन❤
@Dev-yadav-668410 ай бұрын
साहेब बंदगी जय श्री राधे श्याम
@AshokKumar-ec8zq10 ай бұрын
बहुत अच्छा
@KapilKumar6396710 ай бұрын
Saheb bandagi 🙏🙏🙏saheb ji
@somvatirathi71714 ай бұрын
Jay Gurudev koti koti pranam guruji 🙏🙏
@KABIRDARSHAN-v3m10 ай бұрын
Saheb bandagi
@Krishn8929 ай бұрын
गुरु देव आपकी सब बातें हमने हिरदयप में रख ली है।जय हो गुरु देव की।
@baliram64910 ай бұрын
Saheb bandgi baba
@archanarai284910 ай бұрын
Saprem saheb Bandagi Guru k charno meh🙏🙏🙏🙏
@babitathakur864210 ай бұрын
Sahib bandagi Sahib
@UmeshYadav-ci2ej10 ай бұрын
Sahib bandagi Jay Siyaram guruji
@surendratak6536Ай бұрын
Saheb bandagi bahut hi sar garbhit pravchan
@sarveshvardalal81603 ай бұрын
Sahib bandgi Sahib ji.
@chandagautam291510 ай бұрын
Naman gurudev🙏🙏🌺🌺🇳🇵
@rupeshpatel963610 ай бұрын
Jaygurudev🎉🎉jilasurat🎉🎉
@jitendrabhatt49643 ай бұрын
Jai ho Gurudev, yeh video dekh kar dhany ho gaya hu, barso se mn ke andar ek question tha uska javab yeh video dekh kar mil gaya. Aaj se balki abhi se sabhi dag mitane mei lug javuga. Jai ho Saheb!
@LalitLodu-nh3cu9 ай бұрын
साहेब बंदगी गुरु देव 🙏🌹🙏🏻🙏🏻🌹
@arpitkushwahaetw52529 ай бұрын
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
@cbsingh-xx4yi5 ай бұрын
Jaygurdev saheb🙏🙏🙏🌹🌹🌹❤️
@premchandakoankarsadgurupa755610 ай бұрын
Satnamvahaguruji.terathankhamilttah00🎉❤
@HarmanSingh-ys5or4 ай бұрын
ਧੰਨਬਾਦ
@radheshyamadv.radheshyamad774510 ай бұрын
जय कबीर साहेब बंदगी साहेब
@VsvSandip-c2v9 ай бұрын
👿
@cbsingh-xx4yi5 ай бұрын
Jaygurdev malik🌹🌹🙏🙏🙏
@KapilKumar6396710 ай бұрын
गुरु जी लोग वह नही करते जो आप कहते हो, लोग वह करते जो आप करते हो
@rajkumarmanikpuri84398 ай бұрын
Saheb bandagi Saheb
@rameshkumar-my5vc8 ай бұрын
आज जीवन में पहली बार अमृत मिला है।
@Alok_kumar8358 ай бұрын
Jay KABIRA SAHEB❤❤❤
@DadhishKumar-b5l10 ай бұрын
Kabir saheb bndgi 👣🙏🙏🙏 guru ko ti kotu namn
@vijayanant59993 ай бұрын
Jay satnam guru baba ji ki jay Jay satsaheb bandagi saheb ji jay satnam Jay bhim namo badhay jay savidhan of india 🏳️🇮🇳❤💙🌹💞🌹🙏🙏🌹🌹
@nabinacharya274710 ай бұрын
❤❤❤🙏🙏🙏❤❤❤
@birendrakumarvishwakarma7353 ай бұрын
जो राम को नही मानता ओ बाबा हो ही नही सकता जय श्री राम
@ArvindbhaiNrusinhdasKana-kk6dn9 ай бұрын
Yahi bate(Para Vani se pratyax pragat pratyek moment me agar hota rahega to)satsang sunnevale ko Aadha Shabd SadGuru Tatva se Aadha shabd mil hi jayega or Tab vo kah shakega ki Maine Pura pa Liya.............
@prakas100810 ай бұрын
👏👏👏👏🥰💖
@GhevaramDarji3 ай бұрын
राम की पूजा हम तो करते रहेगे जय श्रीराम
@AdhyatmRahasyaTV3 ай бұрын
हां क्यों नहीं पूजा तो राम की हो रही है लेकिन जीवन रावण का चल रहा है
@Sevak3239 ай бұрын
Kabir Saheb Ki Baat Ko samajhne ke liye aur use pesr tippani karne ke liye abhi bahut Samay baki hai Maharaj aap abhi use avastha Mein Nahin pahunche Hain Yahan Maharashtra Mein Sant Namdev ji Sant Gyaneshwar ji Sant Eknath ji Sant Tukaram Ji Maharaj sabne Shri Vitthal ji ki Puja ki Ramkrishna Hari Ka Sankirtan Kiya Aur unhone Bhi Vahi Paya Jo Kabir sahab Ne Paya Na Kabir sahab se 1 inch niche na 1 inch upar Murti Puja Ek pura ka pura Vigyan Hai Pahle manahshthiti sthul Mein Ruke FIR jakar ke niraakaar mein ruk sakegi Pathar puje Hari mile Agar Pathar Mein Hari Nahin Dikhai de rahe hain Kabir sahab Ko To fir Kabir Saheb Kaise kah Rahe Hain Ki Main pura Jag rammay dekhta hun durbhav na Paida karaen anyatha shri Ramchandra Ke Bhakt Kabir Ke Virodhi Ho Jaenge Aur Kabir sahab Ke anuyaayi Shri Ramchandra Ke Virodhi Ho Jaenge jismein ki donon tatvon ka donon pakshon ka galat prayog ho jaega Kabir Ram Ke Ram Kabir ke Aisa sambandh Rahane dijiye Kyunki Yahi sambandh Tha
@AHANKARSEMUKTI10 ай бұрын
राम मंदिर बना था विधाता किच्छा था बन गया आप लोग कितना भी कह लो कितना भी प्रचार कर लो कुछ नहीं होने वाला
@heeradasmanikpuri-l6cАй бұрын
Jai Kabir saheb
@SujatadeviRekhadevi2 ай бұрын
Jo Ishwar sarvvyapi hai kya use Murti Mein Nahin Hai Agar use Murti Mein Sakar Roop mein hai to uski Puja Kyon nishfal ho sakti hai Bhakt ke Vishwas per Hi pahlad Ne khambe Se nursing ka Avatar kiya tha yah shakti hai vishwas mein jo ki Pathar ko bhi Bhagwan banaa sakti hai
@AHANKARSEMUKTI10 ай бұрын
आपको तो यह भी ज्ञान नहीं है कि करोड़ों व्यक्ति की आस्था जुड़ा है राम मंदिर पर परंतु सबको झूठा कहने वाला आप लोग कबीर पंथी है
@AdhyatmRahasyaTV3 ай бұрын
तुम तो महा अबोध हो बालक अभी! थोड़ा अध्ययन करो गीता उपनिषद आदि पढ़ो, संतो का संग करो,, शायद आंखें खुल जाए।। सत्य से बहुत दूर हो अभी,, और तुम्हे लगता है कि तुम राम या कृष्ण के भक्त हो ,, नहीं तुम रावण और कंस के भक्त हो, अपने कर्म को देख लो,, फिर अंदाजा हो जाएगा।। न सत्य है न प्रेम है न करुणा है न अहिंसा है और न भक्ति है, फिर भी तुम भक्त बने बैठो हो,, छल कपट ईर्ष्या द्वेष झूठ पाखंड आदि जीवन में रख के तुम राम या कृष्ण के नहीं रावण और कंस के भक्त बने हो
@satyapalrana95919 ай бұрын
आपने एक वीडियो बनाया है (देवताओं की पूजा, साथ में लिखा है-देवता चरित्र हीन थे?) आप बताइये कि कबीर साहेब ने सारे शास्त्र पढ़े थे? नहीं, कोई शास्त्र नहीं पढ़ा था उन्होंने । कबीर साहेब ने ख़ुद कहा है, कागद-कलम हाथ लेता नहीं दूसरा कहा है-पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ तो जब उन्होंने शास्त्र पढ़े ही नहीं तो शास्त्रों में लिखी बातों का उन्हें पता नहीं लग सकता, तो सच्चाई ये है कि आप जैसे लोगों ने शास्त्रों में गल्तियां ढ़ूढीं, आपको उनमें अच्छाई कोई नजर नहीं आयी? इसके पीछे आपकी इच्छा ये है कि लोग देवी देवताओं से नफरत करने लगें और कबीर पन्थ में आ जायें। इन्हीं बुराइयों का वर्णन कर वहुत से मठ-पन्थ स्थापित हुए इन्हीं बुराइयों का वर्णन कर और थोड़ा सा लालच देकर धर्म परिवर्तन कराये गये और कराये जाते हैं। शास्त्रों में लिखी बातों का आपने ये मतलब निकाल लिया कि देवता गलत थे, आपने ये मतलब क्यों नहीं निकाला कि शास्त्रों में लिखी हुई बातें गलत हैं? शास्त्रों में लिखी गई बातें गलत हैं देवता नहीं। देवताओं के बराबर इस पूरे सृष्टि चक्र में, चाहे वो ऋषि मुनि तपस्वी थे, चाहे मठ-पन्थ सन्सथापक थे और चाहे धर्म सन्सथापक थे, चाहे कबीर साहेब थे कोई भी देवताओं के बराबर पवित्र नहीं थे, सभी स्त्री-पुरुष के मिलन से पैदा हुए थे यानि विकार से पैदा हुए थे और देवी-देवता योग-बल से पैदा होते हैं, उनकी आत्मा भी पवित्र और शरीर भी पवित्र होता है, इसलिए सिर्फ वो ही पूज्यनीय हैं और कोई नहीं। देवी-देवताओं की शास्त्रों में महिमा लिखी है-सर्व गुण सम्पन्न, 16 कला सम्पूर्ण, सम्पूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम, अहिंसा परमोधर्म फिर उन्हें लड़ते-झगड़ते दिखा दिया, चरित्र-हीन दिखा दिया ये गलतियां इसलिए हुईं -द्वापरयुग में जब पहले शंकराचार्य जी आये उसके बाद शास्त्र लिखे गए जबकि देवी-देवता सतयुग और त्रेतायुग में थे तो उनके बारे में लिखी बातें कुछ तो गलत हो ही सकती हैं ना, कुछ अन्दाजे से भी बातें लिखी गईं और कुछ मन से भी लिखी गईं। शास्त्रों में लिखी बातें सब इस घोर कलयुग के समय की हैं, शास्त्रों में लिखे सभी राक्षस इस समय इस धरती पर मौजूद हैं। जब देवता होते हैं इस भारत देश में तब कोई राक्षस नहीं होता, तभी ये भारत देश स्वर्ग होता है, उसी समय भारत सोने की चिड़िया था, उसी समय भारत में शेर और बकरी एक घाट पर पानी पीते थे। पहले दो युग स्वर्ग के युग होते हैं और उस समय अकेला भारत होता है और कोई देश नहीं होता। दूसरे दो युग द्वापरयुग और कलयुग नरक के युग होते हैं यानि जब नरक होता है तो स्वर्ग नहीं होता और जब स्वर्ग होता है तो नरक नहीं होता यानि स्वर्ग में सिर्फ देवी-देवता रहते हैं और कोई नहीं। ये अपने आप को खुश करते रहते हैं कि फलाना स्वर्ग गया, कोई भी नहीं जाता।
@AdhyatmRahasyaTV9 ай бұрын
श्रीमान जी आपको साधुवाद,, परिचर्चा के लिए आपका स्वागत है,, इस विषय पर आध्यात्मिक संवाद करने के लिए आप आश्रम पधारें,, हमें आपसे चर्चा करके आनंद आएगा,, सदगुरु कबीर साधना मंदिर गिधेश्वर बड़ीबाग खैरा जिला जमुई बिहार,, कार्यालय संपर्क 9471656597
@सत्यसनातन3694 ай бұрын
जिन कबीर के नाम पर बड़े बड़े मठ चल रहें हैँ उनके जन्म स्थान की हालात देखिये बद से बदतर हैँ कूड़ा करकट फैला है चारो तरफ उस लहरतारा तालाब मे उसकी ओर किसी कबीर पंथी का ध्यान नही. और बातें तो मानवता की श्वेतकेतु,मारीच ,कालनेमी भी करते थे मूल चरित्र तो कर्मो मे और नीयत मे दीखता है इन कबीर पंथीयो को अच्छे से पता है की ज्यादातर हिन्दू अपने ग्रंथ खुद पढ़ते नही इसीलिए उनको कुछ भी ज्ञान देके भटकाना और अपना पंथ प्रसिद्धि बढ़ाना आसान है अधिकतर हिन्दुओ को पता ही नही सूर्य चंद्र इन्द्र ब्रह्मा शिव विष्णु अग्नि ये सब देवता हैँ पद हैँ 😎और हमारे ऋषियों ने निडर और निष्पक्ष होके यह समझाया की मनुष्य से लेके देवताओं से भी अपराध होते हैँ लेकिन जो अपने दुर्गुण पर विजय पाके महान बनता है जिस इन्द्र ने अहिलया के साथ छल किया और जिस चंद्र देव ने बृहस्पति की पत्नी का हरण किया था वो किस मनवंतर का चंद्र था पता है इनको?क्युकी ये देव पद हर मनवंतर के बाद महाप्रलय मे नस्ट हो जाते हैँ अब हर मनवंतर के इन्द्र चंद्र ने तो कुकर्म नही किये थे ना. क्या यह बता पाएंगे किस कल्प के ब्रह्मा ने अपनी पुत्री के साथ विवाह किया? और सरस्वती ब्रह्मा की पुत्री कैसे हो गयी जब उनका जन्म पुराण पुरुष के मुख से बताया गया है? और जिस पर ब्रह्मा के मन मे विकार आया वो सरस्वती नही थी बल्कि शतरूपा थी किन्तु ब्रह्मा ने पुत्रो द्वारा समझाने पर ब्रह्मा ने स्वयं को धिक्कारते हुए उस विकार को ना केवल त्यागा बल्कि आत्मग्लानि मे शरीर भी छोड़ दिया था और उसी से संध्या और प्रेत भूतों की सृस्टि हुई. ये लोग पुरी बात नही बताएँगे क्या यह बता पाएंगे किस कल्प के विष्णु ने वृंदा के साथ छल किया? इतना तो कबीरपंथी खुद ही कहते हैँ की ब्रह्मा विष्णु शिव की भी मृत्यु होती है ये हर कल्प के बाद बदल जाते हैँ फिर क्या कोई कबीरपंथ का ज्ञानी यह बताएगा की किस कल्प के विष्णु शिव ब्रह्मा पर दोष डाल रहें हो? और जालंधर की पत्नी वृंदा का पतीव्रत भंग विष्णु भगवान ने कोई भोग लालसा के लिए नही किया था बल्कि संसार की रक्षा कल्याण के लिए किया था क्युकी जालंधर शिव का अंश था इसीलिए उन्ही के समान शक्तिशाली और उसकी पत्नी के पतीव्रत और भक्ति के कारण उसकी शक्ति और बढ़ गयी थी इसीलिए विवशता मे हरि उसका पत्नीव्रत भंग करना पड़ा और पत्नीव्रत भंग केवल संबंध बनाने से ही नही होता बल्कि परपुरुष को स्पर्श करने से भी हो जाता है वृंदा ने हरि को पति समझ के गले लगाया तभी उसको ज्ञात हो गया था ये छल कर रहा उसके साथ कोई अन्यथा उसने तुरंत श्राप कैसे दिया होगा? 😎 जैसे गौतम ऋषि को पता चल गया था इन्द्र ने छल किया है लेकिन एक ऋषि पत्नी और देव कन्या होने के कारण अहिल्या ने भी यह जानकर की वह पुरुष गौतम ऋषि नही हैँ और विरोध नही किया इसीलिए गौतम ऋषि ने अहिल्या को भी दोषी मानकर श्राप दिया पत्थर हो जाने का क्युकी पत्थर की तरह उसने व्यवहार किया.. और विष्णु ने तो संसार कल्याण के लिए यह कार्य विवशता मे किया था यानि यदि कल को यह लोग ये कहे की हत्या तो पाप है तो बॉर्डर पर जो फौजी दुश्मनो को मार रहें वो भी पाप कमा रहें तो क्या यह उचित होगा?ये लोग कभी यह नही बताएँगे की शिव ने ही सृस्टि की रक्षा के लिए हलाहल जैसे महा घातक विष को पी लिया था जिस कारण उनके प्राण तक खतरे मे थे जिसकी जलन आज भी वो झेल रहे.ये लोग कभी यह नही बताएँगे की विष्णु ने स्वयं धनुष के तार से अपना मस्तक काट लिया था ताकि हयग्रीव अवतार लेके हायग्रीव दानव का संसार से आतंक खत्म कर सके. इनका मकसद अच्छाई नही बुराई गिनाके अपना धंधा चलाना है. कर्म नही नीयत से कर्म अच्छा बुरा माना जाता है इस प्रकार तो सेठ से धन लेने के लिए कबीर भी स्वयं अपनी पत्नी को उसके पास ले गए ज़ब उनकी पत्नी से उस सेठ ने उसकी सुंदरता देखकर कहा की यदि वह एक रात्रि के लिए इसकी इच्छा पूरी करे तो वह धन दे देगा तो कबीर खुद अपनी पत्नी को उसके पास ले गए जिससे वो खुद ही लज्जित होके कबीर के चरणों मे गिर पड़ा तो यहाँ कबीर को पापी कहोगे की उसने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया नही क्युकी कबीर की नीयत थी उस सेठ की बुराई स्वयं जाके दूर करने की 😎अगर कर्म देखोगे तो कबीर भी पापी हुए इनके लॉजिक से जो अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिए? राम कृष्ण बुद्ध सम्पूर्ण विश्व के लिए आये एक जगह बैठ के दुसरो की बुराइयाँ नही गिनते रहें उल्टा वो तो दुश्मन से युद्ध के साथ भी उसकी अच्छाईयो को प्रणाम करते थे यही कबीर का भी मत था बुरा जो देखन मैं चला बुरा ना मिल्या कोय कबीर रूढ़िवाद के पाखंडवाद के खिलाफ थे किसी महापुरुष या दिव्य शक्तियों के खिलाफ नही. ये कबीर बनने चले हैँ उनकी कॉपी करके 😎
@GhevaramDarji3 ай бұрын
गलत प्रचार न करो भा ई साब हिदू धरम मे हिदू पूजा करते है
@AdhyatmRahasyaTV3 ай бұрын
पूरा बढ़िया से सुन लो,, बिना सुने कॉमेंट करना मूढ़ता की निशानी है,, यह प्रवचन धर्म युक्त है,, फिर भी गलती नजर आई तो इसका मतलब यह है कि जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
@AHANKARSEMUKTI10 ай бұрын
भैया जी हमारी मर्जी है हम पत्थर को पूजे या जो भी करें करोड़ का आस्था है आपको क्या तकलीफ है आप क्यों ढोंग फैला रहे हैं आप अपना भक्ति करिए ना दूसरों को क्यों ज्ञान बाट रहे है
@mahavirgirgel44886 ай бұрын
उत् Satsang ka arth murkh kya jane bandagi sabhebji