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@sujeetjoshi47022 ай бұрын
जै नारायण सा 🙏
@indravadanbhaipatel24347 күн бұрын
🕉 namo Narayan Narayan 🕉 prnam ji 🙏 ji 🙏. Hari swrup swami ji satyamitranand giriji prnam ji 🙏 ji 🙏 Very nice useful satsang.
@Bharatmataonline7 күн бұрын
🙏🙏
@dayashankertiwary40756 ай бұрын
🙏🏼🌹🙏🏼गुरूदेव🙏 श्री🙏 को कोटि कोटि नमन🙏🇮🇳
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏💐🚩
@ushabhatia81916 ай бұрын
Jai gurudev Jai shree Ram 🎉🎉🎉🎉
@Bharatmataonline6 ай бұрын
💐🚩🙏
@sumatisood44436 ай бұрын
Swamiji ke Charno mein barmbaar pranam hai ji..Bharat Mata ki jai
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏💐🚩
@vijaytiwari967713 күн бұрын
ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी श्री दादा गुरुदेव भगवान को विजय तिवारी एडवोकेट वीर सावरकर मार्ग जिला शाजापुर म प्र से सादर दंडवत प्रणाम करता हूं। 🚩🌹🥀🕉️🥀🌹🚩👏👏
@Bharatmataonline13 күн бұрын
हमारे सनातन संस्कार और गुरुओं का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहे। जय भारत माता!
@vijaytiwari96778 күн бұрын
@Bharatmataonline जी आदरणीय प्रभू कृपा बनाए रखे।
@devendrashukla62846 ай бұрын
शत् शत्, कोटि-कोटि वंदन, चरण स्पर्श।🎉❤
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏
@manjudetwal86426 ай бұрын
Jay Guru davjjjjj koti koti naman 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🌹
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏💐
@sanjeevkumar5806 ай бұрын
Hari Har Hari Om
@Bharatmataonline6 ай бұрын
Hari Om 🙏🙏
@ramgopalsharma11036 ай бұрын
परम पूज्य श्री के चरणों में कोटि-कोटि वंदन 🙏🙏🙏🙏🙏
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏
@snehalatha29766 ай бұрын
परम् पूज्य गुरुजी के पावन चरण कमलो में शत् शत् नमन वंदन 🙏🌹🙏
@Bharatmataonline6 ай бұрын
🙏🙏
@vijayapaudel84734 ай бұрын
🌷🌹🙏🌷🌹🙏🌷🌹
@anjalichaturvedi55636 ай бұрын
💐💐💐🙏🙏🙏
@Bharatmataonline6 ай бұрын
💐🙏🙏
@surendraagrawal24016 ай бұрын
कुछ समय बाह्य जगत को देखने के साथ साथ अंतर आत्मा का भी ध्यान करना चाहिए, जो १.नाभि से १० अंगुल ऊपर वकचस्थल के मध्य स्थित है २. दो अंगुल चौड़ी है 3. अंगुष्ठ मात्र लंबी है 4. सूर्य की तरह लाल रंग है। 5. दिव्य दो नेत्र आत्म के है। 6. आत्म में कोई मुख नही है, कुछ न खा कर, केवल त्रप्त होती है, अत: तरल पदार्थ आत्म को सनतुष्ट करते है। 7. आत्मा का तेज आंख की काली पुतली में देखा जा सकता है। 8. आत्म की मोटाई सुई की नोक के १०० वे हिस्से से भी पतली होती है, तभी तो आत्मा निकलने पर कोई घाव नही होता।।