Namo buddhay jai bhim jai samvidhan jai bharat 🙏🏻✨
@sangharshgajbhiye20462 жыл бұрын
Dr. बाबा साहब अम्बेडकर जी ने बौद्ध को स्वीकार किया लेकिन आज भी बुद्ध को मानने वाले मांस खाते है और हिंसा भी करते है।
@avinashjatav34982 жыл бұрын
🇨🇮🇨🇮🇨🇮🥰💪
@krantikari....31862 жыл бұрын
Namo buddhay krantikari jay bhim 🙏 sir
@shobhitasaket94552 жыл бұрын
Jay bhim namo bhudhay 🙏🙏🌺🌼
@dwarikaprasad35012 жыл бұрын
Namo buddhay sadhu sadhu sadhu 🙏
@avinashjatav34982 жыл бұрын
Hi
@ビクラム-q5b2 жыл бұрын
Kia ambedkar vegetarian tha ?
@krkhan56802 жыл бұрын
Baba Saheb is OK on Ahimsa. But, we have the himsa examples of Burma, China, Srilanka & other regions. Why did'nt Budhists regimes condemn and reacted on the brutal atrocities going on still now and went for the victims rescue and rehabilitate them??
@sanjayagrawal97412 жыл бұрын
मान्यवर,भगवान महावीर, औ र भगवान बुध्द की अहिंसा मे क्या फरक हैं,महावीर को पुजने वाले नो कभी किसी देश को जैन देश नाही बनाया,कभी किसी देश पर शासन नाही किया,उन पर कभी हिंसा का आरोप भी नहीं लगा,देश की अर्थ व्यवस्था मे उंनका बहुत बडा योगदान होता हैं,इसे आप किस तरह से देखते हैं,हा एक औ र सवाल, बाबासाहेब ज्यदातार किताब अंग्रेजी में क्यो लिखते थे? तब तो भारत के १ टका लोग भी अंग्रेजी नाही जान ते थे,हिंदी में लीखते तो लोग जलदी समझ पाते, धन्यवाद
@sangharshgajbhiye20462 жыл бұрын
Dr. Babasaheb Ambedkar जी का ये मानना था कि उनके समाज के लोग शिक्षा को ज्यादा महत्व दे ताकि कोई अत्याचार न कर सके। इस लिए उन्हाने अंग्रेजी में लिखा।