पत्रकार महोदय बुजुर्गों ने भी कहा है कि सट्टा पी का हिम्मत नहीं सम्राट के नहीं दोस्त गोसाई सत्ता भोगने की चीज नहीं सत्ता में संरचना होना चाहिए जैसे परिस्थितियों का दास मनुष्य होता है किसी को राजनीतिक विद्रोही नहीं मानना चाहिए कब कौन किस पार्टी में जाएगा राजनीतिक संभावना का खेल होता है कब किसका सितारा चमकेगा कब किसका सितारा गर्दिश में जाएगा और यह जो कुछ हुआ मिल्कीपुर में भाग्य पूर्ण है तो इस फोन दिखाई देता है ऐसी घटनाएं किसी भी सरकार की सोच में हो तो नींद नहीं है निश्चित तौर पर सब के लोगों को जो देश की न्यायपालिका से और अपने राजनीतिक पर दुनिया को खत्म करने के लिए अगर मुकदमा लगाया जाए तो निश्चित तौर पर गलत है उसकी निंदा होनी चाहिएजय समाजवाद
@mohdnavi4854Ай бұрын
Yogi Chunav jitne ke liye Kuchh Bhi kar sakte hain