एक सच्चे हिंदुस्तानी के लिए अलेक्जेंडर कभी भी महान नहीं हो सकता। सच्चे हिंदुस्तानी के लिए पोरस और पोरस जैसे हिन्दूस्तान के मान-सम्मान के लिए बलिदान देने वाले दूसरे स्वाभिमानी हिन्दुस्तानी महान है
@AmanMansori-zd7zk Жыл бұрын
क्या किसी के बारे में knowledge देना भी पाप है?????🤔🤔
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
Sacha hindustani hona ek tarf aur sachai maana ek tarf,andbhakto wali ideology sache hindustani se match nhi krti🐷
@abhaymishra9066 Жыл бұрын
@@Samaira_khan717 terriost/naksali spotted
@Chuslim-b3i Жыл бұрын
@@AmanMansori-zd7zksuicide bomber,halala ki paidaish, 72 hur ke jahnt ke baal,LA hila jo se hila,talwar ke der se salwar pehnewali kom spotted..
@UttarakhandToday Жыл бұрын
सही को सही गलत को गलत कहने में स्वाभिमान माना जाए या नही आपके हिसाब से ?
@dineshmalviya5708 Жыл бұрын
जो भारत में हारा वहां "सिकंदर महान" और जहां जहां जीता वहां सिकंदर को शायद कोई जानता भी नहीं हो। ऐसे हमारे देश के तथाकथित इतिहासकार है।
@mdfaizan9153 Жыл бұрын
Kab Har gya wo 😂
@asvijayghote5120 Жыл бұрын
ye khokli shradha chod do duniya ke historian brahman Pande pujari ki tarah fake history nahi batate
@GauravDhandhukia Жыл бұрын
मुस्लिम राजाओं ने ही उसका नाम सिकंदर रखा था, आज भी कई लोग सिकंदर को मुस्लिम मानते हैं 😅
@mdfaizan9153 Жыл бұрын
@Souvik Dalbergia kya wo india mai Har gya tha iska mujhe knowledge nhi tha agar Haar gya tha tab to achi baat hai kisme haraya tha usko ye bhi bta dena jara
@Comment_Read108 Жыл бұрын
@@mdfaizan9153 guru acharya chanakya or students acharya chanakya ne haraya
@santokhsingh1112 Жыл бұрын
पोरस जैसे बहादुर को सलाम है ।
@nandani231211 ай бұрын
D
@yogendrakumartewari107710 ай бұрын
I love Alexander
@adarshmishra33318 ай бұрын
Porus& chanakya is great... Unhone Alexander jaise uss aakranta ko lotne per majboor kar diya jo kroorta ke sath aagey badhtey huye jhelum nadi tak aa pahunchaa.
@chandrakishore28454 ай бұрын
@@yogendrakumartewari1077we know you are a anti india criminal 😊
@TrikamlalParmar-qg8xp8 ай бұрын
महान पोरस के कम लेकिन बहादुर सैनिक वीरता से लडे ऊससे सिकंदर दंग रह गया ऊससे आगे तो मगध कि महान सेना थी ईस लिये वापस भाग गया
@Pankaj_Kumar72 Жыл бұрын
सिंधु नदी के इस पार, गंगा क्षेत्र में मगध राजा नंद की लाखों संख्या की सेना खड़ी थी। सिकन्दर और उसकी सेना को पता चल गया था कि एक छोटे से राज्य का राजा पोरस ने इतनी तबाही मचाई, तो सबसे बड़े महाजनपद मगध की सेना वापस यूनान नही जाने देगी।
@vikasdeshmukh6349 Жыл бұрын
Absolutely right
@JavedKhan-nw9fq Жыл бұрын
Ab koi kuch bhi bol sakta he kiyoki bolne wala us samey us isthti me waha mojud nahi tha ab to jitne muh utni bate😂😂😂😂😂😂
@the.bravemen Жыл бұрын
@@JavedKhan-nw9fqलाहौर तुम्हारा इंतजार कर रहा है
@Aslimehdi Жыл бұрын
Yess aur phir pichey ae poras band Baja dega....
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@shailendrakushwahedutech6451 Жыл бұрын
सेल्यूकस निकेटर जो कि सिकंदर का सेनापति और सिकंदर की मृत्यू के पश्चात का राजा था, को चन्द्रगुप्त मौर्य ने हराया और भारत से एक बार फिर अपना बोरिया बिस्तर बाँध कर भागने पर मजबूर कर दिया ❤
@asjjain191183 Жыл бұрын
Majedar baat to ye hai apni beti ke shaadi bhi karvaye the chandragupt maurya se.
@108_Harish Жыл бұрын
@@asjjain191183 bete ki nahi, apni Beti hai hena ki bro.
@ad15626 Жыл бұрын
@@asjjain191183 usse majedaar baat ye h ki Moore tribe Europe me pahunch kr raaj kiya
@lightyagami05_ Жыл бұрын
@@ad15626 Abe Maurya hota hai
@udaykadam5455 Жыл бұрын
Haraya nahi Tha exactly, treaty sign Hua tha. Aur woh Alexander ka successor bhi nahi Tha, uske generals ne empire ke different hisso pe apna adhipatya ghoshit kar diya. Toh tum jiski baat kr Rahe ho woh aek chote hisse ka raja tha, naki pure empire ka
@krishansharma9847 Жыл бұрын
हमारे देश की माताओं ने एक से बढ़कर एक योद्धा, देश भक्त ओर यस्शवियों को पैदा किया है जिनका त्याग ओर बलिदान हम भारतीयों को प्रेरित करता रहेगा। जय हिन्द जय भारत वंदे मातरम्
@yogendrakumartewari107710 ай бұрын
I love Alexander
@user-md5bf8kc5e8 ай бұрын
जैसे ललू जी !
@ShailendraSingh-lp9hc4 ай бұрын
@@yogendrakumartewari1077to ja na us ke desh me yahan kya goo kha raha hai?
@ramkumarprajapati24203 ай бұрын
@@yogendrakumartewari1077p00p00 pp pp0p
@sanjubts62133 ай бұрын
पी
@drgksaxena8 ай бұрын
सिकंदर हार गया था, इसलिए वापस लौट गया। हारे हुए को जीवित छोड़ना सिर्फ भारतीय राजाओं की मूर्खता रही है, किसी और की नहीं...
@chandrakishore28454 ай бұрын
True
@sahebraodarkonde6564 ай бұрын
@@chandrakishore2845😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊 😊
@TheMalllu3 ай бұрын
इतिहास के एक एक छोटे तथ्यो को सटीकता से बताने का मतलब ये है की इसमे बहुत सारे व्यक्तियो से अपनी तरफ से बाते जोडी गई है । और ये बी सत्य है जिस बात के बारे मे भी इतैहास लिखा जाता है वो अलग अलग समय के समुदायो के पूर्वाग्रहो से प्रभावित होता ही है और उस इतिहास का हस्तांतरण करने मे भी तथ्यो मे बहुतायत या आधे बदलाव तो होते ही है। इतिहास समझने का प्रयास करना अच्छा है पर उसकी सत्यासत्याता को शतप्रतिशत सही मानना गलत होगा।मानव समुदाय को सही समझ का उपयोग करके पूरे समुदाय कि अभिवृद्धी के बारे जितना सोचकर जो भी काम करना है वो करे तो बहुत से समस्या जिन पर मानव का नियंत्रण नही होता उससे हानी कम से कम हो इसका प्रयास किए जासकते है
@ajaysinghrajawat7028Ай бұрын
Satya vachan
@DalipKumar-dt6pnАй бұрын
यही गलती पृथ्वी राज चौहान ने की थी नही तो आज भारत कुछ और होता
@Chandrashekhar-v1d Жыл бұрын
मगध साम्राज्य की विशाल सेना का नाम सुनते ही उसके सैनिक और सिकंदर घबरा गए यह तो आपने बताया ही नहीं
@P_M_Chediwal Жыл бұрын
क्योंकि BBC अंग्रेजों का है और अंग्रेज racist है। पोरव राष्ट्र के राजा 'महाराज पुरूषोत्तम' (पुरू/पोरस) और चित्तोड़ के राजा महाराणा प्रताप ने कभी-भी दुश्मन के आगे घुटने नहीं टेके थे। मगध के बारे में जानकर सिकन्दर और उसकी सैना घबरा गयी थी इसलिए वो आगे नहीं बढ़े। जिस सिकन्दर ने आधी दुनियां को जीता उसको भारत मां के लाल पोरस ने भारत से खाली हाथ लोटाया।
@deepaktripathi4417 Жыл бұрын
Absolutely
@mithasrag7834 Жыл бұрын
बिल्कुल
@AvnishChaturvedi-mk4en Жыл бұрын
पोरस कभी नहीं हारा ... पोरस महान है ....
@kameshwarsingh4599 Жыл бұрын
He is 5 star historian !
@RaviBhushan-vc5hs Жыл бұрын
मुझे लगता है यहाँ अंत मे जो बताया गया है वो अधूरा है। महान पोरस के युद्ध के बाद ही उसके सैनिक मे हिम्मत नही रह गयी थी की गंगा पार जाकर विसाल सेना से युद्ध करता। यहाँ सिकंदर की महिमा मंडित किया गया है। बेशक सिकंदर महान थे। पर पोरस के युद्ध ने सिकंदर के सैनिक मे भय और डर व्यापत हो गयी थी।
@SunilKumar-em8by Жыл бұрын
Sahi kaha bhai ye sala BBC apna barai karte hi
@mintubantu962 Жыл бұрын
@@SunilKumar-em8by ये बीबीसी सिर्फ भारत विरोधी को ही अपने हिंदी चैनल में भारत के खिलाफ जहर उगलने को रखता है साथ ही मुसलमान को ही सिर्फ रखता है।
@shanjaysharma2612 Жыл бұрын
एक नैरेटिव गोरों का प्रचार भारतीय द्वारा।
@bhuneshwardhruw4373 Жыл бұрын
आपने सही कहा... मै सहमत हूं
@lakhanjha726211 ай бұрын
ये फजल भी जेहादी सोच का पत्रकर है भारतीय इतिहासकार नही मिला जिसका लिखा हुआ बताता जो भारत नही आया उसी को महान बताता है
@shrikantkumar8264 Жыл бұрын
ईश कहानी में यूरोपीय लेखक द्वारा सिकंदर को महान बताया गया है। और पोरस को एक कमजोर राजा हम भारतीय है , युद्ध में हम लड़ते हुए मरना पसंद करते है समर्पण नहीं🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@pardeep0083 Жыл бұрын
Right❤ Bbc waley aaj bhi foot daalo raaj kero ki neeti per chaltey hain. Ye aaj bhi india se jaltey hain. Porus ney kabhi hathiyar nahi daaley they😊
@Freeman-vq3zr Жыл бұрын
कवि युद्ध लड़ने गया है भोंसड़ी के मौत भेड़िया की तरह आता है एक लम्हे में गांड फट जाता है ज्यादा काबिल मत ban
@monamibanerjee2661 Жыл бұрын
Porus was one of the greatest kings of India.
@Lastbreath433 Жыл бұрын
Sikander maham nhi Thy bh sirf Hallke youdhao ko harata thy bh dhananand ko dekh kr bhag gaya thy
@babukhanbhati4934 Жыл бұрын
रेहान फज़ल साहब, आपका पस्तुतिकरण ऐसा प्रतीत होता है, जैसे आप सिकंदर के इतिहास का आँखों देखा हाल सुना रहे हो ।
@yogendrakumartewari107710 ай бұрын
I love Alexander ❤
@mansipandey47859 ай бұрын
Akhir bata kun raha hai bhaiya ye to dekho
@mansipandey47859 ай бұрын
Kaise usaka saport kar raha hai
@dharmendrapal79158 ай бұрын
Ye Rehan Fazal khud bhi to chatukar hi hai
@rammishra2925 ай бұрын
फजल साहब psudo wahabi है न
@abhijeetborse Жыл бұрын
जो जिता वही पोरस 🚩🇮🇳 जो हारा वही सिकंदर 🙉😂
@shrikantmishra3308 Жыл бұрын
ये बीबीसी वाले साले रहते भारत मे हैँ खाते भारत मे पानी भी भारत का पीते लेकिन कुत्ते गुणगान विदेशियों का करते कितनी गंडी भावना है सालों की
@lakshdeepthakan771 Жыл бұрын
Beta history change nhi hogi 😜😜😜
@praveenpathak5277 Жыл бұрын
Nhi Bharat sone ki chiriya wale desh ko koi nhi chorna chahega porus sena se sikandar ki har huwi .dusri sikandar ne magadh ki shakti ke bare sun rakha tha aur anuman lagyaa porus itna bahdur ho sakta hai toh magadh kitna shaktiaali hoga sikandar budhiman Raja tha isliye lotna para
@markansari2771 Жыл бұрын
Joke of the day😂😂😂😂
@lovesong4156 Жыл бұрын
Bhai aap har yudh haare ho isey swikar krna mushkil hai lekin such tala nhi ja skta
@CD-st9ef Жыл бұрын
The history was written by the Greeks so Alexander can't be defeated in their history. But if you look at all the events -- Porus not only stayed the ruler of Punjab but also became the King of Takila , so it is very obvious that Porus defeated Alexander and chased him till the end of Takila and that is how Porus became king of Punjab and Takila.
@templer987 Жыл бұрын
Well the problem with this is stasanor artabazus oxyrates abisares are example of people who were made governor without Greek co governor
@bobby3787 Жыл бұрын
Keep dreaming.
@mayurkasar4200 Жыл бұрын
Maybe truth is somewhere between the two claims..
@AZ-je9hg Жыл бұрын
Ab sikandar harega, wo bhi Macedonia mein, aur wo bhi porus k haathon. Really. Naii history ham likh rahe hain?
@Naveen-lm7dq Жыл бұрын
@@AZ-je9hg to saale terko kya kya lagta hai jo sainik puri Duniya ko jitna cahate the wo ekdum se thak jayenge 😂😂. Alexander haar gaya tha aur ye story Greeks ne likhi hai , wo to apna hi bnda vijayi baneyenge story mai
@priyanshuraj9041 Жыл бұрын
सिकंदर महान नही था,चंद्रगुप्त मौर्य महान थे ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@ImZain04 Жыл бұрын
Abe kuch v... Sikandar puri dunya fatah kiya... Chnadragupt bas india bhar me naam hai... Bhai jabardasti ka apne dahi ko khatta ke bajaye meetha mat bayaan kar 🤣🤣
@Sumankher5959 Жыл бұрын
@@ImZain04 gangesh khan ne 4.5crore katepice ko pail diya tha mangoliya se lekar Greece tak ke katepice ko ukhad fekha tha iske baare m kya kahna
@sanwalsharma106 Жыл бұрын
Dono mahaan the
@drishti80 Жыл бұрын
@@ImZain04 तेरे पिछ... में क्यों दर्द हों रहा है,,, अब क्या सिकंदर को भी मुगलांडू बताने जा रहे हो😂😂😂😂
@drishti80 Жыл бұрын
@@ImZain04 अमर अकबर एंथोनी मूवी देखी है,,, नही देखी तो देख ले ,, चाहे अमर हो, चाहे अकबर या एंथोनी,, सबका बाप कोई कृष्ण लाल ही निकलेगा,, नहीं यकीन हो तो 5, 7 पीढ़ी पीछे चेक कर ले😂😂😂😂
@trumpamerica94449 ай бұрын
जीत पोरस की ही हुई थी क्योंकि :- 1. पोरस के राजा की मृत्यु नही हुई थी 2. Alexander भारत को कब्जाने आया था जिसमे बह विफल हुआ । 3. पूरी दुनिया को जीतने वाला भारत में आकर कैसे थक गया ? 4. Alaxander पर युद्ध के बाद वापिस जाते वक्त कई कबीलों ने हमला किया । (ऐसा हमेशा हारी हुई सेना के साथ ही होता था) 5. जब Alexander का घोड़ा तक मारा गया तो बह युद्ध कैसे जीता होगा ?
@PRAVEJ05P3 ай бұрын
Achha
@o-DEATHLESS-o3 ай бұрын
Waah sabash yeh history vistory kya hoti hai hum to serials dekh k tey karenge👍
@arvinddhiman55253 ай бұрын
तब तो जो जीता वही पोरस होना चाहिए लेकिन है सिकंदर।
@trumpamerica94443 ай бұрын
@@arvinddhiman5525 अफवाहें फैलाई गई थी । अगर Alexandra जीता होता हो भारत को कब्जाया क्यों नही (बह तो पूरी दुनिया जीतने आया था) और जीतने के बाद अचानक से Alexandra के दिल में इतनी दया कैसे आ गई कि उसने पोरश को छोड़ दिया जबकि इससे पहले उसने सभी हारे हुए रातों को मौत के घाट ही उतारा था ।
@LaxmanBailkoti3 ай бұрын
पोरस को बंदी बनाया गया था और सिकंदरने माफी दिया था इसी लिए सिकंदर महान था
@AvnishChaturvedi-mk4en Жыл бұрын
जो भागा वो सिकंदर.... जो जीता वो पोरस...
@गुलिस्तानेहिंद Жыл бұрын
पोरस को कोई जानता भी नहीं हा हा
@kishantv4980 Жыл бұрын
@@गुलिस्तानेहिंद ithna bada raja kisiko nehi patha sahi kaha apne , isliye ithihaskarone kaha 70 salose hamko galath padakar asli hero ko chupaya hai Yebi Britishonka channel yahbi sach nehi mantha hu congress britishone banaya huva sangatan uooska adhyaksh aur bade adhikari sab british tthe aur logonko dekanekeliye gandhiji neharu ko aage rakethe.congress ka sthapana kon kiya saerch karnese sab patha chaltha hai
@chaitanyasharma812 Жыл бұрын
WhatsApp 😂
@aadayanshbhardwaj5439 Жыл бұрын
@@chaitanyasharma812 chup kar kayar
@rahulsingh-yq1nx Жыл бұрын
@@गुलिस्तानेहिंद जब इतिहास मे छेड़छाड़ कर के मुग़लों और लुटेरों का महिमामंडन किया गया तो आज का जनरेशन जानेगा कैसे ये वही सिकंदर था जो poras के आगे टिक नहीं सका और जान बचाकर भाग गया उसी सिकंदर का वर्णन करके महान बताया जा रहा है थु है गलत इतिहासकारो और वर्णन करने वालों पर
@liedetector114 Жыл бұрын
सिकंदर पोरस से हारने के बाद वापस लौटा था लेकिन वामपंथियों ने गलत इतिहास लिख दिया
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
Haan beta aur saari shi history to andhbhakts likhte haina tere jaise😂,porus to Indian shastro mein hai bhi,jitni knowledge porus ke baare mein hai wo unani writers se hai,history padha kr gobarbhakti nhi😂
@arjunsharma3925 Жыл бұрын
Nonstoper...tumri history me toh wars me pakdi gayi non Muslims girl's aurato ko sex gulam londia bana kar rape karne wala popat Mohammed rasool Allah jahanumi zombie ko b rehahmut ul alameen nabi batya gaya hn toh....
@zubairahmed-kv1xk Жыл бұрын
na beta modi harwaya tha
@learning_adda9505 Жыл бұрын
Yes it true
@learning_adda9505 Жыл бұрын
Sikander Hara tha porus se . Hamari hui Sena ko loota tha lautte hue adiwasio ne
@DEORIAsteno Жыл бұрын
दुनिया का एक ही सत्य है मुठ्ठी बंद कर के आना है और मुठ्ठी खोलकर जाना है राजा हो फकीर
@usmanansary5173 Жыл бұрын
@Sc eathist 😂
@YogendraSingh-ok7xu Жыл бұрын
Hum to FUCKIR aADMI HAI JHOLA Utha kr ....😂
@arjunsharma3925 Жыл бұрын
Yogindersinng..par wo jhola uta k chal de ga ka dialogue neta logo par fit bethta hn jinko chamche spot karte hn kykii wo chunav me jhola uta k nikal diye hn😁
@sundeeprawat2616 Жыл бұрын
कैसा भी इतिहास हो न सच्चा था न सच्चा होगा ..👍
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@shortsvideos0140411 ай бұрын
सिकन्दर छल-कपट से लड़ने वाला एक कायर था ये BBC वालों ने साबित कर दिया।😂😂
@adarshmishra33318 ай бұрын
Jeeta to porus hi hoga kyuki jo kroorta ki saari hadey paar kartey huye jhelum nadi tak aa pahunchaa thaa kya wo porus ko aise hi jameen wapas kar degaa 😂 Iss se saaf hota hai ki Alexander ne Haar sweekaar karke wapas lota hai.
@sketch00988 ай бұрын
Nhi bhai 😂sikandar kiyar nhi tha woh toh raste mai ek fakir aadmi mil giya sikandar ne pucha kaun ho bhai kaha ja rhe ho toh fakir aadmi bola 😂(hum toh fakir aadmi hai ji jhola utha ke chal denge)😂😂tabhi sikandar ko pata chal giya ye toh mare se pehle lut chuka hai aab kuch nhi bacha lutne ko vapis chal diya 😂😂😂😂
@bharatkukadiya88178 ай бұрын
Poras Hara nahin tha Bharat jaitu 🙏
@rajneesh2468 ай бұрын
महाभारत भी ये ही सीखता है
@sanyogpatial18197 ай бұрын
@@adarshmishra3331sikandar ki fauj mein mutiny ho gayee thi. Agar woh wapas nahin jata toh uske khud ke log use maar dete.
@rickyd5758 Жыл бұрын
इस बात पर यकीन नहीं होता कि सिकंदर जैसा एक क्रूर राजा जिसने अपनों को भी नहीं बख्शा वह अपने दुश्मन राजा को जिसने उसका बहुत नुक्सान भी किया उसे बख्श दिया और उसकी जमीन लौटा दी।
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@knowitself Жыл бұрын
ये गलत है रेहान जी. पोरस ने आत्मसमर्पण नही किया था। BBC ने सिकंदर की जीत बताया पर गलत। सिकंदर को भारत से घायल होकर भागना पड़ा था।
@muneshkumar4611 Жыл бұрын
सिकंदर बुरी तरह से घायल हो गया था उसके सैनिक उसको लेकर भाग गए थे रास्ते में सिकंदर ने दम तोड दिया था।
@gulamrasoolkhwajgani1796 Жыл бұрын
ये व्हाट्सएप विश्वविद्यालय का ज्ञान है । भक्त
@Coollikelava Жыл бұрын
@@gulamrasoolkhwajgani1796 tune ya tere baap ne dekha tha kya sikandar ko 😂😂😂 twitter academy ke chode
@muneshkumar4611 Жыл бұрын
@@gulamrasoolkhwajgani1796 ये सच है।
@RahulKumar0901 Жыл бұрын
@@gulamrasoolkhwajgani1796 He said the truth you know that you can read the books there is no mention on this war by indian historians
@SubhamKumar-ot9eh Жыл бұрын
@@gulamrasoolkhwajgani1796😂😂 chandragupta murya ka naam suna h chamcha 😂
@Mrinalini.m Жыл бұрын
The Greek history refuses to admit that Alexender was defeated in India !!! He came with full force to rule India !!! After Alexender failed to capture ,many armies from the west kept trying, finally Muslim and British armies came with full preparation to capture India Some letters that he wrote to his mother has been translated to English- “ I am involved in the land of a Leonine' (lion-like) and brave people, where every foot of the ground is like a wall of steel, confronting my soldier. You have brought only one Alexander into the world, but every mother in this land has brought an Alexander in the world.”
@m.radhakrishnan6117 Жыл бұрын
I am a Sikh from Punjab and Porus ruled Punjab province!! sikndr won some western parts of India close to Afghanistan! But he was defeated by Porus!!
@khanshab3198 Жыл бұрын
"After alexander muslims and british kept trying to rule india ". What does it mean bro.... Aese likhre ho jese unhone try kya or kamyab na hue ho😅... The fact is whoever tries to conquer india they easily conquered it... Let me tell you india was ruled by 7 8 muslims dynasties before mughals comes to power... Then mughal ruled india for centuries..and then brithis ruled again ... But these aren't the only powers who ruled india .. Dutch , Portugese, french also control some regions of india mainly costal regions.. but long before them persian conquered North Western part of india than greeks conquered some part of india... Cyrus conquered west part of indus river and his grandson darius conquered punjab and sindh... And before all these hunas to ruled india..and there are many more powers who ruled india... India was hardly able protect itself from foreigners through out hisi
@m.radhakrishnan6117 Жыл бұрын
Aise kaise wo Bina India ko Kabja karke wapis jaata ? Uska dream tha poora duniya , lekin India aake sapna toot gya!!
@m.radhakrishnan6117 Жыл бұрын
Historians ye baat chupata hai kyuki kon mahaan kahega fir ?
@khanshab3198 Жыл бұрын
@@m.radhakrishnan6117 or tumse bda to koi historian hi ni h.... Alexender ne duniya k kafi hisse pr kabja kia ..or vo sb mante hein ke hn he was the great king or usne hmare area pr kabja kia.... India m ate hi 8th pas , jinhe history ka A b ni pta vo b wtsap ka gyan pelne lgte hein ... Alexender dr gya isliye bhg gya.. are mndd buddhi pranio indian empire to persian empire k mukable m kuch tha hi ni alexender unhe hra k a gya indian rulers s dr jata lol 😂... In 7vi paas walo ki alg history h vrna jo UPSC crack krte hein jb vi history pdte hein to tb b history yhi btati h ke alexander k samne taxila k rules ne to bina lde hi hathiyar lad diye the.. king porus n ni dale the to usko alexander ne hra dia tha... Ab tere manne na manne s thodi itihas bdl jayega
@Vedant15513 Жыл бұрын
पोरष ही असली शेर हैं ♥️🙏🏻
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@shivagovindtripathi7230 Жыл бұрын
Sikander mhan kaise jobki bhart me prves nhi krsk glt bat mt btao jy ma bhqrti ki
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
@@shivagovindtripathi7230 आदरणीय महोदय! कृपया मेरे विचार भी पढ़ें। इस पर अपना निर्णय दें, यह सही है या गलत। अवधूत जोशी
@rajeevsharma9549 Жыл бұрын
उस समय घनानंद से डर कर भागा था पोरस तो खुद मदद मांगने आया था
@ghanashyamdesai5002 Жыл бұрын
@@rajeevsharma9549सिकंदर को पुरु,पुरुषोत्तम ने भगाया इस से दुःख हुआ क्या,यही तुम लोगोंकी मानसिकता है वैसे ताक्षशिलासे धनानंद का पाटलीपुत्र कोसो दूर था
@थानापतिसेवानंदगिरीउज्जैन Жыл бұрын
भारत के सनातनी लोगों के सामने सिकंदर कुछ नहीं था सनातनी लोगों के पैरों के धूल के बराबर भी सिकंदर नहीं था सनातन संस्कृति की जय हो जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
@vikashkumarmunshi Жыл бұрын
Kuch v.... Angrej v hum par raaj kiye, hum aapas me jyada ladte h
@bharatparmar8430 Жыл бұрын
@@vikashkumarmunshi angrej aur sikander me 2000 sal different hai.. in 2000 salo me budha dharm ke nivruti vad ne khokhala kardiya hai isliye jo fighting attitude 2000 sal pahle tha wo ashoka ke hathiyar chodkar budha dharm apne se bhartiya praja lagatar kamjor hoti gai... itihas ka vikrutikaran kiya gaya hai in chuslimo dhwara aur angrejo aur leftisto dwara
@wahidl586 Жыл бұрын
Chup sale chutiye .andhbhakt ye tere tanatani yodha bhi ek no. Ke madarchod the
@happiness488 Жыл бұрын
Bakchodi karne me to no doubt
@atheist2982 Жыл бұрын
Gaandu us time tera sanatan tha hi nahi
@sandeepverma82018 ай бұрын
आपका अंदाज़ और शब्द सुनकर और सिकंदर के प्रति आदर देखकर लगता है कि सिकंदर आपका पूर्वज था... इसलिए सिकंदर को उस तरह ही बताया जाए जैसे कि बाकी विदेशी आक्रमणकारियों के लिए किया जाता है।
@GopalSingh-d2hАй бұрын
@@sandeepverma8201 sikander maha murkh tha uss ko mahan batane wale toh sinander se bhi mahamurkh hei kiyu ki jo kaaran hi kisi dusre desh ko hani oahuchata lutmar karta hei wo mahan kese ho sakta hei, mahan toh Poras tha jo gaddar aambi ki gadari ki waja se haar kr bhi jeet geya
@balramsinghdangi3185 Жыл бұрын
सिकंदर को अंभी ने सात दिया नही तो भारत के एक छोटे से राज्य को भी नही जीत पाया तो विशाल भारत को जीतने का उस का और उस के सैनिकों का सपना टूट गया । और वहा लोट गया ।
@chandasingh1926 Жыл бұрын
Qqqqq1
@vikramrathore444 Жыл бұрын
सच तो ये है की सिकंदर को राजा पोरस ने नाकों चने चबा दिए और उस राजा पोरस के साम्राज्य की अंतिम सीमा गंगा तट के उस पार उससे भी कई गुना बड़ा नंद वंश समाराज्य था जिसे उससे भी ज्यादा महान बड़े चंद्र गुप्त महान ने जीत लिया 😊😊 💯
@kishansrivastava1437 Жыл бұрын
ri8
@vikramrathore444 Жыл бұрын
Yes bro किशन
@learningwithAkbar234A Жыл бұрын
Kuch bhi feko but itna mtt feko🤣🤣🤣
@vikramrathore444 Жыл бұрын
@@learningwithAkbar234A jaake books pad zahil komm k
@learningwithAkbar234A Жыл бұрын
@@vikramrathore444 Abe me isko janta hu ye humare muhle ka sabse feku banda hai🤣🤣🤣
@jaybirnath1646 Жыл бұрын
पोरस ही महान था और रहेगा। सत्य कभी मिटाया नहीं जा सकता है। जो जीता वो ही पोरस
@phupindermarok3535 Жыл бұрын
Sahi kaha 🙏🙏🙏🙏🙏
@RajendraNautiyal-p3d4 ай бұрын
Sahi kaha 👋👋👋
@peeyushsahu333711 ай бұрын
इतिहास साक्षी है घनानंद से डरकर सिकन्दर की सेना भयभीत हो गई और भाग गई।
@facts_international6 ай бұрын
घनानंद नहीं स्वामी दयानंद और स्वामी विवेकानंद और स्वामी पाणि नंद और योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव😂😂
@facts_international6 ай бұрын
मेरे पुरखे भी लड़े थे सिकंदर से पर सिकंदर ने उनको बहुत पीटा और उन्होंने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई 😂😂
@Rthui5 ай бұрын
मैं भी लड़ने गया था सिकंदर से , लेकिन देखा तो पता। चला वो पहले ही भाग गया, और मुझे वापस लौटना पड़ा अपनी 4 लोगों की सेना लेकर 😢🚩
@dhrdas Жыл бұрын
The real story.... Alexander was defeated but Porus didn't kill him as per Indian tradition and allowed Alexander to leave.
@theexposer9483 Жыл бұрын
He was badly wounded also and died of the same while trying to flee from india.
@lakshdeepthakan771 Жыл бұрын
Which Indian tradition you are talking about you can't change history just commenting on every Alexander videos so that people will trust you you can't believe leave it don't comment Alexander won
@yuvrajmalhi984 Жыл бұрын
@@lakshdeepthakan771😊
@shreekulkarni4126 Жыл бұрын
Absolutely correct
@theexposer9483 Жыл бұрын
@@lakshdeepthakan771 History is biggest collection lies fabricated by mankind. Apply logic and think clarity will emerge. Now there are historians who have found there was no one called alexender ever existed. It was fabricated to propose to East that they also had great character called alexander. Who do you believe? But whatever is the story it is a story of a man who was an idiot, who achieved nothing except killing people and could not go beyond India because he was defeated and finished here. If we had won as per story planted by left and European people why didn't he move further in Asia beyond India. He didn't go further because he couldn't as he was defeated here.
@mediaaursarkar447 Жыл бұрын
एक महान राजा पोरस ने जिस तरह महान सिकंदर से कहा था कि एक राजा को दूसरे राजा के साथ कैसा सलूक करना चाहिए वैसा. Great Lines❤ ....एक भारतीय को दूसरे भारतीय के साथ कैसा सलूक करना चाहिए हमें इनसे सीखना चाहिए❤ Jai HIND
@MohsinKhan-yy5eo Жыл бұрын
Bahut sundar Bahut achha Ek bhartiye ko bhi dusere bhartiye ke saath sikander aur poras jaisa hi chahiye
@user-md5bf8kc5e8 ай бұрын
वह तो हम प्रतिदिन रास्ते में देखते हैं कि एक भारतीय दूसरे को किस तरह से ट्रीट करते है। ये बोलने कि जरूरत नहीं है
@maheshgangwal3011 Жыл бұрын
महान तो पोरस था, जिसने सिकन्दर को जिन्दा जाने दिया
@sameekshadwivedi65368 ай бұрын
इससे यही पता चलता है कि उसके सैनिकों ने उसका साथ क्यों नहीं दिया अगर जीते होते तो जीत ऐसी चीज है कि ओ हमेशा आगे बढ़ने का साहस प्रदान करती है न कि भाग जाने का । वापस जाने का मन तभी करता है जब ये पता चल जाए कि जितने हैं अगर आगे गये तो उनसे भी हाथ धोना पडे़गा। 😊😂😂😂
@HarHarMahadev-le6bd Жыл бұрын
🚩जो जीता वही पोरस,जय हिंद वंदे मातरम्।🚩
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@Lastbreath433 Жыл бұрын
Jo jita bhi vikrmaditya
@RajendraNautiyal-p3d4 ай бұрын
Jai Hind Jai Bharat 🚩🚩🚩
@amitkumarjha8843 Жыл бұрын
महान तो पौरस था जो अपनी छोटी सी सेना के साथ सिकंदर के विशाल सेना के हौस ठिकाने लगा दिये,सोचो अगर उनका सामना मगध साम्राज्य से हुआ होता तो सिकंदर महान के जगह पे सिकंदर लहुलुहान का प्रयोग होता ।
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@dharmendrapal79158 ай бұрын
भारत का एक महान योद्धा पोरस सिकन्दर से कभी हारा ही नहीं अपितु पाश्चात्य इतिहासकारों ने पक्ष पात पूर्ण इतिहास लेखन का काम किया है इसमें कोई सक नहीं है
@raseshwari-sharan8 ай бұрын
सब जानते है पोरस से युद्ध के बाद सिकंदर का अध्याय समाप्त हो चुका था।
@siddheshraul3736 Жыл бұрын
As Indian, we can expect from your channel such baseless stories, but we all Indians proud of our History legends
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@SrishtiShri1 Жыл бұрын
इतना खूंखार हैवान सिकंदर भारत को वापस कैसे दे सकता था? जबकि उसका एक ही लक्ष्य था - सोने की चिड़िया को जीतना। यह तो अपचा बात है कि सिकंदर भारत जीतकर पोरस को सौंप दिया।
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@vikramrathore444 Жыл бұрын
Poras The Great ❤❤
@durgananddixit79038 ай бұрын
झेलम के तट पर भारत के अप्रतिम वीर पोरस महान ने सिकन्दर को बुरी तरह से हराया। जिससे सिकन्दर की सेना भयभीत हो गई। घायल सिकन्दर ने विवश होकर अपने देश यूनान भाग गया। लेकिन बेबीलोन में ही मर गया।
@sachin99777 Жыл бұрын
महायौद्धा सम्राट पौरस सभरवाल यूगपुरुष था। सिकंदर से भारत को बचाया था। तभी आज हमारा भारत देश महान कहलाया था। मुझे गर्व है यूगपुरुष पोरू सभरवाल पर। किसी भाई को अधिक जानकारी चाहिए मुझ से सम्पर्क कर सकते है।
@jeetsran71799 ай бұрын
वो जाट था सभरवाल नहीं खोखर गौत्र था पौरुष का
@sachin997779 ай бұрын
@@jeetsran7179 अज्ञानी भाई जी उस समय जातीय नहीं वर्ण था और आपकी जानकारी के लिए आपको बता दु वर्ण के हिसाब से क्षत्रिय थे महान पौरस सभरवाल यौगपुरुष उनके पूज्य पिता यौद्धा राजा बन्ननी और सुन ले,,सभरवाल क्षत्राणी शेरनी रानी अनुसूईया जो तक्षशिला के राजा अम्भीराज की बहन , जो सम्राट राजा पौरस सभरवाल की माँ थी। रही बात जाट जाति की तु निष्ठा से खोज कर। 🦁जय महाकाल जय सभरवाल
@uttarakhandipahadi8947 Жыл бұрын
😂😂 पौरस ने ऐसा कूटा था की बेबिलोनीया में घाव नही भर पाए और वो मर गया
@aniket385 Жыл бұрын
So after Porus wars…. He lives for 3 more years …..gets married the 2nd time and then dies… truly due to his wounds ???
@lzii9127 Жыл бұрын
Porush the great 👍
@vijaymeena855111 ай бұрын
सिकंदर बेवकुफ और पोरस महान से सम्बोधित करे🙏🚩
@anonymoushack7298 Жыл бұрын
क्योंकि वह जिंदा रहने के लायक नहीं बचा था यह है भारत की ताकत🙏🕉️🚩🇮🇳
@SunilRa0 Жыл бұрын
Chutye wo poras se bi bade bado ko Hara kar aa rha tha...... Map mai, PTA bi hai ki nhi...... Or Alexander ke bad mullo se gaand marwai tum logo ne
@@Anndyut अब यहां पर मोदी जी कैसे आ गए बात तो एलेग्जेंडर की हो रही है ना और तुझे मोदी जी जिसे इतनी प्रॉब्लम है तो इलेक्शन में खड़ा हो जाना
@IfNotMe Жыл бұрын
🤣🤣🤣 Whatsapp university ka gobar
@md.manzarimam7729 Жыл бұрын
@@Anndyut ❤£$¹k
@omharipandey Жыл бұрын
सेक्युलर की सरकार ने हमे इतिहास में जो जीता वही सिकंदर ये खुब पढ़ाया... परंतु उसी सिकंदर को पोरस ने जमकर धोया ये कभी नही बताया!
@abhai57 Жыл бұрын
True.Some books told that King Pauras defeated Alexander thats why he left India.
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
@@abhai57 which books u are talking about?Name some😂
@abhai57 Жыл бұрын
@@Samaira_khan717 Alexander the great and the mystery of the elephant medallions by frank holt and also reserch paper of marshal zhukov refer it.
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
@@abhai57 what about Indian sources who never mentions about a king named porus and his battle with alexander🤣
@Mrinalini.m Жыл бұрын
If Alexender came to capture India ,the largest army in the world why didn’t he do that ???😂😂😂 Porus ne bola Jao toh woh chalaa gya 😂😂😂
@dilipsahani312 Жыл бұрын
इस कहानी के यूरोपियन जो राइटर है उसने सिकंदर को हीरो बनाया है पोरस हारे नही थे।।
@BhagwaHindurashtra-c4l10 ай бұрын
मुस्लिम लोग सिकंदर को मुस्लिम किंयु मानते हैं जब उस समय मैं इस्लाम मज़हब नहीं था।
@arihantjain6539 Жыл бұрын
जब ज्ञान अधुरा हो तो ज्यादा ज्ञान की बात नहीं करते हैं 😊
@rgbaura3282 Жыл бұрын
सिकन्दर एक महान योद्धा था भारत आने के क्रम में उसकी सेना लगातार युद्दों से थक चुकी थी व यहाँ का वातावरण भी उनके अनुकूल नहीं था सिकंदर युद्ध में घायल भी हो गया था , इस कारण उन्होंने लौटने का फ़ैसला किया , स्वाभाविक तौर पर भी ऐसा ही होता है
@Mrinalini.m Жыл бұрын
Lol - he was beaten by Porus and eventually killed !!!
@rgbaura3282 Жыл бұрын
@j.kunzru6754 अंध भक्त है क्या ? RSS की बुक से हिस्ट्री पढ़ के आया क्या 🤔
@IndoAryan Жыл бұрын
@@rgbaura3282 क्या तुम मूर्ख हो तुम्हें यह नहीं पता कि सिकंदर का सामना दुनिया की सबसे महान सेना से था। मगध की सेना सिकंदर की सेना से ताकतवर थी। इसलिए सिकंदर ने पीछे हटने का फैसला लिया क्योंकि वह उससे नहीं जीत सकता था। सिकंदर की मृत्यु के पश्चात उसके सेनापति सेल्यूकस निकेटर ने भारत में हमला करने की कोशिश की। लेकिन चंद्रगुप्त मौर्य ने उसे बुरी तरह हरा दिया।
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
@@IndoAryan persian sena bhi macedonia sena se 4 guna zyada numbers mein aur takatwar thi tab bhi sikandar jeet gya,uski sena thak chuki thi isliye wo chala gya wapis naki magadh ke dar se
@rgbaura3282 Жыл бұрын
@IndoAryan अंधभक्तों की हिस्ट्री टेक्स्ट बुक RSS के गोबर व मूत्र सेवन करने वालों ने लिखी है इसी कारण तुम्हे ऐसा लगता है 😁😁
@PunjabSidhGujratMaratha..... Жыл бұрын
Actually, sikander was defeated by Pourse. And He was got injured, and then he returned back or run away, and on the way, he passed away this the true....think asper his all war history is showing he never showed mercy on defeated enemy.
@SukhwinderSinghRataul Жыл бұрын
Right 👍
@RajeevKumar-nh4hp Жыл бұрын
@@swapnilutge8835 true bbc speaks against india see how they describe ghazi submarine that it burst on its own see u can find fault in their logic when india was so much aware of its presence a depth charge sunk it so bbc hates india's glory
@AvnishChaturvedi-mk4en Жыл бұрын
Right 👍👍👍👍. ...
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@PunjabSidhGujratMaratha..... Жыл бұрын
@avadhutjoshi796 well said 👏 👍
@478patel10 ай бұрын
सायद सिकंदर को पता था की मगध उनको वापस मेसेडोनिया जानें का मोका नही देगा।😊😊😊😊😊😊
@c.ksirmathsmentor58216 ай бұрын
किस बात के लिए महान था अलेक्जेंडर भारत से हारने के लिए
@Abupdate Жыл бұрын
नुकसान कभी भी राजा का नही होता मरता गरीब है हैं... उदाहरण आपके आगे हैं.
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@khushalchauhan9007 Жыл бұрын
रेहान फजल जी अपने शब्दों के जादू और उनके प्रस्तुतिकरण से सदियों पुरानी घटनाओं को भी मानो जीवंत कर देते हैं ।
@choudharysandy4926 Жыл бұрын
Gand da do app ese ko
@shersinghrewadmd52685 ай бұрын
क्योंकि आगे जांगल प्रदेश के गणराज्यों का एक संघ था जिसका नेतृत्व भादरा का राजा प्रवतेश्वर कर रहा था इसका शासन भादरा से मथुरा था विस्तारित था, बाद में चाणक्य ने इसकी सैनिक शक्ति के सहारे नन्द वंश को हराया था
@devendra4525 ай бұрын
सिकंदर को वापस जाने पर मजबूर करने वाले आचार्य चाणक्य थे उनकी कूटनीति की बदौलत सिकंदर को वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा।
@Uditnarayan200 Жыл бұрын
सिकंदर है तो केवल लौटा था उसके बाद तो बारी-बारी से सभी ने हिंदुस्तान को लूटा सोने की चिड़िया के सारे पंख काट दिए।😢😢😢😢
@lovesong4156 Жыл бұрын
Sone ki chidiya bharat mughalo ke time me kaha gya tha. Mughlo se pehle yaha log gareebi me jee rhe the
@fatehdharmender3495 Жыл бұрын
@@lovesong4156 chuslam ke andhbhakt..... first you go to some library and read history books
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@aryadharmasanatanam Жыл бұрын
@@lovesong4156 India ka gdp 45 percent tha mughal ane se phele study karo ese hi in sabki najar india pe thi jaake search karo kitne inavsion hue hai aur kyu hu hai World ka half gdp to india ke pass tha aur sone ki chidiya maurya kaal se bhi phele se kaha jata tha ye mughal mongol ki chudal ki pura dharam ka 4 din se purani history nahi ajj bhi phele din mullaism suru hua dusre din mecca banaya tisre mongol se chude 4the din Mughal paida hua aur 5va din uska vansaj yaha betke history bata raha hai🤣🤣🤣🤣
@internationalnewsandentert54049 ай бұрын
@@lovesong4156aji lan m0h0m0d k@
@yogeshdesai5999 Жыл бұрын
जो जीता वही पोरस 🙏🙏🙏🙏👍👌💐💐
@yashrajrajput376 Жыл бұрын
करोड़ों की जान लेने वाले यह गोरे ना कि कल दयालु थे नई आज दयालु सिकंदर की हार को दया दिखाकर
@JayBharatiy9 ай бұрын
रेहान जी हम सिकंदर की प्रशंसा करते हैं। लेकिन इतिहासकारों ने इतिहास को गलत पेश किया हैं। पोरस हारे नहीं थे, वर्ना खेल आगे जारी रहता। जो पंजाब तक आ पहुंचा वो आगे ज़रूर आता। वो पहले ही हार गए थे, आगे तो मगध की विशाल सेना थी ही! इसका प्रमाण ये हैं कि इस घटना के कुछ वक्त के बाद ही सिकंदर की मौत हो गई थी।
@sanketbhongare8812 Жыл бұрын
Chatrapati sambhaji Maharaj 🙏🚩 Ki jay
@ravindratiwari4765 Жыл бұрын
सिकंदर 🎉राजा पोरस 🎉से हार कर ही वापस लौटा होगा🎉 क्योंकि भारतीय 🎉राजाओं का इतिहास माफ करने से भरा पड़ा है पृथ्वीराज ने तो मो.गोरी को 17 बार माफ किया था ❤❤❤❤❤❤
@asifsiddiqui594 Жыл бұрын
Kha padhai krte ho re tum tarain ke only two war hue the gauri vs prithvi raj chohan
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@Peaceful_World130 Жыл бұрын
@@asifsiddiqui594 usme first war me ghori ko mara nahi chod diya tha
@kpdwivedi1672 Жыл бұрын
Porus was very strong and he gave brutal fight to sikandar. History was written by western which was quite wrong. Small king Porus gave such a fight that Sikandar's army got scared and army refused to go towards east where Magadh kingdom was very very strong. Alexander's army was shit scared.
@aniket385 Жыл бұрын
No they had fought big armies before , the thing was they were using Herodotus map of World which miscalculated size of India to be less than Persia , after the march from Macedonia to Anatolia Levant Egypt Persia and Central Asia when they conquered Indian kingdoms , they soon realised how big the subcontinent was and to fight numerous variable size kingdoms on different geographical terrain was too exhausting.‘ also Alexander wasn’t king of all Greece but Macedonia, others only joined due to their revenge against Persians for the 300 war movies , battle of marathon and burning of Athens …. They had long taken the revenge with burning of persipolis , and Alexander was simply dragging them for no reason . Even when he is at Babylon in his last days , he is planning a invasion of Arabia , a desert land with little resources…. No wonder his people poisoned him . He was a great military guy but a full blown megalomaniac
@TOKYOOLYMPIC-ow2ss9 ай бұрын
गलत बता रहे हैं, रेहान फ़ज़ल। सिकंदर हारा था।हारने के बाद हतास होकर चला गया। और रास्ते में ही मौत को प्राप्त हुआ
@veerbahadur1134 Жыл бұрын
सुंदर प्रस्तुति के लिए रेहान फ़ज़ल साहब आप को बहुत बहुत आभार व शुभकामनाएं 🙏❤️
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@JourneymanVan Жыл бұрын
Sir you are wrong here. Alexander got defeated and he was pushed towards Thar desert and when on his journey to Macedonia he crossed one area with bird flu. There he got sick and died due to lack of medical help. But to save Alexander's image western countries still present him as a winner.
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@aaaa-mm4hz Жыл бұрын
Tu aisa kar apni khud ki history book nikal le..... Aur uska naam rakh," My version of history"😀
@aniket385 Жыл бұрын
No they had fought big armies before , the thing was they were using Herodotus map of World which miscalculated size of India to be less than Persia , after the march from Macedonia to Anatolia Levant Egypt Persia and Central Asia when they conquered Indian kingdoms , they soon realised how big the subcontinent was and to fight numerous variable size kingdoms on different geographical terrain was too exhausting.‘ also Alexander wasn’t king of all Greece but Macedonia, others only joined due to their revenge against Persians for the 300 war movies , battle of marathon and burning of Athens …. They had long taken the revenge with burning of persipolis , and Alexander was simply dragging them for no reason . Even when he is at Babylon in his last days , he is planning a invasion of Arabia , a desert land with little resources…. No wonder his people poisoned him . He was a great military guy but a full blown megalomaniac
@sachintiwari28997 ай бұрын
सिकंदर हार के गया था... जो जीता वही पोरस, जो हारा वो सिकंदर
@VandanaKaranke10 ай бұрын
पूरी इतिहास सुनने के बाद वक्ती सिकंदर नहीं; महान पोरस कहलाना उचित है क्योंकि पोरस अपनी महत्वाकांक्षा के चलतें किसीके देश पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से नही अपना देश की रक्षा करतें संघर्ष किया।
@alexanderthegreat490 Жыл бұрын
2300 साल पहले घर से 10 हजार मील दूर आके यूद्ध करना यही बहोत है किसी को महान योद्धा बोलने के लिए . 👍
@biomind Жыл бұрын
Indian nhi mante , jab ki aaj 70 % kabilai shithiyan Hun ke Bachche hai , jo us time bhartm me the bhi nhi khud Ko porsh ka vansj samjh rahe
@sultanahmad-gp7ue Жыл бұрын
@@biomind jhaante ukhad Li thi poras ne........pel ke chala gya Alexander...tum chillao.... I'm proud of the great Alexander 💪💪❤️❤️ Charaag jalaate hi poras ki fauj bhagg gyi Pele gye bdiya se porus aur uske soldiers 🤣🤣🤣🤣🤣...tum manusmriti mein porus ko vijayi ghoshit krdo...waise bhi aajtk ek jhante na ukhad paaye.........tb2 drone's turkey se bheeg maangne pahunch gye shrm to aati nhi....chullu bhar pani lo godi rogi ko sath leke doob maro....yhi aukat hai tumhri 🤣🤣🤣🤣🤣🤣....chri ram chri ram 🤣🤣🤣... Lindu kandu tanatani 🤣 chindu
@ravindermamgain9898 Жыл бұрын
Sikander died from injuries inflicted in the war with porus and many of his soldiers decided to stay back as they were tired.
@python5827 Жыл бұрын
Chum chumtia fkuing bjp bot
@adarshmishra3331 Жыл бұрын
@@muhammadsohailkhan7563 Haa to bhai abhee kuchh saal pehly hi research hui hai ki unki death porus se harne ke baad kisi slow poisons hathiyaar se ghayal honey ke baad jab wo samudree rastey se Babylon pahunchney ke baad hui hai......
@fatehdharmender3495 Жыл бұрын
Sikandar soldiers were not tired........ But they were fearful of Indian archers, because half of Sikandar's army was killed by great Indian Archer of purushotam (porus) ........ and the remaining army left in a hurry with sikander fearing complete wipeout
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@ashutosh3168 Жыл бұрын
@@adarshmishra3331Research paper ka name batado ek baar . He died because of malaria or typhoid .
@chaudharyrahulkumar Жыл бұрын
Alexander was proactive and attacker, while Porus was defender and passive.
@biswaruppaul8841 Жыл бұрын
Because the agressor has to attack and the defender has to defend...the role cannot be reversed.
@utkarshdubey4147 Жыл бұрын
Still sikandar got his ass kicked by the Porus
@chaudharyrahulkumar Жыл бұрын
@@biswaruppaul8841 , why that was fought on the Porus soil rather than western side? Because Elephants 🐘 were not able to cross river that made Porus defensive.
@User1234-m8x Жыл бұрын
Andhbhakt yaha bhi he...😂😂😂😂
@utkarshdubey4147 Жыл бұрын
@@User1234-m8x yahan hum desh ke liye bhi agar kuch bolenge toh bhi andhbhakt bun jayenge kya......Abey o halala ki paidaish ye bata ki desh ke liye kuch bhi sacchi baat boli jayegi toh wo tujhe pasand nahi aayengi kya re
@dhramveersinghyadav67422 ай бұрын
Style of Rehan Fazal Sir Very Very beautiful. Salute Sir.
@ChoudharyRkJakhar-p5k Жыл бұрын
पोरस महान था सिकन्दर नहीं
@chandangautam1444 Жыл бұрын
क्योंकि अगला सामना पोरस से भी ताकतवर राजा धनानंद से होने वाला था यही सच्चाई थी
@President233 Жыл бұрын
दुनिया को जीतने वाला सिकंदर और सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस को जीतने वाला सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को जीतने वाले शाक्यमुनि बुद्ध 🙏
@nripendranarayanpathak9291 Жыл бұрын
Jhootha bhaag yaha se.....
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@Thevillager3611 ай бұрын
सिकंदर सम्राट अशोक महान की वजह से भारत पर राज्य कभी नही कर पाया
@aljost Жыл бұрын
You are excellent sir..... We need more contents such historical knowledge.
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@pratappradhan8816 Жыл бұрын
Very Very Nice Presentation 🙏
@ManishKumar-bj9mu Жыл бұрын
पोरस जीता था इसलिए सिकंदर भाग गया लेकिन रास्ते में ही मर गया, बेचारा अपने घर भी वापस नहीं जा पाया
@ansarisultanansari8245 Жыл бұрын
आबे पोरस जिता नाही था पोरस के सिकंदर ने कैद करके छोड़ा पोरस के जिद से सिकंदर पोरस पर दाया करके गया पोरस के हट और जिद पर खुश होकर समझे ना तो चंद्रगुप्त मौ्रय टिबी सिरियल देख 🙏☝️☝️☝️🇮🇳
@ManishKumar-bj9mu Жыл бұрын
@@ansarisultanansari8245 अबे युद्ध में जीतने के बाद भी दया करके छोड़ने का काम सिर्फ राजपूत राजा ही किया करते थे। सबूत के तौर पर पृथ्वीराज चौहान ने गौरी को हराने के बाद भी जिंदा छोड़ दिया था और जाने दिया। लेकिन मोहम्मद गौरी ने जब पृथ्वीराज को हराया तो गौरी ने पृथ्वीराज के साथ कितना घटिया काम किया था वो सारी दुनियां जानती है। भला सिकंदर क्यों कर पोरस को हराने के बाद उसका राज्य लौटा देता?? जबकि सिकंदर ने जितना भी प्रांत जीता था, वहां अपने लोगों को नियुक्त कर दिया था, जबकि पोरस के प्रांत के साथ ऐसा नहीं किया। यह घटना ईशा पूर्व की है जिसके बारे में वामपंथी इतिहासकारों ने मनगढ़ंत इतिहास लिख दिया है और उसी कचरे इतिहास पर सीरियल बना कर परोस दिया जाता है, और वही कचरा सबके दिमाग में भर जाता है। जरा ये भी देख लेना kzbin.info/www/bejne/oGPIoamYg7KrptE
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@aaaa-mm4hz Жыл бұрын
Tu aisa kar apni khud ki history book nikal le..... Aur uska naam rakh," My version of history"😀
@sitaparihar9577 Жыл бұрын
@@avadhutjoshi796Bharat ka itihas hmesha duvidhpurn rha hai koi khta esa hua koi khta vesa hua youth ko gumrah krta hai
@sanjayvyas6673 Жыл бұрын
पौरस से मार खाने के बाद गंगा तट के वीरों से घबराहट के चलते, जगह जगह भीषण प्रतिरोध का सामना करने की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के बाद वह घमंडी अपने अधूरे स्वप्न को लेकर अपने घर की ओर चला।जयहिंद
@MOYEMOYE5590 Жыл бұрын
इसी दुनिया के हो या किसी और के
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@anilmohite52813 ай бұрын
सुंदर प्रस्तुति से सम्मानित किया गया है इस अवसर दुवा को प्रणाम किया है इस दिन को याद करते हुए नमन करते हैं
@adarsh-india Жыл бұрын
Alexander's Army was worried about Nanda Empire Who was Ruling Ganga Valley. According to Roman historian Quintus Curtius Rufus, his army had as 200,000 infantry, 20,000 cavalry, 2,000 four-horsed chariots and 3,000 elephants. The Greek accounts describe Agrammes as the ruler of the Gangaridai (the Ganges valley)
@s.mahadev8557 Жыл бұрын
Sahi
@jameskandulna1240 Жыл бұрын
😊😅ppooppopppppppppoopoopooppooppppooppope de e?r 😅😅😅😅😅😅😅😅😅 5:02 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅how 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅p😊ppp0😊😊pp😊 o clock 😅😅ko
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@chandrabhanpatel413 Жыл бұрын
@@s.mahadev8557ke 😅😅o😅
@AshishKumar-bb5ef Жыл бұрын
Yes aur ye propoganda kar ke bhag gaya aur hume jhoothi history padai gayi
@rgbaura3282 Жыл бұрын
सिकंदर के भारत से जाने की दूसरी थ्योरी बताता हूँ , ध्यान से सुनो , जब सिकंदर महान के सैनिकों ने देखा की भारत में गाय का बछड़ा उसका दूध पी रहा है और भक्त लोग गोबर व मूत्र ? उसी क्षण वह समझ गया की यहाँ रुकना ठीक नहीं है वापस चलो 😁😁😁😁😁😁😁😁😁
@Mrinalini.m Жыл бұрын
Arab me bhi gya tha ! Waha uth Kalma pad rha tha aur log uska mootra
@nareshsinghal4656 Жыл бұрын
एक थ्योरी ये भी है कि उसने देखा कि अल्लाह की भारत मे लोग गांड मारते हैं तो उसने सोचा कि ये भारतीय जब न दिखने वाले 72 हूरों वाले भड़बे कि गांड मार लेते हैं तो सिकन्दर का क्या हाल करेंगे
@sitarambki2182 Жыл бұрын
सिकंदर से पेशावर के राजा केदार खटाना ने युद्व किया था लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा राजा पोरस ने तो सिकंदर को भी हराया था
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
आदरणीय 🙏! भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। जब भी कोई इतिहास पर भाषण देगा तो कई लोग उसे झूठा कहेंगे। स्थिति ऐसी क्यों है? स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया। और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता) समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है। मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं। मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा। मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है. मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@serajahamad649 ай бұрын
Sir, I'm listening you since 2004 when I wast in 9th class and you used to come on Radio
@keepaway011 Жыл бұрын
Porus punjabi king 🎉 👑
@keepaway011 Жыл бұрын
@stboys1932 check on Google porus is punjabi and born in Punjab
@brownboi7755 Жыл бұрын
@@keepaway011Oo bhai Punjab ka pahle koi naam nhi the usse porupradesh kaha jata tha wo ek Hindu King the na ki punjabi samjhe Time aane pe tum Hinduo ko gali dete ho aur phir hme hi apna papa bna lete ho Wo jat hai ya Rajput ye pta nhi par wo Ek Hindu hai wo sach hai Aur bharat ma ke bete
@keepaway011 Жыл бұрын
@@brownboi7755 tere dimag mein hindu muslim bhara hua hai ..Zee news kam dekha kr meine bus itna kaha wo panjabi hai ..born in panjab..Google galat hai or tum sahi ho ..yehi kehna chahte ho
@brownboi7755 Жыл бұрын
@@keepaway011 To kya Hua Hindu nhi tha kya Bta mujhe ham tumhari tarah kshetrwad nhikarte
@keepaway011 Жыл бұрын
@@brownboi7755 ye kisi record mein nahi hai ki wo Sikh tha ya hindu ...pehle panjab alag country tha Amritsar se lekar Lahore Afghanistan Tak faila hua tha ...jitne bhi soorme huye Hain wo mostly panjab se hain ..
@omprakashnarayan8560 Жыл бұрын
Great Presentation sir. As always a great fan of your voice and new stories. ❤
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@rajkumarjatav3555 Жыл бұрын
सच्चाई से कभी तुमने रूबरू नहीं सिकंदर घुटनों के बल गिर गया हमारे राजा पोरस के आगे
@bharatkukadiya88178 ай бұрын
Bharat jaitu Jay man Bharati 🙏👍
@amitnishant8 ай бұрын
अगर सिकंदर महान है तो महावीर और बुद्ध को हम क्या कहें
@born4win30 Жыл бұрын
ये तो परिस्थिति और परिवार का मोह था जिसके कारण सिकंदर और सेना वापस लौटे और कहानियों में ना जाने क्या क्या है।😂😂😂 खैर मोरल ऑफ द स्टोरी खाली हाथ आए हैं खाली हाथ जाएंगे।
@aygke1033 Жыл бұрын
Socho, Bharat aane ke baat Nani yaad aane lagi thi.
@SubashchandraYadav-os4rj Жыл бұрын
Mai ek Hindustani hu tere liye mahaan hoga mere liye nahi jai hind jai Bharat
@narendrarawat3861 Жыл бұрын
सिकंदर को महान पश्चिमी देशों ने बनाया वो महान नहीं था बस उसे कोई उसे टक्कर का नहीं मिला
@Silkroad_trader Жыл бұрын
Waise hi jese aap hi ke jaise naam vaale "Maha****" ne India ko "Mahan" banaya....
@Samaira_khan717 Жыл бұрын
Beta usne 17 ki age se duniya jeetna chalu kr diya 32 tak 90% world us samay ke captured kr chuka tha but tum mahaan nhi kahoge to maan lete
@Stranger1379 Жыл бұрын
Bhaiya Narendra k Modi lgana bhul gye ho. Jo fekne me Expert hai.
@vikasshukla-cb7ym Жыл бұрын
@@Samaira_khan717 lagata hai tumhari kaidey se gaad Mari thi tbhi tumhey bahut mja aa raha hai uski tareef karney me
@rajnishsingh63633 күн бұрын
Thanks alot for great stories about greatest warriors of world
@mdiftekhar3484 Жыл бұрын
I love my India
@jatindermonga9730 Жыл бұрын
रेहान फ़ज़ल आपकी आवाज हमेशा बुलन्द और अमर रहे।आप हमेशा स्वस्थ रहें। पंजाब की पावन भूमि से नमस्कार
@rakeshpathak57359 ай бұрын
First u learn history
@jatindermonga97309 ай бұрын
Apne muje msg Kiya hai sir ❓
@sahilrajpal2316 Жыл бұрын
I simply can't understand how a cruel and ambitious king will leave the king who nearly finished his army while his army was supported by takshila king who has rivalry with porus ? It seems to be a completely distorted history to me. also how can one know the things happened 2300 years back with such tiny instances included ?
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
Respected 🙏! History in India is a very disturbing subject. Whenever someone gives a speech on history, many people will call him a liar. Why is the situation like this? In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion. Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP) With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts. Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool. It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity. I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country. I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points 1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way. Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony. Avdhut Joshi
@theoriginalrudeboy2916 Жыл бұрын
You probably haven't fought with anyone. Sometimes you develop respect for your opponent even if they lose .
@aniket385 Жыл бұрын
Maybe coz he does to various Kingdoms of Anatolia and Darius own Mother?
@avadhutjoshi796 Жыл бұрын
@@aniket385 Dear Aniket As far as history is concerned India is very funny nation. We have many versions of history based on convenience of caste, religion and political inclination. We must change this. I have a solution for it. I wish to organize nationwide discussion on history and caste and religion system. Government is not helping for it. 🙏. Avadhut Joshi
@aniket385 Жыл бұрын
@@avadhutjoshi796 I think what has happened has happened.... Let's just only follow science