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अम्माजी की एक प्रतिज्ञा से पूरा जीवन ही बदल गया।मां नर्मदा के तट पर अम्माजी के साथ भोजन प्रसाद
एक छोटी सी प्रतिज्ञा ने 28 साल से मां नर्मदा के तट पर रहने को मजबूर कर दिया अम्माजी की भोजन प्रसाद
माँ नर्मदा की तट पर स्थित सिद्ध साधु संत की दैनिक दिनचर्या उनकी भोजन प्रसादी यहाँ पर स्थित मंदिर सिद्ध घाट पवित्र स्थल नर्मदा दर्शन के माध्यम दिखाते हैं यह एक ऐसी धर्म की यात्रा हैं जहाँ पर साधु संतों व माँ नर्मदा के दर्शन कराने की कोशिश है माँ नर्मदा स्वयं राज राजेश्वरी है इसलिए सभी की मनोकामना पूरी करती हैं
#नर्मदा #सिद्ध संत#अम्माजी की झोपड़ी में भोजन प्रसादी#बाबाजी