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अखण्ड निराहार माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा
अमरकंटक में परिक्रमा वासी तट परिवर्तन कैसे करे Narmada Parikrama
मॉं नर्मदा, धर्म, धरा, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण
संरक्षण-संवर्धन के लिए पूर्ण समर्पित
देश दुनिया की पहली
अखण्ड निराहार
मॉं नर्मदा सेवा परिक्रमा
8 नवम्बर 2022, मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा ओम्कारेश्वर से प्रारंभ
24 माह से अखण्ड जारी
देश दुनिया का सबसे बड़ा दादागुरू का निराहार महाव्रत
अखण्ड निराहार नर्मदा सेवा परिक्रमा
एक सत्य का आग्रह
मॉं नर्मदा, धर्म, धरा,धेनु और प्रकृति संरक्षण-संवर्धन पर पूर्ण केंद्रित दादागुरु (धूनी वाले) की निराहार महाव्रत साधना
ना भूतो ना भविष्यति-द्वितीयो ना अस्ति
ना कोई है,ना कोई होगा, दादागुरु के जैसा।
दो वर्षों से चल रहा विश्व का सबसे बड़ा निराहार सत्याग्रह... दादा गुरू ;धूनी वालेद्ध की अखण्ड साधना के असाधारण अकल्पनीय पैदल 3200 कि.मी. नर्मदा परिक्रमा के प्रथम चरण की शुरुआत कार्तिक पूर्णिमा 8 नवम्बर 2022 मंगलवार कोे ओम्कारेश्वर से प्रारंभ होगी ।
दादा गुरू का निराहार अखण्ड महाव्रत देशदुनिया के लिए एक रहस्य बन गया है । एक ऐसे संत जिन्होंने प्रकृति, धरा, धेनु, जीवनदायनी पवित्र नदियों एवं पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के साथ मां नर्मदा पर, प्रकृति केंद्रित जीवन जीकर अपना सर्वस्व समर्पित कर, जीवंत मिसाल प्रस्तुत की।
विगत दो वर्षो में दादा गुरू की नित्य अकल्पनीय निराहार सेवा साधना
नित्य 18 घंटे दिन रात चल रही सेवा, ध्यान, साधना, जागरण ।
दो बार रक्त दान कर ज्ञान-विज्ञान की जड़ों को हिला दिया।
पांच बार निराहार अखंड नर्मदा सेवा परिक्रमा कर चुके।
ग्यारह बार ओम्कारेश्वर मांधाता पर्वत की परिक्रमा कर चुके हैं ।
अभी तक दो लाख किलोमीटर की जन-जागरण यात्रा पूर्ण कर चुके हैं।
संपूर्ण भारत व नर्मदा तीर्थ-क्षेत्र में अखंड सत्संग, सभाएं, जन-जागरण, यात्रा,सेवा कार्य कर रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य - हमारा संकल्प
मॉं नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा दिलाना ।
मॉं नर्मदा और सहायक नदियों के शु(िकरण, संरक्षण-संवर्धन के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करना।
मॉं नर्मदा के हरित जल संग्रहण क्षेत्र में निर्माण,अतिक्रमण,खनन को पूर्णतःप्रतिबंधित कर संरक्षित करना।
मॉं नर्मदा तीर्थ क्षेत्र में प्राकृतिक गौ आधारित कृषि को बढ़ावा देना।
प्रकृति केंद्रित जीवन शैली,व्यवस्था और विकास,आत्मनिर्भर भारत की बात संरक्षण-संवर्धन के साथ।
मॉं नर्मदा जल की पवित्रता, स्वच्छता को बनाएं रखने के लिए जन-भागीदारी सुनिश्चित करना।
केन्द्र-राज्य शासन द्वारा निर्धारित मॉं नर्मदा, धरा, धेनु, प्रकृति, पर्यावरण नीति-कानून-योजनाओं
के क्रियान्वयन हेतू व्यापक जन-जागरण।