आ🎉दरणीय श्री महोदय, सादर प्रणाम करता हूं , मेरे परम् पूज्य गुरुदेव जी श्री राम कृष्ण परमहंस जी ने मां काली को अपने हाथों़ से खीर खिलाते थे। वे अपने को मां काली को समर्पित कर दिया था और अलौकिक और दिव्य ज्ञान प्राप्त किया था, जो कि कोई भी मनुष्य पढ़ सकता है। वे एक महापुरुष थे और ईश्वर साक्षात्कार और सर्वोच्च परमात्य ज्ञान प्राप्त किया था। अभी श्री राम कृष्ण परमहंस जी, दिव्य लोक में सदैव के लिए मतलब अनंत काल के लिए चले गये परन्तु मैंने उन्हें अपने अलौकिक और दिव्य गुरु जी माना है और उन्हें आत्म समर्पण किया है और मैं मन ही मन उनसे नंगा प्रेम करता हूं। उनके शिष्य स्वामि विवेकानन्द जी से भी मन ही मन मैं प्रेम करता हूं। धन्यवाद आपको। सादर प्रणाम करता हूं। ❤😊। प्रणाम।