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अमृतवाणी:- दीप यज्ञ का महत्व
Deep Yagya ka Mahatva
परम पूज्य गुरुदेव पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी
अब यज्ञ वो नहीं होने चाहिए कि जिनमें की सैकड़ों हजारों रुपए खर्च हो जाते थे जनता देने लायक भी नहीं है और जनता देने लायक भी हो तो जनता में से हर एक का यह ख्याल है कि पानी बरसना चाहिए यज्ञ से पानी बरसना चाहिए और यज्ञ से पानी बरसने की संभावना के बारे में हम आपको कोई विश्वास नहीं दिला सकते हैं इस साल का पूरा समय किस तरीके से कटेगा हम आपको इस की ठीक जानकारी दे कर के आप को डराना नहीं चाहते हैरान नहीं करना चाहते पर ये ये जरूर कहेंगे कि वर्षा का संतुलन बिगड़ा हुआ है क्योंकि यज्ञ आप बड़े यज्ञ करेंगे वर्षा का संतुलन न होने पर जनता क्या कहेगी आपको आपका उपहास होगा और यज्ञ का अपमान होगा हमारा अपमान होगा जो कि हमने स्कीम बनाई है इसलिए यज्ञों को तो हर जगह जैसे पाँच साल हुए उनको सीमित रखा है उसके स्थान पर नए यज्ञों की शैली प्रकट की है जो गरीब से गरीब लोगों के यहां भी की जा सकती है जो लोग संपन्न नहीं है वह लोग भी आसानी से करा सकते हैं वह कौन सा है यह दीप यज्ञ है
यज्ञ के कर्मकांड तो वही है सब जो कि सामान्य यज्ञ में हुआ करते हैं दो एक बातें कम कर दी है जैसे कि स्विष्टकृतहोमः कम कर दिया गया है पूर्णाहुति कम कर दी गई है वसोर्धारा कम कर दी गई है वगैरह तीन चार चीजें उसमें कम कर दी गई है बाकी यज्ञ के मंत्र यज्ञ के और यज्ञ के आवाहन और यज्ञ का सारा स्वरूप वही है केवल वस्तुएं कम कर दी जाती है वस्तुएं कम कर दिए जाने में कोई बुराई है नहीं कोई बुराई नहीं है वहाँ याज्ञवल्क्य और जनक का संवाद ऐसा ही है जनक ने पूछा कोई खराब वस्तु हो तो हम जो है घी ना पाए तो कैसे हवन करें तो याज्ञवल्क्य जी ने कहा यज्ञ तो करना आवश्यक है वो तो करना चाहिए उस से तो हमारी भारतीय संस्कृति के माता-पिता हैं इनका पूजन तो इनको भोजन कराना ही चाहिए
वायुमंडल और वायु संशोधन के कार्य के लिए तो करना ही चाहिए वातावरण संशोधन का काम तो हाथ में लेना ही चाहिए पर वस्तुएं कम कर सकते हैं तो जनक जी ने पूछा क्या वस्तुएं कम कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि घी अगर आपके पास ना हो तो हवन सामग्री जो वनस्पतियों से बनती है उससे ही आप हवन कर ले बिना घी के हवन कर ले तो उन्होंने कहा कि जब वर्षा नहीं होगी तो वनस्पतियां भी पैदा नहीं होंगी तो फिर कैसे हवन करेंगे तो फिर याज्ञवल्क्य जी ने कहा है कि आप लकड़ियों की समिधाओं से हवन कर सकते हैं कहने का अर्थ है
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