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अनहद चक्र
अनाहद चक्र का स्थान, हमारी रीड़ की हड्डी में हृदय के मध्य के एकदम पीछे की साइड होता है। इसे हृदय चक्र भी कहते हैं।
इस चक्र को जागृत करने के लिए इसका बीज मन्त्र यं और राग दुर्गा होता है।
अनाहद चक्र प्रेम, सौंदर्य, कला का प्रतिनिधित्व करता है। आपके अंदर सद्भाव और सुंदरता पैदा करता है। इस चक्र से दयालुता और मधुरता आती है जो हमें दूसरे लोगों के भीतर सकारात्मक भावनाएँ पैदा करने और उन्हें बदलने में मदद करती है। वह दूसरों से निःस्वार्थ प्रेम करता है, दूसरों का भला चाहने वाला, निर्भय होता है, अपनी मर्यादा जानने वाला होता है, भोला होता है, बच्चों का माता-पिता के प्रति सम्मान बढ़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे आप बीमार नहीं पड़ते, अच्छा आत्मविश्वास होता है इत्यादि।
अनहद चक्र ख़राब क्यों होता है -
ख़राब अनाहद चक्र से कौन सी बीमारियां होती हैं।
हृदय रोग, साँस की तकलीफ, फेफड़ों में तकलीफ, ब्रेस्ट कैंसर, आत्मविश्वास की कमी, व्यक्ति भयभीत रहता है इत्यादि।
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