Dhanywad, Swamiji Thanks, Jay Jay Oshojl and Parisar.
@vikaspatel89752 ай бұрын
जैसे लग रहा है अपने भगवान ओशो की कमी पूर्ण कर दिया। बहुत ही सुन्दर आभार ❤❤
@surendrashahi1050 Жыл бұрын
बहुत सुंदर विष्लेषण। आपको कोटि कोटि प्रणाम।
@susheeladagar3921 Жыл бұрын
हृदय से आभार , बहुत बढ़िया जानकारी दी आपने🙏🙏
@beliramtanwar46092 ай бұрын
Gurudev Ki Jai Ho Beli Ram Tanwar
@shishirbhatnagar9041Ай бұрын
He parbhu aap hi satya hain
@glbadhan830511 ай бұрын
बहुत सुंदर और स्पष्ट प्रवचन जी। प्रणाम।
@rajendersingh-fb2dk11 ай бұрын
जंगल में मोर नाचा किसने देखा , जिसने देखा , मैने देखा ,तुने देखा, उसने देखा , इसने देखा , जिसने भी देखा उसी ने जाना क्योंकि उस वक्त .समय वहां जो था वह अकेला ही होता है ,दुसरा कोई नहीं।। जय गुरूदेव।।
@gurgurgur10 ай бұрын
Sach khoj academy say samjo deeply
@cslal1 Жыл бұрын
Koti Koti Naman !
@gurgurgur10 ай бұрын
Sach khoj academy bhi deep meaning karti ha nad kay bhahkunth kay vo hindu Muslim sikh ko ack he manntay ha kabir ji ko deeply samja ha sach khoj academy nay sikhnay bhahut milta ha dhram singh shatri sant ha veer ras may boltay ha dar koe nahi Hindu Muslim sikh ko veer ras nu samjatay ha narmi say bat nahi kartay atma gyan par he nishana rakhtay ha sariri ko nahi daykhtay atma par he talwar jasa war kartay ha sariri atma different dikhnay lagti ha kamal ha ağır koe oun ko sunn sakay kirpa mago vivaki shatri ha bharat kay
@veenasharma907110 ай бұрын
Very nice Jai guru ji
@prakashchandradiwan4281 Жыл бұрын
आत्मा को घंटे और शंख की आवाज की धुन पर सहस्त्रदल कमल से नीचे उतार कर दोनो आंखों के बीच मनुष्य शरीर मे बैठाया अब ऐसा गुरु चाहिए जो स्वयं उस स्थान तक साधना करके पहुंच गया हे , किताबी ज्ञान नहीं पहुंचा सकता या स्वयं प्रयास कर नहीं पहुंच सकते हे क्यों कि रास्ते मे नीलगिरी पर्वत जिस पर आत्मा को चढ़ने पर बार बार चींटी की तरह फिसल जाती हे फिर बंक नाल का रास्ता जो बड़ा ऊंचा नीचा तेडा बांका घुमाव दार हे अंधेरा भी मिलता हे जहा बड़े बड़े भुजंग,शेर,भालू आदि की फुफकार, दहाड़ सूनाई देती हे जो गोतम बुद्ध को सुनाईं पढी थी अगर पिछे पलट कर देख लिया तो पागल हो जायेगा, आगे अद्यामहाशकति का लोक हे जहां स्त्रिया हि स्त्रियां हे जो बेहद खूबसूरत हे बडे बड़े साधक यही रुक जाता हे उनको लै लिया साधना वही रुक जातीं हे लेकिन पूरा गुरु किया तो साथ मे रहता हे वो छोटे बच्चे की तरह खीच के लै जाता हे आगे ईश्वर का रुप दिखाई दैता हे ,,, परम प्रकाश रूप दिन राती नहीं कछु चाहिए दिया ग्रत बाती, मन्दिर मे यही चिन्ह रखा हे ऊपर घंटा नीचे शंख, सामने दीपक ,बीच मे देवता जो स्वयं ज्योति स्वरूप हे इन्हें ही ईश्वर, जगदीश, भगवान, तीर्थंकर,खूदा, गाड़, काल भगवान, त्रिलोकीनाथ मीरा ने श्याम सुंदर, गोस्वामी जी ने राम , गोविन्द, बांके बिहारी आदि नाम से सम्बोधित किया, झींगुर की आवाज़ तो बहुत नीचे की हे जब मन एकाग्र होने लगता हे सामने प्रातः काल जैसा थोड़ा थोडा उजाला जिसे झाकोडिया ग्रामीण भाषा मे बोला जाता दिखाई पड़ता है उसी समय सीटी, चिड़ियाओं की चहचहाहट, झींगुर, घुंघरु की तरह की आवाज सूनाई देती हे नींद मे आकाश मे ऊड रहे हे ऐसे स्वप्न आते हे बड़ा हल्का पन महसूस होता हे प्रश्ननता, आनन्द की अनुभूति होती हे मगर मुख्य पहुचाहुआ गुरु मिले, किताब या प्रवचनों से नहीं गुरु की दया का सहारा जरूरी हे ,, कलयुग केवल नाम आधारा,,, ये नाम वर्णनात्मक नहीं धुनातमक हे , रास्ता मंत्र, भैदी बताया ये गा। अभी हम उल्लू व चमगादड़ हे सूरज के बारे मे सून सकते हे आंख देने का काम व आंख साफ करने का काम रास्ते का भैदी गुरु करता हे,जय गुरु देव
@rohtashkumar1197 Жыл бұрын
❤ जय गुरुदेव ❤️🌹🙏🙏
@manojpatel-pq9js11 ай бұрын
"जिंदा मत" "ज़िंदा है मत तो ज़िंदा हैं हम, वरना मुर्दों से तो संसार भरा है !" इस बात को समझना जरूरी है कि, जिन सम्प्रदायो के भीतर से अब उनकी जान निकल चुकी है यानी उस मत में किसी भी स्तर के प्रकट गुरु मौजूद नहीं हैं, वे मत और सम्प्रदाय मरी हुई देह के समान हैं जो कि अब किसी तरह जिंदा नहीं किये जा सकते हैं। जब तक कि उन मज़हबों और मतों के चलाने वाले आचार्य और उनके बताये अंतर अभ्यास को करने वाले गुरमुख अभ्यासी मौजूद रहे, वे सभी मत, मज़हब और सम्प्रदाय जिंदा रहे। पर जब वे अभ्यासी भी न रहे, तब वे मत भी जिंदा न रह सके। सो अपने वक़्त के पहुंचे हुए, पर अब आज के वक़्त में अंतर्ध्यान हो चुके सन्त और संत मार्गीय साध, महात्माओं के मत में शामिल हो कर भी अब कुछ हासिल नहीं हो सकता है। इस तरह पोथियों में सर खपाने और लकीरें पीटने से कोई भी अंतर में नहीं जाग सकता है। क्योंकि मत की जान 'अंतर्मुख अभ्यास' की असल रीत पोथियों में नहीं लिखी गयी है और ना ही लिखी जा सकती है और ना ही पोथियों को पढ़ कर यह रीत हासिल ही की जा सकती है। सो अब के वक़्त में लगभग सभी अनजान हैं, ....कुछ ही सचेत और कोई विरला ही सुजान है। भेष धारी या वाचक ज्ञानी गुरुओं से अंतर का भेद हासिल नहीं हो सकता है। अब जो जिंदा मत हो यानी जहां जीते जागते 'धुर के ज्ञाता और धुन के भेदी' गुरु प्रकट कार्यवाही करते हों, तो वहीं वह मत जिंदा है और उसी मत से जुड़ कर ही जीव का काज पूरा और सुफल हो सकता है। देखा कि भक्ति तो सभी कर रहे हैं, पर किसकी.... ? यह तो वे खुद भी नहीं जानते। इस तरह की गफलत भरी भक्ति से, जो कि जीव को हो चुके पिछले गुरुओं की स्वार्थ पूर्ण टेक के सिवा और कुछ नहीं दे सकती। झूठे अहंकार के निर्बुद्ध अंधकार में धकेल देती है। कोई एक पिछले गुरू को मान रहा है, तो कोई दूसरे गुरु को। इस तरह देखा गया है कि वक़्त गुरु के अंतर्ध्यान होने पर मत में फाड़ पड़ जाती है और टुकड़े होते रहे हैं। इस तरह की स्वार्थ पूर्ण कार्यवाहियों से मत कमज़ोर होता जाता है। मत का फैलाव ओर विस्तार तो खूब नजर आता है, पर सब झूठा और खोखला ही है। विचारों के इस विस्तार में जीव तो कहीं खो जाता है, पर सच्चा कुल मालिक कभी नहीं मिल पाता। सच्चे मालिक से मिलने की सच्ची चाह और लगन ही जीव को अपने वक़्त के वर्तमान सतगुरु पूरे की खोज के लिए प्रेरित कर सकती है, और करती है। इसके अलावा अगर कोई और मतलब, स्वार्थ या चाह भक्ति के पीछे प्रेरक है, तो काज हरगिज ना बनेगा, यह भक्ति सच्ची नहीं है। "भक्ति सच्ची चाहिए चाहे कच्ची होए" कुल मालिक दयाल हर्ष, प्रेम और आनंद रस का सोत-पोत है, और सुरत उसकी निज अंश और जात है। सुरत के उसी सच्चे प्रेम, आनंद और निज को प्राप्त करने के सच्चे जतन और सच्ची कार्यवाही का नाम ही परमारथी करनी और 'सच्चा परमार्थ' है। 'सतगुरु स्वामी सदा सहाय' 'सप्रेम राधास्वामी' -------------------------------------------------- राधास्वामी हेरिटेज. www.radhasoamiheritage.org (परमपुरुष पूरणधनी समद हुज़ूर स्वामीजी महाराज के निज दैहिक अंशों व सन्तमत विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रति प्रयासरत व समर्पित).
@manojpatel-pq9js11 ай бұрын
"जिंदा मत" "ज़िंदा है मत तो ज़िंदा हैं हम, वरना मुर्दों से तो संसार भरा है !" इस बात को समझना जरूरी है कि, जिन सम्प्रदायो के भीतर से अब उनकी जान निकल चुकी है यानी उस मत में किसी भी स्तर के प्रकट गुरु मौजूद नहीं हैं, वे मत और सम्प्रदाय मरी हुई देह के समान हैं जो कि अब किसी तरह जिंदा नहीं किये जा सकते हैं। जब तक कि उन मज़हबों और मतों के चलाने वाले आचार्य और उनके बताये अंतर अभ्यास को करने वाले गुरमुख अभ्यासी मौजूद रहे, वे सभी मत, मज़हब और सम्प्रदाय जिंदा रहे। पर जब वे अभ्यासी भी न रहे, तब वे मत भी जिंदा न रह सके। सो अपने वक़्त के पहुंचे हुए, पर अब आज के वक़्त में अंतर्ध्यान हो चुके सन्त और संत मार्गीय साध, महात्माओं के मत में शामिल हो कर भी अब कुछ हासिल नहीं हो सकता है। इस तरह पोथियों में सर खपाने और लकीरें पीटने से कोई भी अंतर में नहीं जाग सकता है। क्योंकि मत की जान 'अंतर्मुख अभ्यास' की असल रीत पोथियों में नहीं लिखी गयी है और ना ही लिखी जा सकती है और ना ही पोथियों को पढ़ कर यह रीत हासिल ही की जा सकती है। सो अब के वक़्त में लगभग सभी अनजान हैं, ....कुछ ही सचेत और कोई विरला ही सुजान है। भेष धारी या वाचक ज्ञानी गुरुओं से अंतर का भेद हासिल नहीं हो सकता है। अब जो जिंदा मत हो यानी जहां जीते जागते 'धुर के ज्ञाता और धुन के भेदी' गुरु प्रकट कार्यवाही करते हों, तो वहीं वह मत जिंदा है और उसी मत से जुड़ कर ही जीव का काज पूरा और सुफल हो सकता है। देखा कि भक्ति तो सभी कर रहे हैं, पर किसकी.... ? यह तो वे खुद भी नहीं जानते। इस तरह की गफलत भरी भक्ति से, जो कि जीव को हो चुके पिछले गुरुओं की स्वार्थ पूर्ण टेक के सिवा और कुछ नहीं दे सकती। झूठे अहंकार के निर्बुद्ध अंधकार में धकेल देती है। कोई एक पिछले गुरू को मान रहा है, तो कोई दूसरे गुरु को। इस तरह देखा गया है कि वक़्त गुरु के अंतर्ध्यान होने पर मत में फाड़ पड़ जाती है और टुकड़े होते रहे हैं। इस तरह की स्वार्थ पूर्ण कार्यवाहियों से मत कमज़ोर होता जाता है। मत का फैलाव ओर विस्तार तो खूब नजर आता है, पर सब झूठा और खोखला ही है। विचारों के इस विस्तार में जीव तो कहीं खो जाता है, पर सच्चा कुल मालिक कभी नहीं मिल पाता। सच्चे मालिक से मिलने की सच्ची चाह और लगन ही जीव को अपने वक़्त के वर्तमान सतगुरु पूरे की खोज के लिए प्रेरित कर सकती है, और करती है। इसके अलावा अगर कोई और मतलब, स्वार्थ या चाह भक्ति के पीछे प्रेरक है, तो काज हरगिज ना बनेगा, यह भक्ति सच्ची नहीं है। "भक्ति सच्ची चाहिए चाहे कच्ची होए" कुल मालिक दयाल हर्ष, प्रेम और आनंद रस का सोत-पोत है, और सुरत उसकी निज अंश और जात है। सुरत के उसी सच्चे प्रेम, आनंद और निज को प्राप्त करने के सच्चे जतन और सच्ची कार्यवाही का नाम ही परमारथी करनी और 'सच्चा परमार्थ' है। 'सतगुरु स्वामी सदा सहाय' 'सप्रेम राधास्वामी' -------------------------------------------------- राधास्वामी हेरिटेज. www.radhasoamiheritage.org (परमपुरुष पूरणधनी समद हुज़ूर स्वामीजी महाराज के निज दैहिक अंशों व सन्तमत विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रति प्रयासरत व समर्पित).
@AdarshTripathi-p1f4 ай бұрын
अब गुरु को ही ज्ञान देंगे
@RameshKumarau233 ай бұрын
🚫🚫🚫🚫🚫🚫🚫🚫🚫🚫🚫ये जो रामायण आपने लिखी है। ये सब आपका अनुभव नही है। सच्चा गुरु हमारे ही भीतर है, जैसी हमारी सोच है, जैसी हमारी कामना है, भीतर का गुरु आपको वैसा ही रास्ता दिखाता है। ये मेरा निजी अनुभव है।
@bandananeupanae551810 ай бұрын
Naman guru dev
@zavermaster700011 ай бұрын
Are you very great, Saheb Bandagi 🙏🙏🙏
@PriyankaSingh-oz1eo3 ай бұрын
सत गुरु देव ओशो के पावन चरणों में सत सत नमन प्रणाम करती हूं सत गुरु देव मां जी के पावन चरणों में सत सत नमन प्रणाम करती हूं जय ओशो ❤❤❤
@ranibhagchandani2156 Жыл бұрын
Satnam sakhi
@bhaveshmawar5131 Жыл бұрын
समर्थ सतगुरु हरि की जय 🙏🌹🙏🌹🙏
@nirmaldassuryavanshi4393 Жыл бұрын
Samarth gurdeo charno me koti koti Naman 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
@Aseekaroftruth28 күн бұрын
नाद को सुनना कोई साधना नहीं है, कोई जीवन भर सुनता रहे l इससे कोई गति नहीं होती है l परम सत्य नाद का भी साक्षी है l आजकल नाद और प्रकाश के नाम पर बहुत लोगों को भरमाया जा रहा है l स्वामी परमानंद गिरी जी वेदांत के प्रमुख जानकार और अनुभूति संपन्न व्यक्ति हैं l
@ramchandrasubedi4243 Жыл бұрын
❤ pal pal Namastute pyare Satgurudev ! ❤
@user-rr5qy2hh5h Жыл бұрын
Osho naman❤joy satsang joy hind
@AnujKumar-p6o5s26 күн бұрын
Naman❤❤❤
@CharanjeetGahirАй бұрын
Swami Ji is talking all valid things, high respect to him. To know more about his teaching, you can also read the meaning of Guru Nanak Dev Ji's Shabad "मन तू ज्योति स्वरूप है अपना मूल पहचान"
@narayinkrl635610 ай бұрын
नमन् ❤
@ritanshukumarpathak2000Ай бұрын
🙏 Har ❤️ har 🙏 Mahadev 🙏❤️
@vishnuprasadpaudyal718210 ай бұрын
नमन और अनंत अहोभाव स्वामीजी ,जय गुरुदेव
@Kanta-oi7lj11 ай бұрын
शत् शत् नमन स्वामी जी 🙏🙏🙏🙏🙏
@tikam69826 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सादर वंदन
@ashoksadafale56610 ай бұрын
अहोभाव के साथ ओशो नमन
@dineshpandey522 Жыл бұрын
चरणों में नमन
@HariOm-cm7pr Жыл бұрын
आपका कोटि कोटि शुकराना करती हूं आपने अनहद के बाद क्या करना है सब अच्छी तरह से समझा दिया है मिल के एक हो जाना है साक्षी भाव को भी छोड़ देना है बहुत अच्छी तरह से समझा दिया आपने सफर पूरा कर दिया आपका कोटि कोटि आभार
@gurwindersinghgssidhu29365 ай бұрын
यह सब कैसे करें हमे बैठकर पहले किआ करना है पूरा डिटेल से बताए भाई।
@AdarshTripathi-p1f4 ай бұрын
आपने सुन लिया क्या 😂😂😂
@chandrakantbhaithakar5952 Жыл бұрын
Om osho naman chhote babake chharnome koti koti danvant pranam namskar ahobhav dhanyavad mere prabhu
@prakashjaiswal6891 Жыл бұрын
अद्भुत प्रवचन स्वामी जी का बिल्कुल ओशो के करीब
@modimodi3660 Жыл бұрын
यह डुप्लीकेट OSHO है 😂😂😂😂😂😂 OSHO के जरा भी करीब नही है । OSHO तो OSHO ही है
@@modimodi3660तुमको कैसे पता दिमाग की बत्ती जलाऊं क्या
@modimodi36604 ай бұрын
@@AdarshTripathi-p1f पहले OSHO को ध्यान से सुन लो समज लो ..... दिमाग की बत्ती अपने आप जल जाएगी .....
@AnitaSharma-vm3ox10 ай бұрын
धन्यवाद स्वामी जी 🌹🙏
@vidushisingh9736 Жыл бұрын
Great thinking Great personality Great words 👏 👍 👌 🙌 😀 🙏 👏
@rashpalchand4471 Жыл бұрын
आप का बहुत बहुत धन्यवाद जी।
@unknownmiracles810 ай бұрын
Jai ho sadguru ko naman deeply gratitude thankyou love you thankyou 🙏🙏🏼🙏🏿🙏🏼🌃🙏🌞🪄⭐💐
@manishagala9280 Жыл бұрын
Vandan prabhu 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
@chitrasaini20949 ай бұрын
Sat sat namn svami ji esi dhun ko suti rahti hun lekin ek andhera hai thanks rasta thekhane ke liy thanks namsty
@krishanchahar1704 Жыл бұрын
बहुत सुन्दर, नई बात पता चली, अनहद नाद सुन रहा था, अब आगे का रास्ता मिला, अब साक्षी को भी छोड़ना है। बहुत बहुत आभार ❤
@JassiSingh-ct9pv Жыл бұрын
Kida di awaz ha anhad di veer ji❤❤
@Neo07070 Жыл бұрын
@@JassiSingh-ct9pv ऐसी आवाज जो, कहीं भी, किसी भी जगह सुनायी देती है, continuous, लगातार चलती है, ear ringing jaisa. झींगुर या अलग अलग आवाज जैसी होती है पर लगातार वो चलती रहती है. किसी गुरु से जुडे और साधना करे.. 👍👍
@JassiSingh-ct9pv Жыл бұрын
@@Neo07070 muja sunyi diti ha bahi par eska fyada kya ha reply
@mandakinirecipes8621 Жыл бұрын
आप ओशो का "जिन खोजा तिन पाइयाँ" का सोलहवां प्रवचन सुनेंगे तो आपको समझ मे आयेगा की अनहद नाद मे लिन नही होना है बल्कि उसके प्रति साक्षीभाव रखना है।
@SureshlalKukreja-fd6oq Жыл бұрын
@@Neo070700
@laxmangirigoswami5279 Жыл бұрын
Very good like me guruji Om namo narayana
@pragatigarge9893 Жыл бұрын
बहुत सुंदर व्याख्या, कोटि कोटि नमन मास्टर ओशो
@modimodi3660 Жыл бұрын
यह डुप्लीकेट OSHO है
@simplifiedmathsandscience8495 Жыл бұрын
Great swami ji sat sat pranam
@lalitkumarjain8344 Жыл бұрын
PRANAM BABA
@suryaprakash-dk3cw11 ай бұрын
Osho naman
@gbraut5554 Жыл бұрын
Ahobhaw Swami jee
@kalpeshpatel-wc2dm3 ай бұрын
🙏🏻 Jay Maharaj 🕉️ Jay Osho 🕉️🇮🇳
@Vision_Of_Realities Жыл бұрын
Jai Gurudev 🌺🙏🐚
@riteshsenpai65723 ай бұрын
Only true guru can give the divine naam
@nishisaharan2631 Жыл бұрын
SHUKRANA SHUKRANA SHUKRANA AAPJI SADGURU JI KA.....🙏🙏🙏🙏🧚♂️🧚♂️🧚♂️🧚♂️🧚♂️🧚♂️🧚♂️
@chirag0110Ай бұрын
अनहद नाद:-🔔 मन की मौत ...
@rashpalchand4471 Жыл бұрын
आप के बताने का तरीका बड़ा सुंदर लग रहा है।
@vinayakgraphics81885 ай бұрын
धन्यवाद! आपने हे शिव सही मार्गदर्शन किया 🙏
@AdarshTripathi-p1f4 ай бұрын
आपको कैसे पता
@jeevanmahajan3 ай бұрын
कोटी कोटी ऋणी हू.... आगे का अंतिम रास्ता आपने बता दिया
@Shashi.Jaiswal2 ай бұрын
Jai Osho 🎉
@Madhu-x5c3 ай бұрын
Koti koti pranam Acharya ji
@UpdeshKharaud Жыл бұрын
Ek Ou-An-Kaar Satgur Prasaad 🙏🙏🙏🌹!!
@ravijain73213 ай бұрын
Parnam Swami ji 🙏
@ParmarNileshBhai-w1i Жыл бұрын
OSHO PARMAR 💓💓💓
@bandananeupanae5518 Жыл бұрын
Pranam swami ji
@RamMilan-pz6bd6 ай бұрын
बहुत बहुत आभार जी
@Ranjitabiswas8867 ай бұрын
Dhanyvad prabhu 🌹🙏
@shilasalunke2616 Жыл бұрын
Koti koti Dhanyawaad Guruji 🌿🙏🌻
@lekhnathbhusal1636 Жыл бұрын
Parnam Gurudav ji🙏🙏🙏
@subhashmehta87834 ай бұрын
Naman Gurudev ❤
@BidyadharSeth-r6f7 ай бұрын
Hari om
@dashrathpatel5996 Жыл бұрын
Jitne baba log he kisi ke pass sachha gyan nahi he sivay bandi chhod sadguru Shri Rampaljimaharaj 🙏🏼 vahi ek pure sachhe sant he
@Akd9493 ай бұрын
वहीं जो जेल में पडा है हां फर्जी गुरघंटालो को फर्जी चेले बहुत मिल जाते हैं भाई
@mshankarprasaddora9832 Жыл бұрын
Nice description. Thanks a lot.
@Sardarasingh-s7d10 ай бұрын
Right❤
@surenderprasadyadav991110 ай бұрын
Bahut achhi baat hai. 3 saal se mujhe continue Jhingur ki aawaz aati rahti hai...sspp
@Amandeep-yw4tw3 күн бұрын
Test krwae sabhi dr kya kehte ap meditation krte thee
@NirmalaPatil-w2z Жыл бұрын
Bahut achchhi bat batai aapne
@nirmaldassuryavanshi4393 Жыл бұрын
Samarth Gudeo Charno me koti koti Naman 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
@virenderjain66663 ай бұрын
Your speech is very fruit full.
@LalitasVani3 ай бұрын
प्रणाम सदगुरु 🎉
@premghalay1356 Жыл бұрын
Jai sadguru ji 🙏🙏🙏🙏
@PawanSharma-un3pz Жыл бұрын
Parnaam gurudev 🙏🙏🙏
@kirpalsingh51572 ай бұрын
Namo Budhhay.
@vmanik9890 Жыл бұрын
प्रणाम स्वामीजी 🙏🙏ओशो जी के जिस प्रवचन कि चर्चा आपने अंत में कि है कृपया उससे सम्बंधित वीडियो डालने कि कृपा कीजिए. ऐसे लग रहा है जैसे कि कहीं कुछ जानने कि उत्सुकता है और वह बाधित हो गई इसलिए कृपा करें.
@AdarshTripathi-p1f4 ай бұрын
जीसस ने कहा है कि आंख हो तो देख लो और कान हो तो सुन लो