नमस्कार भाई साहब जी ऐसा क्यों लगता है जब हम तत्व जगत की चीजों को खान पान करते हैं या कुछ काम करते हैं इन चीजों के सुख से बोर हो जाते हैं परंतु परमात्मा की ऐसी कृपा है जिसके अमृत से उसकी महिमा से चाहे एक ही ओडियो को पचास बार सुनने पर भी बोरियत महसूस नहीं होता जितना सुनते हैं उतना ही अमृत मिलता अमृत में मजा ही मजा है अमृत रोग नाशक दवा है जैसे फसल में दवाई छिड़कने से फसल रोग से मुक्त हो जाती है दवा रोग को खत्म कर देती है रोग दवा को खत्म नहीं कर सकते ठीक वैसे ही अमृत सबसे बचाव कर लेता है अमृत का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता