नमस्ते भाई जी,बहन जी *ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?* सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है , सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक. अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा. ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं. हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था, और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर , अब इस धरती पर आ गए हों! अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं. ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है? हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं. न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा! वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं! सूरज कभी ठंडा होगा क्या? हाँ,ठंडा होगा! आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है. ऐसा मैं कल्पना करता हूँ. यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे, उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा. - श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
@sudhajoshi41393 жыл бұрын
Bahut bahut Sundar
@nishaverma50024 жыл бұрын
Bahut Sundar dance aur bahut Hi Pyara geet
@balwantsahu34583 жыл бұрын
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
@beenachauhan19514 жыл бұрын
Lovely bhut sunder dance or song
@nishasaxena63252 жыл бұрын
Very nice song and beautiful dance kiya hai didi ji ny sunky bahut Maza Aya 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😘😊😘😊😘😊
@KumauniMahilaHoli2 жыл бұрын
Thankyou ❤️
@narendrakumar98482 жыл бұрын
Bahut sundar
@shalinisingh52852 жыл бұрын
Bahut Sundar
@ankittiwari7832 жыл бұрын
Bahot khubsurat geet💓💓
@nainajoshi2629 Жыл бұрын
Bhaut badiya song🥳🥳🥳🥳💕💕💕💕👏👏👏👏👏
@RekhaDevi-um6ef3 жыл бұрын
Bahut badhiya gana hai
@bhartitiwari10944 жыл бұрын
Bahut hi mast gana
@reena34764 ай бұрын
Nicely 😊
@gezalasultana98552 жыл бұрын
Happy womans day
@chandratiwari4365 Жыл бұрын
बहुत अच्छा मजा आ गया
@govindarajbhar23792 жыл бұрын
अति उत्तम बहुत अच्छा लगा हमें बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
@deeptitiwari2882 жыл бұрын
Bahut sunder
@entertainmentvideos22082 жыл бұрын
Wah!! shandar mahila sangeet 👌
@bindujaiswal61104 жыл бұрын
Bahut sundar geet 🙏
@balwantsahu34583 жыл бұрын
💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@jagdishmishra92864 жыл бұрын
Wahh bahut accha..
@AnshuSharma-qo7js4 жыл бұрын
Bahut acha geet h
@balwantsahu34583 жыл бұрын
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
@dharmendrarathore7744 жыл бұрын
बहुत सुन्दर गीत हैं आप का
@anjanakhurpia95454 жыл бұрын
Bahut badiya
@radhikajain9613 жыл бұрын
Bhut bdya
@sheelaverma94324 жыл бұрын
Bhuta sunder
@SunilKumar-hi9jk2 жыл бұрын
Super dupar song and dans.
@nishamishra-xe8ot4 жыл бұрын
Bahut sunder geet
@vijaytivilegelifeblogmsa42444 жыл бұрын
sunder bana gaya madamji ne humri hai comedi hai super
@aditya20073 жыл бұрын
Superb 👌
@jaiparkash2723 жыл бұрын
Waah bhot khoob is gane me aurto ki ahmiyat pta chalti h.dhanywad mam
@sangeetasaini55243 жыл бұрын
Very nice 👌🏻👌🏻👌🏻
@omprakashkahar12304 жыл бұрын
गीत बहुत बढ़िया बेस्ट अच्छा था मुझे बहुत अच्छा लगा हम तीन भाई हैं मैं बीमार खटिया में रह पढ़ी है वाक्य में घर में औरत ना होने से कब्रिस्तान लगता है और हमारे पापा हमारी शादी होने नहीं देते मुझे तो यह गीत बहुत ही अच्छा लगा बिगर औरत का घर घर नहीं लगता घर में एक औरत होना चाहिए ताकि मंदिर सा लगे🙏🙏
@KumauniMahilaHoli4 жыл бұрын
O भगवान से प्रारर्थना है आप के घर जल्दी लक्ष्मी आये
@SANJAYYADAV-zs1ei2 жыл бұрын
Nice videi
@geetaupadhyay12092 жыл бұрын
बहुत सुन्दर🙏👌👌
@paljai67634 жыл бұрын
Bahut hi payara gana banaya hai and dance ke sath gaya bhi bhi bahut hi Achchha hai gana sunker Aananad Aa gaya. 🙏🙏🙏👌👌👌❤❤❤😁😁😁
@meenasainisaini48253 жыл бұрын
Bhut accha gana h
@theatrecameratalkies60063 жыл бұрын
Bhaut badiya
@rockyraj54524 жыл бұрын
Gajab bejjati hai yar
@pappusitara89003 жыл бұрын
Ye song dekhke mujhe BHI shadi Karni pari😀
@KumauniMahilaHoli3 жыл бұрын
चलो अच्छा हुआ👏👏congrats
@Rekhasingh-bg8zf4 жыл бұрын
Dance or geet dono bohat accha h mast
@sanjaymalviyas.k.m48664 жыл бұрын
बहुत सुन्दर लोकगीत
@shivamtiwari6873 жыл бұрын
Nice song 😉 👍
@chhayaagrawal35213 жыл бұрын
Wah kitna acha Dance kiya OR gaana b acha h
@full_gaming40384 жыл бұрын
bahut accha
@balwantsahu34583 жыл бұрын
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
@mandakinisharma5234 жыл бұрын
Gajab bahut majedar geet👌👌😀
@trishabisht50413 жыл бұрын
Very nice 👌👌🤣
@neelamshukla18563 жыл бұрын
Neelam nepal se Radhey radhey ji
@neetusisshodia35024 жыл бұрын
Wah Maja a Gaya sunket nice
@dineshkum49673 жыл бұрын
Very nice All Sister Radhe Krishna ji
@भजनबेला-म3ल4 жыл бұрын
बहुत सुन्दर गाया
@shakilshakil66413 жыл бұрын
Gajab danse gajab song
@balwantsahu34583 жыл бұрын
💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@harmansaini57624 жыл бұрын
So nice
@manishaanjana53303 жыл бұрын
bahut hi sundar didi 🤩🤩🤩☺️😘😘🥰🥰
@nikhilrathi58134 жыл бұрын
Very very nice
@artiscreation12394 жыл бұрын
अभी सुना ,बहुत मस्त है, मज़ा आगया।
@AanshikaGeetMala4 жыл бұрын
Bahut mast geet hai
@balwantsahu34583 жыл бұрын
नमस्ते भाई जी,बहन जी *ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?* सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है , सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक. अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा. ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं. हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था, और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर , अब इस धरती पर आ गए हों! अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं. ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है? हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं. न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा! वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं! सूरज कभी ठंडा होगा क्या? हाँ,ठंडा होगा! आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है. ऐसा मैं कल्पना करता हूँ. यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे, उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा. - श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद धन्यवाद भाई जी, बहन जी।
@smartwomen72294 жыл бұрын
Bahut achchha geet mja aa gya
@ushachoubey13294 жыл бұрын
Hahahaha😀😀😀😀 bahut sundar bahut maja aaya sach me
@KumauniMahilaHoli4 жыл бұрын
Thankyou
@SantoshYadav-xx1ii3 жыл бұрын
Very nice 😃😃😃😅👫
@afzalsayed75982 жыл бұрын
Wahhh bahut hi sunder ....
@95dkboss2 жыл бұрын
After twitter 👍👍👍
@kavitasharma-nu8ke3 жыл бұрын
Dance very nice
@महेशचनद-ख4ड3 жыл бұрын
Atti sunder sunder
@बिखरेमोती-ढ6श3 жыл бұрын
Very nice sang
@09atharvagarwal8d73 жыл бұрын
Its song 🙏🏻🙏🏻
@rajnibhardwaj78374 жыл бұрын
Bahut hi sundar gana👍👍👍👍👍
@KumauniMahilaHoli4 жыл бұрын
Ji धन्यवाद बहुत बहुत
@mohammedfazilsheikh90514 жыл бұрын
बहोत उम्दा
@savitrirawat58864 жыл бұрын
बहुत सुंदर गीत
@anjanakhurpia95454 жыл бұрын
Bahut badhai
@vijaybhatnagar2994 жыл бұрын
Very good
@jayhindjayjawanjaykisan49333 жыл бұрын
BOHAT HI SHANDAR GAYA H, OR SUPER ADAKARI KI H ? 🙏🙏🙏
@aniltak47993 жыл бұрын
Douda-2ladka pahucha brahma Ji ke pass me beautiful song
@shyari37293 жыл бұрын
Very funny song😂😂
@charnodevi46134 жыл бұрын
Sunder ha loogayi geet.
@usharanawat14744 жыл бұрын
Very funny song and beautiful dance 👍
@meenu_makeupartist244 жыл бұрын
wah ji wah maja gaya isey sun ker thank u
@netupathak15024 жыл бұрын
V v nice ji
@geetachaudhary55344 жыл бұрын
Bahut hi mast dance aur gana hai
@priyanshtiwari32024 жыл бұрын
बहुत अच्छा है
@laxmisharma45734 жыл бұрын
Very nice
@bhajansangeetdeepamehra24764 жыл бұрын
🙏🙏🙏Nice di💐💐💐💐
@SpecialIdeasPreetiV4 жыл бұрын
Bhut badhiya geet..or dance bhi majedaar👏👏👏👏
@balwantsahu34583 жыл бұрын
💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@latatiwari74574 жыл бұрын
बहुत सुन्दर
@shivrajkshatriya30983 жыл бұрын
very good....
@rekhatiwari-pahadicheli4 жыл бұрын
Beautiful dance and nice 👌 song
@कान्हाकीदीवानी244 жыл бұрын
bahut maja Aaya😂😂😂🙏🙏👌👌👌👍
@busywithoutwork4 жыл бұрын
Like bhi subscribe bhi kiya.. Bahuth badia... Dance ke sath bhajan.. Wah 👍.beautiful..
@anshkumar60143 жыл бұрын
Very beautiful dance and song 😃😃😃
@kavya17003 жыл бұрын
Aapka song meri 6 year ki beti ne yaad kiya. Aur sabko sunaya. Bhutttttt mast h song
@KumauniMahilaHoli3 жыл бұрын
अरे वाह 😂😂
@Shantanujaat13 жыл бұрын
Bahut sundar dance 💃💃💃
@anuragshukla40802 жыл бұрын
बेस्ट सॉन्ग for yy sir थैंक्यू
@meenapandey45214 жыл бұрын
Song aur dance dono super se upar
@vipinchandra86603 жыл бұрын
Very beautiful lyric soundvoice and dance
@VirendraSingh-ln1nq4 жыл бұрын
Very nice song
@ushanegi4474 жыл бұрын
👍👌👌👌👌atisunder bahno
@savitrirawat58864 жыл бұрын
बहुत सुंदर
@parwatsirswa39274 жыл бұрын
Good song
@balwantsahu34583 жыл бұрын
नमस्ते भाई जी,बहन जी *ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है?* सूर्य ऊष्मा सदा-सदा के लिए है , सूर्य जब तक ठंडा न हो जाए, तब तक. अभी विज्ञानी ऐसा बताते हैं कि ५० करोड़ साल बाद सूर्य फैलने लगेगा और फैलते-फैलते धरती को अपने में निगल लेगा. ऐसी बेसिरपैर की बातें हम विज्ञानियों से सुनते रहते हैं. हमारे अनुसार ऐसी भी कल्पना दी जा सकती है कि सूर्य कभी चारों अवस्थाओं के साथ समृद्ध था, और वहां के विज्ञानी ही उसको आग का गोला बना कर , अब इस धरती पर आ गए हों! अब वही काम इस धरती पर भी करने के लिए तैयार बैठे हैं. ऐसा सोचने में क्या तकलीफ है? हमारी इस कल्पना की हमारे पास गवाही तो है नहीं. न विज्ञानियों के पास गवाही है कि सूर्य ५० करोड़ साल बाद धरती को निगल लेगा! वो कल्पना कर सकते हैं तो हम भी कल्पना कर सकते हैं! सूरज कभी ठंडा होगा क्या? हाँ,ठंडा होगा! आज जो सूरज है वह पहले से किसी सूक्ष्म से सूक्ष्म अंश में ठंडा हुआ ही है. ऐसा मैं कल्पना करता हूँ. यह धीरे-धीरे हो कर के भारी परमाणु बनेंगे, उसके बाद उसका धरती के स्वरूप में गठन होगा. - श्रद्धेय नागराज जी ,रायपुर मध्यस्थ दर्शन, सह अस्तित्व वाद धन्यवाद भाई जी, बहन जी।