कहानी शत् प्रतिशत शत् उन परिवारों पर सही उतरती है, जहां विधवा होकर बहन भाई के घर याने पीहर में लौट आती है। अनेकों परिवार में ऐसे दृश्य देखे जाते थे। वर्तमान में में यह दृश्य कम हुआ है।विधवा बुआ इतनी चालाक कैसे हो जाती है।इस कहानी में मालती जी ने ऐसी बुआजी का कोई इलाज नहीं बताया। अधूरी रह गई। आपने अपनी आवाज से कहानी को जीवंत कर दिया।हर श्रोता बुआजी को अपने आसपास महसूस करने लगा होगा । यही वाचन की सबसे बड़ी सफलता है। बहुत बहुत शुभकामनाएं।
@jaishreepol1746 Жыл бұрын
Toxic people are really dangerous.. as soon you identify them.. Just straight way away.. Nice story and nice narration.. Thank you for sharing
@anamikadongre38812 жыл бұрын
रिश्तों की असली झलक इस कहानी में दिखाई देती है । और उस पर आपका सुनाने का अंदाज लाजवाब । 👍🙏
@sujatagusai263 ай бұрын
Nice
@SunitaPrasad-xf9yu Жыл бұрын
One of the best lekhika. Malti ji
@archigoel28982 жыл бұрын
जुता कहाँ काटता है ,वह पहनने वाले को पता चलता है।देखने वाले को पता नही चलता। यह कहानी की बुआ जिसकी जिंदगी मे होती है,वह सिर्फ जिंदा लाश ही होती है। बहुत रुला गई।
@dr.abhamathur5138 Жыл бұрын
सदैव की भांति लेखिका की मर्मस्पर्शी कहानी
@sumangaikwad58492 жыл бұрын
Ias.kahaniko.sunkar.sachyae.yada.aati.hay.
@sunrise333778 ай бұрын
बुआ कभी भाई का घर न बरबाद करे ईश्वर सदबुधदि दे बुवा नाम के जीव को
@aradhanasingh9702 жыл бұрын
मेरी भी वधवा ननद ऐसे ही निरंकुश हो कर हमारा जीवन हराम हराम कर रखी थी।अब देवर, देवरानी कि जीवन हराम कर रखी है।
@manimekhla871410 ай бұрын
कहानी अच्छी पर बिना किसी अंत पर पहुंचे बेकार होक रह गयी😢