मिशन के कार्यकर्ता को टिकट देने चाहिए डॉक्टर माने जी का वक्तव्य है
@radhasham70922 жыл бұрын
बिल्कुल सही सर जय भीम जय सँबिधान
@Aman_gullu2 жыл бұрын
डॉ.सुरेश सर् आपकी बात सही है सुधार की बहुत जरूरत आपकी बात में दम है बहुत दुख होता है जब बसपा हारती है
@manjeshkumar79082 жыл бұрын
Relly
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@poonamawatade35772 жыл бұрын
कुछ सुधार करनेकी जरूरत नही avm हटाके देखलो भाजपा एक भी शिट नही ला सकता
@MunnulalBharti5 ай бұрын
सर आप जैसे लोगो को पार्टी से बहन जी निकाल दिया लेकिन मुझे डाक्टर सुरेश माने जी जैसे लोगो पर गर्व है और रहेगा जय भीम
@dadhivalahirwarahiwar74882 жыл бұрын
मुझे लगता है कि बाबासाहेब और साहब कांशी राम जी का सपना पूरा शायद नहीं हो पाएगा। यदि उनका सपना पूरा करना है तो सारे दलित समाज को एक होना पड़ेगा। जय भीम, जय संविधान। जय साहब कांशी राम जी।
@shivansh.saloniraj53882 жыл бұрын
Yes
@lataadhangle74812 жыл бұрын
बहुजन समाज का लीडर अच्छा होना चाहिए और सच्चा होना चाहिए कभी हमारा समाज आगे बड पायेगा
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@PankajKumar212 жыл бұрын
एक होना है तो किसी एक सुप्रीम मार्गदर्शक को अपनाना होगा जब तक बुद्ध का मार्ग था भारत एक था । बुद्धिज़्म के खत्म होते ही भारत गुलाम हो गया। सभी बुद्ध की शरण में आयें ।
@jayprakashnarayanhapse9269 Жыл бұрын
Bsp jindabad 🙏🙏
@DIPAKKUMAR-eh8mo2 жыл бұрын
सर जी ने बहुत सत्य बात की ये सभी BSP को या बहन जी को ये बात समझने की जरूरत है नही समझे तो bsp खतम हो जायेगी
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@lasteye49592 жыл бұрын
सुरेश जी बसपा में वापस आईये आप और सभी निकाले गए लोगों को साथ लाइये, और राष्ट्रीय अध्य्क्ष का चुनाव हो इस बात को मजबूती से रखिये। सब अलग अलग हुए हैं तो सब फैल हो चुके हैं, एक बहनजी की गलती की सजा सबको मिल रही है।
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@lasteye49592 жыл бұрын
@@jitendrabaudha6482 isiliye to keh raha rashtriya adhyaksh ka chunav ho party mai...Behan ji ki vidai pakki hai fir party se
@vilasbankar922 жыл бұрын
पार्टी में एकाधिकार बनाए रखना उभरते हुए नेताओं को पार्टी से निकाल देना किसी को भी पार्टी में चमकने ना देना यही कारण है कि पार्टी आज पतन के कगार पर है
@NandKumar-bq6ji Жыл бұрын
B s p ka jana dhar 13 stet me hai aap ka kitane stet me hai aap batao
@darshanbanga83415 ай бұрын
@@NandKumar-bq6ji Jab Ek seat bhee nahi jeet skte to janadhar kya achaar dalne ke liye hota hai? Politics ke liye political wisdom chahiye.
@swarakumari12952 жыл бұрын
यह एक coincidence है डॉक्टर सुरेश माने सर ने को कहा वह सब १००% मेरे मन की बात है।🙏🙏🙏
@kumarratan40282 жыл бұрын
सर जी ।आप बहुत अचछा विशलेशन किया है ।सर आपसे निवेदन है की आप सब मिलकर मावन मेशराम साहब कि बहुजन मूकति पार्टी को मजबूत कर समाज को जगाने का काम करके दिल्ली में लोकसभा पर कबजा कर सकते हो ।आपसी मनमुटाव को छोड़कर महापुरुषो के मार्ग दर्शक पर चले मै राजस्थान में जिला हनुमागढ में कार्य करता रहा ।और bhangi जाति से था ।लेकिन कार्य करताओ ने जाति को देखते हुऐ कोई भी महत्व नही दिया ।जय भीम नमो बुदाय ।
@gautampkraj2 жыл бұрын
बहुत ही गहराई और संजीदगी से आपने विश्लेषण किया... धन्यवाद आपको 🙏
@sukhdevbhaidoriya82752 жыл бұрын
મને સાહેબ ની સાચી વાત છે જુના કાર્યકર્તાઓ ને મળવું મળવું પડે અને પાર્ટીની વિચારધારા સાથે ચાલુ પડશે અને અને સંગઠન સાથે રાખીને ચાલવું પડશે લોકો વચ્ચે રહીને કાર્ય કરવું હોય છે લોકો તો તૈયાર જ છે કાર્યકર્તાઓમાં ખામી છે પાર્ટી ને બે ઊભી કરવી હોય તો કાર્યકર્તાઓ બદલવા પડશે કાર્યકર્તાઓને સમજાવવા પડતે કાર્યકર્તાઓને જ આ નિષ્ક્રિયતા છે પાર્ટી ચાલુ કર્યું હોય તો આવી જાવ મેદાનમાં તૈયાર જ છીએ 20 વર્ષ પહેલા અમે લઈ આવ્યા હતા આજે આજે ઝીરો પરિણામ થઈ ગયું એ નવા કાર્યકર્તાઓની ખામી છે પાર્ટી કુબી કરવી હોય તો મેદાન માં આવવું પડશે જુના કાર્યકર્તાઓની જરૂર છે
@rajkishoregautam88112 жыл бұрын
Q
@WakilKhan-kx1fk2 жыл бұрын
No one dare to speak a single word against working style of Mayawati She knowingly done everything against the interests of her own party Her party organised Several Brahmins sammelans but did not worry to do a single sammelan of Muslims and charged bjp upon its atrocities on Muslims and Dalits Why Muslims will vote her Even she got 2 seats in Uttarakhand Both Muslims Duto Muslims support only She has lost her credentials in minorities, obc and non Jatav Dalits Community in larger forms duto supporting dictatorship acts of bjp govt
@shoaibdodia80462 жыл бұрын
@@sukhdevbhaidoriya8275 sachi vat chhe saheb manuwadio ne party thi dur karva joiye Ane bahujan agenda chalavo padse tamaro personal mo. No. Apjo
@Anoopmoji2 жыл бұрын
Bahut achhi jankari mili hai , aapka sadhuwad
@tarachandmeghwal87992 жыл бұрын
Jay bhim ji सभी लोग एक होने चाहिए जो इस मुहिम को लेकर चिंतित हैं
@RamKrishna-fo4dp2 жыл бұрын
जब तक मिश्रा जी और मंडली को बाहर नही निकालेगी , पार्टी का भला नही होता दिख रहा
@jeetendrasingh11332 жыл бұрын
you are right brother
@jeetendrasingh11332 жыл бұрын
satish mishra gaddar hai....he should region...
@kamtaprasad4775 Жыл бұрын
lekin Mayawati samajh mein nahin a Raha
@kamtaprasad4775 Жыл бұрын
Yahi comment main 2014 mein kiya lekin ko samajh mein yah to brahmanon ko apna sir Mora Mana
@satishchandrasagar63992 жыл бұрын
मायावती जी कहीं न कहीं अपना स्वार्थ है जिस कारण बहुजन मूवमेंट आगे नहीं बढ़ा रही है
@AvinashKumar-lk3pn2 жыл бұрын
1,कांशीराम बूथ ब्रिगेड 2, सावित्रीबाई फुले महिला मोर्चा 3, छात्र सभा संगठन 4, अधिवक्ता संगठन तब जाकर बीएसपी आगे बढ़ेगी
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@jangbahadur76332 жыл бұрын
Dr saheb aapne 100 percent Sahi baat kahi h aapko bahut bahut dhanyabaad sir
@pooranmaljaiswar43482 жыл бұрын
जहाँ कहीं भी हमारा कारवां आ कर रुक गया है, उसे एकजुट होकर आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। व्यर्थ की टीका-टिप्पणी और दोषारोपण से कोई लाभ होने वाला नहीं है।यदि हम एक नहीं हुए तो हमारा मिशन 10-15 वर्ष पीछे चला जाएगा। अतः बहुजनो के सभी शुभचिंतकों से नम्र निवेदन है कि निजी स्वार्थ त्याग कर एकजुट होकर कारवां को आगे बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कदम बढ़ाएं।
@pasmaharashtranews36072 жыл бұрын
वक्त निकल जाता है तो समाज सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक मुहंमेन्ट मे भि पिछे आता है आगे देखेंगे बोलनेसे नही होता ,बडी मेहनत से महाराष्ट्र के लोगोनो यह मुहमेन्ट बनाया पैसा दिया कही लोग बर्बाद हुये सर
@MukeshSingh-yg1gp5 ай бұрын
टीका टिप्पणी व्यर्थ की नहीं होती उससे सच्चाई निकल कर आती है। ये बीएसपी के फेल होने के कारणों की समीक्षा हो रही है यहां न बोलेंगे तो कहां बोलेंगे? बाकी जिसको जो नेता अच्छा लगे उसके साथ जाने को स्वतंत्र है।
@ashwanikumarshah52862 жыл бұрын
अच्छा विश्लेषण किया गया जय भीम जय मूलनिवासी
@veerpalsingh35662 жыл бұрын
Aap न बिकुल सत्य कहा है किसी नाव को डूबने नाविक का हाथ होता है ना की नाव में चढ़ने वाले को
@rajeshkumargautam88172 жыл бұрын
डॉ सुरेश मानेसर मैं आपको प्रणाम करता हूं🙏🙏🙏🙏 आप सही कह रहे हैं सर पार्टी की जो दुर्गति हुई है जाटों का रोग के वजह से हुई है अच्छे कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है
@jaigwarlightingindia66332 жыл бұрын
बसपा की हकीकत ये ही है कोई बिधायक या सांसद कार्यकर्ता की नही सुनता है और मायाबती भी दलालों के अलाबा किसी की नही सुनती हैं समाज बनाना जनता है तो मिटाना भी जानता है
@ramrajram54142 жыл бұрын
बिलकुल सही विश्लेषण ।जय भीम ।
@ghanshyambhoodh40802 жыл бұрын
जय भीम जय भारत जय संविधान
@balajimore3902 жыл бұрын
एकदम सटीक विश्लेषण.
@dharmpaljanvadi3492 жыл бұрын
🙏🙏🙏 Sir Aapki sari Baat 100% Right h Aap BSP ko Sambhalo Jai Bheem Namo Boudhay ji
@Iamvinaykumar2 жыл бұрын
बहुत बढ़िया विश्लेषण है सर। ये क्लियर हो चुका है कि मायावती दलित विचारधारा को चलाने के लायक नहीं।
@MukeshKumar-rw6eu Жыл бұрын
Excellent Dr suresh mane ji Really good thinking I'm appreciate Jai bhim namo buddhay app ko and family members Mukesh Kumar Vice principal in Delhi
@PankajKumar212 жыл бұрын
हम सिर्फ और सिर्फ बुद्धिज़्म अपनाके ही एक हो सकते हैं।
@skepticsage7922 жыл бұрын
Itna mazak achi baat nahi 😂...dharm ek hone se ekta kabhi nahi ayegi varna aaj sabhi musalman ek hote
@PankajKumar212 жыл бұрын
@@skepticsage792 फर्क है लल्लूलाल बुद्धिज़्म और बाकी रिलिजन में । भारत में जब तक बुद्धिज़्म था भारत एक था। सही इतिहास पढ़ो। नमो बुद्धाय
@pradeepsalvi19752 жыл бұрын
Sir, we will wid u, always.
@NEWSमराठी152 жыл бұрын
बहुत अच्छा विश्लेषण
@bijendrarana51312 жыл бұрын
ऐसा हो नहीं सकता कि जब पूरी देश की जनता को प्रताड़ित की गई हो उसके बाद भी अगर वही पार्टी ज्यादा वोट लेकर आती है तो यह इमानदारी नहीं कही जा सकती
@shrastigautam80142 жыл бұрын
2007मे केन्द्र में किनकी सरकार थी।उस समय राज्यों में ईमानदारी से चुनाव कराये।
@digambarnandeshwar81252 жыл бұрын
सही बोला है, ईव्हीएम हैकींग धांदली 2014 से ही ज्यादा पैमाने पर आजतक हों रही है......
@ayushjangdejangede13292 жыл бұрын
शानदार बुलन्द आवाज चमचे लोग मायावती के साथ मिलकर बसपा का सत्यानास कर दिया
@AvinashKumar-lk3pn2 жыл бұрын
राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दो हो राष्ट्रीय महासचिव छ हो प्रदेश अध्यक्ष चार हो जिला अध्यक्ष चार हो विधानसभा के चार हो विधानसभा महासचिव चार हो चारों अलग-अलग जातियों को हो 1 चमार, मुसलमान, राजभर ,मौर्य ,कुशवाहा , पासी, सोनकर पासवान सभी पदों रखा जाए तभी जाकर बीएसपी पार्टी मजबूत हो गई 🙏🙏🙏
@munniprakash5252 жыл бұрын
सर आपके सुझाव का समाज को लाभ लेना चाहिए । जय भीम
@prakashjambhulkar78072 жыл бұрын
बहुजन समाज पार्टी के चुनावी प्रदर्शन से सबसे ज्यादा दुखी विपक्ष के दलित एवं पिछड़े नेता हैं. क्योंकि उनको लग रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के दबाव के कारण ही उनको अपने दलों में आदर, सम्मान, एवं पद मिलते थे. अब उनको कोई क्यों पूछेगा ?
@harcharanaherwar48732 жыл бұрын
Very good information about BSP , Sir.
@indrakumarjevrikar67252 жыл бұрын
सुरेश माने सर ने बीएसपी के लिए महाराष्ट्र में बहुत काम किया
@ramasareygautam15112 жыл бұрын
डॉ सुरेश माने जी आपका पूरा परिचय क्या है ? अब तो लोगों की भूमिका पर से विश्वास उठ गया है । ऐसा ही मुझे आपके चरित्र पर भी दिल और दिमाग में संदिग्धता उत्पन्न करती है ।
@sanjaymeshram73702 жыл бұрын
EVM के मुद्दे को अनदेखा करना बहुत बड़ी मूर्खता है
@mrpintu40162 жыл бұрын
💯💯
@bennijecob48462 жыл бұрын
दो बार दिल्ली में केजरीवाल अब पंजाब में बंगाल में कर्नाटक में विरोधी पार्टियां कैसे जीत रही है ईवीएम का रोना छोड़ो और अपने आप में बदलाव करो
@sanjaymeshram73702 жыл бұрын
EVM के द्वारा गैर-सवर्ण पार्टियों को ख़त्म किया जा रहा है...
@bennijecob48462 жыл бұрын
केजरीवाल ममता क्यू नही डरती EVM से हार का कोई तो कारण हो तो EVM
@sanjaymeshram73702 жыл бұрын
ममता बैनर्जी और केजरीवाल दोनों सवर्ण है..और वैसे भी केजरीवाल यह राजनीति में आने से पहले RSS के संगठनों में काम करते थे..
@akhileshkumar63022 жыл бұрын
BSP के हार के कारण, मीडिया, ईवीएम, बीएसपी के कार्यकर्ता,bamcef का कैडर का ना चलना। साथ ही बीएसपी के काम को जनता के बीच ना बताना। ब्राह्मणों को ज्यादा टिकट देना।
@PankajKumar212 жыл бұрын
Sahi kaha
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@swarakumari12952 жыл бұрын
घुमा फिरा कर मत कहिए। सीधा कहीए बहिन मायावती जी पूरी तरह से जिम्मेदार है।
@akhileshkumar63022 жыл бұрын
@@swarakumari1295 ji सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए सिर्फ़ एक व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हमारी, आप और समाज की भी जिम्मेदारी बनती हैं।
@PankajKumar212 жыл бұрын
@@swarakumari1295 भाजपा के पास ताक़त है पैसा है मायावती को ब्लैकमेल किया गया है । बहनजी ने सोचा होगा भाजपा के साथ मिलकर काम से कम सरकार में तो आएंगी पर भाजपा ने धोका कर दिया
@shashikala3482 жыл бұрын
अब सिर्फ एक ही विकल्प है दलित समाज के लोग बामसेफ में विश्वास करे जैसे बीजेपी को आरएसएस के विद्वानों द्वारा संचालित किया जाता है जबतक बीएसपी बामसेफ। के विद्वानों द्वारा संचालित थी तबतक सत्ता में थी अतः सभी संगठनों को बामसेफ में रहकर ही करे।जो लोग बामसेफ से हटकर काम करे उनका कोई महत्व नहीं दे
*सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं* *अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं* *जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा* *ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।* *🙏 Jay Bheem 🙏*
@ManojKumar-dn7zt2 жыл бұрын
बहन जी ओबीसी पर राजनीति करे 50%हैं 22%एससी एसटी मिलकर 72% हैं दोनो मिलकर महनत करती हैं 45%मिलता है तो सत्ता बहनजी के पास होगी
@bennijecob48462 жыл бұрын
उत्तर प्रदेश में सिर्फ जाति के समीकरण पर ही सत्ता हासिल की जाती है क्या? विकास राज्य के लोगों की जीवन सुधारना कारखाने लगाना ताकि लोगों को काम धंधा मिले इन बातों का लगता है उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई महत्व नहीं होता
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@thakurji99262 жыл бұрын
Mayavati ko Kansiram se chabi milana bikul usi style hua , jaisa J Jai Lalita ko M G Ramchandrn se chabi mila ,| En done ak tarah chabi par kabaza kar liya . Tanasahi +manmanapan +ekdikar + Arthik loot + Hathi ko Ganes +sankh fukna + Samaj & Snghars se doori + Parivavad + vaisa he Bahri Krur Luteria Tantr + khule tour workar ko beejjat karna + Kuchh jatio se nafrat + stis Misra jaison par bharosa + Dalalo se ghirna + Apna dos na dekhna ; adi vajahon se vanchi samaj /85 % ke jajbe ka ,/ Bahujan ko apurniy kshati hua .| Mayavati aur unke parijano ka balle --2 hua . Sabko dos dengi ,par apne soch /raste /satis /brmhmano ko kuchh bhi ,ek lafaz bhi na bolengi | jai bhim jai hind .
@thakurji99262 жыл бұрын
Bahan ji satta pakar 72% ya 85% ke liye kya karingi ,? Han Dalalo + Chamcho+ parivar + ghor Manuvadion kabhala karengi . Manuvadion gali avasy dingi , taki 85% hava me jita rahe ,udta rahe . Jai hind. Jai bhim .
@prashantwankhade83872 жыл бұрын
Correct analysis Jai bhim Indian people want your leadership
@SuryapalSuryapal-wv6ux5 ай бұрын
Suresh Mane ji aap bilkul sahi baat bole hayn may aap ki baat se puuri tarh sahmat hun aap ki yek yek baat sahi hay aap ko Dil se Jay bheem
@SATYENDRAKUMAR-uz3fb Жыл бұрын
Sir aapki Sabhi baton Se Sahmat Hai
@marutijadhav77522 жыл бұрын
Very nice explain sir..
@atulrav29635 ай бұрын
बहन कुमारी मायावती जी ने समय को देखतेहुए किया
@sanjaysuradkar15562 жыл бұрын
वामन मेश्राम, प्रकाश आंबेडकर ये दो नाम लेकर् अच्छे संकेत दिये ये नम्रता और बडप्पण जरुरी है😊👌💐💐💐💐👍👍👍👍👍👍
@dharmendrasahigal13382 жыл бұрын
You are right sir.
@Success-KK2 жыл бұрын
Bitter but truth....I agree 100 %.
@guptas43002 жыл бұрын
Excellent Dr Mane. We should note Greediness in any leader do not take it longer. Greed for money has finished BSP movement. Now Dr. Mane can lead,
@satvashiladudmal89302 жыл бұрын
सही बात है माने सर बहैनजी कीसी की सूनती नहीमीशनरी लोगो की बात न सुना ओर दलोकी बात सुनना ओर बहेन जी को घमंड आया ओर घर मे मजा लेती रही ऐसी मे
@rambriksh613 Жыл бұрын
मैने साहब ने बदुत ही सही बात रखी में इससे 100% सहमत हूं ।।
@darknight70222 жыл бұрын
बसपा बहुजन समाज कि पार्टी है बसपा में ब्राह्मण भरे हुए हैं, ब्राह्मण जय भीम अगर बोल भी दे तो भी वह कभी बहुजन समाज के लोगों के प्रति अपनी विचारधारा नहीं बदलता
@madhukarrangare78092 жыл бұрын
बिलकुल सही कहा है आपने जयभीम जयमुलनिवासी नमोबूध्दाय् अब गैर ब्राह्मण पार्टी है बहुजन मुक्ति पार्टी जिंदाबाद
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@nirmalakumari55462 жыл бұрын
मायावती आखिर एक dalit ही साबित हुयी जिनको सावरणों का साथ का पागलपन चढ़ा हुवा रहता है. बहुजन और पिछडों का problem ये है वो सवर्णों कोअपने से ऊँचा मानते है. उनको इस mindset set से बाहर आना चाहिए. तभी बहुजन सावरणों से और उनकी शोषण से डट कर लाडसकते है.
@AshishKumar-kh4re5 ай бұрын
बहुजन मुक्ति पार्टी का कोई मतलब नहीं है।अब हमे आजाद समाज पार्टी को विकल्प के तौर पर मानना पड़ेगा।
@Amoldhotre-he4pn2 жыл бұрын
बहुजन कभी एक नहीं हो सकते. इसलिये इनकी गिनती भी हो नहीं सकती. जाणवरोकी गणना हुई ये समजलो. बडा दुःख होता हें.
@PramodKumar-zp7sl2 жыл бұрын
Wah maane sahab aapne sach bola thanks
@shyamlalbhargav3182 жыл бұрын
माने साहब आपका आंकलन एकदम सही है।
@d.rratre54232 жыл бұрын
अनुजाति ,जनजाति,पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक के नेता यदि ब्राह्मणों पर विस्वास करेंगे तो उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम जैसा ही होगा।
@Vishal-9902 жыл бұрын
Right ekdam sir
@gulabram61585 ай бұрын
डाक्टर सुरेश जी आपने पूरी सच्चाई को सामने रखकर बताया है, इस आधार पर मुझे लगता है कि भविष्य में परिणाम अच्छा नहीं लगता है, बहुत थोड़ी-सी आशा युवा पीढ़ी आकाश आनंद जी पर बची है। धन्यवाद आपको जय भीम।
@bhuvneshwarram10092 жыл бұрын
मायावती अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे
@rameshchandrabauddha60732 жыл бұрын
आपका कहना सही है बहुजन मूवमेंट खत्म हुआ
@tilakraj46042 жыл бұрын
Thanks sir.
@bhagwandinbhartibharti57052 жыл бұрын
मायावती अपने को नहीं बदलेंगी यह पक्का है
@omprakash89662 жыл бұрын
100%सही
@mukeshvarma34302 жыл бұрын
सर जी ने सही कहा
@jagdeeshpatel92642 жыл бұрын
Sar aapki baat 100% Sahi
@rameshdongre70092 жыл бұрын
अब,BSP को भी RPI बना डाला। प्रथम काशीराम को समाप्त किया। बाद में उसकी पार्टी को। लगता है काशीराम साहब ने अपना उत्तराधिकारी ठीक नहीं चुना। मायावती को काशीराम ने लिखा "चमचा युग" यह किताब समझ में नहीं आया।
@faqirchand67462 жыл бұрын
Satish Mishra and ignorance of Mayawati is responsible for poor performance of BSP. Thanks
@JaiPrakash-bm7kq2 жыл бұрын
Good information sir
@rajeshsalve87032 жыл бұрын
Dr Suresh Mane Sir is Sharad Pawar's man.
@gopaltayade1131 Жыл бұрын
How you can say?
@vikrambhartiya2612 жыл бұрын
अच्छा विश्लेषण किया माने जी
@Mahipalsingh-cg9dz2 жыл бұрын
Good analysis
@tilakraj46042 жыл бұрын
All decision regarding Functioning of BSP should be taken by a committee not by individual Mayawati.
@babunaprasad48272 жыл бұрын
💯 sahi.
@sanjaykidisha1762 жыл бұрын
सीधे सीधे अध्यक्ष पद छोङो, वर्ना 24 मे 0% हो जाएगी बसपा।।
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
कृपया नकारात्मक विश्लेषण वाले लोगों को चर्चा में सामिल न करें।
@vishalw79882 жыл бұрын
सच पता होना चाहिए
@kanahiyasingh70252 жыл бұрын
वीडियो बहुत अच्छा है डॉ सुरेश माने जी का स्टेटमेंट अति उत्तम है अब समय आ गया है बसपा का अध्यक्ष तुरन्त बदल देना चाहिए , बहन जी को आराम दे देना चाहिए इससे बसपा बच सकती हैं
@jeetendrasingh11332 жыл бұрын
you are right brother
@krantisansare47232 жыл бұрын
Excellent interview of Dr. Suresh Mane, ofcourse he has spelt the truth. Today somebody has to take the leadership, whether someone likes or not.
@shrawansahu73672 жыл бұрын
Bjp ne isa kya kam kiya ha jo satta me aa gaya is desh ka midiya gaddar ha evm to mudda ha evm hatega tabhi kuchh sambhaw ha
@bnd14575 ай бұрын
ये जनाब ईवीएम के हक़ीक़त और मनुवादी राजनीति को नहीं समझ पा रहे हैं। दूसरे सता आना या न आना ईवीएम के खेल पर निर्भर करती है। जो बहुजन समझ नहीं पा रही हैं। ईवीएम के होते हैं और जहां जहां ईवीएम सैटीग किया जाता वहीं होता है और प्रत्येक चुनाव में और सभी जगहों पर नहीं किया जाता है। ये समझने की जरूरत है।
@AshishKumar-kh4re5 ай бұрын
अपनी नाकामी का ठीकरा ईवीएम पर मत फोड़।जबतक कमान बहनजी के हाथ रहेगी पार्टी डुबती जायेगी।
@rakeshbharti88122 жыл бұрын
Good Job Jai Bhim
@puttanlal90922 жыл бұрын
100% Saty aap ne bat kahi hay jaibhim jaibhart namobudhay 🐘
@sachingedam89172 жыл бұрын
Evm के रहते कोई भी अंबेडकरी पार्टी कभी चुनाव जीत नही सकती लिख लो.. 2024 में भारत मे सिर्फ 2 ही पार्टी रहेगी, बीजेपी और आप।
@user-sj2rz7md2s2 жыл бұрын
You are absolutely right.
@kulwanthitler12122 жыл бұрын
Right
@kulwanthitler12122 жыл бұрын
Dono RSS
@bennijecob48462 жыл бұрын
जो मेहनत करेगा वो टिकेगा कोठी में बैठकर चुनाव नही जीत जा सकता
@sanjaysalve99972 жыл бұрын
👍👍अगर EVM पे चुनाव होते रहे और EVM के विरोध मे बडा आंदोलन नही हुआ तो नतीजा यही होगा
@OMPRAKASH-lb3xl2 жыл бұрын
Mr. Mane has carved the true picture of decline of Bsp and Mayawati. Now it is the history.
@k.kgautam67212 жыл бұрын
ये खुद संगठन बना कर बसपा को कमजोर कर रहे है
@jitendrabaudha64822 жыл бұрын
2022 में बसपा की करारी हार के बाद खुद को बसपा और बहुजनो का तथाकथित शुभचिंतक कहने वालों में हड़कम्प मच गया, ऐसा लगता है जैसे बहुत अप्रत्याशित परिणाम आ गया। सच तो ये है कि बसपा की हार पर छाती पीटने वाले ये तथाकथित मूखँ और समाज के दुश्मन अब भी समाज से गद्दारी और चाटुकारिता ही कर रहे है। ये आज भी बसपा की इस दुगतिँ के लिए मायावती को जिम्मेदार नही बता रहे बल्कि कुछ टटपुंजिऐ लोगो को ही वजह बताकर सच से मुँह छिपा रहे है। जबकि अक्षरशः सच मो ये है कि मा0 कांशीराम के खून पसीने की कमाई पर खडी बसपा को मिटने की हद तक पहुँचाने में, उसकी इस दुगतिँ के लिए कोई एकमात्र जिम्मेदार है तो वो केवल आकंठ स्वाथँ में डूबी मायावती है कोई दूसरा नही। और जब तक बसपा मायावती से मुक्त नही होगी तब तक बसपा खडी नही हो सकती। सारी बीमारियो की जड़ केवल मायावती है।
@jagbirsingh79282 жыл бұрын
Very. Good. Comment
@hsonara37632 жыл бұрын
कोइ कुछ भी बोले लोगोने बहुजन संस्कारो को बरबाद नहीं करने का फैंसला लिया है ।