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नौहा
रज़ा हैदरी
ऐ बनी असद आओ
ऐ बनी असद आओ
क़त्ल हो गए सब
दीने हक़ के शैदा
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
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लश्करे शाम ने प्यासों पे सितम ढाया है
दीं के जांबाज़ों का इस तरह गला काटा है
तन कहीं सर कहीं मक़तल में पड़े हैं लाशे
इस वसीयत पे मेरी तुमको अमल करना है
बे सरों के कुश्ते
रन से लेके आना
इन फिदाइयों की तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
शाम की फौज से हुर हक़ की तरफ आया था
साथ बेटे के पशेमान था पछताया था
रन की पाते ही रज़ा हक़ में नहाए लड़कर
नाम सर्वर के फ़िदा कारों में लिखवाया था
लाशें बाप बेटे की कत्लगह से लाना
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
मुस्लिमे औसजा और एक मेरा दोस्त हबीब
दोनों पीरी में भी मैदान के गाज़ी थे अजीब
फौजे आदा ने किया घेर के दोनों को शहीद
उनकी लाशों को भी ले आइयो मदफ़न के क़रीब
थे बनी असद वाले
दोनों याद रखना
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
क़ासिमे गुलगुं क़बा मेरे अख़ी का बेटा
रन में जाने की रज़ा जिस घड़ी मुझसे पाया
उस बहादुर पे किया आदा ने वो ज़ुल्म शदीद
ज़िंदा घोड़ों की सुमों से उसे पामाल किया
उसके जिस्म के टुकड़े तुम संभाल कर लाना
इन फिदाइयों की तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
ग़म रसीदा मेरी ख़्वाहर के थे बस दो ही पिसर
उसकी पीरी के सहारे थे ये दो नूरे नज़र
जब गये रन में तो बेदीनों ने सफ्फ़ाकी से
घेर कर शामियों ने काट दिए दोनों के सर
दोनों लाडलों को
एक साथ लाना
इन फिदाइयों की तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
हमशबीहे नबी अकबर जो था बेटा मेरा
उसपे आदा ने किया चारों तरफ से हमला
मैने जब उसके जवां सीने से बरछी खैंची
साथ बरछी के निकल आया कलेजा उसका
उस जवान बेटे पर
रो रही है माँ लैला
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
अलअतश की सदा जब बच्चों के खैमों से उठी
दे के मशकीज़ा चचा को मेरी बेटी रोई
नहर पर सक़्क़ा गया मश्क भरी जब पलटा
हो गए बाज़ू क़लम क़त्ल हुआ मेरा अखी
साथ बाज़ुओं के
मश्क़ भी उठाना
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
रन में हाथों पे गया था मेरे प्यासा असग़र
जब ज़बाँ सूखी लइनों को दिखाया असग़र
हुर्मुला ने उसे पानी के एवज़ नहर किया
देखता रह गया में खूँ में नहाया असग़र
खैमागाह में उसकी
मां है महवे गिरिया
इन फिदाइयों की
तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ
सारे अंसारो आईज़्ज़ा वो अक़ारिब मेरे
इक के बाद एक पए दीने खुदा क़त्ल हुए
अब मैं तन्हा हूँ मुक़ाबिल है यज़ीदी लश्कर
दमबदम मेरी तरफ आते हैं तीरो नैज़े
वक़्त अब वो आया
मेरा क़त्ल होगा
इन फिदाइयों की तुम लहद बनाना
ऐ बनी असद आओ,
ऐ बनी असद आओ