ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ऐ मेरे बाबा आप कहा हो लब पे है ये बार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (1) आप अगर होते जो अम्मू होते न ये ज़ुल्मो सितम चार बरस की दुखयारी पर टूटे है वो कोहे आलम इतने तमाचे मैंने खाये नीले है रुखसार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (2) कैसे दुखयारी ये भूले चाँद सी सूरत अकबर की याद मुझे हर पल है सताती मेरे भैय्या असगर की एक दफा ऐ अम्मू अपना करवा दो दीदार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (3) मेरे खुदा किस मोड़ पे हमको किस्मत लेकर आयी है फूल से ये चेहरों पे न जाने कैसी उदासी छायी है मजमा ऐ अदा आले नबी और शाम का है बाजार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (4) ऊँट की नंगी पुश्त पे मुझको बाँध दिया है ज़ालिम ने मुझको बताओ ऐ मेरे अम्मू ज़िंदा रहूंगी में कैसे सांस भी लेना इस हालत में होता है दुशवार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (5) हाथो को फैलाये सकीना रो रो कर ये कहती है किस दर्जा रुस्वा मेरे अम्मू आज भतीजी होती है मुझको कनीजी में लेता है कोई सरे दरबार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (6) प्यास के मारे जिस्म की हड्डी मेरी सुलगती है अक्सर मुझको ये महसूस है होता थाम ना जाए मेरा जिगर मेरे बरादर मुझको है लगते मौत के ये आसार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ----मकता---- मारे गए सब नहर कनारे कौन सुने फ़रियाद वसीम ग़ुरबत के आलम में मेहदी इनका निगेहबा बस है अली करबोबला के सूने बन में लूटा गया घरबार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना
Ji bhai dheerai dheerai sabke update kar rahe hai... Apko Kaun se nohay ke lyrics chaiye??
@aunrizvi23672 жыл бұрын
Allah salamat rakhe,Secretary sb ka mob.no.chahiye
@bushrarizvi4102 жыл бұрын
Please lyrics bhi de diya kre...
@ANJUMANAARFIBAGHRA2 жыл бұрын
ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ऐ मेरे बाबा आप कहा हो लब पे है ये बार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (1) आप अगर होते जो अम्मू होते न ये ज़ुल्मो सितम चार बरस की दुखयारी पर टूटे है वो कोहे आलम इतने तमाचे मैंने खाये नीले है रुखसार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (2) कैसे दुखयारी ये भूले चाँद सी सूरत अकबर की याद मुझे हर पल है सताती मेरे भैय्या असगर की एक दफा ऐ अम्मू अपना करवा दो दीदार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (3) मेरे खुदा किस मोड़ पे हमको किस्मत लेकर आयी है फूल से ये चेहरों पे न जाने कैसी उदासी छायी है मजमा ऐ अदा आले नबी और शाम का है बाजार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (4) ऊँट की नंगी पुश्त पे मुझको बाँध दिया है ज़ालिम ने मुझको बताओ ऐ मेरे अम्मू ज़िंदा रहूंगी में कैसे सांस भी लेना इस हालत में होता है दुशवार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (5) हाथो को फैलाये सकीना रो रो कर ये कहती है किस दर्जा रुस्वा मेरे अम्मू आज भतीजी होती है मुझको कनीजी में लेता है कोई सरे दरबार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना (6) प्यास के मारे जिस्म की हड्डी मेरी सुलगती है अक्सर मुझको ये महसूस है होता थाम ना जाए मेरा जिगर मेरे बरादर मुझको है लगते मौत के ये आसार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ----मकता---- मारे गए सब नहर कनारे कौन सुने फ़रियाद वसीम ग़ुरबत के आलम में मेहदी इनका निगेहबा बस है अली करबोबला के सूने बन में लूटा गया घरबार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना ना कोई मोनिस न कोई यावर ना कोई ग़मख्वार सकीना किस से करे फ़रियाद सकीना